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माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस एक सॉफ्टवेयर है जिसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 1988 में विकसित किया गया था। मुख्य रूप से यह एक पैकेज है, जो विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर (MS-Word, MS-Power Point आदि) से बना है। इन सॉफ्टवेयर का उपयोग विशेष रूप से ऑफिस या स्कूल आदि में किया जाता है।

वर्तमान में, Office 2021 and Microsoft 365 संस्करण का उपयोग दुनिया भर में किया जा रहा है और इसके सभी एप्लिकेशन व्यक्तिगत और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं।

MS-OFFICE के प्रथम-संस्करण (1990) में मुख्य रूप से तीन साॅफ्टवेयर जोड़े गए थे। जो क्रमशः MS-Word, MS-Power Point और MS-Execl थे। बाद में इसमें सुधार करके कुछ अन्य साॅफ्टवेयर, जैसे MS- Access Database, MS-Picture Manager, Spell Checker, VBA Scripting Language, MS-Outlook आदि जोड़े गए।

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के विभिन्न संस्करण

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस संस्करण का नाम प्रस्तुति की तारीख / वर्ष
विंडोज के लिए माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस अक्टूबर 1990
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 3.0 30 अगस्त 1992
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 4.x 1994
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 1995 24 अगस्त 1995
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 1997 1997
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2000 7 जून 1997
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस XP 31 मई 2001
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2003 21 अक्टूबर 2003
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2007 30 जनवरी 2007
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2010 15 जून 2010
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2013 30 जनवरी 2012
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2016 22 सितंबर 2015
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2019 24 सितंबर 2018
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2021 5 अक्टूबर 2021

आजकल एन्ड्राॅयड (Android) फोन, आइफोन (iphone), विण्डो फोन आदि पर भी MS-OFFICE का एक संस्करण MS-OFFICE Mobile नाम से उपलब्ध है।

MS-OFFICE के पाँच प्रमुख साॅफ्टवेयर निम्नलिखित हैं -

  1. MS-Word (Word Processing Software)
  2. MS-Execl (Tabular Data Formatting Software)
  3. MS-Powerpoint (Presentation Software)
  4. MS-Access (Database Management Software)
  5. MS-Outlook (E-mail Client)

1. माइक्रोसाॅफ्ट वर्ड

माइक्रोसाॅफ्ट वर्ड एक प्रकार का वर्ड प्रोसेसिंग साॅफ्टवेयर है जिसका प्रयोग किसी डाॅक्यूमेन्ट को बनाने, उसमें कुछ सुधार करने के लिए किया जाता है। यह एक बहुत महत्त्वपूर्ण साॅफ्टवेयर है, जो लगभग सभी कम्प्यूटर में MS Office पैकेज के अन्दर पाया जाता है। इस साॅफ्टवेयर के प्रयोग से विभिन्न प्रकार के टेक्स्ट स्टाइल डाॅक्यूमेन्ट, डाॅक्यूमेन्ट में चित्र आदि लगाकर एक आकर्षक डाॅक्यूमेन्ट तैयार किया जाता है।

चार्ल्स सिमोनी, एक डेवलपर और रिचर्ड ब्रॉडी, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एमएस वर्ड के दो निर्माता थे।

इस प्रोग्राम को शुरुआत में ‘मल्टी-टूल वर्ड’ नाम दिया गया था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर ‘एमएस वर्ड’ कर दिया गया।

इसे 1983 में पेश किया गया था।

विंडोज़ के लिए वर्ड स्टैंडअलोन या एमएस ऑफिस सुइट के एक भाग के रूप में उपलब्ध है।

मैक के लिए एमएस वर्ड को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 1985 में वर्ड 1.0 के रूप में पेश किया गया था।

किसी भी वर्ड फ़ाइल का एक्सटेंशन “.doc या .docx” होता है।

MS-Word के नए डाॅक्यूमेन्ट का डिफाल्ड नाम Document1 होता है।

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अपने पर्सनल कंप्यूटर पर एमएस वर्ड खोलने के लिए इन सरल चरणों का पालन करें:

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माइक्रोसाॅफ्ट वर्ड के अवयव

नीचे दी गई छवि विभिन्न तत्वों और श्रेणियों को दिखाती है जो एमएस वर्ड दस्तावेज़ में उपलब्ध हैं:

1. टाइटल बार

यह माइक्रोसाॅफ्ट वर्ड डाॅक्यूमेन्ट में सबसे ऊपर एक रिबन (पट्टी) होती है, जो फाइल का नाम और जिस साॅफ्टवेयर में फाइल खुली है। उस साॅफ्टवेयर का नाम दिखाती है।

2. स्टैण्डर्ड टूल बार

इसमें फाइल और टेक्स्ट सम्बन्धी कार्यों के लिए टूल रहते हैं, जैसे - नई फाइल खोलना, पुरानी फाइल खोलना, फाइलों को सुरक्षित रखना।

3. रिबन

यह स्क्रीन पर टाइटल बार के नीचे पट्टी (Ribbon) होती है, इसमें किसी कार्य को करने के लिए आदेशों का एक पैनल होता है। इन आदेशों के पैनल को किसी टैब में संगठित कर दिया जाता है। जब हम टैब पर क्लिक करते हैं। तो ये पैनल इसी रिबन पर दिखाई देते हैं। इस रिबन को मिनिमाइज भी किया जा सकता है।

4. टैब

रिबन पर मेन्यू बार में कुछ बटन लगे होते हैं। इन बटन को टैब कहते हैं। इसका प्रयोग कैरेक्टर को सम्पादित करने, डाॅक्यूमेन्ट का ले आउट बदलने, पेज के अनेक प्रकार के प्रीव्यू (Preview) देखने, पेज में कोई नया चित्र, ग्राफ आदि जोड़ने के लिए करते हैं।

