राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ
- प्रश्न 241 अनाज रखने के बड़े मृद्भाण्ड ‘गोरे’ व ‘कोठे’ राजस्थान के किस प्राचीन स्थल से प्राप्त होते हैं -
A.A.R.O. (GK and Entomology) 2022 -
- (अ) तिलवाड़ा
- (ब) बूढ़ा पुष्कर
- (स) आहड़
- (द) पीलीबंगा
उत्तर : आहड़
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। यहां से अनाज रखने के मृद्भाण्ड प्राप्त हुए हैं जिन्हें स्थानीय भाषा में गोरे व कोठ (Gore and Koth) कहा जाता है।
- प्रश्न 242 गणेश्वर के टीले मुख्य रूप से सम्बन्धित हैं -
A.A.R.O. (GK and Entomology) 2022 -
- (अ) मध्यपाषाण संस्कृति से
- (ब) पुरापाषाण संस्कृति से
- (स) ताम्र संस्कृति से
- (द) नवपाषाण संस्कृति से
उत्तर : ताम्र संस्कृति से
व्याख्या :
गणेश्वर का टीला, नीम का थाना में कांतली नदी के उद्गम स्थल पर अवस्थित है। गणेश्वर में रत्नचंद्र अग्रवाल ने 1977 में खुदाई कर इस सभ्यता पर प्रकाश डाला। इस क्षेत्र का विस्तृत उत्खनन कार्य 1978-89 के बीच विजय कुमार ने किया। डी.पी. अग्रवाल ने रेडियो कार्बन विधि एवं तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर इस स्थल की तिथि 2800 ईसा पूर्व निर्धारित की है अर्थात् गणेश्वर सभ्यता पूर्व-हड़प्पा कालीन सभ्यता है। ताम्रयुगीन सांस्कृतिक केन्द्रों में से प्राप्त तिथियों में यह प्राचीनतम् है। इस प्रकार गणेश्वर संस्कृति को निर्विवाद रूप से ‘भारत में ताम्रयुगीन सभ्यताओं की जननी’ माना जा सकता है।
- प्रश्न 243 प्रागैतिहासिक काल की बागोर सभ्यता के अवशेष कोठारी नदी के तट पर किस स्थान से प्राप्त हुए हैं -
Lecturer (Tech. Edu.) Exam - 2020 (Gen. Studies of State Paper - III) -
- (अ) ओझियाना
- (ब) रंगमहल
- (स) महासतियाँ
- (द) नलियासर
उत्तर : महासतियाँ
व्याख्या :
भीलवाड़ा कस्बे से 25 किलोमीटर दूर कोठारी नदी के किनारे वर्ष 1967-68 में डॉ. वीरेंद्रनाथ मिश्र, डॉ. एल.एस. लेश्निक व डेक्कन कॉलेज पूना और राजस्थान पुरातत्व विभाग के सहयोग से की गयी खुदाई में 3000 ई.पू. से लेकर 500 ई.पू. तक के काल की बागौर सभ्यता का पता लगा।
- प्रश्न 244 गणेश्वर _____ संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थल है।
3rd Grade Teacher 2022 L1 -
- (अ) नवपाषाण
- (ब) मध्यपाषाण
- (स) पुरापाषाण
- (द) ताम्रयुगीन
उत्तर : ताम्रयुगीन
व्याख्या :
गणेश्वर का टीला, नीम का थाना में कांतली नदी के उद्गम स्थल पर अवस्थित है। गणेश्वर में रत्नचंद्र अग्रवाल ने 1977 में खुदाई कर इस सभ्यता पर प्रकाश डाला। इस क्षेत्र का विस्तृत उत्खनन कार्य 1978-89 के बीच विजय कुमार ने किया। डी.पी. अग्रवाल ने रेडियो कार्बन विधि एवं तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर इस स्थल की तिथि 2800 ईसा पूर्व निर्धारित की है अर्थात् गणेश्वर सभ्यता पूर्व-हड़प्पा कालीन सभ्यता है। ताम्रयुगीन सांस्कृतिक केन्द्रों में से प्राप्त तिथियों में यह प्राचीनतम् है। इस प्रकार गणेश्वर संस्कृति को निर्विवाद रूप से ‘भारत में ताम्रयुगीन सभ्यताओं की जननी’ माना जा सकता है।
- प्रश्न 245 निम्नलिखित में से किस सभ्यता को धूलकोट कहते हैं -
3rd Grade Teacher 2022 L1 -
- (अ) गिलूण्ड
- (ब) बालाथल
- (स) कालीबंगा
- (द) आहड़
उत्तर : आहड़
