कंप्यूटर आर्किटेक्चर एक प्रोग्रामर द्वारा देखे गए कंप्यूटर सिस्टम के कार्यात्मक व्यवहार से संबंधित है। इसे इलेक्ट्रॉनिक घटकों वाले सिस्टम यूनिट की तार्किक संरचना के रूप में भी वर्णित किया जा सकता है। पहला कंप्यूटर आर्किटेक्चर 1970 में जॉन वॉन न्यूमैन द्वारा पेश किया गया था। कंप्यूटर आर्किटेक्चर हमें एक सिस्टम की कार्यप्रणाली को समझने में मदद करता है।
किसी भी कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए दो चीजों की जरूरत होती है - हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर
हार्डवेयर (Hardware) : कम्प्यूटर के कलपुर्जों को हार्डवेयर कहते हैं। हार्डवेयर कम्प्यूटर की भौतिक संरचना है। वस्तुतः वे सभी चिजें जिन्हें हम देख व छू सकते हैं, हार्डवेयर कहलाती हैं। जैसे- सिस्टम यूनिट, मॉनीटर, प्रिंटर, की-बोर्ड, माउस, मेमोरी डिवाइस, हार्ड डिस्क, प्रोसेसर आदि ।
सॉफ्टवेयर (Software) : हार्डवेयर कोई भी कार्य स्वयं संपादित नहीं कर सकता। किसी भी कार्य को संपादित करने के लिए हार्डवेयर को निर्देश दिया जाना आवश्यक है। इन निर्देशों के सेट को सॉफ्टवेयर कहा जाता है।
कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली को आमतौर पर पांच भागों में बांटा जाता है जो हर प्रकार के कम्प्यूटर के लिए आवश्यक है-
(i) इनपुट (Input) : कम्प्यूटर में डाटा तथा अनुदेशों (Data and Instructions) को डालने का कार्य-इनपुट कहलाता है। इसे इनपुट यूनिट द्वारा संपन्न किया जाता है।
(ii) भंडारण (Storage) : डाटा तथा अनुदेशों को मेमोरी यूनिट में स्टोर किया जाता है ताकि आवश्यकतानुसार उनका उपयोग किया जा सके। कम्प्यूटर द्वारा प्रोसेसिंग के पश्चात प्राप्त अंतरिम तथा अंतिम परिणामों (Intermediate and final results) को भी मेमोरी यूनिट में स्टोर किया जाता है।
(iii) प्रोसेसिंग (Processing) : इनपुट द्वारा प्राप्त डाटा पर अनुदेशों के अनुसार अंकगणितीय व तार्किक गणनाएं (Arthmatical and Logical Operations) कर उसे सूचना में बदला जाता है तथा वांछित कार्य संपन्न किए जाते है।
(iv) आउटपुट (Output) : कम्प्यूटर द्वारा प्रोसेसिंग के पश्चात सूचना या परिणामों को उपयोकर्ता के समक्ष प्रदर्शित करने का कार्य आउटपुट कहलाता है। इसे आउटपुट यूनिट द्वारा संपन्न किया जाता है।
(v) कंट्रोल (Control) : विभिन्न प्रक्रियाओं में प्रयुक्त उपकरणों, अनुदेशों और सूचनाओं को नियंत्रित करना और उनके बीच तालमेल स्थापित करना कंट्रोल कहलाता है।
कार्य पद्धति के आधार पर कम्प्यूटर के भागों को चार मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है-
1. इनपुट यूनिट (Input Unit) - ऐसी विद्युत यांत्रिक युक्तियाँ जिनके माध्यम से प्रयोगकर्ता डाटा, अनुदेशों को कम्प्यूटर के अन्दर प्रोसेसिंग के लिए डालता है, इनपुट डिवाइस कहलाता है। यह डिवाइस अनुदेशों को बाइनरी संकेतों (0, 1) में परिवर्तित करता है। यह परिवर्तन इनपुट इंटरफेस की मदद से संभव होता है। इनपुट डिवाइस : की-बोर्ड, माउस, लाइट पेन, ज्वायस्टिक, स्कैनर, बार कोड रीडर।
2. भंडारण यूनिट/ मेमोरी (Storage Unit /Memory) - यह कम्प्यूटर का वह भाग है जिसमें सभी डाटा और निर्देशों को संगृहित किया जाता है। यदि यह भाग न हो तो कम्प्यूटर को दिया गया डाटा और निर्देश तुरंत ही नष्ट हो जाएगा। इनपुट डिवाइस द्वारा प्राप्त डाटा एवं अनुदेश को अस्थायी या स्थायी रूप में मेमोरी में रखा जाता है। साथ ही प्रोसेसिंग के बाद प्राप्त अंतिम सूचना को भी मेमोरी में रखा जाता है। मेमोरी को दो भागों में बाँटा जा सकता है-
(i) प्राथमिक या मुख्य मेमोरी (Primary or Main Memory)
(ii) द्वितीयक या सहायक मेमोरी (Secondary or Auxiliary Memory)
3. सेन्ट्रल प्रॉसेसिंग यूनिट (CPU) - सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को अक्सर कंप्यूटर का दिमाग (brain) कहा जाता है। CPU को सिंगल इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) के रूप में बनाया गया है और इसे माइक्रोप्रोसेसर के रूप में भी जाना जाता है। इसमें रजिस्टरों, अंकगणितीय तर्क इकाई और नियंत्रण इकाई का एक सेट होता है। सीपीयू निर्देशों और इनपुट डेटा को मुख्य मेमोरी से रजिस्टरों में स्थानांतरित करता है। CPU स्टोर किए गए निर्देशों को क्रियान्वित करता है। जब आवश्यक हो, CPU आउटपुट डेटा को रजिस्टरों से मुख्य मेमोरी में स्थानांतरित करता है। एक CPU सभी आंतरिक और बाहरी उपकरणों को नियंत्रित करता है और अंकगणितीय और तार्किक संचालन करता है। CPU में निम्नलिखित मुख्य उप-प्रणालियाँ होती हैं।