Tabs के अन्तर्गत निम्नलिखित बटन आते हैं -

  1. होम टैब : इस टैब में क्लिपबोर्ड, फाॅन्ट, पैराग्राफ, स्टाइल्स और एडिटिंग नाम के विकल्प होते हैं।
    • क्लिपबोर्ड में किसी टेक्स्ट को कट, काॅपी और पेस्ट करने के विकल्प होते हैं। कट या काॅपी किया हुआ डेटा क्लिप बोर्ड में स्टोर हो जाता है जिसे आगे हम कहीं भी पेस्ट कर सकते हैं।
    • फाॅन्ट का प्रयोग किसी फाॅन्ट के साइज, स्टाइल, कलर, फाॅन्ट को बोल्ड करना, तिरछा (Italic) करना या उसके नीचे अण्डरलाइन लगाना आदि कार्यों के लिए करते हैं।
    • पैराग्राफ का प्रयोग किसी पंक्ति (line) में बुलेट या नम्बरिंग लगाना, उसे इन्डेन्ट करना आदि कार्यों के लिए किया जाता है। इस टूलबार को फाॅर्मेटिंग टूलबार (Formatting Toolbar) भी कहते हैं।
    • स्टाइल्स के प्रयोग से किसी टेक्स्ट के स्टाइल को बदलते हैं।
    • एडिटिंग के प्रयोग से किसी कैरेक्टर या शब्द को ढूॅढ सकते हैं तथा उसे दूसरे कैरेक्टर या शब्द से बदल सकते हैं।
  2. इनसर्ट टैब : इस टैब में पेजेज, टेबल्स, इलस्ट्रेशन (Illustration), लिंक्स हेडर और फूटर, टेक्स्ट और सिंबल नाम के विकल्प होते हैं।
    • पेजेज विकल्प का प्रयोग विभिन्न प्रकार के पेज कवर लगाने के लिए, पेज को बीच में ब्रेक करने के लिए, ब्लैंक पेज इनसर्ट करने के लिए करते हैं।
    • टेबल्स विकल्प का प्रयोग, विभिन्न प्रकार के टेबल बनाने तथा टेबल इनसर्ट करने के लिए करते हैं।
    • इलस्ट्रेशन (Illustration) का प्रयोग विभिन्न प्रकार के पिक्चर, क्लिप आर्ट, शेप्स (Shapes), स्मार्ट आर्ट (Smartart), चार्ट आदि को पेज में इनसर्ट करने के लिए करते हैं।
    • लिंक्स का प्रयोग, हाइपरलिंक बनाना, बुकमार्क लगाना और क्राॅस-रेफरेंस (Cross-reference) बनाने के लिए करते हैं।
    • हेडर और फूटर का प्रयोग किसी पेज में ऊपर या नीचे हेडर (शीर्षक) डालने और फूटर डालने के लिए करते हैं।
    • टेक्स्ट विकल्प का प्रयोग टेक्स्टबाॅक्स डालना, वर्डआर्ट डालना, डेट और टाइम डालना और विभिन्न प्रकार की वस्तु (Object) डालने के लिए करते हैं।
    • सिम्बल का प्रयोग डाॅक्यूमेन्ट में विभिन्न प्रकार के चिन्ह डालने के लिए करते हैं।
  3. पेज लेआउट टैब : इस टैब का प्रयोग विभिन्न प्रकार के थीम्स (Themes) डालने के लिए करते हैं। इस विकल्प से पेज का बैकग्राउन्उ (Back Ground) और पैराग्राफ सेट किया जाता है।
  4. रिव्यू टैब : इस टैब का प्रयोग स्पेलिंग और ग्रामर (Spelling and Grammar) चेक करने, शब्द कोश (Dictionary) देखने, अनुवाद (Tanslate) करने और डाॅक्यूमेन्ट को सुरक्षित रखने के लिए करते हैं।
  5. व्यू टैब : यह प्रिन्ट लेआउट, फुलस्क्रीन लेआउट, मैकरोज (Macros), स्पिलिट आदि से मिलकर बना होता है। इसका प्रयोग पेज की बनावट देखने के लिए करते हैं।

5. रूलर

यह डाॅक्यूमेन्ट विण्डो के टाॅप पर और उसके बाएँ तरफ दिखाई देता है। इसका प्रयोग किसी डाॅक्यूमेन्ट में टैक्स्ट के क्षैतिज और उर्ध्‍वाधर (Horizontal and Vertical) हाशिये (Alignment) को देखने व सेट करने के लिए करते हैं

रूलर्स (Rulers) दो प्रकार के होते हैं-

क्षैतिज रूलर (Horizontal Ruler) यह डाॅक्यूमेन्ट की चैड़ाई (Width) को सूचित करता है। अर्थात् टेक्स्ट और पेज के किनारे के बीच के अन्तर को बताता है। इसका प्रयोग लेफ्ट और राइट मार्जिन को सेट करने के लिए करते हैं। मार्जिन का तात्पर्य पेज बार्डर और टेक्स्ट के बीच में अन्तर से हैं।

उर्ध्‍वाधर रूलर (Vertical Ruler) यह डाॅक्यूमेन्ट की ऊँचाई (Height) को सूचित करता है। अर्थात् टेक्स्ट और टाॅप पेज बार्डर के बीच के अन्तर को प्रदर्शित करता है। इसका प्रयोग टाॅप और बाॅटम मार्जिन को सेट करने के लिए करते हैं।

6. स्टेटस बार (Status Bar)

यह डाॅक्यूमेन्ट से सम्बन्धित कुछ सूचनाएँ, जैसे कि पेज नम्बर, करेन्ट पेज, करेन्ट, टेम्पलेट, काॅलम नम्बर और लाइन नम्बर आदि को दिखाता है।

7. कार्य क्षेत्र (Work Area)

यह डाॅक्यूमेन्ट विण्डो का आयताकार क्षेत्र होता है जिसमें आप कुछ टेक्स्ट टाइप करते हो या कोई चित्र या वस्तु जोड़ते हो। इसे वर्कप्लेस (Workplace) नाम से भी जाना जाता है।

ऑफिस लोगो बटन (The Office Logo Button)

यह (MS- Office) के प्रत्येक साॅफ्टवेयर की विन्डो में सबसे ऊपर बायें किनारे पर एक बटन होता है जो MS-Office Logo Button के नाम से जाना जाता है। इस बटन का प्रयोग डाॅक्यूमेन्ट को खोलने, बन्द करने, पुरानी डाॅक्यूमेन्ट को खोलने, सुरक्षित करने और प्रिन्ट करने के लिए करते हैं।

