राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ
- प्रश्न 231 बैराठ में उत्खनन निम्नलिखित में से किसके नेतृत्व में करवाया गया था -
School Lecturer 2022 Gk (Group E) -
- (अ) बी.के. थापर
- (ब) दयाराम साहनी
- (स) बी. एन. मिश्रा
- (द) एच.डी. सांकलिया
उत्तर : दयाराम साहनी
व्याख्या :
प्राचीन मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (वर्तमान बैराठ) में ‘बीजक की पहाड़ी’, ‘भीमजी की डूँगरी’ मोती डूंगरी तथा ‘महादेवजी की डूँगरी’ आदि स्थानों पर उत्खनन कार्य दयाराम साहनी द्वारा 1936-37 में तथा पुनः 1962-63 में पुरातत्वविद् नीलरत्न बनर्जी तथा कैलाशनाथ दीक्षित द्वारा किया गया।
- प्रश्न 232 निम्नलिखित में से किस पुरातात्विक स्थल से यूनानी शासक मीनांडर की मुद्राएँ प्राप्त हुई हैं -
CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-2 -
- (अ) बालाथल
- (ब) आहड़
- (स) गणेश्वर
- (द) बैराठ
उत्तर : बैराठ
व्याख्या :
बैराठ से 36 चांदी के सिक्के प्राप्त हुए हैं 36 में से 28 सिक्के हिन्द - युनानी राजाओं के है। 28 में से 16 सिक्के मिनेण्डर राजा(प्रसिद्ध हिन्द - युनानी राजा) के मिले हैं। शेष 8 सिक्के प्राचीन भारत के सिक्के आहत(पंचमार्क) है।
- प्रश्न 233 निम्नलिखित में से, बौद्ध धर्म से सम्बन्धित पुरातात्विक अवशेष कहाँ मिले हैं -
CET 2022 (Graduate) 08 January 2023 Shift-1 -
- (अ) नलियासर (सांभर )
- (ब) रैंढ़ (टोंक)
- (स) बैराठ (विराट नगर)
- (द) माध्यमिका (नगरी)
उत्तर : बैराठ (विराट नगर)
व्याख्या :
वर्ष 1999 में बीजक की पहाड़ी से अशोककालीन ‘गोल बौद्ध मंदिर’, ‘स्तूप’ एवं ‘बौद्ध मठ’ के अवशेष मिले हैं जो हीनयान संप्रदाय से संबंधित हैं, ये भारत के प्राचीनतम् मंदिर माने जा सकते हैं।
- प्रश्न 234 निम्नलिखित में से किस पुरातत्व स्थल का 1962-63 में एन. आर. बनर्जी एवं के. एन. दीक्षित ने उत्खनन किया था -
School Lecturer (Sanskrit Edu.) 2022 -
- (अ) कालीबंगा
- (ब) आहड़
- (स) गणेश्वर
- (द) बैराठ
उत्तर : बैराठ
व्याख्या :
प्राचीन मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (वर्तमान बैराठ) में ‘बीजक की पहाड़ी’, ‘भीमजी की डूँगरी’ मोती डूंगरी तथा ‘महादेवजी की डूँगरी’ आदि स्थानों पर उत्खनन कार्य दयाराम साहनी द्वारा 1936-37 में तथा पुनः 1962-63 में पुरातत्वविद् नीलरत्न बनर्जी तथा कैलाशनाथ दीक्षित द्वारा किया गया।
- प्रश्न 235 बैराठ के ‘बौद्ध मठ’ और ‘अशोक स्तंभ’ के आधार पर राजस्थान के बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थान थे -
A.R.O. (GK and Horticulture) 2022 -
- (अ) बैराठ, लालसोट, शेरगढ़, नगरी
- (ब) बड़नगर आसपुरा, भूरी, भैसलाना
- (स) बैराठ जोधपुरा, गणेश्वर, बालेश्वर
- (द) लाटा, विराटनगर अहिरवाला, नागौर
उत्तर : बैराठ, लालसोट, शेरगढ़, नगरी
व्याख्या :
वर्ष 1999 में बीजक की पहाड़ी से अशोककालीन ‘गोल बौद्ध मंदिर’, ‘स्तूप’ एवं ‘बौद्ध मठ’ के अवशेष मिले हैं जो हीनयान संप्रदाय से संबंधित हैं, ये भारत के प्राचीनतम् मंदिर माने जा सकते हैं।
- प्रश्न 236 रंगमहल में विशेष रूप से किसकी खेती की जाती थी -
A.R.O. (GK and Entomology) 2022 -
- (अ) गेहूँ
- (ब) चावल
- (स) बाजरा
- (द) मक्का
उत्तर : चावल
व्याख्या :
सन् 1952 से 1954 के बीच लुण्ड विश्वविद्यालय के स्वीडिश दल द्वारा पुरातत्व शास्त्री हन्ना राईड व होलगर अर्बमेन व के. एरिस्किन के नेतृत्व में रंगमहल के टीलों की खुदाई की गयी।
- प्रश्न 237 राजस्थान का प्रमुख पूर्व - ऐतिहासिक स्थल ‘तिलवाड़ा’ किस नदी के किनारे स्थित है -
A.R.O. (GK and Entomology) 2022 -
- (अ) बेलन
- (ब) घग्गर
- (स) कोठारी
- (द) लूनी
उत्तर : लूनी
व्याख्या :
तिलवारा सभ्यता लुनी नदी के किनारे बालोतरा जिले में है। तिलवारा पुरातत्व स्थल से मध्य पाषाण संस्कृति की खुदाई की गई है।
- प्रश्न 238 रंगमहल स्थित है -
A.A.R.O. (GK and Ag. Che.) 2022 -
- (अ) श्रीगंगानगर
- (ब) बीकानेर
- (स) चूरू
- (द) हनुमानगढ़
उत्तर : हनुमानगढ़
व्याख्या :
सन् 1952 से 1954 के बीच लुण्ड विश्वविद्यालय के स्वीडिश दल द्वारा पुरातत्व शास्त्री हन्ना राईड व होलगर अर्बमेन व के. एरिस्किन के नेतृत्व में रंगमहल, हनुमानगढ़ के टीलों की खुदाई की गयी।
- प्रश्न 239 भीमजी की डूंगरी है -
A.A.R.O. (GK and Ag. Che.) 2022 -
- (अ) चित्तौड़ में
- (ब) उदयपुर में
- (स) भीलवाड़ा में
- (द) बैराठ में
उत्तर : बैराठ में
व्याख्या :
प्राचीन मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (वर्तमान बैराठ) में ‘बीजक की पहाड़ी’, ‘भीमजी की डूँगरी’ मोती डूंगरी तथा ‘महादेवजी की डूँगरी’ आदि स्थानों पर उत्खनन कार्य दयाराम साहनी द्वारा 1936-37 में तथा पुनः 1962-63 में पुरातत्वविद् नीलरत्न बनर्जी तथा कैलाशनाथ दीक्षित द्वारा किया गया।
- प्रश्न 240 किस पुरातात्विक स्थल को धरतुल घाट के नाम से भी जाना जाता है -
A.A.R.O. (GK and Botany) 2022 -
- (अ) सांभर
- (ब) जोधपुरा
- (स) नागर
- (द) आहड़
उत्तर : जोधपुरा
व्याख्या :
जयपुर जिले में साबी नदी तट पर जोधपुरा गाँव में 1972-75 ई. में उत्खनन में जोधपुर सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए। यह सभ्यता 2500 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी के मध्य फली फूली।
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