इंदौर और उदयपुर रामसर अभिसमय के तहत आर्द्रभूमि शहर (वेटलैंड सिटी) के रूप में मान्यता प्राप्त करने वाले पहले दो भारतीय शहर बन गए हैं। वेटलैंड सिटी मान्यता उन शहरों को मान्यता देती है जो अपने प्राकृतिक और मानव निर्मित वेटलैंड्स के संरक्षण को प्राथमिकता देते हैं। वेटलैंड सिटी मान्यता पर सलाहकार समिति ने इंदौर और उदयपुर सहित 31 नए शहरों को मान्यता प्रदान की, जिससे मान्यता प्राप्त वैश्विक शहरों की संख्या 74 हो गई। वेटलैंड सिटी प्रमाणन (WCA) एक स्वैच्छिक मान्यता प्रणाली है, जिसे रामसर अभिसमय द्वारा 12 अनुबंध पक्षों के सम्मेलन (COP) 2015 के दौरान स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य उन शहरों को मान्यता देना है जिन्होंने अपने शहरी आर्द्रभूमि की सुरक्षा के लिये असाधारण कदम उठाए हैं। WCA 6 वर्षों के लिये मान्य होता है।
जैक्सन ग्रीन (भारत) और ब्लूलीफ एनर्जी (सिंगापुर) ने राजस्थान में 1 गीगावाट के सौर परियोजनाओं के विकास के लिये साझेदारी की है, जिसमें 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर (3,400 करोड़ रुपये) का निवेश किया जाएगा। 1 गीगावाट पोर्टफोलियो में ऋण और इक्विटी के माध्यम से वित्तपोषित तीन सौर परियोजनाएँ शामिल हैं। परियोजनाओं में अंतरराज्यीय (InSTS) और अंतरराज्यीय (ISTS) ट्रांसमिशन प्रणाली परियोजनाएँ शामिल हैं। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RUVNL), भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) और राष्ट्रीय जलविद्युत निगम लिमिटेड (NHPC) लिमिटेड से बोली के माध्यम से 25-वर्षीय विद्युत क्रय समझौते (PPA) प्राप्त किये गए। तीनों सौर परियोजनाओं के 2025-2026 के दौरान क्रमशः शुरू होने की संभावना है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों को नए Ph.D. छात्रों को प्रवेश देने से रोक दिया है। यह कार्रवाई फर्जी और पिछली तारीख की डिग्री जारी करने के आरोपों की जाँच के बाद की गई है। जिन संस्थानों पर नए Ph.D. छात्रों को दाखिला देने पर रोक लगाई गई है, वे हैं OPJS विश्वविद्यालय, चूरू, सनराइज विश्वविद्यालय, अलवर और सिंघानिया विश्वविद्यालय, झुंझुनू। UGC द्वारा नियुक्त एक स्थायी समिति ने पाया है कि तीनों विश्वविद्यालयों ने UGC Ph.D. विनियमों और Ph.D. डिग्री प्रदान करने के शैक्षणिक मानदंडों के प्रावधानों का पालन नहीं किया।
राजस्थान के कृषि उत्कृष्टता केंद्र, राज्य की जलवायु के अनुकूल देशी वृक्षों के रोपण को बढ़ावा देने के लिये तमिलनाडु के नर्सरी मॉडल का अध्ययन करेंगे। ये केंद्र किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों और उन्नत बागवानी उत्पादन तकनीकों का सक्रिय रूप से प्रशिक्षण देते हैं। तमिलनाडु का नर्सरी मॉडल, जो ग्रीन तमिलनाडु मिशन का हिस्सा है, देशी पेड़-पौधे लगाने को बढ़ावा देता है। यह पहल लोगों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से नजदीकी नर्सरियों से उच्च गुणवत्ता वाले पौधे खरीदने में सक्षम बनाती है। यह मॉडल पर्यावरणीय स्थिरता का समर्थन करता है और पूरे राज्य में वनरोपण प्रयासों को बढ़ाता है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने उदयपुर में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के चिंतन शिविर का उद्घाटन किया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) 10 से 12 जनवरी, 2025 तक राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन कर रहा है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश भर में महिलाओं और बच्चों के विकास और कल्याण में बाधा डालने वाली चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी और उनके लिये सर्वोत्तम समाधान निकाले जाएँगे।
राजस्थान में प्रस्तावित नदी-जोड़ो परियोजना, जिसका उद्देश्य राज्य में बढ़ती जल कमी को दूर करना है, ने इसके संभावित पर्यावरणीय प्रभाव पर महत्त्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। इस नहर परियोजना से चंबल नदी बेसिन के अधिशेष जल को राजस्थान के 23 ज़िलों में सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिये उपलब्ध कराए जाने की संभावना है, जिससे 3.45 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। यह नदी जोड़ो परियोजना रणथंभौर टाइगर रिज़र्व के लगभग 37 वर्ग किलोमीटर के संभावित जलमग्न क्षेत्र पर आधारित है। यह जलमग्नता पार्वती-कालीसिंध-चंबल-पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) के तहत प्रस्तावित सबसे बड़े बाँध के कारण होगी, जो महत्वाकांक्षी नदियों को जोड़ने (ILR) कार्यक्रम का हिस्सा है। राजस्थान में PKC-ERCP परियोजना में कुल 408.86 वर्ग किलोमीटर डूब क्षेत्र शामिल है। इसमें से 227 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र चंबल की सहायक नदी बनास पर प्रस्तावित बाँध के जलाशय के नीचे डूब जाएगा। यह बाँध 39 मीटर ऊँचा और 1.6 किमी. लंबा बनाया जाएगा, जो सवाई माधोपुर से लगभग 30 किमी. दूर डूंगरी गाँव के पास स्थित होगा। रणथंभौर तीसरा बाघ अभयारण्य है, जो आगामी जलाशयों के कारण भूमि के नुकसान का सामना कर रहा है। परियोजना विवरण से पता चलता है कि 37.03 वर्ग किमी. क्षेत्र रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान (392 वर्ग किमी.) और केलादेवी वन्यजीव अभयारण्य (674 वर्ग किमी.) का है, जो दोनों रणथंभौर बाघ अभयारण्य (1,113 वर्ग किमी.) का हिस्सा हैं, जहाँ वर्तमान में 57 बाघ हैं।
