राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विभिन्न राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति की है। महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरिभाऊ किसनराव बागड़े को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। त्रिपुरा के पूर्व उप मुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा तेलंगाना के राज्यपाल होंगे। राजस्थान से पूर्व राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर को सिक्किम और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया है। असम से पूर्व लोकसभा सांसद रामेन डेका को छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के पूर्व मंत्री सी.एच. विजय शंकर को मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है। झारखंड के वर्तमान राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल होंगे। असम के वर्तमान राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को पंजाब का राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का प्रशासक नियुक्त किया गया है। सिक्किम के वर्तमान राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। उन्हें मणिपुर के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी के. कैलाशनाथन को पुद्दुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है।
सेना के अग्निवीरों को राजस्थान में भी आरक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कारगिल विजय दिवस रजत जयंती के अवसर पर इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि सेना के अग्निवीरों को राजस्थान पुलिस, वनरक्षक और जेल प्रहरी की भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की घाेषणा के बाद अब जल्द ही यह भी तय होगा कि इन भर्तियों में कितना प्रतिशत आरक्षण अग्निवीरों को मिलेगा। कारगिल विजय दिवस पर पांच राज्यों की भाजपा सरकारों ने अग्निवीरों को नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है। राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में पुलिस सेवा और पीएसी, मध्यप्रदेश में पुलिस और सशस्त्र बल, छत्तीसगढ़ में पुलिस और वनरक्षक भर्ती, ओडिशा में पुलिस भर्ती और उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। सरकार ने 2022 में अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में चार साल के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। चार साल में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। चार साल बाद अग्निवीरों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। इसी मेरिट के आधार पर 25 फीसदी अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा।
29 जुलाई को ईरान के इस्फहान में इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड (IPhO) 2024 का फाइनल हुआ। इसमें भारतीय दल के सभी पांच पार्टिसिपेंट्स ने 2 गोल्ड और 3 सिल्वर मेडल जीते। छत्तीसगढ़ के रायपुर से रिदम केडिया और मध्य प्रदेश के इंदौर से वेद लाहोटी ने गोल्ड जीता। नागपुर, महाराष्ट्र से आकर्ष राज सहाय और नोएडा, उत्तर प्रदेश से भव्या तिवारी ने सिल्वर जीता। राजस्थान के कोटा शहर के जयवीर सिंह ने भी सिल्वर मेडल हासिल किया। कंट्रीवाइज लिस्ट में भारत, वियतनाम के साथ चौथे स्थान पर रहा। इस लिस्ट में चीन को पहला स्थान मिला। रूस को दूसरा और रोमानिया को तीसरा स्थान मिला।IPhO 2024 में 43 देशों के कुल 193 स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया था।
31 जुलाई को ओम प्रकाश माथुर ने सिक्किम के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की। सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विश्वनाथ सोमदार ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। ओम प्रकाश माथुर का जन्म 2 जनवरी 1952 को राजस्थान के पाली में हुआ था। माथुर ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की थी। 1988 में बीजेपी के सदस्य बनने के बाद वे पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे। 7 जनवरी 2008 से 13 जुलाई 2009 तक वे राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष रहे थे। पार्टी ने उन्हें गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य का प्रभारी भी बनाया था। माथुर केन्द्रीय संगठन में राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय महामंत्री और लंबे समय तक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर भी रहे। 2008 से 2014 तक वे पहली बार राज्यसभा में सासंद के रूप में पहुंचे। वे दूसरी बार 5 जुलाई 2016 से 4 जुलाई 2022 तक राज्यसभा सांसद रहे।
