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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कर्नाटक के दौरे पर हैं। राष्ट्रपति ने आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा बेंगलुरु में आयोजित 10वें अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी विकास के मौजूदा दौर में हमें सुनिश्चित करना होगा कि मानवीय मूल्य बरकरार रहें।
केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री, प्रोफ़ेसर एस.पी. सिंह बघेल ने 13 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में एक समारोह में 2024 "राज्यों में पंचायतों को हस्तांतरण की स्थिति - एक सांकेतिक साक्ष्य आधारित रैंकिंग" रिपोर्ट का अनावरण किया। यह रिपोर्ट, 73वें संवैधानिक संशोधन 1992 के प्रावधानों के अनुसार राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा अपने पंचायती राज संस्थानों को शक्तियों और संसाधनों के हस्तांतरण की स्थिति का आकलन करती है। 73वें संवैधानिक संशोधन 1992 द्वारा संविधान में 11वीं अनुसूची शामिल की गई और इसमें पंचायती राज संस्था की शक्तियों और कार्यों का उल्लेख किया गया है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार से अपेक्षा की गई थी कि वे उन्हें 11वीं अनुसूची के प्रावधानों के अनुसार अपने यहाँ स्थित पंचायती राज संस्थानों को शक्तियां प्रदान करेंगे । केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने 2005-06 में पंचायत सशक्तिकरण और जवाबदेही प्रोत्साहन योजना (पीईएआईएस) की शुरुआत की। राज्यों में पंचायतों को हस्तांतरण की स्थिति - एक सांकेतिक साक्ष्य आधारित रैंकिंग'' 2024 रिपोर्ट ,भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), नई दिल्ली द्वारा केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय के लिए तैयार की गई है। पहली रिपोर्ट 2006-07 में जारी की गई थी और इसे नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा तैयार किया गया था। रिपोर्ट में निम्नलिखित को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है:
हार्टफुलनेस लॉर्ड बुद्धा ट्राइनेशन ट्राई-सर्विसेज मोटरसाइकिल अभियान नेपाल, भारत और श्रीलंका को उनकी साझा बौद्ध विरासत के माध्यम से एक यात्रा में एकजुट करने वाली एक ऐतिहासिक और अनूठी पहल है। यह यात्रा 16 फरवरी 2025 को भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी, नेपाल से शुरू होगी, जो बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक प्रसार का प्रतीक है और इन देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करता है। यह अभियान नेपाल, भारत और श्रीलंका में महत्वपूर्ण बौद्ध विरासत स्थलों को कवर करेगा। अभियान का भारतीय अध्याय भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (गृह मंत्रालय के अधीन) और नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर (विदेश मंत्रालय के अधीन) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसमें रणनीतिक भागीदार के रूप में बिम्सटेक और मार्गदर्शक संस्थान के रूप में आईबीसी है। मार्ग में प्रमुख बौद्ध स्थल शामिल होंगे जैसे:
जन्मजात हृदय रोग जागरूकता दिवस पर, कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनियों सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने श्री सत्य साईं हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट (एसएसएसएचईटी) के साथ अलग-अलग समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, ताकि जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) से पीड़ित बच्चों के लिए जीवन रक्षक सर्जरी उपलब्ध कराई जा सके। यह समझौता ज्ञापन ‘नन्हा सा दिल’ पहल के तहत किया गया। 7 मार्च, 2024 को अपनी शुरुआत के बाद से, नन्हा सा दिल परियोजना ने सीएचडी सर्जरी के माध्यम से 250 से अधिक कीमती जान बचाई है। यह पहल अब सीसीएल, एनसीएल और एसईसीएल के माध्यम से अधिक राज्यों में लाभार्थियों को कवर करने के लिए विस्तारित हो रही है।
माननीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय और हस्तकला अकादमी, नई दिल्ली में इंडी हाट का उद्घाटन किया। इंडी हाट कार्यक्रम, जो 12 से 18 फरवरी, 2025 तक चलेगा, भारत की पारंपरिक कला को अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने के लिए बनाया गया है। इंडी हाट में भाग लेने वाले हस्तशिल्प कारीगर भारत के विभिन्न क्षेत्रों की विविध शिल्प परंपराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इंडी हाट में 80 विभिन्न प्रकार के हस्तनिर्मित और हाथ से बुने हुए उत्पादों का जीवंत प्रदर्शन किया गया है, जिन्हें देश भर के 85 कारीगरों और बुनकरों द्वारा तैयार किया गया है। उनके शिल्पों में गुलाबी मीनाकारी, तारकशी शिल्प, मिथिला पेंटिंग, काली मिट्टी के बर्तन, चंबा रूमाल, पंजाबी जूती, कलमकारी पेंटिंग, बिदरी शिल्प, बस्तर ढोकरा, गुजरात सूफ कढ़ाई, कच्छ अजरख हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग, आरणमुला धातु दर्पण और कई अन्य शामिल हैं। उनके द्वारा प्रदर्शित वस्त्रों में पैठणी साड़ियाँ, टसर रेशम साड़ियाँ, जामदानी साड़ियाँ, पश्मीना शॉल, मूगा रेशम साड़ियाँ, उपपाड़ा जामदानी, माहेश्वरी साड़ियाँ और हथकरघा योग मैट शामिल हैं, जो भारत की समृद्ध बुनकरी की विरासत को उजागर करते हैं।
काशी तमिल संगमम प्रयागराज महाकुंभ में उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों का साक्षी बनेगा। 16 फरवरी से 24 फरवरी के बीच दक्षिण भारत के अतिथि प्रयागराज महाकुंभ भी आएंगे। काशी तमिल संगमम का यह तीसरा संस्करण “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के उद्देश्य को आगे बढ़ाने में उपयोगी साबित होगा। प्राचीन भारत में शिक्षा और संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्रों वाराणसी और तमिलनाडु के बीच जीवंत संबंधों को पुनर्जीवित करने के क्रम में काशी तमिल संगमम का आयोजन किया जा रहा है। काशी तमिल संगमम का उद्देश्य एकता में विविधता को मजबूत करना है, विशेष रूप से काशी और तमिलनाडु के बीच संबंध को सुदृढ़ करना है। इस वर्ष काशी तमिल संगमम दो महत्वपूर्ण आयोजनों के साथ हो रहा है जो इसे और विशिष्ट बनाने जा रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक-आरबीआई ने न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक, मुम्बई पर कई प्रतिबंध लागू कर दिये। बैंक की संचालन संबंधी चिन्ताओं के बीच जारी किये गये इन प्रतिबंधों में जमाकर्ताओं को धनराशि निकालने पर पाबंदी भी शामिल है। ये प्रतिबंध बैंक का काजकाज समाप्त होने के समय से लागू हो गये हैं और अगले छह महीने तक लागू रहेंगे। इस अवधि के दौरान प्रतिबंधों पर पुनर्विचार भी किया जा सकता है। आरबीआई ने कहा है कि बैंक की मौजूदा नकदी प्रवाह की स्थिति को देखते हुए बैंक को निर्देश दिया गया है कि वह किसी जमाकर्ता को बचत या चालू खाते से राशि नहीं निकालने देगा। लेकिन बैंक को आरबीआई की शर्तों के अनुरूप ऋणों के समायोजन की अनुमति होगी।
2017 के बाद पहली बार हो रही चैंपियंस ट्रॉफी के विजेता को 19.45 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी। आईसीसी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। वहीं उप विजेता को 9.72 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। वहीं सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को 4.86 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। 2017 के संस्करण की तुलना में इस बार पुरस्कार राशि में 53 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। चैंपियंस ट्रॉफी में हर मैच मैच पुरस्कार राशि के तौर पर अहम होगा, जहां ग्रुप स्तर पर प्रति मैच जीतने वाली टीम को 29.54 लाख का पुरस्कार दिया जाएगा। पांचवें या छठे स्थान पर रहने वाली टीम को 3.03 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा। वहीं सातवें और आठवें स्थान पर रहने वाली टीमों को 1.21 करोड़ मिलेंगे। इसके अतिरिक्त, सभी आठ टीमों को आयोजन में भाग लेने के लिए प्रत्येक को 1.08 करोड़ अतिरिक्त मिलेंगे। 1996 के बाद पाकिस्तान पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है।
उत्तराखंड के हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन समारोह सम्पन्न हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। खेलों का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 जनवरी को देहरादून में किया था। पदक तालिका में तीनों सेनाओं की संयुक्त टीम ने 68 स्वर्ण सहित कुल 121 पदक जीतकर शीर्ष स्थान हासिल कर, राजा भालिंदर सिंह ट्रॉफी जीती।। महाराष्ट्र 54 स्वर्ण सहित 201 पदक लेकर दूसरे और हरियाणा 48 स्वर्ण सहित 153 पदक जीतकर तीसरे स्थान पर रहा। मध्यप्रदेश चौथे, कर्नाटक पांचवें और तमिलनाडु छठे स्थान पर रहा। 38वें ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर मौली था। मौली, एक मोनाल पक्षी है, जो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी भी है।
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