राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ
- प्रश्न 61 डा. केदारनाथ पुरी किस पुरातात्विक स्थल के अनुसंधानकर्ता है -
Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 1 -
- (अ) आहड़(उदयपुर)
- (ब) रंगमहल(हनुमानगढ़)
- (स) रैढ़(टोंक)
- (द) नगरी(चित्तौड़गढ़)
उत्तर : रैढ़(टोंक)
व्याख्या :
ढील नदी के किनारे स्थित रैढ़ में उत्खनन कार्य सर्वप्रथम जयपुर की ओर से बहादुर दयाराम साहनी MACIE, पुरातत्व और ऐतिहासिक अनुसंधान के निदेशक ने 1938 से 1940 तक किया। इसको अंतिम रूप डॉ. केदारनाथ पुरी ने दिया। उत्खनित क्षेत्र का विवरण के.एन. पुरी ने जयपुर शासन के तत्वाधान में ‘एस्केवैशनएट रैढ़’ में प्रकाशित किया।
- प्रश्न 62 किस ताम्रपाषाणिक स्थल पर सबसे ज्यादा ताम्र सामग्री प्राप्त हुई है -
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- (अ) गणेश्वर
- (ब) अहाड़
- (स) बैराठ
- (द) कालीबंगा
उत्तर : गणेश्वर
व्याख्या :
गणेश्वर का टीला, नीम का थाना में कांतली नदी के उद्गम स्थल पर अवस्थित है। गणेश्वर में रत्नचंद्र अग्रवाल ने 1977 में खुदाई कर इस सभ्यता पर प्रकाश डाला। इस क्षेत्र का विस्तृत उत्खनन कार्य 1978-89 के बीच विजय कुमार ने किया। यहां से तांबे का निर्यात भी किया जाता था। सिंधु घाटी के लोगों को तांबे की आपूर्ति यहीं से होती थी।
- प्रश्न 63 अहाड़ के उत्खनन से प्राप्त कौन सी सामग्री बाह्य सम्पर्को का संकेत देती है -
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- (अ) टेराकोटा मनके
- (ब) ताम्र उपकरण
- (स) सैलखड़ी मनके
- (द) लेपिस लाजुली
उत्तर : लेपिस लाजुली
व्याख्या :
अफगानिस्तान में शॉर्टुघई जैसी साइटें लापीस लाजुली का सबसे अच्छा स्रोत थीं। लापीस लाजुली उच्च मूल्य का नीला पत्थर था।
- प्रश्न 64 सात अग्नि वेदिकाओं की पंक्ति प्राप्त हुई है -
2nd Grade Teacher (SANSKRIT EDUCATION) Comp. Exam-2018 (Group -A) -
- (अ) कालीबंगा
- (ब) अहाड़
- (स) बैराठ
- (द) गणेश्वर
उत्तर : कालीबंगा
व्याख्या :
कालीबंगा प्राचीन सरस्वती नदी के बाएं तट पर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ से लगभग 25 किमी. दक्षिण में स्थित है। वर्तमान में यहाँ घग्घर नदी बहती है। कालीबंगा में पूर्व हड़प्पाकालीन, ‘हड़प्पाकालीन’ तथा ‘उत्तर हड़प्पाकालीन’ सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं। यहां से ईटों से निर्मित चबुतरे पर सात अग्नि कुण्ड प्राप्त हुए है जिसमें राख एवम् पशुओं की हड्डियां प्राप्त हुई है।
- प्रश्न 65 निम्नलिखित में से कौनसा काल कालीबंगा सभ्यता से सम्बन्धित है -
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- (अ) 2500 ई. पू. से 1500 ई. पू.
- (ब) 6000 ई.पू. से 4500 ई.पू.
- (स) 1500 ई.पू. से 500 ई.पू.
- (द) 2500 ई. से 1500 ई.
उत्तर : 2500 ई. पू. से 1500 ई. पू.
व्याख्या :
कालीबंगा प्राचीन सरस्वती नदी के बाएं तट पर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ से लगभग 25 किमी. दक्षिण में स्थित है। वर्तमान में यहाँ घग्घर नदी बहती है। कालीबंगा में पूर्व हड़प्पाकालीन, ‘हड़प्पाकालीन’ तथा ‘उत्तर हड़प्पाकालीन’ सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं। कालीबंगा के टीलों की खुदाई के दौरान दो भिन्न कालों की सभ्यता प्राप्त हुई है। पहला भाग 2400 ई. पू. से 2250 ई. पू. का है तथा दूसरा भाग 2200 ई.पू. से 1700 ई. पू. का है।
- प्रश्न 66 दो मुंह का चूल्हा व बहुत प्रकार के बर्तनों के साथ सिलबट्टा व पैन निम्नलिखित में से किस स्थान से खुदाई में मिले थे -
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- (अ) आहड़
- (ब) कालीबंगा
- (स) बागौर
- (द) गणेश्वर
उत्तर : आहड़
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। यहां से दो मुंह का चूल्हा मिला है।
- प्रश्न 67 निम्न में से राजस्थान की ताम्र-युगीन सभ्यता में सबसे प्रमुख सभ्यता कौनसी है -
Supervisor (women empowerment) Exam 2018 -
- (अ) आहड़
- (ब) कालीबंगा
- (स) बैराठ
- (द) बागोर
उत्तर : आहड़
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी।
- प्रश्न 68 राजस्थान के किस जिले में गणेश्वर स्थल स्थित है -
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- (अ) गंगानगर
- (ब) भीलवाड़ा
- (स) भरतपुर
- (द) नीम का थाना
उत्तर : नीम का थाना
व्याख्या :
गणेश्वर का टीला, नीम का थाना में कांतली नदी के उद्गम स्थल पर अवस्थित है। गणेश्वर में रत्नचंद्र अग्रवाल ने 1977 में खुदाई कर इस सभ्यता पर प्रकाश डाला। इस क्षेत्र का विस्तृत उत्खनन कार्य 1978-89 के बीच विजय कुमार ने किया।
- प्रश्न 69 बागोर सभ्यता किस नदी के किनारे पर अवस्थित थी -
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- (अ) कोठारी नदी
- (ब) लूनी नदी
- (स) बनास नदी
- (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : कोठारी नदी
व्याख्या :
भीलवाड़ा कस्बे से 25 किलोमीटर दूर कोठारी नदी के किनारे वर्ष 1967-68 में डॉ. वीरेंद्रनाथ मिश्र, डॉ. एल.एस. लेश्निक व डेक्कन कॉलेज पूना और राजस्थान पुरातत्व विभाग के सहयोग से की गयी खुदाई में 3000 ई.पू. से लेकर 500 ई.पू. तक के काल की बागौर सभ्यता का पता लगा।
- प्रश्न 70 प्राचीन नगर जो महाभारत और महाभाष्य दोनों में उल्लेखित हैं -
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- (अ) विराटनगर(बैराठ)
- (ब) मध्यमिका(नगरी)
- (स) रैढ़
- (द) कर्कोट
उत्तर : मध्यमिका(नगरी)
व्याख्या :
चित्तौड़गढ़ के पास स्थित नगरी को पाणिनी की अष्टाध्यायी में उल्लिखित ‘माध्यमिका’ माना जाता है। जो बेड़च नदी के तट पर स्थित था। नगरी शिवि जनपद की राजधानी रही है। 1872 ई. में कार्लाइल द्वारा इसकी खोज की गई। 1919-20 ई. में डी.आर. भंडारकर एवं 1961-62 ई. में के.बी. सौन्दर राजन द्वारा यहाँ उत्खनन करवाया गया।
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