लोकायुक्त, प्रताप कृष्ण लोहरा ने दिनांक 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक की अवधि का 36 वां वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल हरिभाऊ बागडे को प्रस्तुत किया। जस्टिस लोहरा के कार्यकाल का यह चौथा वार्षिक प्रतिवेदन है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह:- 1 से 31 जनवरी 2025
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह-2025 के दौरान समस्त हितधारक विभागों, विभिन्न संस्थाओं एवं आमजन की सहभागिता से सड़क सुरक्षा संबंधी गतिविधियां और कार्यक्रम जारी हैं।
यह अभियान जल संचयन में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए “कैच द रेन“ से प्रेरित है।
गत अक्टूबर माह में सूरत में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने 'कर्मभूमि से जन्मभूमि-जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन' कार्यक्रम की रूपरेखा रखी थी।
इस अभियान के तहत जन सहयोग से, राजस्थान में वाटर रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
शुरुआती स्तर पर इस अभियान के अंतर्गत सिरोही, पाली, जोधपुर, भीलवाड़ा, झुंझुनूं और जयपुर जिलों में कार्य प्रारम्भ किए गए हैं।
यातायात नियमों की पालना सुनिश्चित करने, सड़क हादसों में कमी लाने एवं जन-जन को सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरुक करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जयपुर परवाह (केयर) अभियान का संचालन किया जा रहा है।
हाल ही राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने सावित्रीबाई फुले जयंती (3 जनवरी) के अवसर पर ग्राम पंचायत कार्यालय सावंगी में सावित्रीबाई फुले अभ्यास केंद्रों का लोकार्पण किया।
3 जनवरी 2025 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में गरीब एवं वंचित वर्ग की गर्भवती महिलाओं के उचित पोषण एवं स्वास्थ्य सुरक्षा के उद्देश्य से संचालित ‘‘सुपोषित मां’’ अभियान के तीसरे चरण का शुभारम्भ किया।
उल्लेखनीय है कि ओम बिरला ने वर्ष 2020 में सुपोषित मां अभियान की शुरुआत की थी।
परिवर्तित बजट घोषणा:- 2024-25
जारी:- 5 जनवरी 2025
विभाग:- सूचना एवं जनसंपर्क विभाग
राजस्थान सरकार ने पहली बार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए नव प्रसारक नीति जारी की है।
इस नीति के तहत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स (नव प्रसारकों) को दो श्रेणियों में बांटा गया है:-
1. श्रेणी ए:- जिनके 1 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स और फॉलोअर्स है।
इन्हें प्रतिमाह ₹25,000 मिलेंगे
2. श्रेणी बी:- जिनके 7000 से लेकर 1लाख तक सब्सक्राइबर्स और फॉलोअर्स है।
इन्हें प्रतिमाह ₹15,000 मिलेंगे
बीच माह में छोड़ने वालों को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
जिला स्तर पर दोनों श्रेणी में एक-एक नव प्रसारक और संभाग स्तर पर श्रेणी ए में दो एवं श्रेणी बी में एक नव प्रसारक का चयन किया जाएगा।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी इन नव प्रसारकों के मेंटर के रूप में इनके कार्य की निगरानी करेंगे।
विभाग इन नव प्रसारकों को कंटेंट क्रिएशन का कौशल हासिल करने में मदद करेंगे
नव प्रसारक फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब में से अपने कम से कम दो सोशल मीडिया अकाउंट्स पर राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और निर्णयों से संबंधित एक पोस्ट प्रतिदिन अपलोड करेंगे।
साथ ही, सरकार के विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल्स की पोस्ट्स को प्रतिदिन शेयर अथवा री-पोस्ट कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे।
भीलवाड़ा की हमीरगढ़ हवाई पट्टी को विकसित करते हुए फ्लाइंग स्कूल खोला जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने जरूरी स्वीकृतियां दे दी हैं। प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा में भी फ्लाइंग स्कूल खोलने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।
राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे जी ने छत्रपति संभाजी नगर में राष्ट्रीय दिनदर्शिका प्रसार मंच द्वारा प्रसारित राष्ट्रीय सौर दिनदर्शिका कैलेंडर का लोकार्पण किया तथा छत्रपति शिवाजी नगर लायंस क्लब में पैथोलॉजी लैब का उद्घाटन किया।