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी। प्राचीन शिलालेखों में आहड़ का पुराना नाम ‘ताम्रवती’ अंकित है। दसवीं व ग्याहरवीं शताब्दी में इसे ‘आघाटपुर’ अथवा ‘आघट दुर्ग’ के नाम से जाना जाता था। इसे ‘धूलकोट’ भी कहा जाता है।
- प्रश्न 246 राजस्थान में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का गठन कब हुआ था -
3rd Grade Teacher 2022 L1 -
- (अ) 1952 में
- (ब) 1953 में
- (स) 1949 में
- (द) 1950 में
उत्तर : 1950 में
व्याख्या :
राजस्थान में वर्ष 1950 में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का गठन किया गया था।
- प्रश्न 247 झाडोल (उदयपुर), कुराडा (नागौर), साबणिया (बीकानेर), नन्दलालपुरा (जयपुर) में क्या समानता है -
3rd Grade Teacher 2022 Maths-Science L2 -
- (अ) पाषाण युग का केन्द्र
- (ब) नवपाषाण कालीन संस्कृति के केन्द्र
- (स) ताम्र उपकरणों के भण्डार
- (द) लघु पाषाण उपकरणों की खोज
उत्तर : ताम्र उपकरणों के भण्डार
व्याख्या :
गणेश्वर (नीम का थाना), साबणियां, पूंगल (बीकानेर), बूढ़ा पुष्कर (अजमेर), बेणेश्वर (डूँगरपुर), नन्दलालपुरा, किराड़ोत, चीथबाड़ी (जयपुर), कुराड़ा (परबतसर), एलाना (जालौर), मलाह (भरतपुर), कोल माहौली (सवाईमाधोपुर) ताम्रयुगीन स्थल हैं।
- प्रश्न 248 निम्न में से कौन सा एक कालीबंगा सभ्यता से सम्बंधित नहीं है -
3rd Grade Teacher 2022 Maths-Science L2 -
- (अ) दुर्गीकरण
- (ब) अग्निकुण्ड
- (स) मिट्टी की ईंटों के घर
- (द) लोहे के उपकरण
उत्तर : लोहे के उपकरण
व्याख्या :
कालीबंगा से लोहे के उपकरण नहीं मिले हैं। कालीबंगा कांस्ययुगीन सभ्यता है। कालीबंगा प्राचीन सरस्वती नदी के बाएं तट पर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ से लगभग 25 किमी. दक्षिण में स्थित है। वर्तमान में यहाँ घग्घर नदी बहती है। कालीबंगा में पूर्व हड़प्पाकालीन, ‘हड़प्पाकालीन’ तथा ‘उत्तर हड़प्पाकालीन’ सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- प्रश्न 249 1950-53 में कालीबंगा के उत्खनन कार्य में जिस पुरातत्ववेत्ता का प्रमुख योगदान रहा, वह है-
3rd Grade Teacher 2022 Social Studies L2 -
- (अ) दयाराम साहनी
- (ब) जॉन मार्शल
- (स) आर. सी. अग्रवाल
- (द) अमलानन्द घोष
उत्तर : अमलानन्द घोष
व्याख्या :
कालीबंगा प्राचीन सरस्वती नदी के बाएं तट पर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ से लगभग 25 किमी. दक्षिण में स्थित है। वर्तमान में यहाँ घग्घर नदी बहती है। कालीबंगा में पूर्व हड़प्पाकालीन, ‘हड़प्पाकालीन’ तथा ‘उत्तर हड़प्पाकालीन’ सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं। खुदाई के दौरान मिली काली चूड़ियों के टुकड़ों के कारण इस स्थान को कालीबंगा कहा जाता है क्योंकि पंजाबी में बंगा का अर्थ चूड़ी होता है। इस स्थान का पता ‘पुरातत्व विभाग के निदेशक ए. एन. घोष’ ने सन् 1952 में लगाया था।
- प्रश्न 250 राजस्थान की कौन सी सभ्यता बनास, बेडच, गंभीरी और कोठारी नदियों के तटों और घाटियों में फैली हुई थी -
3rd Grade Teacher 2022 Social Studies L2 -
- (अ) गणेश्वर
- (ब) बैराठ
- (स) कालीबंगा
- (द) आहड़
उत्तर : आहड़
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी। प्राचीन शिलालेखों में आहड़ का पुराना नाम ‘ताम्रवती’ अंकित है।
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