राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ
- प्रश्न 51 राजस्थान की वह सभ्यता जिसे ताम्रयुगीन सभ्यता की जननी कहा जाता है -
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- (अ) आहड़
- (ब) गणेश्वर
- (स) नोह
- (द) बैराठ
उत्तर : गणेश्वर
व्याख्या :
गणेश्वर का टीला, नीम का थाना में कांतली नदी के उद्गम स्थल पर अवस्थित है। गणेश्वर में रत्नचंद्र अग्रवाल ने 1977 में खुदाई कर इस सभ्यता पर प्रकाश डाला। डी.पी. अग्रवाल ने रेडियो कार्बन विधि एवं तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर इस स्थल की तिथि 2800 ईसा पूर्व निर्धारित की है अर्थात् गणेश्वर सभ्यता पूर्व-हड़प्पा कालीन सभ्यता है। ताम्रयुगीन सांस्कृतिक केन्द्रों में से प्राप्त तिथियों में यह प्राचीनतम् है। इस प्रकार गणेश्वर संस्कृति को निर्विवाद रूप से ‘भारत में ताम्रयुगीन सभ्यताओं की जननी’ माना जा सकता है।
- प्रश्न 52 राज्य में सर्वप्रथम पशुपालन के प्रमाण किस स्थान से प्राप्त हुए हैं -
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- (अ) बागोर
- (ब) बालाथल
- (स) रैढ़
- (द) सुनारी
उत्तर : बागोर
व्याख्या :
भीलवाड़ा कस्बे से 25 किलोमीटर दूर कोठारी नदी के किनारे वर्ष 1967-68 में डॉ. वीरेंद्रनाथ मिश्र, डॉ. एल.एस. लेश्निक व डेक्कन कॉलेज पूना और राजस्थान पुरातत्व विभाग के सहयोग से की गयी खुदाई में 3000 ई.पू. से लेकर 500 ई.पू. तक के काल की बागौर सभ्यता का पता लगा। बागौर से कृषि एवं पशुपालन के प्राचीनतम् साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
- प्रश्न 53 डा. दयाराम साहनी ने सर्वप्रथम बैराठ के किस स्थान को उत्खन्न के लिए चिन्हित किया -
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- (अ) बीजक डूंगरी
- (ब) भौमजी डूंगरी
- (स) गणेश डूंगरी
- (द) भीम डूंगरी
उत्तर : बीजक डूंगरी
व्याख्या :
प्राचीन मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (वर्तमान बैराठ) में ‘बीजक की पहाड़ी’, ‘भीमजी की डूँगरी’ मोती डूंगरी तथा ‘महादेवजी की डूँगरी’ आदि स्थानों पर उत्खनन कार्य दयाराम साहनी द्वारा 1936-37 में तथा पुनः 1962-63 में पुरातत्वविद् नीलरत्न बनर्जी तथा कैलाशनाथ दीक्षित द्वारा किया गया।
- प्रश्न 54 निम्न में से कौनसा कथन गलत है -
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- (अ) महासतियों वाला टीला - बागोर
- (ब) गोफण के प्रमाण - बागोर
- (स) बर्ड राइडर राॅक पेटिंग्स - ओझियाना
- (द) प्राचीन जाख बाबा की यक्ष मूर्ति-नोह
उत्तर : बर्ड राइडर राॅक पेटिंग्स - ओझियाना
व्याख्या :
आहड़ संस्कृति से सम्बन्धित पुरास्थल ओझियाना भीलवाड़ा जिले में स्थित है। इस पुरास्थल का उत्खनन सन् 1999-2000 में किया गया था।
गरदड़ा - बूंदी से प्रथम बर्ड राइडर राॅक पेंटिंग के शैल चित्र मिले हैं। यह देश में प्रथम पुरातत्व महत्व की पेंन्टिंग है।
- प्रश्न 55 निम्नलिखित में से किस उत्खनन स्थल से चांदी की मुद्रा ‘पंचमार्क’ प्राप्त हुई -
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- (अ) कालीबंगा
- (ब) आहड़
- (स) गणेश्वर
- (द) बैराठ
उत्तर : बैराठ
व्याख्या :