इस दौरान 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए।
निवेश सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित प्रस्तावों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की देखरेख में 3 स्तरीय निगरानी संरचना तैयार की गई हैं।
1. ए श्रेणी में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश एमओयू के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में की जाएगी।
2. बी श्रेणी में 100 करोड़ रुपये से लेकर 1000 करोड़ रुपये तक के निवेश एमओयू के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में की जाएगी।
3. सी श्रेणी:- 100 करोड़ रुपये से कम के निवेश एमओयू के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों के लिए राजस्थान फाउंडेशन के 14 नए अध्यायों को क्रियाशील करने और 12 मौजूदा अध्यायों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए, 14 नए स्थापित अध्यायों में पांच घरेलू अध्याय शामिल हैं,
5 नए घरेलू चैप्टर:- भुवनेश्वर, दिल्ली, पुणे, रांची और गुवाहाटी
9 नए अंतर्राष्ट्रीय चैप्टर:- दुबई (यूएई), म्यूनिख (जर्मनी), रियाद (सऊदी अरब), टोक्यो (जापान), सिंगापुर, दोहा (कतर), मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया), नैरोबी (केन्या) और कंपाला (युगांडा)
हाल ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जोधपुर में पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव का शुभारंभ किया।
प्रदेश में हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए जयपुर में पीएम यूनिटी मॉल की स्थापना की जाएगी।
साथ ही, प्रदेश में हस्तशिल्प, हैंडलूम और MSME के 50 नए क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
जयपुर में 14 जनवरी को मकर संक्रान्ति के अवसर पर पतंगों की डोर से घायल परिन्दों को बचाने के लिए आपरेशन फ्री स्काई अभियान चलाया जाएगा।
हाल ही वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने भीलवाड़ा में अपना संस्थान एवं नगर निगम, भीलवाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में 10 जनवरी से 14 जनवरी तक स्थानीय चित्रकूट धाम अवधपुरी में आयोजित हरित संगम 2025 स्वच्छता पर्यावरण मेले का उदघाटन किया।
प्रवासी राजस्थानी डॉ. रामनिवास को भुवनेश्वर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।
डॉ. रामनिवास ने राजस्थान में अपनी शिक्षा प्राप्त की है और वर्तमान में म्यांमार में भिक्षुओं को संस्कृत पढ़ा रहे हैं।
हाल ही उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने जोधपुर (Jodhpur) के मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर ऑडिटोरियम में भारतीय राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ, राजस्थान के 63वां वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ किया।
संस्करण:- 10वां
किशनगढ़ (अजमेर) में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टोन्स और रीको द्वारा आयोजित।
राजस्थान के औद्योगिक परिदृश्य को बढ़ावा देने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने एक समर्पित पेट्रोज़ोन की स्थापना के लिये भूमि आवंटन को मंज़ूरी दे दी है। इस रणनीतिक निर्णय का उद्देश्य क्षेत्र में पर्याप्त निवेश आकर्षित करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। राजस्थान पेट्रोज़ोन और नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिये राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (RIICO) को भूमि आवंटन, सौर ऊर्जा परियोजना के लिये राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड को भूमि आवंटन तथा चंबल नदी पर आधारित वृहद पेयजल योजना के लिये भूमि आवंटन को मंज़ूरी दी गई है। प्रस्तावित पेट्रोज़ोन में विभिन्न पेट्रोकेमिकल उद्योग स्थापित होने की आशा है, जिससे विनिर्माण और प्रसंस्करण गतिविधियों के लिये एक केंद्र का निर्माण होगा।
हाल ही में राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में एक दुर्लभ और अनोखा मांसाहारी पौधा 'यूट्रीकुलेरिया' खोजा गया है। सामान्यतः ब्लैडरवॉर्ट्स के नाम से जाना जाने वाला यह पौधा आमतौर पर मेघालय और दार्जिलिंग जैसे क्षेत्रों में पाया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि उद्यान में ब्लैडरवॉर्ट की उपस्थिति जैव विविधता को बढ़ाती है और केवलादेव के पारिस्थितिकी तंत्र में सकारात्मक योगदान देती है। यूट्रीकुलेरिया छोटे कीटों को पकड़कर पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में इसे आखिरी बार 36 वर्ष के अंतराल के बाद वर्ष 2021 में उत्तराखंड के चमोली की मंडल घाटी में खोजा गया था। यह पौधा अपने मूत्राशय जैसे जाल में प्रोटोजोआ, कीट, लार्वा, मच्छर और टैडपोल जैसे जीवों को फँसा लेता है।
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