भारत की मिट्टियाँ
- प्रश्न 1 पासाम्मेंटस्, ऑर्थेट्स और फ्लूएंट निम्नलिखित में से किस मिट्टी के प्रकार के उपवर्ग है -
CET 2024 (Graduate) 28 September 2024 Shift-2 -
- (अ) अल्फिसोल्स
- (ब) एंटिसोल्स
- (स) इन्सेप्टिसोल्स
- (द) वर्टिसोल्स
उत्तर : एंटिसोल्स
व्याख्या :
एंटिसोल्स - अपरिपक्व मिट्टी जिसमें क्षितिज का ऊर्ध्वाधर विकास नहीं होता है। ये मिट्टी अक्सर हवा, पानी या बर्फ के कटाव से हाल ही में जमा तलछट से जुड़ी होती है।
- प्रश्न 2 निम्नलिखित कथनों में से भारत के उत्तरी मैदानी क्षेत्र के संदर्भ में जो कथन सही नहीं है, उसकी पहचान कीजिए :-
CET 2024 (Graduate) 28 September 2024 Shift-1 -
- (अ) भांगर पुरानी जलोढ़ मिट्टी की परत है।
- (ब) खादर नई जलोढ़ मिट्टी की परत है।
- (स) तराई एक संकरी पट्टी है जो शिवालिक तलहटी के समानान्तर या ढलान के टूटने पर 8-10 किमी पर फ़ैली हुई है।
- (द) तराई नई और पुरानी जलोढ़ मिट्टी की परत वाली पट्टी है।
उत्तर : तराई एक संकरी पट्टी है जो शिवालिक तलहटी के समानान्तर या ढलान के टूटने पर 8-10 किमी पर फ़ैली हुई है।
व्याख्या :
तराई क्षेत्र भाबर के दक्षिण में स्थित है। यह 20 से 30 किलोमीटर की चौड़ी पट्टी वाला दलदली क्षेत्र है, जहां की मिट्टी में अधिक नमी होती है। भाबर क्षेत्र शिवालिक की तलहटी में पड़ता है, जो कि इंडस और तीस्ता नदी तक है। वहीं, तराई क्षेत्र भाबर के दक्षिण छोर पर स्थित है और इसके साथ मौजूद है।
- प्रश्न 3 करेवास ______ है -
CET 2024 (Graduate) 28 September 2024 Shift-1 -
- (अ) हिमनदीय चिकनी मिट्टी की मोटी परत (निक्षेप)
- (ब) ट्रेकरों का एक समूह
- (स) एक लोक नृत्य
- (द) मरुस्थलीय भूमि
उत्तर : हिमनदीय चिकनी मिट्टी की मोटी परत (निक्षेप)
व्याख्या :
करेवास हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली मिट्टी की मोटी परतें हैं। ये हिमनदीय और जलोढ़ निक्षेप हैं, जो आमतौर पर कश्मीर घाटी में पाए जाते हैं और कृषि के लिए उपयोगी हैं।
- प्रश्न 4 निम्नलिखित में से कौन सी असंस्तरी मृदा समूह है -
CET 2024 (Graduate) 28 September 2024 Shift-1 -
- (अ) शैल मृदा
- (ब) टुन्ड्रा मृदा
- (स) लेटेराइट मिट्टी
- (द) अम्लीय मिट्टी
उत्तर : शैल मृदा
व्याख्या :
शैल मृदा (Regolith Soil) एक असंस्तरी मृदा समूह है।
- प्रश्न 5 करेवा बनावट (फोर्मेशन) किसकी खेती के लिए उपयोगी है?
CET 2024 (Graduate) 27 September 2024 Shift-2 -
- (अ) कॉफी
- (ब) केसर
- (स) कपास
- (द) जूट
उत्तर : केसर
व्याख्या :
करेवा मिट्टी जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में पाई जाती है और यह केसर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है।
- प्रश्न 6 नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन (I) : जलोढ़ मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में पोटाश, फॉस्फोरिक एसिड और चूना पाया जाता है, जो गन्ना, धान, गेहूँ और अन्य अनाज और दलहन फसलों के उत्पादन के लिए आदर्श हैं।
कथन (II) : इस मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन पायी जाती है।
उपरोक्त कथनों के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें।
CET 2024 (Graduate) 27 September 2024 Shift-1 -
- (अ) कथन (I) सही है लेकिन कथन (II) गलत है।
- (ब) कथन (I) गलत है लेकिन कथन (II) सही है।
- (स) कथन (I) और कथन (II) दोनों सही हैं।
- (द) कथन (I) और कथन (II) दोनों गलत हैं।
उत्तर : कथन (I) और कथन (II) दोनों गलत हैं।
व्याख्या :
इस मृदा में चूना, फास्फोरिक अम्ल, नाइट्रोजन और ह्यूमस की कमी पाई जाती है। ऐसी मृदा में नाइट्रोजन व कार्बनिक लवण पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
- प्रश्न 7 निम्नलिखित में से भारत के किस स्थान में रैगर मृदा पायी जाती है -
Stenographer Exam 2024 (Paper - I) -
- (अ) भारतीय द्वीप समूह
- (ब) उत्तरी मैदान
- (स) हिमालय क्षेत्र
- (द) दक्कन का पठार
उत्तर : दक्कन का पठार
व्याख्या :
रैगर मृदा भारत के दक्कन के पठार में पाई जाती है। यह मृदा मुख्य रूप से कपास की खेती के लिए उपयुक्त है और इसे “ब्लैक सॉयल” या “रेगुर सॉयल” भी कहा जाता है।
- प्रश्न 8 किस मिट्टी को ‘रेगुर मिट्टी’ के नाम से जाना जाता है -
Hostel Superintendent Grade-II(SJED)-2024 -
- (अ) काली मिट्टी
- (ब) लाल मिट्टी
- (स) पीली मिट्टी
- (द) लैटराइट मिट्टी
उत्तर : काली मिट्टी
व्याख्या :
काली मिट्टी का रंग काला होता है और इसे ‘रेगुर मिट्टी’ के नाम से भी जाना जाता है।चूंकि यह कपास उगाने के लिए उपयुक्त है, इसलिए इसे ‘कपास मिट्टी’ भी कहा जाता है।
- प्रश्न 9 कौन सी मृदा को ऊसर, रेह, अल्कलाईन आदि के रूप में भी जाना जाता है -
Computor Exam 2018 -
- (अ) भूरी मिट्टी
- (ब) लाल मिट्टी
- (स) लवणीय मिट्टी
- (द) जलोढ़ मिट्टी
उत्तर : लवणीय मिट्टी
- प्रश्न 10 भारत में काली / रेगुर मृदा के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही नहीं है -
School Lecturer 2022 Geography (Group - B) -
- (अ) रेगुर / रेगड़ मृदाएँ महाराष्ट्र तथा गुजरात में पायी जाती है।
- (ब) काली मृदा उष्णकटिबन्धीय चर्नोज़म के नाम से भी जानी जाती है।
- (स) काली मृदा प्रौढ़ मृदा है।
- (द) रेगुर मृदा में नमी धारण करने की क्षमता कम होती है।
उत्तर : रेगुर मृदा में नमी धारण करने की क्षमता कम होती है।
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