राजस्थान में हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने राजभवन में राजस्थान के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। मुख्य न्यायाधीश मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने श्री बागड़े को राज्यपाल पद की शपथ दिलायी। शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े को राजभवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
गुलाब चंद कटारिया ने पंजाब राजभवन में पंजाब के नए राज्यपाल और चंडीगढ़ प्रशासक के रूप में शपथ ली। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने उन्हें शपथ दिलाई। कटारिया पंजाब के 30वें राज्यपाल हैं। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री भगवंत मान, पंजाब और केंद्रशासित प्रदेश के मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
भारत 6 तारीख से तमिलनाडु के सुलार में पहले बहुराष्ट्रीय वायुसेना अभ्यास ‘तरंग शक्ति 2024’ की मेजबानी करेगा। इस अभ्यास में करीब 30 देश हिस्सा लेंगे। तीस देशों में से दस देश लड़ाकू विमानों के साथ इस अभ्यास में भाग लेंगे। यह अभ्यास भारत को अपनी रक्षा शक्ति के प्रदर्शन का अवसर देगा साथ ही भाग लेने वाली सेनाओं को आपसी तालमेल के साथ संचालन को बढ़ावा देने का मंच प्रदान करेगा। अभ्यास का पहला चरण 6 से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलार में और दूसरा चरण राजस्थान के जोधपुर में 29 अगस्त से 14 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमरीका और सिंगापुर सहित 10 देश अपने विमानों के साथ अभ्यास में शामिल होंगे और 18 देश पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेंगे। भारत के तेजस, राफेल, मिराज 2000, जगुआर, मिग-29 विमान सहित कई लड़ाकू विमान अभ्यास में हिस्सा लेंगे।
हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustard- GIB) तथा लेसर फ्लोरिकन के संरक्षण के अगले चरण के लिये 56 करोड़ रुपए मंज़ूर किये हैं। इस योजना में आवास विकास, स्व-स्थाने संरक्षण, संरक्षण प्रजनन केंद्र का निर्माण कार्य पूरा करना, बंदी-प्रजनित पक्षियों को मुक्त करना तथा अन्य गतिविधियाँ शामिल हैं। राष्ट्रीय CAMPA (प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) ने भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India’s- WII) के प्रस्ताव की सिफारिश शासी निकाय को की थी। इस प्रजाति को पुनर्जीवित करने की योजना सर्वप्रथम वर्ष 2013 में राष्ट्रीय बस्टर्ड रिकवरी योजना के तहत शुरू की गई थी, जिसने बाद में 2016 में बस्टर्ड रिकवरी प्रोजेक्ट को जन्म दिया। बाद में जुलाई 2018 में MoEFCC, राजस्थान वन विभाग और WII के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये गए। तीनों पक्षों द्वारा संचालित परियोजना के हिस्से के रूप में दो GIB संरक्षण प्रजनन केंद्र और एक लेसर फ्लोरिकन केंद्र क्रमशः राजस्थान के सैम, रामदेवरा तथा सोरसन में कार्य कर रहे हैं। सैम और रामदेवरा की टीम ने इस प्रजाति की मूल आबादी (Founder Population) के पुनः वन्यीकरण हेतु वनों से ग्रेट इंडियन बस्टर्ड/गोडावण के अंडों को एकत्र करके प्रजनन केंद्र में उनका कृत्रिम रूप से ऊष्मायन एवं उद्भवन (Incubated and Hatched) कर संवर्द्धन किया गया। वर्तमान में वनों में लगभग 140 GIB और 1,000 से भी कम लेसर फ्लोरिकन शेष हैं।
हाल ही में राजस्थान मंत्रिमंडल ने कोटा में एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे और जयपुर में एक एयरोसिटी परियोजना के निर्माण को अनुमति दी। अधिकारियों के अनुसार, राज्य के कई हवाई अड्डों पर कार्गो सेवाएँ शुरू की जाएँगी। राजस्थान का लक्ष्य विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है। सौर ऊर्जा के लिये नई तकनीक विकसित की जाएगी। राज्य में किशनगढ़, भीलवाड़ा और झालावाड़ में तीन फ्लाइंग स्कूल खोले जाएँगे, जिससे रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे।
राजस्थान अगले 10 वर्षों के लिये सड़क सुरक्षा कार्ययोजना अपनाने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। इस कार्ययोजना का उद्देश्य वर्ष 2030 तक राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाना है। यह नीति आम जनता में सड़क सुरक्षा प्रावधानों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करेगी तथा सड़क सुरक्षा नियमों के अनुपालन के लिये व्यवहारिक परिवर्तन लाएगी। सूत्रों के अनुसार विश्व बैंक विभिन्न देशों में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करके कार्य योजना और सड़क सुरक्षा नीति तैयार करने में राज्य सरकार को सहायता प्रदान करेगा। कार्ययोजना तीन चरणों में क्रियान्वित की जाएगी। पहला चरण वर्ष 2025 से 2027 तक, दूसरा वर्ष 2027 से 2030 तक और तीसरा वर्ष 2030 से 2033 तक। इसमें गति सीमा, सुरक्षित दूरी, यातायात सिग्नल, सड़क अवरोधों का उपयोग, पैदल यात्री सुरक्षा, सीटबेल्ट, हेलमेट का उपयोग और वाहन बीमा के विभिन्न पहलुओं पर ज़ोर दिया जाएगा।
