राजस्थान की झीलें
- प्रश्न 21 चश्मा-ए-नूर झरना किस झील के किनारे है -
-
- (अ) सिलीसेढ़
- (ब) आनासागर
- (स) नवलखा
- (द) पिछोला
उत्तर : आनासागर
व्याख्या :
अजमेर शहर के मध्य स्थित आनासागर झील का निर्माण अजयराज के पुत्र अर्णाेराज(पृथ्वीराज चौहान के दादा आनाजी) ने 1137 ई. में करवाया। इसके किनारे जहांगीर ने चश्मा-ए-नूर झरना बनवााया। शाहजहां ने इसी उद्यान में पांच बारहदरी (संगमरमर की छतरियां) का निर्माण करवाया।
- प्रश्न 22 राजस्थान का नंदन कानन कहलाती है -
-
- (अ) सिलीसेढ़
- (ब) कोलायत
- (स) पुष्कर
- (द) नक्की
उत्तर : सिलीसेढ़
व्याख्या :
सिलीसेढ़ झील अलवर में स्थित है। इसके किनारे अलवर के महाराजा विनयसिंह ने 1845 में अपनी रानी के लिए एक शाही महल (लैक पैलेस) व एक शिकारी लौज का निर्माण करवाया। यह झली ‘राजस्थान का नंदन कानन’ कहलाती है।
- प्रश्न 23 निम्न में से कौन-सा सुमेलित नहीं है-
झील - जिला -
- (अ) पंचपद्रा झील-नागौर
- (ब) ढेबर झील-उदयपुर
- (स) गैब सागर झील-डूंगरपुर
- (द) तालाबशाही झील-धोलपुर
उत्तर : पंचपद्रा झील-नागौर
व्याख्या :
पंचभद्रा झील बालोतरा में स्थित है। इस झील का निर्माण पंचा भील के द्वारा कराया गया अतः इसे पंचभद्रा कहते है। इस झील का नमक समुद्री झील क नमक से मिलता जुलता है। इस झील से प्राप्त नमक में 98 प्रतिशत मात्रा सोडियम क्लोराइड है। अतः यहां से प्राप्त नमक उच्च कोटी का है।
- प्रश्न 24 निम्न में से राजस्थान में मीठे पानी की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील कौन सी है-
-
- (अ) पिछोला
- (ब) जयसमंद
- (स) फतेहसागर
- (द) राजसमंद
उत्तर : जयसमंद
व्याख्या :
जयसमंद झील /ढेबर झील (सलूम्बर) राजस्थान में मीठे पानी की सबसे बड़ी कृत्रिम झील जयसमंद है। इस झील का निर्माण मेवाड़ के राणा जयसिंह ने गोमती नदी का पानी रोककर(1687-91) कराया गया। जयसमंद झील में गोमती, झावरी और बागर नदियों का जल ढेबर दर्रे से होकर आता था, इसलिए इसको ‘ढेबर झील’ भी कहते हैं।
- प्रश्न 25 निम्न में से कौनसी लवणीय झील नहीं है-
-
- (अ) कोलायत
- (ब) कावोद
- (स) डीडवाना
- (द) पचपद्रा
उत्तर : कोलायत
व्याख्या :
राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित मीठे पानी की कोलायत झील के समीप साख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि का आश्रम है। इस आश्रम को “राजस्थान का सुन्दर मरूद्यान” भी कहा जाता है।
- प्रश्न 26 निम्न में से एक सही नहीं है-
-
- (अ) राजस्थान के पश्चिमी भाग में सामान्यतः खारे पानी की झीले हैं
- (ब) सांभर झील राजस्थान की सबसे बड़ी खारी झील है
- (स) नक्की झील राजस्थान में सबसे गहरी झील है
- (द) राजसमंद झील उदयपुर से 64 किलोमीटर है और यह उदयपुर जिले में है
उत्तर : राजसमंद झील उदयपुर से 64 किलोमीटर है और यह उदयपुर जिले में है
व्याख्या :
राजसमंद झील (राजसमंद) का निर्माण मेवाड़ के राजा राजसिंह ने गोमती नदी का पानी रोककर (1662-76) इस झील का निर्माण करवाया गया।
- प्रश्न 27 निम्न में से कौन सी खारे पानी की झील नहीं है-
RPSC Clerk GR-II Exam 2016 Paper I -
- (अ) डीडवाना
- (ब) सांभर
- (स) फलोदी
- (द) कोलायत
उत्तर : कोलायत
व्याख्या :
राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित मीठे पानी की कोलायत झील के समीप साख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि का आश्रम है। इस आश्रम को “राजस्थान का सुन्दर मरूद्यान” भी कहा जाता है।
- प्रश्न 28 निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए -
कूट - अ, ब, स, दझील शासक अ. जयसमन्द 1. जयसिंह ब राजसमंन्द 2. राजसिंह स. कायलाना 3. प्रतापसिंह द. सुजान गंगा 4. सूरजमल -
- (अ) 1, 2, 3, 4
- (ब) 1, 4, 3, 2
- (स) 2, 1, 3, 4
- (द) 3, 2, 1, 4
उत्तर : 1, 2, 3, 4
व्याख्या :
राजस्थान में मीठे पानी की सबसे बड़ी कृत्रिम झील जयसमंद झील /ढेबर झील (सलूम्बर) है। इस झील का निर्माण मेवाड़ के राणा जयसिंह ने गोमती नदी का पानी रोककर(1687-91) कराया गया।
राजसमंद झील (राजसमंद) का निर्माण मेवाड़ के राजा राजसिंह ने गोमती नदी का पानी रोककर (1662-76) इस झील का निर्माण करवाया गया।
प्रारम्भ में कायलाना झील (जोधपुर) एक प्राकृतिक झील थी इसे वर्तमान स्वरूप महाराजा प्रताप सिंह के द्वारा प्रदान किया गया है।
भरतपुर में सुजान गंगा नहर, महाराजा सूरजमल ने बनवाई थी।
- प्रश्न 29 सांभर झील में नहीं गिरने वाली नदी है।
-
- (अ) मेंढ़ा
- (ब) कांतली
- (स) खण्डेल
- (द) रूपनगढ़
उत्तर : कांतली
व्याख्या :
सांभर झील जयपुर की फुलेरा तहसील में स्थित है। बिजोलिया शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण चौहान शासक वासुदेव ने करवाया था। यह भारत में खारे पानी की आन्तरिक सबसे बड़ी झील है इसमें खारी, खण्डेला, मेन्था, रूपनगढ नदियां आकर गिरती है।
- प्रश्न 30 फतहसागर झील का निर्माण करवाया -
-
- (अ) फतेहसिंह ने
- (ब) उदयसिंह ने
- (स) स्वरूपसिंह ने
- (द) जयसिंह ने
उत्तर : जयसिंह ने
व्याख्या :
उदयपुर जिले में स्थित इस मीठे पानी की झील का निर्माण मेवाड के शासक जयसिंह ने 1678 ई. में करवाया। बाद में यह अतिवृष्टि होने के कारण नष्ट हो गई। तब इसका पुर्निमाण 1889 में महाराजा फतेहसिंह ने करवाया तथा इसकी आधार शिला ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखी गई। अतः इस झील को फतेहसागर झील कहा गया।
page no.(3/19)