Arithmetic Logic Unit (ALU) : ALU में इलेक्ट्रॉनिक सर्किटरी होती है जो उपलब्ध डेटा पर सभी अंकगणितीय और तार्किक संचालन करती है। ALU संसाधित किए जा रहे डेटा को होल्ड करने के लिए रजिस्टरों का उपयोग करता है। अधिकांश ALUS निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं -
Control Unit (CU) : CU कंप्यूटर के इनपुट और आउटपुट डिवाइस के साथ समन्वय करता है। यह ALU और रजिस्टरों के साथ संचार करके संग्रहीत प्रोग्राम निर्देशों को पूरा करने के लिए कंप्यूटर को निर्देशित करता है। यह डेटा और निर्देशों के प्रसंस्करण का आयोजन करता है। नियंत्रण इकाई का मूल कार्य मुख्य मेमोरी में संग्रहीत निर्देश प्राप्त करना, संचालन और उसमें शामिल उपकरणों की पहचान करना और तदनुसार नियंत्रण संकेत उत्पन्न करना है।
इनका उपयोग CPU द्वारा तुरंत उपयोग किए जा रहे डेटा और निर्देशों को जल्दी से स्वीकार करने, स्टोर करने और स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। ये रजिस्टर मेमोरी पदानुक्रम के शीर्ष पर हैं और सिस्टम के लिए डेटा में हेरफेर करने का सबसे तेज़ तरीका है। रजिस्टरों की संख्या और आकार प्रोसेसर-टू-प्रोसेसर से भिन्न होते हैं।
माइक्रोप्रोसेसर के उदाहरण : INTEL PENTIUM, INTEL CORE i3, AMD Athlon।
4. आउटपुट यूनिट (Output Unit) - उपयोगकर्त्ता, आउटपुट यूनिट के माध्यम से ही प्रोसेस किए गए परिणामों को प्राप्त करता है। आउटपुट डिवाइस आउटपुट इंटरफेस के द्वारा बाइनरी संकेतों को सामान्य संकेतों में बदल कर प्रदर्शित करता है। आउटपुट डिवाइस के उदाहरण : मॉनीटर, प्रिन्टर, स्पीकर आदि।
यह एक कंप्यूटर सिस्टम में नियंत्रक तत्व है और इसे कभी-कभी चिप के रूप में संदर्भित किया जाता है। माइक्रोप्रोसेसर मुख्य हार्डवेयर है जो कंप्यूटर को चलाता है। CPU की गति उपयोग किए गए माइक्रोप्रोसेसर के प्रकार पर निर्भर करती है। इंटेल 4004 इंटेल द्वारा 1971 में वैज्ञानिक टेड हॉफ और इंजीनियर फ्रेडेरिको फागिन द्वारा बनाया गया पहला माइक्रोप्रोसेसर था।
किसी भी कंप्यूटर में निहित मुख्य सर्किट बोर्ड को मदरबोर्ड कहा जाता है। इसे मुख्य बोर्ड या लॉजिक बोर्ड या सिस्टम बोर्ड या प्लानर बोर्ड के रूप में भी जाना जाता है।
कंप्यूटर सिस्टम के अन्य सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सर्किट इस बोर्ड से जुड़े होते हैं जैसे, ROM, RAM, एक्सपेंशन स्लॉट, PCI स्लॉट और USB पोर्ट। इसमें हार्ड ड्राइव, डीवीडी ड्राइव, कीबोर्ड और माउस जैसे उपकरणों के नियंत्रक भी शामिल हैं।
माइक्रोप्रोसेसर (CPU) द्वारा निर्देश लाने और निष्पादित करने के लिए आवश्यक चरणों को निर्देश चक्र (Instruction cycle) कहा जाता है। इसे fetch-decode-execute cycle या केवल fetch-execute cycle के रूप में भी जाना जाता है।
निर्देश चक्र (आईसी) = प्राप्त चक्र (Fetch cycle (FC)) + निष्पादन चक्र (Execution cycle (EC))
माइक्रोप्रोसेसर द्वारा मेमोरी या I/O उपकरणों तक पहुँचने के संचालन को पूरा करने के लिए आवश्यक समय को मशीन चक्र (Machine cycle) कहा जाता है।
मशीन चक्र में शामिल 4 चरण निम्न क्रम में हैं:
किसी भी निर्देश के निष्पादन में पहला चक्र एक op-code(Operation Code) फेच चक्र होता है। उसके बाद दिए गए निर्देश के आधार पर मेमोरी पठन/लेखन और I/O पठन/लेखन चक्र होते हैं।
प्रत्येक माइक्रोप्रोसेसर को इसके संचालन के लिए क्लॉक सिग्नल की आवश्यकता होती है। इस क्लॉक सिग्नल की समय अवधि को घड़ी चक्र (Clock cycle) कहा जाता है। यह माइक्रोप्रोसेसर के लिए सबसे छोटी समय इकाई है। एक प्रोसेसर की clock speed को हर्ट्ज़ में मापा जाता है, जो प्रति सेकंड Clock cycles की संख्या है।
Instruction cycle > Machine cycle > Clock cycle (time state)
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