एमएस वर्ड शब्दावली

  1. वर्ड रैप- शब्द की एक विशेषता जो टाइप करने पर एंटर कुंजी दबाए बिना दाएं मार्जिन से अधिक हो जाने पर टेक्स्ट को अगली पंक्ति में ले जाती है या आगे बढ़ाती है।
  2. वर्ड आर्ट- टेक्स्ट को ग्राफिक छवि के रूप में डिज़ाइन किया गया है।
  3. थिसॉरस- एक सुविधा जो चुने हुए शब्दों के लिए पर्यायवाची या वैकल्पिक शब्द प्रदान करती है।
  4. फ़ुटर- एक सुविधा जो पाठ/ग्राफ़िक्स को प्रत्येक पृष्ठ या खंड पर नियमित रूप से नीचे अंकित करने की अनुमति देती है, फिर भी पृष्ठ पर कहीं भी हो सकती है।
  5. हेडर- एक सुविधा जो पाठ/ग्राफिक्स को प्रत्येक पृष्ठ/अनुभाग पर मुद्रित करने की अनुमति देती है, आमतौर पर शीर्ष पर, फिर भी पृष्ठ पर कहीं भी हो सकती है।
  6. पैराग्राफ शैलियाँ- एक सुविधा जो पूरे पैराग्राफ के लिए टेक्स्ट शैलियों की अनुमति देती है, जिसमें उनके फ़ॉन्ट, एलाइनमेंट, टैब आदि शामिल हैं।
  7. एंडनोट्स- नोट्स या संदर्भ जो दस्तावेज़ के अंत में मिलते जुलते हैं।
  8. फ़ुटनोट- टिप्पणियाँ या संदर्भ जो प्रत्येक पृष्ठ के नीचे दिखाई देते हैं।
  9. इंडेंट- इन्डेन्टेशन का तात्पर्य पेज की बाऊंड्री और टेक्स्ट के बीच के अन्तर से है। इसके प्रयोग से टेक्स्ट और पेज बाऊड्री के बीच में चारों तरफ से गैप को कम या ज्यादा कर सकते हैं।
  10. मार्जिन- रिकॉर्ड में टेक्स्ट के किनारे और पेज के शीर्ष, आधार या किनारे के बीच का अंतर।
  11. पेज ब्रेक- दस्तावेज़ में वह स्थान जहां एक पेज समाप्त होता है और दूसरा शुरू होता है।
  12. बुलेट्स और नंबरिंग- एक सुविधा जो उपयोगकर्ता को बुलेटेड या क्रमांकित पैराग्राफ उत्पन्न करने में सक्षम बनाती है।
  13. पेज ओरिएंटेशन- पेज ओरिएंटेशन उस direction को कहा जाता है जिसमें की एक document को display या print किया जाता है। दो basic types की page orientation होते हैं portrait (vertical) और landscape (horizontal)।
  14. लैंडस्केप- पृष्ठ अभिविन्यास निर्दिष्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली शब्दावली, जहां पृष्ठ लंबा होने की तुलना में चौड़ा होता है।
  15. पोर्ट्रेट- एक पेज ओरिएंटेशन जहां पेज चौड़ा होने की तुलना में लंबा होता है।
  16. फ़ॉर्मेटिंग टूलबार- एक सुविधा जो वर्ण और पैराग्राफ फ़ॉर्मेटिंग, जैसे एलाइनमेंट और टाइप शैलियों को बदलने में सक्षम बनाती है।
  17. फ़ॉन्ट शैली- फ़ॉन्ट के रूप में कुछ परिवर्तन।
  18. चार्ट- ग्राफ़ जो संख्याओं और डेटा को दर्शाने के लिए कॉलम, रेखाओं और पाई आकृतियों का उपयोग करते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

वर्ड में पैराग्राफ के लिए डिफ़ॉल्ट अलाइनमेंट लेफ्ट है। पैराग्राफ सेक्शन में होम टैब में अलाइनमेंट बटन हमें अलाइनमेंट (लेफ्ट, राइट​, सेंटर ,जस्टीफ़ाइड) बदलने की अनुमति देते हैं। यह अन्य वस्तुओं जैसे पिक्चर, सिंबल, साइज़ आदि के लिए अलाइनमेंट भी प्रदान करता है।

MS-Word में दो प्रकार के पेज ओरिएंटेशन होते हैं- क्षैतिज ओरिएंटेशन (Horizontal Orientation), उर्ध्‍वाधर ओरिएंटेशन (Vertical Orientation) इसका प्रयोग किसी टाइप किए हुई टेक्स्ट को एक क्षैतिज पेज में या उर्ध्‍वाधर पेज में प्रिन्ट करने के लिए किया जाता है।

मेल-मर्ज MS-Word की वह सुविधा है जिसके द्वारा एक पत्र अनेक व्यक्तियों को भेज सकते हैं अथवा कुछ सूचनाएँ बदलते हुए किसी दस्तावेज की अनेक प्रतियाँ निकाल सकते हैं। इसमें दो फाइलों से सूचनाएँ लेकर उन्हें आपस में मिलाकर या विलय (Merge) करके वास्तविक दस्तावेज तैयार किया जाता है। जिसमें एक फाइल को डेटा फाइल या डेटा स्त्रोत तथा दूसरी फाइल को फाॅर्म लेटर या मुख्य दस्तावेज (Main Document) कहा जाता है। इस विधि से आप लिफाफों पर चिपकाएँ जाने वाले पतों की पर्चियाँ (Address Labels) भी छाप सकते हैं।

शॉर्टकट

Microsoft Word में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले शॉर्टकट

विवरण शाॅर्टकट
Open a document. Ctrl+O
Create a new document. Ctrl+N
Save the document. Ctrl+S
Close the document. Ctrl+W
Cut the selected content to the Clipboard. Ctrl+X
Copy the selected content to the Clipboard. Ctrl+C
Paste the contents of the Clipboard. Ctrl+V
Select all document content. Ctrl+A
Apply bold formatting to text. Ctrl+B
Apply italic formatting to text. Ctrl+I
Apply underline formatting to text. Ctrl+U
Decrease the font size by 1 point. Ctrl+Left bracket ([)
Increase the font size by 1 point. Ctrl+Right bracket (])
Center the text. Ctrl+E
Align the text to the left. Ctrl+L
Align the text to the right. Ctrl+R
Cancel a command. Esc
Undo the previous action. Ctrl+Z
Redo the previous action, if possible. Ctrl+Y
Adjust the zoom magnification. Alt+W, Q, then use the Tab key in the Zoom dialog box to go to the value you want.
Split the document window. Ctrl+Alt+S
Remove the document window split. Alt+Shift+C or Ctrl+Alt+S

2. माइक्रोसाॅफ्ट एक्सेल

माइक्रोसाॅफ्ट एक्सेल एक पावरफुल स्प्रैडशीट प्रोग्राम है जो आपके डेटा को व्यवस्थित करने, कैलकुलेशन पूरी करने, निर्णय तक पहुँचने, ग्राफ, डेटा प्रोफेशन दिखाने वाली रिपोर्ट तैयार करने, व्यवस्थित डेटा को वेब पर पब्लिश करने की सुविधा देता है। माइक्रोसाॅफ्ट कम्पनी ने वर्ष 1985 में Mac OS के लिए, MS-Excel का प्रथम संस्करण बनाया था। वर्ष 1990 में यह MS-OFFICE पैकेज के साथ कम्बाइन्ड हो गया।