प्राचीन मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (वर्तमान बैराठ) में ‘बीजक की पहाड़ी’, ‘भीमजी की डूँगरी’ मोती डूंगरी तथा ‘महादेवजी की डूँगरी’ आदि स्थानों पर उत्खनन कार्य दयाराम साहनी द्वारा 1936-37 में तथा पुनः 1962-63 में पुरातत्वविद् नीलरत्न बनर्जी तथा कैलाशनाथ दीक्षित द्वारा किया गया। यहां से 36 चांदी के सिक्के प्राप्त हुए हैं 36 में से 28 सिक्के हिन्द - युनानी राजाओं के है। 28 में से 16 सिक्के मिनेण्डर राजा(प्रसिद्ध हिन्द - युनानी राजा) के मिले हैं। शेष 8 सिक्के प्राचीन भारत के सिक्के आहत(पंचमार्क) है।
- प्रश्न 56 निम्नलिखित में से कौन-से स्थल को ‘धूलकोट’ भी कहा जाता है -
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- (अ) विराटनगर
- (ब) आहड़
- (स) कालीबंगा
- (द) पीलीबंगा
उत्तर : आहड़
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी। प्राचीन शिलालेखों में आहड़ का पुराना नाम ‘ताम्रवती’ अंकित है। दसवीं व ग्याहरवीं शताब्दी में इसे ‘आघाटपुर’ अथवा ‘आघट दुर्ग’ के नाम से जाना जाता था। इसे ‘धूलकोट’ भी कहा जाता है।
- प्रश्न 57 ताम्रयुगीन स्थल झाड़ोल कहां स्थित है -
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- (अ) चित्तौड़
- (ब) नागौर
- (स) उदयपुर
- (द) जालौर
उत्तर : उदयपुर
व्याख्या :
झाड़ोल, उदयपुर में स्थित है।
- प्रश्न 58 निम्न लिखित में से कौन सा स्थल राजस्थान में ताम्र युगीन संस्कृति का केन्द्र नहीं था -
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- (अ) नोह
- (ब) गिलुण्ड
- (स) बागोर
- (द) रंगमहल
उत्तर : रंगमहल
व्याख्या :
कांस्ययुगीन (सिन्धु घाटी सभ्यता के स्थल) रंगमहल सभ्यता हनुमानगढ़ जिले में स्थित प्राचीन सरस्वती एवं दृषद्वती नदी घाटी में पल्लवित-पुष्पित हुई। इस स्थल का उत्खनन 1952-54 ई. में स्वीडन की पुरातत्वविद् श्रीमती हन्नारिड के निर्देशन में हुआ।
- प्रश्न 59 मृतिका शिल्प के प्राचीन प्रमाण मिले हैं -
Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) रंगमहल से
- (ब) ब्यावर से
- (स) जोबनेर से
- (द) बाड़मेर से
उत्तर : रंगमहल से
व्याख्या :
सन् 1952 से 1954 के बीच लुण्ड विश्वविद्यालय के स्वीडिश दल द्वारा पुरातत्व शास्त्री हन्ना राईड व होलगर अर्बमेन व के. एरिस्किन के नेतृत्व में रंगमहल के टीलों की खुदाई की गयी। यहां कनिष्क प्रथम व कनिष्क तृतीय की मुद्रा पंचमार्क के सिक्के मिले हैं। गांधार शैली की मूर्तियां मिली हैं।
- प्रश्न 60 कालीबंगा स्थल, हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय से किस दिशा में स्थित है -
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 1 -
- (अ) उत्तर पूर्व
- (ब) उत्तर पश्चिम
- (स) दक्षिण पश्चिम
- (द) दक्षिण पूर्व
उत्तर : दक्षिण पश्चिम
व्याख्या :
कालीबंगा प्राचीन सरस्वती नदी के बाएं तट पर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ से लगभग 25 किमी. दक्षिण में स्थित है। वर्तमान में यहाँ घग्घर नदी बहती है। कालीबंगा में पूर्व हड़प्पाकालीन, ‘हड़प्पाकालीन’ तथा ‘उत्तर हड़प्पाकालीन’ सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
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