राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ
- प्रश्न 221 बालाथल सभ्यता का उत्खनन किसके निर्देशन में हुआ -
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- (अ) वी. एन. मिश्र
- (ब) आर. सी. अग्रवाल
- (स) अमलानंद घोष
- (द) बी. लाल
उत्तर : वी. एन. मिश्र
व्याख्या :
सन् 1993 में वी.एन. मिश्र द्वारा ई.पू. 3000 से लेकर ई.पू. 2500 तक की ताम्रपाषाण युगीन संस्कृति के बारे में पता चला है। बालाथल उदयपुर जिले की वल्लभनगर तहसील में स्थित है।
- प्रश्न 222 राजस्थान के किस जिले में गिलूण्ड पुरातत्व उत्खनन स्थल स्थित है -
Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (morning shift) -
- (अ) राजसमंद
- (ब) पाली
- (स) उदयपुर
- (द) भीलवाड़ा
उत्तर : राजसमंद
व्याख्या :
सन् 1957-58 में प्रो. बी.बी. लाल ने गिलूण्ड (राजसमन्द) पुरास्थल का उत्खनन किया।
- प्रश्न 223 निम्नलिखित स्थानों में से किसे ताम्रवती नगरी के नाम से भी जाना जाता है -
Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (evening shift) -
- (अ) गिलूण्ड
- (ब) बालाथल
- (स) कालीबंगा
- (द) आहड़
उत्तर : आहड़
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी। प्राचीन शिलालेखों में आहड़ का पुराना नाम ‘ताम्रवती’ अंकित है।
- प्रश्न 224 जोधपुरा-सभ्यता किस नदी के तट पर स्थित है
Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (evening shift) -
- (अ) साबी नदी
- (ब) कोठारी नदी
- (स) बेडच नदी
- (द) लूणी नदी
उत्तर : साबी नदी
व्याख्या :
जयपुर जिले में साबी नदी तट पर जोधपुरा गाँव में 1972-75 ई. में उत्खनन में जोधपुर सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए। यह सभ्यता 2500 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी के मध्य फली फूली।
- प्रश्न 225 गणेश्वर की सभ्यता _____ संस्कृति का महत्त्वपूर्ण स्थल है।
School Lecturer 2022 Gk (G-A) -
- (अ) ताम्रयुगीन
- (ब) पुरापाषाण
- (स) मध्यपाषाण
- (द) नवपाषाण
उत्तर : ताम्रयुगीन
व्याख्या :
गणेश्वर का टीला, नीम का थाना में कांतली नदी के उद्गम स्थल पर अवस्थित है। गणेश्वर में रत्नचंद्र अग्रवाल ने 1977 में खुदाई कर इस सभ्यता पर प्रकाश डाला। इस क्षेत्र का विस्तृत उत्खनन कार्य 1978-89 के बीच विजय कुमार ने किया। डी.पी. अग्रवाल ने रेडियो कार्बन विधि एवं तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर इस स्थल की तिथि 2800 ईसा पूर्व निर्धारित की है अर्थात् गणेश्वर सभ्यता पूर्व-हड़प्पा कालीन सभ्यता है। ताम्रयुगीन सांस्कृतिक केन्द्रों में से प्राप्त तिथियों में यह प्राचीनतम् है। इस प्रकार गणेश्वर संस्कृति को निर्विवाद रूप से ‘भारत में ताम्रयुगीन सभ्यताओं की जननी’ माना जा सकता है।
- प्रश्न 226 वर्ष 1961 से 1969 की अवधि के दौरान निम्न में कौन पुरातत्ववेत्ता कालीबंगा के उत्खनन से संबंधित नहीं है -
School Lecturer 2022 Gk (G-B) -
- (अ) आर. सी. अग्रवाल
- (ब) बी.बी. लाल
- (स) बी.के. थापर
- (द) एम.डी. खरे
उत्तर : आर. सी. अग्रवाल
व्याख्या :
कालीबंगा प्राचीन सरस्वती नदी के बाएं तट पर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ से लगभग 25 किमी. दक्षिण में स्थित है। वर्तमान में यहाँ घग्घर नदी बहती है। कालीबंगा में पूर्व हड़प्पाकालीन, ‘हड़प्पाकालीन’ तथा ‘उत्तर हड़प्पाकालीन’ सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं। खुदाई के दौरान मिली काली चूड़ियों के टुकड़ों के कारण इस स्थान को कालीबंगा कहा जाता है क्योंकि पंजाबी में बंगा का अर्थ चूड़ी होता है। इस स्थान का पता ‘पुरातत्व विभाग के निदेशक ए. एन. घोष’ ने सन् 1952 में लगाया था। सन् 1961-69 तक नौ सत्रों में बी. के. थापर, जे. वी. जोशी तथा बी. बी. लाल के निर्देशन में इस स्थल की खुदाई की गयी। कालीबंगा स्वतंत्र भारत का वह पहला पुरातात्विक स्थल है जिसका स्वतंत्रता के बाद पहली बार उत्खनन किया गया तत्पश्चात् रोपड़ का उत्खनन किया गया।
- प्रश्न 227 कालीबंगा का उत्खनन कार्य कितने स्तरों में किया गया -
School Lecturer 2022 Gk (G-C) -
- (अ) एक
- (ब) तीन
- (स) पाँच
- (द) आठ
उत्तर : पाँच
व्याख्या :
कालीबंगा में उत्खनन पांच स्तरों पर किया गया, जिसमें प्रथम व द्वितीय स्तर सिन्धु सभ्यता से भी प्राचीन एवं तीसरा, चौथा एवं पांचवा स्तर सिंधु सभ्यता के समकालीन माना जाता हैं। कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ काली चूड़ियां है ।
- प्रश्न 228 किस सभ्यता स्थल में उत्खनन से चांदी के आठ पंचमार्क मुद्राएँ मिली है -
School Lecturer 2022 Gk (G-C) -
- (अ) बालाथल
- (ब) गणेश्वर
- (स) गिलुण्ड
- (द) बेराठ
उत्तर : बेराठ
व्याख्या :
बेराठ से 36 चांदी के सिक्के प्राप्त हुए हैं 36 में से 28 सिक्के हिन्द - युनानी राजाओं के है। 28 में से 16 सिक्के मिनेण्डर राजा(प्रसिद्ध हिन्द - युनानी राजा) के मिले हैं। शेष 8 सिक्के प्राचीन भारत के सिक्के आहत(पंचमार्क) है।
- प्रश्न 229 गणेश्वर से प्राप्त मृदभाण्ड किस प्रकार के हैं -
School Lecturer 2022 Gk (Group D) -
- (अ) गैरिक मृदभाण्ड
- (ब) लाल बर्तन
- (स) उत्तरी कृष्ण मार्जित मृदभाण्ड
- (द) धूसर चित्रित मृदभाण्ड
उत्तर : गैरिक मृदभाण्ड
व्याख्या :
गणेश्वर सभ्यता से जो मिट्टी के बर्तन प्राप्त हुए हैं उन्हें कृपषवर्णी मृदपात्र कहते हैं , यह बर्तन काले व नीले रंग से सजाए हुए हैं।
- प्रश्न 230 निम्नलिखित में से किसके साक्ष्य कालीबंगा के पुरास्थल के उत्खनन से प्राप्त नहीं हुए हैं -
School Lecturer 2022 Gk (Group D) -
- (अ) गेहूँ
- (ब) बाजरा
- (स) चावल
- (द) हाथीदाँत की कंघी
उत्तर : चावल
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