इसमें एक इलेक्ट्राॅनिक स्पै्रडशीट होती है, जिसका प्रयोग एकाउंटिंग उद्देश्य (Accounting Purpose) के लिए, गणितीय कार्यों में बजट बनाने तथा बिल बनाने में करते हैं। इसे वर्कशीट भी कहते हैं। इसके अलावा आप स्प्रैडशीट में दूसरे प्रोग्रामों द्वारा बनाए अथवा आयात (Import) किए गए फोटोग्राफ, ड्राइंग, क्लिपआर्ट, लोगो (Logo) आदि भी जोड़ सकते हैं। MS-Excel में स्प्रैडशीट या वर्क शीट बहुत से खानों या सैला (Cells) का एक समूह होता है, जिन्हें पंक्तियों (Lines) तथा काॅलमों (Columns) में व्यवस्थित किया जाता है।

पंक्तियों को क्रम संख्याओं 1, 2, 3....... से पहचानते हैं तथा काॅलमों को A, B, C, अक्षर से पहचानते हैं। MS-एक्सेल के अलावा कुछ अन्य स्प्रैडशीट, जैसे कि स्नोबाल (Snowball), Lotus 1-2-3, एप्पल नम्बर्स (Apple Numbers) आदि हैं।

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माइक्रोसाॅफ्ट एक्सेल के अवयव

नीचे दी गई छवि दर्शाती है कि एक्सेल स्प्रेडशीट कैसी दिखती है:

1. टाइटल बार (Title Bar)

यह माइक्रोसाॅफ्ट एक्सेल की विण्डो में सबसे ऊपर एक रिबन (पट्टी) होती हैं, जो फाइल के नाम तथा जिस साॅफ्टवेयर में फाइल खुली है उस साॅफ्टवेयर का नाम दिखाती है।

2. रिबन (Ribbon)

यह स्क्रीन पर टाइटल बार के नीचे एक पट्टी होती है। इसमें किसी कार्य को करने के लिए आदेशों का एक पैनल (Pannel Commands) होता है। इन आदेशों के पैनल को एक टैब के साथ जोड़ दिया जाता है। जब हम टैब पर क्लिक करते हैं। तो ये पैनल इसी रिबन पर दिखाई देते हैं। इस रिबन को छिपाया भी जा सकता है।

3. टैब (Tab)

MS-Excel में टाइटल बार के नीचे, मेन्यू बार होता है। इस मेन्यू बार में लगे हुए बटन को टैब कहते हैं, जेसे- होम टैब, इनसर्ट टैब, पेज ले आउट टैब, फार्मूला टैब, डेटा टैब, रिव्यू और व्यू टैब आदि। इन टैब्स के साथ कुछ सहायक कमाण्ड भी होती है। जिनका प्रयोग कार्य के दौरान कभी-कभी करना पड़ता है।

  1. होम टैब : इसमें क्लिपबोर्ड, फ़ॉन्ट, अलाइनमेंट, नंबर्स, स्टाइल्स , सेल्स और एडिटिंग जैसे विकल्प शामिल हैं।
  2. इनसर्ट टैब : इसमें टेबल, इलस्ट्रेशन, चार्ट्स(ग्राफ़, चार्ट), स्पार्कलाइन , समीकरण (Equation) और प्रतीक जैसे विकल्प शामिल हैं।
  3. पेज ले आउट टैब : पेज लेआउट विकल्प के अंतर्गत थीम, ओरिएंटेशन और पेज सेटअप विकल्प उपलब्ध हैं।
  4. फार्मूला टैब : चूँकि MS Excel में बड़ी मात्रा में डेटा वाली तालिकाएँ बनाई जा सकती हैं, इस सुविधा के तहत, आप अपनी तालिका में फंक्शन लाइब्रेरी से सूत्र (formula) जोड़ सकते हैं और त्वरित समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
  5. डेटा टैब : इस श्रेणी के अंतर्गत बाहरी डेटा (वेब से) जोड़ना, फ़िल्टरिंग विकल्प और डेटा टूल उपलब्ध हैं
  6. रिव्यू टैब : समीक्षा श्रेणी में एक्सेल शीट (वर्तनी जांच की तरह) के लिए प्रूफरीडिंग की जा सकती है और एक पाठक इस भाग में टिप्पणियाँ जोड़ सकता है।
  7. व्यू टैब : विभिन्न दृश्य जिनमें हम चाहते हैं कि स्प्रेडशीट प्रदर्शित हो, उन्हें यहां संपादित किया जा सकता है। इस श्रेणी के अंतर्गत ज़ूम इन और आउट तथा फलक व्यवस्था के विकल्प उपलब्ध हैं।

कुछ कमाण्डों का विवरण निम्नलिखित है-

  • क्लिपबोर्ड (Clip Board) क्लिपबोर्ड में किसी सैल को डेटा या टेक्स्ट को कट, काॅपी तथा पेस्ट करने के लिए कमाण्ड रहता है। कट या काॅपी किया हुआ क्लिपबोर्ड में स्टोर हो जाता है। जिसे आगे हम कहीं भी पेस्ट कर सकते हैं।
  • एलाइनमेन्ट (Alignment) इसका प्रयोग किसी सेल में टेक्स्ट के एलाइनमेन्ट को बदलने के लिए करते हैं। इसमें दो प्रकार के एलाइनमेन्ट होते हैं। उर्ध्‍वाधर एलाइनमेन्ट और क्षैतिज एलाइनमेन्ट। इसमें टेक्स्ट को इन्डेन्ट करने, तथा यदि टेक्स्ट सेल में भर जाए तो Cell में अगली लाइन से लिखने के लिए (Wrap Text) की सुविधा होती है। इसमें दो सैलो को मर्ज (Merge) करने तथा किसी टेक्स्ट को एक सेल में फिट करने की सुविधा भी होती है।
  • टेबल (Table) इसका प्रयोग, सेलों के समूह को टेबल की तरह परिभाषित करने के लिए होता है। ये टेबल डेटा को फिल्टर करने तथा उसे एक क्रम में रखने में उपयोगी होते हैं। इसके द्वारा पाइवोट टेबल (Pivote Table) या चार्ट भी बनाया जाता है। जो डेटा को व्यवस्थित करने तथा उसका सारांश प्रस्तुत करने में उपयोगी सिद्ध होता है।
  • फंक्शन लाइब्रेरी (Function Library) इनमें अनेक प्रकार के फंक्शन जैसे कि मैथेमेटिकल फंक्शन, लाॅजिकल फंक्शन तथा त्रिकोणमितीय फंक्शन होते हैं जो गणनाओं में प्रयोग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए SUM(), AND, IF, LOOKUP, AVG, DATE आदि लाइब्रेरी फंक्शन हैं।
  • मैक्रोस (Macros) इसका प्रयोग कार्यों के क्रम (Sequence of Actions) को परिभाषित करने के लिए किया जाता है। जब कार्यों का क्रम परिभाषित हो जाता है तो इसे एक डाॅक्यूमेन्ट या एक से अधिक डाॅक्यूमेन्ट पर बार-बार प्रयोग करके किसी विशेष कार्य को सम्पन्न करा सकते हैं।

