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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चैंप डे मार्स में मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन पुरस्कार से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं। प्रधानमंत्री ने सामुदायिक विकास परियोजनाओं के दूसरे चरण और मॉरीशस के नए संसद भवन के निर्माण के लिए सहयोग की घोषणा करते हुए मॉरीशस के विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मॉरीशस में 100 किलोमीटर लंबी पानी की पाइपलाइन के आधुनिकीकरण के लिए एक परियोजना शुरू की जाएगी। सामुदायिक विकास परियोजनाओं के दूसरे चरण में 500 मिलियन मॉरीशस रुपये की नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। मॉरीशस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मॉरीशस में गंगा तालाब में पूजा-अर्चना की तथा प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से लाये गए पवित्र जल का उसमें विसर्जन किया।
पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने मॉरीशस के रेडुइट में अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा एवं नवाचार संस्थान का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। भारत-मॉरीशस विकास साझेदारी के तहत कार्यान्वित यह ऐतिहासिक परियोजना मॉरीशस में क्षमता निर्माण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देती है। 2017 के एक समझौता ज्ञापन के अंतर्गत 4.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान से उपलब्ध धनराशि से अत्याधुनिक संस्थान मंत्रालयों, सार्वजनिक कार्यालयों, अर्ध-सरकारी निकायों और सरकारी उद्यमों में मॉरीशस के सिविल सेवकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करेगा। प्रशिक्षण के अलावा, संस्थान लोक प्रशासन में उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में काम करेगा, अनुसंधान, शासन अध्ययन और भारत के साथ संस्थागत संबंधों को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मॉरीशस के समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम की उपस्थिति में बुधवार को आठ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। ये अपराध जांच, समुद्री यातायात निगरानी, बुनियादी ढांचा कूटनीति, वाणिज्य, क्षमता निर्माण, वित्त और महासागर अर्थव्यवस्था सहित कई क्षेत्रों से संबंधित हैं।
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसे यूनेस्को विश्व धरोहर की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है। यह राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ का पहला स्थल है जिसे यह मान्यता मिली है। गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इस अनोखे जंगल को वैश्विक पहचान दिलाने की योजना बनाई थी। कांगेर घाटी सिर्फ एक जंगल नहीं, बल्कि एक रहस्यमयी दुनिया है। यहां 15 से अधिक चूना पत्थर की गुफाएं हैं, जिनमें कोटमसर, कैलाश और दंडक गुफाएं प्रमुख हैं। ये गुफाएं न केवल प्राकृतिक अजूबे हैं, बल्कि ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से भी बेहद खास हैं। यह जंगल ऊदबिलाव, माउस डियर, विशाल गिलहरी, लेथिस सॉफ्टशेल कछुआ और जंगली भेड़िया जैसे कई दुर्लभ जीवों का भी घर है। यहां 200 से ज्यादा पक्षी प्रजातियां उड़ती नजर आती हैं, और 900 से अधिक प्रकार के पेड़-पौधे इस जंगल को खास बनाते हैं। इतना ही नहीं, 140 से अधिक तितलियों की प्रजातियां इस जंगल की खूबसूरती को और बढ़ाती हैं। हाल ही में, बस्तर के धुड़मारस गांव को UNWTO के “बेस्ट टूरिस्ट विलेज” कार्यक्रम में शामिल किया गया था, जिससे इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
यूनेस्को ने मध्य प्रदेश के चार ऐतिहासिक धरोहरों को टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया है. इससे इन धरोहरों को वैश्विक पहचान मिली है और दुनिया भर से पर्यटक यहां आ सकेंगे। इन धरोहरों में सम्राट अशोक के शिलालेख, चौसठ योगिनी मंदिर, गुप्तकालीन मंदिर और बुंदेला शासकों के महल और किले शामिल हैं। मध्य प्रदेश में यूनेस्को द्वारा घोषित धरोहरों की संख्या अब 18 हो गई है, जिनमें से 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में हैं। पिछले साल भी यूनेस्को ने राज्य के 6 धरोहर स्थलों ग्वालियर किला, बुरहानपुर का खूनी भंडारा, चंबल घाटी के शैल कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, मंडला स्थित रामनगर का गोंड स्मारक और धमनार के ऐतिहासिक समूह को टेंटेटिव सूची में शामिल किया था। सम्राट अशोक के शिलालेख 2200 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। इन शिलालेखों में अशोक के संदेश लिखे हैं। ये संदेश बौद्ध धर्म, शासन और नैतिकता से जुड़े हैं। मध्य प्रदेश में सांची, जबलपुर, दतिया और सीहोर में अशोक के शिलालेख हैं। चौसठ योगिनी मंदिर 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच बने थे। ये मंदिर तांत्रिक परंपराओं से जुड़े हैं। इन मंदिरों की बनावट गोलाकार है और ये खुले आकाश के नीचे बने हैं। इनकी शिल्पकला और आध्यात्मिक महत्व देखने लायक है। खजुराहो, मितावली (मुरैना), जबलपुर, बदोह (जबलपुर), हिंगलाजगढ़ (मंदसौर), शहडोल और नरेसर (मुरैना) में चौसठ योगिनी मंदिर हैं। गुप्तकालीन मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण हैं। इन मंदिरों में उत्कृष्ट नक्काशी और कलात्मक सौंदर्य दिखाई देता है। मध्य प्रदेश में सांची, उदयगिरि (विदिशा), नचना (पन्ना), तिगवा (कटनी), भूमरा (सतना), सकोर (दमोह), देवरी (सागर) और पवाया (ग्वालियर) में गुप्तकालीन मंदिर हैं। बुंदेला शासकों के किले-महल राजपूत और मुगल स्थापत्य कला का मिश्रण हैं। ये किले-महल बुंदेलों की शिल्पकला, सैन्य कुशलता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को दर्शाते हैं। गढ़कुंडार किला, राजा महल, जहांगीर महल, दतिया महल और धुबेला महल इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