राजस्थान सरकार ने विद्युत और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिये वित्त वर्ष 2025 के अंत तक 30 गीगावाट (Gw) सौर ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। मार्च 2024 में राज्य सरकार और नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NLC) इंडिया ने बीकानेर में 7,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ 1,000 मेगावाट (Mw) सौर ऊर्जा संयंत्र तथा 125 मेगावाट लिग्नाइट-आधारित विद्युत संयंत्र स्थापित करने हेतु एक संयुक्त उद्यम बनाने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। सरकार ने राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता में अग्रणी बनाने हेतु चार प्रमुख सौर परियोजनाओं के लिये भूमि को भी स्वीकृति दी। इन परियोजनाओं में बीकानेर में 2,450 मेगावाट के तीन सौर पार्क तथा फलौदी में 500 मेगावाट की एक परियोजना शामिल है। राज्य PM कुसुम सौर पंप संयंत्र को भी मज़बूत कर रहा है, जिससे 50,000 से अधिक खेतों में सौर पंप स्थापित करने और 200 मेगावाट विद्युत उत्पादन में सहायता मिलेगी। यह पहल नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने को भी प्रोत्साहित करती है और सौर ऊर्जा चालित पंपों के कार्यान्वयन के माध्यम द्वारा राज्य में कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
दक्षिणी राजस्थान के जनजाति बहुल क्षेत्रों में एक लोकप्रिय आंदोलन स्वदेशी बीज किस्मों को संरक्षित करने के लिये कार्य कर रहा है, जिनमें से अधिकांशतः विलुप्त होने के कगार पर हैं। यह प्रयास फसल विविधता को बढ़ावा दे रहा है और जलवायु लचीलापन बढ़ा रहा है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के ट्राइ-जंक्शन पर स्थित जनजातीय क्षेत्र में लगभग 1,000 गाँवों तथा बस्तियों से हज़ारों जनजातीय लोगों ने बीज महोत्सवों की शृंखला में भाग लिया। बीज महोत्सव में पारंपरिक बीजों का प्रदर्शन किया गया तथा उनके गुणों और महत्त्व पर संवादात्मक सत्र आयोजित किये गए। जनजातियों को कई पीढ़ियों से चली आ रही कृषि प्रथाओं के माध्यम से जैवविविधता की अपनी समृद्ध विरासत की रक्षा करने के लिये प्रोत्साहित किया गया। कृषि क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बढ़ते प्रभाव के बीच स्वदेशी बीज जनजातीय समुदायों द्वारा संरक्षित एक महत्त्वपूर्ण विरासत है। बाँसवाड़ा स्थित स्वैच्छिक समूह वाग्धारा बीज उत्सव कार्यक्रमों का मुख्य आयोजक था, जिसे अन्य जनजाति अधिकार समूहों, जैसे- कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन, ग्राम स्वराज समूह, सक्षम समूह और बाल स्वराज द्वारा सुविधा प्रदान की गई थी।
हाल ही में आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको-HUDCO) लिमिटेड ने आवास और शहरी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिये वित्तीय सहायता के संबंध में राजस्थान सरकार के साथ एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों के बीच एक प्रारंभिक समझौता है, जिसके तहत राजस्थान में आवास और शहरी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिये अगले पाँच वर्षों में 1,00,000 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जो पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों एवं नियमों के अधीन होगी। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हुडको, "Profitability with Social Justice अर्थात् सामाजिक न्याय के साथ लाभप्रदता" के आदर्श वाक्य के साथ राष्ट्र के लिये परिसंपत्तियों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करती है।
हाल ही में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा विभाग ने चालू शैक्षणिक वर्ष में वीर सावरकर जयंती और अनुच्छेद 370 के निरसन का उत्सव मनाने की घोषणा की। 28 मई को स्कूलों में वीर सावरकर जयंती का उत्सव मनाया जाएगा और 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरसित किये जाने के उपलक्ष्य में स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस मनाया जाएगा अन्य उल्लेखनीय दिवसों में 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस दिवस, जिसे देश प्रेम दिवस भी कहा जाता है, 14 फरवरी को मातृ पितृ दिवस और 4 फरवरी को सूर्य नमस्कार दिवस शामिल हैं।
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