4. स्टेटस बार (Status Bar)

विण्डो टास्कबार से ठीक ऊपर और स्क्रीन के बाॅटम में जो बार होती है। उसे स्टेटस बार कहते हैं। यह जो वर्कशीट करेन्ट टाइम में खुली रहती है। उसकी सूचना दिखाता है, जैसे कि पेज नम्बर, व्यू शाॅर्टकट, जूम स्लाइडर आदि।

5. फाॅमूला बार (Formula Bar)

यह रिबन के नीचे होता है। इसके दो भाग होते हैं। पहला नेम बाॅक्स (Name Box) जो किसी सेल के रिफरेंस को दिखाता है तथा दूसरा फार्मूला, जिसमें कुछ टाइप करते है। इसमें पहले से परिभाषित फाॅर्मूला होता है जिसका प्रयोग कैलकुलेशन में किया जाता है तथा एक्टिव सेल के कन्टेन्ट्स भी इसी में डिस्प्ले होते हैं।

एमएस एक्सेल शब्दावली

  1. सेल- सेल वर्कशीट में मौजूद एक आयताकार ब्लॉक/बॉक्स होता है। किसी भी प्रकार का डेटा जिसे उपयोगकर्ता वर्कशीट में दर्ज करना चाहता है उसे एक सेल में व्यवस्थित किया जाना चाहिए। सेल को रंग-कोडित किया जा सकता है, संचालन के आधार पर पाठ, संख्याएं और गणना के परिणाम दिखाए जा सकते हैं। एक सक्रिय सेल वर्तमान में संपादन के लिए एक ओपन-सेल है।
  2. कार्यपुस्तिका (Workbook)- कार्यपुस्तिका एक्सेल स्प्रेडशीट रिकॉर्ड से संबंधित है। इसमें वे सभी डेटा शामिल हैं जिन्हें सूचीबद्ध/सॉर्ट किया गया/गणना किया गया है। एक कार्यपुस्तिका जो नेटवर्क पर विभिन्न उपयोगकर्ताओं द्वारा देखने और संपादित करने के लिए उपलब्ध होती है, उसे साझा कार्यपुस्तिका (Shared Workbook) के रूप में पहचाना जाता है।
  3. वर्कशीट- वर्कबुक के अंदर हमें documents मिलते हैं जिन्हें वर्कशीट कहा जाता है। स्प्रेडशीट के रूप में भी पहचाने जाने वाले, एक उपयोगकर्ता के पास एक ही कार्यपुस्तिका में एकाधिक कार्यपत्रक हो सकते हैं।
  4. फॉर्मूला बार- फॉर्मूला बार एक सक्रिय सेल का डेटा प्रदर्शित करता है। फॉर्मूला के मामले में, फॉर्मूला बार सूत्र के सभी घटकों को प्रदर्शित करेगा।
  5. टूलबार- टूलबार जिसमें सेव, अनडू और रीडू आदि जैसे त्वरित शॉर्टकट होते हैं।
  6. चार्ट- एक ऑब्जेक्ट जो डेटा को दृश्य/ग्राफ़िक रूप से प्रदर्शित करती है।
  7. डेटा वैलिडेशन- एमएस एक्सेल की यह सुविधा गलत डेटा को वर्कशीट में डालने से रोकने में मदद करती है। डेटा सत्यापन दर्ज किए जाने वाले डेटा में स्थिरता और सटीकता में सहायता करता है।

महत्वपूर्ण तथ्य

फार्मूला (Formula) एक समीकरण (Equation) होता है, जिसका प्रयोग किसी सेल की वैल्यू को कैलकुलेट करने के लिए करते हैं। कोई भी फार्मूला = के बाद लिखते हैं।

सैल एड्रेस, पंक्तियों और काॅलमों के अक्षर और संख्याओं के प्रतिच्छेद (Intersection) को दर्शाता है, जैसे C5 का अर्थ काॅलम C और पंक्ति 5 है।

एक्सेल में उत्पन्न की गयी नयी वर्क बुक ( Office 2010 तक) में बाइ डिफाल्ट (By Default) तीन वर्कशीट होती थी। नये वर्जन में केवल 1 वर्कशीट होती है।

एमएस एक्सेल का फाइल फाॅर्मेट या एक्सटेंशन .xls या .xlsx होता है।

इलेक्ट्रेशन ग्रुप ((Illustration Group) के द्वारा पिक्चर्स, क्लिप आर्ट, शेप और स्मार्ट आर्ट इनसर्ट कराते हैं।

$ चिन्ह के द्वारा किसी सेल के लोकेशन को एक फिक्स्ड पोजीशन पर लाॅक करते हैं।

चार्ट विजार्ड (Chart wizard) का प्रयोग एम एस-एक्सल में चार्ट बनाने के लिए करते हैं।

एम्बेडेड (Embedded) चार्ट एक प्रकार का चार्ट होता है जो पहले से बनी हुई शीट पर खींचा जाता है।

एक वर्कशीट में 1,048,576 पंक्तियां और 16,384 काॅलम होते हैं।

वर्कशीट में कॉलम की चौड़ाई 255 अक्षर तक की होती है।

एक सेल में कुल वर्णों की संख्या 32,767 वर्ण हो सकती है।

प्रति सेल लाइन फीड की अधिकतम संख्या 253 हो सकती है।

ज़ूम रेंज10 प्रतिशत से 400 प्रतिशत हो सकती है।

फ़ाइल नाम की लंबाई अधिकतम 218 अक्षर हो सकती है इसमें फ़ाइल पथ शामिल है। उदाहरण के लिए, C:\Username\Documents\FileName.xlsx.