11 मार्च 2025 को IQAir द्वारा जारी 7वीं वार्षिक विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 में भारत को दुनिया का 5वां सबसे प्रदूषित देश बताया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के आधार पर दुनिया में वायु प्रदूषण के स्तर पर नज़र रखने वाली इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत के हैं। असम की सीमा पर स्थित मेघालय का बर्नीहाट शहर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है। विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट स्विटजरलैंड स्थित वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी, IQAir द्वारा जारी की जाती है। पहली विश्व गुणवत्ता रिपोर्ट 2018 IQAir द्वारा 2019 में जारी की गई थी। वार्षिक रिपोर्ट बनाने के लिए कंपनी दुनिया भर के वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के आंकड़े का उपयोग करता है। 2024 की रिपोर्ट में, IQAir ने 138 देशों के 8954 स्थानों में 40,000 से अधिक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के वायु गुणवत्ता आंकड़े का उपयोग किया है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) ने तिरुपति में अपने 10वें क्षेत्रीय केंद्र का शुभारम्भ किया।भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कला संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आईजीएनसीए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है, जिसका उद्देश्य भारतीय कला, संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है। आईजीएनसीए और राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति के सहयोग से स्थापित यह केंद्र भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और प्रचारित करने के लिए विभिन्न शोध, अध्ययन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति के परिसर में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रख्यात नृत्य गुरु और आईजीएनसीए की ट्रस्टी ‘पद्म विभूषण’ डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम थीं।
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन-नासा ने महत्वपूर्ण मिशन के लिए एक स्पेस टेलीस्कोप SPHEREx लांच किया। यह टेलीस्कोप कैलिफॉर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से रवाना किया गया जो अद्वतीय जानकारी के साथ आकाश का मानचित्र बनाने का कार्य करेगा। SPHEREx, पृथ्वी से 400 मील ऊपर की कक्षा में स्थापित होगा जो चक्कर लगाते हुए करोड़ों आकाशगंगाओं का अध्ययन करने के लिए इन्फ्रारेड तकनीक से आकाश में जानकारी जुटाएगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस मिशन के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आएंगी जिसमें अरबों वर्षों में आकाशगंगाएँ कैसे बनीं और विकसित हुईं तथा बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड के तेजी से विस्तार के बारे में जानकारी शामिल है। नासा के हबल और वेब टेलीस्कोप के विपरीत जो आकाशगंगाओं की विस्तृत तस्वीरें लेते हैं, SPHEREx सभी आकाशगंगाओं से कुल ब्रह्मांडीय किरणों का मानचित्रण करेगा। SPHEREx की विस्तृत दृश्य तकनीक इसे हर छह महीने में एक पूर्ण आकाश मानचित्र बनाने की अनुमति देती है, जिसमें दो वर्षों में चार पूर्ण सर्वेक्षणों की योजना बनाई गई है। यह टेलीस्कोप हमारी आकाशगंगा के बर्फीले बादलों में पानी और जीवन के अन्य निर्माण खंडों की भी खोज करेगा, जहां नए सौर मंडल बन रहे हैं। रॉकेट से सूर्य का अध्ययन करने के लिए चार सूटकेस के आकार के उपग्रह भी लांच किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने दो हजार नौ सौ छह करोड़ रुपये की लागत से ट्रांसपोर्टेबल रडार, अश्विनी की खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, गाजियाबाद के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इस रडार को भारत की हवाई निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने डिजाइन और विकसित किया है। 2,906 करोड़ रुपए की लागत वाला यह रडार सिस्टम नए जमाने के आधुनिक लड़ाकू जहाजों का पता लगाने में सक्षम है।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) और दलाई लामा की सार्वभौमिक जिम्मेदारी के लिए फाउंडेशन ने हाल ही में नई दिल्ली में बोधिपथ फिल्म महोत्सव की मेजबानी की, जो सिनेमा और आध्यात्मिकता का एक अनूठा संगम है। इस महोत्सव में बुद्ध धम्म के सार को समेटे हुए फिल्में दिखाई गईं, जो दर्शकों को बोद्ध शिक्षाओं और समकालीन जीवन में उनकी प्रासंगिकता के बारे में गहन अंतदृष्टि से प्रेरित करती हैं। अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की ओर से 10-11 मार्च 2025 को आयोजित ‘बोधिपथ फिल्म महोत्सव’ के पहले संस्करण में चार पैनल चर्चाएं भी हुईं, जिसमें विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों ने भाग लिया। उनमें शिक्षाविदों से लेकर फिल्म निर्माता और निर्देशकों से लेकर सोशल मीडिया के प्रभावशाली व्यक्तित्व और अभिनेता तक शामिल हुए।
15वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में हॉकी झारखंड ने रोमांचक मुकाबले में गत विजेता हॉकी हरियाणा को 4-3 से हराकर खिताब अपने नाम किया। निर्धारित समय तक मैच 1-1 की बराबरी पर रहा, जिसके बाद पेनल्टी शूटआउट में झारखंड ने जीत दर्ज की। हॉकी झारखंड के लिए प्रमोदनी लकड़ा (44′) ने गोल किया, जबकि हॉकी हरियाणा की कप्तान रानी (42′) ने अपनी टीम के लिए गोल किया। तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में हॉकी मिजोरम ने हॉकी महाराष्ट्र को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया।
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