चार्टस (Charts)

एमएस एक्सेल में किसी वर्कशीट के डेटा के ग्राफिकल (Graphical) एवं पिक्टोरियल (Pictorial) प्रजेन्टेशन (Presentation) के लिए चार्ट का प्रयोग करते हैं।

एक्सेल चार्टों की यह विशेषता होती है कि जब भी आप उस डेटा में कोई परिवर्तन करते हैं। जिसस पर चार्ट आधारित है, जो सम्बन्धित चार्ट में वह परिवर्तन तत्काल कर दिया जाता है या ऐसा करने के लिए पूछा जाता है। चार्ट छः प्रकार के होते हैं।

  1. काॅलम चार्ट
  2. बार चार्ट
  3. लाइन चार्ट
  4. एरिया चार्ट
  5. पाई चार्ट
  6. XY या स्र्केटर चार्ट

शॉर्टकट

एक्सेल में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले शॉर्टकट

विवरण शाॅर्टकट
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3. माइक्रोसाॅफ्ट पावर पाॅइण्ट

पावर पाॅइण्ट एमएस-ऑफिस पैकेज के अन्तर्गत एक प्रस्तुतीकरण (Presentation) साॅफ्टवेयर है जिसे माइक्रोसाॅफ्ट कम्पनी ने विकसित किया था। पावर पाॅइन्ट प्रोग्राम, विभिन्न प्रकार के प्रजेन्टेशन को सरलता और शीघ्रता से तैयार करने, उन्हें सुधारने, छाँटने तथा प्रजेन्टेशन का अभ्यास करने में हमारी सहायता करता है।

पावर पाॅइण्ट के अवयव

1. स्लाइड (Slide)

प्रेजेन्टेशन के प्रत्येक पेज को स्लाइड कहते हैं। प्रेजेन्टेशन में आप स्लाइड बनाते हैं या उसमें सुधार करते हैं। प्रत्येक स्लाइड किसी विशेष बात को प्रस्तुत करने के लिए बनाई जाती है।

2. वक्ता नोट (Speaker's Notes)

ये ऐसी सूचनाएँ हैं जो वक्ता (Speaker) को प्रेजेन्टेशन के समय कुछ बातें याद दिलाने के लिए दी जाती है। ये सामान्यतः कागज पर छपे हुए साधारण वाक्य या सूचनाएँ होती हैं। प्रेजेन्टेशन के समय ये बातें स्लाइड पर दिखाई नहीं देती हैं।

3. प्रेजेन्टेशन फाइल (Presentation file)

किसी विशेष विषय पर प्रजेन्टेशन की सभी स्लाइडों को एक विशेष फाइल में रखा जाता है, जिसे प्रेजेन्टेशन फाइल कहते हैं। प्रेजेन्टेशन की इन फाइलों का एक्स्टेन्शन सामान्यतः .PPT होता है।

4. मास्टर स्लाइड (Master Slide)

यह ऐसी स्लाइड होती है, जिसमें ऐसी सूचनाएँ या सामग्री दी जाती है, जो प्रेजेन्टेशन की प्रत्येक स्लाइड में शामिल की जाती है।

पावर पाॅइण्ट व्यूज

पावर पाॅइण्ट में स्लाइडों में सूचनाएँ भरने, सम्पादित करने तथा उन्हें देखने की कई विधियाँ होती है, जिन्हें व्यू कहा जाता है। इनके द्वारा स्लाइडों में टेक्स्ट भरने, सम्पादित करने तथा उनकों सही क्रम देने में बहुत सहायता मिलती है। पावर पाॅइण्ट में निम्नलिखित व्यू होते हैं।

1. नार्मल व्यू

इस व्यू में आप पाॅइण्ट की स्लाइडों पर लगभग सभी क्रियाएँ कर सकते हैं। इसमें पाॅवर पाॅइण्ट की विण्डो को तीन भागों में बाँटकर दिखाया जाता है, जिन्हें पेन (Pane) कहते हैं। इसके बाएँ भाग को स्लाइड पेन (Slide pane) कहा जाता है। इसमें दो टैब होते हैं। Outline और Slides :

आउटलाइन (Outline) टैबशीट में आप प्रत्येक स्लाइड की Outline देख सकते हैं, जिसमें स्लाइड का शीर्षक और मुख्य बिन्दु शामिल होते हैं। इस टैबशीट में टेक्स्ट पर कार्य करना अर्थात् टेक्स्ट टाइप करना, सुधारना, पंक्तियों को व्यवस्थित करना आदि सरल होता है।

स्लाइड्स (Slides) टैबशीट में सभी स्लाइड छोटे आकार में दिखाई देती है। इसमें क्लिक करके आप किसी स्लाइड को बड़े आकार में देख सकते हैं। इस व्यू के दाएँ ऊपरी भाग में कोई चुनी हुई स्लाइड या वर्तमान स्लाइड अपनी सभी विशेषताओं के साथ बड़े आकार में दिखाई देती है। स्लाइड के इस भाग में चित्रों, रंगों आदि पर कार्य किया जाता है।

2. स्लाइड साॅर्टर व्यू (Slide Sorter View)

इस व्यू में आप प्रेजेन्टेशन की सभी स्लाइडों को एक साथ छोटे रूप में देख सकते हैं, जिसमें सभी टेक्स्ट तथा चित्र (Graphics) भी दिखाए जाते हैं। स्लाइड साॅर्टर व्यू में आप अपनी स्लाइडों को अपनी इच्छानुसार किसी भी क्रम में लगा सकते हैं।

3. स्लाइड शो व्यू

इस व्यू में पावर पाॅइण्ट के अन्य सभी तत्त्वों को गायब करके एक बार में केवल एक स्लाइड को पूरी स्क्रीन में उसके पूर्ण रूप में दिखाया जाता है। इस व्यू में स्लाइडों को एक-एक करके निर्धारित क्रम में उनके लिए तय किए गए सभी प्रभावों के साथ देखा जा सकता है। स्लाइड शो व्यू से बाहर निकलने के लिए कीबोर्ड से Esc कुंजी दबाएँ।

4. नोट्स पेज व्यू

इस दृश्य में, नोट्स पृष्ठ स्लाइड पृष्ठ के ठीक नीचे स्थित होता है। यहां, वर्तमान स्लाइड पर लागू होने वाले नोट्स टाइप किए जा सकते हैं। बाद में, वास्तविक प्रस्तुति देते समय इन नोट्स को मुद्रित और संदर्भित किया जा सकता है।

5. मास्टर व्यू

इस व्यू में स्लाइड व्यू, हैंडआउट व्यू और नोट्स व्यू शामिल हैं। ये मुख्य स्लाइड हैं जो पृष्ठभूमि रंग, फ़ॉन्ट प्रभाव, प्लेसहोल्डर आकार और स्थिति सहित प्रस्तुति के बारे में जानकारी संग्रहीत करती हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

यह प्रोग्राम रॉबर्ट गस्किन्स और डेनिस ऑस्टिन द्वारा फोरथॉट, इंक. नामक एक सॉफ्टवेयर कंपनी में बनाया गया था।

इसे 20 अप्रैल, 1987 को जारी किया गया था और इसके निर्माण के 3 महीने बाद, इसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था।

इस प्रोग्राम का पहला संस्करण, जब Microsoft द्वारा प्रस्तुत किया गया था, MS PowerPoint 2.0 (1990) था।

एमएस पाॅवर पाॅइण्ट में प्रेजेन्टेशन फाइल का फाॅर्मेट या एक्सटेंशन .PPT या .PPtx होता है।

एमएस पावर पाॅइण्ट को अधिकतम 400% तक जूम (Zoom) किया जा सकता है।

जब प्रेजेन्टेशन देते समय एक स्लाइड के बाद दूसरी स्लाइड आती है, तो उसके प्रकट होने के तरीके को स्लाइड ट्रांजिशन कहते हैं।

किसी स्लाइड के विभिन्न तत्त्वों का उस स्लाइड पर प्रकट होना या कोई हलचल या ध्वनि करना एनीमेशन प्रभाव कहलाता है।

शॉर्टकट

PowerPoint में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले शॉर्टकट -

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प्रस्तुतियों और स्लाइडों के साथ उपयोग किए जाने वाले शॉर्टकट

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4. माइक्रोसाॅफ्ट एक्सेस

माइक्रोसाॅफ्ट एक्सेस या माइक्रोसाॅफ्ट ऑफिस एक्सेस एक प्रकार का डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम है। इसे माइक्रोसाॅफ्ट कम्पनी में रिलेशनल माइक्रोसाॅफ्ट जेट डेटा बेस इंजन को ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस और साॅफ्टवेयर डेवलेपमेन्ट टूल्स के साथ कम्बाइन (Combine) करके बनाया है।

साॅफ्टवेयर डेवलपर्स, माइक्रोसाॅफ्ट एक्सेस का प्रयोग एप्लीकेशन साॅफ्टवेयर (Application Software) को डेवलप करने के लिए करते हैं। यह ऑफिस के अन्य अनुप्रयोगों (Applications) की तरह बेसिक फाॅर एप्लीकेशन ऑब्जेक्ट ओरियन्टेड प्रोग्रामिंग, एक्टिवएक्स (Activex) डेटा ऑब्जेक्ट और अन्य एक्टिवएक्स कम्पोनेन्ट्स को सपोर्ट करता है।

माइक्रोसाॅफ्ट एक्सेस के अवयव

एम एस एक्सेस के अन्दर चार मुख्य अवयव होते हैं-

1. सारणी (Table)

टेबल में काॅलमों और पंक्तियों के प्रतिच्छेद (Intersection) से सेल बनता है। टेबल बहुत सारी सेलों का संगठन होता है। इसका प्रयोग डेटा को व्यवस्थित रूप में स्टोर करने के लिए करते हैं। इसमें प्रत्येक रिकार्ड एक पंक्ति होती है तथा प्रत्येक फील्ड एक काॅलम होता है।

2. क्वैरीज (Queries)

किसी सारणी या डेटाबेस से कुछ शर्तों को पूरा करने वाला डेटा निकालने के लिए जो आदेश दिया जाता है उसे क्वैरी कहा जाता है। किसी क्वैरी के उत्तर में जो सूचनाएँ या रिकार्ड प्राप्त होता है उसे डायनासेट (Dynaset) कहा जाता है। एम एस एक्सेस में मुख्यतः पाँच प्रकार की क्वैरी होती हैं -

  1. सेलेक्ट क्वैरी (Select Query) किसी दिए हुए शर्त के अनुसार डेटा ढँूढने या चुनने के लिए सेलेक्ट क्वैरी का प्रयोग करते हैं।
  2. पैरामीटर क्वैरी (Parameter Query) पैरामीटर क्वैरी में पहले कुछ पैरामीटर दिया जाता है तथा उस पैरामीटर के आधार पर यह क्वैरी डेटा सर्च करता है। पैरामीटर देने के लिए इसमें एक डायलाॅग बाक्स होता है।
  3. क्राॅस टैब (Cross Tab) इस क्वैरी का प्रयोग सूचनाओं का सारांश काॅलमों तथा पंक्तियों में प्राप्त करने के लिए होता है।
  4. एक्शन क्वैरी (Action Query) इसके द्वारा आप दी हुई शर्तों के अधीन कार्य करते हैं, जैसे कुछ शर्तों के पूरा होने पर रिकार्ड को बदलना या हटाना आदि।
  5. SQL क्वैरी SQL Query यह एक प्रकार की एडवांस क्वैरी होती है जो SQL Statement के प्रयोग से तैयार की जाती है।

3. रिपोर्ट (Reports)

सरल शब्दों में कोई रिपोर्ट एक ऐसा डायनासेट होता है जिसे कागज पर छापा जा सकता है। आप किसी डायनासेट की सूचनाओं को किन्ही आधारों पर समूह बद्ध कर सकते हैं और विभिन्न योगों और अनुप्रयोगों के साथ भी छाप सकते हैं।

4. फार्म (Forms)

फार्म स्क्रीन पर एक ऐसी विण्डो होती है जिसकी सहायता से आप किसी सारणी (Table) में भरे गए डेटा को देख सकते हैं और नया डेटा जोड़ सकते हैं।

एम एस-एक्सेस के तत्त्व

एम एस एक्सेस में प्रत्येक कार्य के लिए निम्नलिखित तत्त्व होते हैं -

1. फील्ड नेम (Field Name)

यह एक लेबल होता है जो किसी विशेष फील्ड के बारे में बताता है कि इस फील्ड में किस प्रकार की सूचनाएँ या डेटा स्टोर कर सकते हैं। किसी टेबल में फील्ड का नाम अद्वितीय (Unique) होना चाहिए। इसे फील्ड आइडेन्टिटी (Field Identity) भी कह सकते हैं।

2. फील्ड टाइप/ डेटा टाइप (Field Type/Data Type)

ये बताता है कि फील्ड में किस प्रकार का डेटा स्टोर किया जा सकता है। डेटा केवल टेक्स्ट भी हो सकता है और केवल नम्बर भी हो सकता है या इन दोनों के संयोग (Combination) से भी डेटा बन सकता है।

इसमें विभिन्न प्रकार के डेटा टाइप होते हैं -

Data Type Usage Size
Short Text (formerly known as “Text”) Alphanumeric data (names, titles, etc.) Up to 255 characters.
Long Text (formerly known as “Memo” Large amounts of alphanumeric data: sentences and paragraphs. Up to about 1 gigabyte (GB), but controls to display a long text are limited to the first 64,000 characters.
Number Numeric data. 1, 2, 4, 8, or 16 bytes.
Large Number Numeric data. 8 bytes.
Date/Time Dates and times. 8 bytes.
Date/Time Extended Dates and times. Encoded string of 42 bytes
Currency Monetary data, stored with 4 decimal places of precision. 8 bytes.
AutoNumber Unique value generated by Access for each new record. 4 bytes (16 bytes for ReplicationID).
Yes/No Boolean (true/false) data; Access stores the numeric value zero (0) for false, and -1 for true. 1 byte.
OLE Object Pictures, graphs, or other ActiveX objects from another Windows-based application. Up to about 2 GB.
Hyperlink A link address to a document or file on the Internet, on an intranet, on a local area network (LAN), or on your local computer Up to 8,192 (each part of a Hyperlink data type can contain up to 2048 characters).
Attachment You can attach files such as pictures, documents, spreadsheets, or charts; each Attachment field can contain an unlimited number of attachments per record, up to the storage limit of the size of a database file. Note, the Attachment data type isn't available in MDB file formats. Up to about 2 GB.
Calculated You can create an expression that uses data from one or more fields. You can designate different result data types from the expression. Note, the Calculated data type isn't available in MDB file formats. Dependent on the data type of the Result Type property. Short Text data type result can have up to 243 characters. Long Text, Number, Yes/No, and Date/Time should match their respective data types.
Lookup Wizard The Lookup Wizard entry in the Data Type column in Design view is not actually a data type. When you choose this entry, a wizard starts to help you define either a simple or complex lookup field. A simple lookup field uses the contents of another table or a value list to validate the contents of a single value per row. A complex lookup field allows you to store multiple values of the same data type in each row. Dependent on the data type of the lookup field.

3. फील्ड लेन्थ ((Field length)

फील्ड लेन्थ ((Field length) का तात्पर्य है कि किसी फील्ड में अधिक से अधिक कितने कैरेक्टर स्टोर किए जा सकते हैं।

4. प्राइमरी की (Primary Key)

यह विशेष प्रकार की की (Key) होती है, जिसका प्रयोग किसी रिकार्ड को अद्वितीय रूप से पहचानने के लिए करते हैं। यदि किसी फील्ड को प्राइमरी की बना दिया गया है तो उस फील्ड को खाली नहीं छोड़ सकते हैं।

5. वेलिडेशन रूल (Validation Rule)

यह एक प्रकार की वैलिडिटी चेकिंग है। इसमें डेटा को फील्ड में भरने से पहले उसकी वैधता की जाँच होती है यदि डेटा की वैधता सही है तो डेटा फील्ड में भर जाता है अन्यथा त्रुटिसन्देश प्रिन्ट करता है।

6. एम एस एक्सेस व्यू (MS-Access View)

एम एस एक्सेस व्यू में दो प्रकार के व्यू होते हैं जिनका प्रयोग टेबल बनाने तथा उसके फील्ड (काॅलम) को सेट करने के लिए करते हैं।

डेटा शीट व्यू (Data Sheet View) इसका प्रयोग डेटा बेस में डेटा को दिखाने के लिए करते हैं यह डेटा बेस में डेटा को एण्टर करने तथा उसे एडिट (Edit) करने की अनुमति प्रदान करता है किन्तु इस व्यू में डेटा बेस को बदला नहीं जा सकता है। इस व्यू में काॅलम का नाम भी सेट कर सकते हैं और नए काॅलम को जोड़ भी सकते हैं।

डिजाइन व्यू (Design View) इस व्यू का प्रयोग किसी टेबल को डिजाइन करने तथा डिजाइन की गयी टेबल में परिवर्तन करने के लिए होता है। टेबल डिजाइन करने का तात्पर्य यह है कि टेबल में फील्ड का नाम तथा उसका डेटा टाइप सेट करना। इसके द्वारा हम टेबल में अनेक प्रकार की कीज (Keys) जैसे कि प्राइमरी की, कैन्डिडेट की आदि सेट करते हैं।

7. फिल्टरिंग डेटा (Filtering Data)

यह किसी विशेष फिल्टर क्राइटेरिया (Criteria) के आधार पर किसी टेबल से सिर्फ उन रिकार्डों को दिखाता है जो दी हुई क्राइटेरिया के अन्तर्गत आते हैं।

8. रिलेशनशिप (Relationship)

यह दो या दो से अधिक टेबल के बीच में अन्तर सम्बन्धों को बताता है। रिलेशनशिप को तीन भागों में बाँटा गया है। वन टू वन (One to One), वन टू मेनी (One to Many) और मेनी टू मेनी (Many to Many)।

9. एट्रीब्यूट्स (Attributes)

किसी रिकाॅर्ड की प्रोपर्टीज को एट्रीब्यूट्स (Attributes) कहते हैं। जिसके प्रयोग से हम किसी रिकार्ड को व्यवस्थित तरीके से पहचानते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

एम एस-एक्सेस का फाइल फार्मेट .accdb और .mdb होता है।

मेमो का प्रयोग बहुत बड़ी संख्या के टेक्स्ट को स्टोर कराने के लिए होता है लेकिन इसमें सिर्फ टेक्सचुअल (Textual) डेटा ही स्टोर कराते हैं।

OLE आब्जेक्ट, का पूर्ण रूप आब्जेक्ट लिंकिंग एण्ड एम्बेडिंग (Object Linking and Embedding) है। इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के आब्जेक्ट, जैसे कि वीडियो क्लिप, पिक्चर, वर्ड डाॅक्यूमेन्ट आदि को स्टोर कराने के लिए करते हैं।

शॉर्टकट

एक्सेस डेस्कटॉप डेटाबेस में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले शॉर्टकट

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Switch between Edit mode (with insertion point displayed) and Navigation mode in the Datasheet View or Design View. F2
Switch to the Form View from the form in the Design View. F5
Move to the next or previous field in the Datasheet View. Tab key or Shift+Tab
Go to a specific record in the Datasheet View. Alt+F5, then, in the record number box, type the record number and press Enter
Open the Print dialog box (for datasheets, forms, and reports). Ctrl+P
Open the Page Setup dialog box (for forms and reports). S
Open the Find tab in the Find and Replace dialog box in the Datasheet View or Form View. Ctrl+F
Open the Help window. F1
Exit Access. Alt+F4

5. माइक्रोसाॅफ्ट आउटलुक

माइक्रोसाॅफ्ट आउटलुक एक प्रकार का पर्सनल इनफाॅर्मेशन मैनेजर और ई-मेल कम्यूनिकेशन साॅफ्टवेयर हैं। इसे माइक्रोसाॅफ्ट कम्पनी ने बनाया था और एक एमएस-ऑफिस का एक साॅफ्टवेयर है। इसका मुख्य प्रयोग किसी को मेल भेजने के लिए करते हैं।

इसे ई-मेल क्लाइन्ट (Email Client) के नाम से भी जानते हैं। इसमें कैलेण्डर, टास्क मैनेजर, काॅन्टैक्ट मैनेजर, नोट मेकिंग (Note making), जर्नल (Journal) और वेब ब्राउजिंग (Web Browsing) की सुविधा भी उपलब्ध हैं। इसे स्टैण्ड अलोन एप्लीकेशन (Stand Alone Application) की तरह प्रयोग किया जा सकता है।

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