Ask Question | login | Register
Notes
Question
Quiz
Tricks
Test Series

Rajasthan Current Affairs March 2024

केंद्र ने राजस्थान में सड़क विकास के लिये 972 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी

हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान में सड़कों को चौड़ा करने के लिये 972.80 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी। यह राशि 31 प्रमुख ज़िला सड़कों और राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण कार्य के लिये स्वीकृत की गई है। केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा कोष (CRIF) सेतु बंधन योजना के तहत विभिन्न ज़िलों में 7 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज/फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के लिये 384.56 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गये हैं। "सेतु बंधन योजना" सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य राज्य की सड़कों पर रेल ओवर ब्रिज (ROBs), रेल अंडर ब्रिज (RUBs) तथा अन्य पुलों के निर्माण कार्य को सुविधाजनक बनाना है।

राजस्थान ने रामगढ़ क्रेटर को भारत के पहले भू-विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी

हाल ही में राजस्थान सरकार ने बारां ज़िले में 165 मिलियन वर्ष पहले उल्का प्रभाव के कारण बने 3 किलोमीटर व्यास वाले रामगढ़ क्रेटर को आधिकारिक तौर पर देश के पहले भू-विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी है। रामगढ़ क्रेटर अपनी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं, जैवविविधता, स्थानीय समुदायों और समाज के लिये सांस्कृतिक तथा विरासत मूल्य के लिये महत्त्वपूर्ण है। यह महत्त्व वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत घोषित संरक्षण रिज़र्व अर्थात् रामगढ़ संरक्षण रिज़र्व के रूप में इसकी स्थिति से परिलक्षित होता है। राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के अनुसार, क्रेटर के अंदर स्थित पुष्कर तालाब खारे और क्षारीय जल दोनों का स्रोत है, जो क्षेत्र की सुंदरता तथा विविधता को बढ़ाता है। इन झीलों को वेटलैंड (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत वेटलैंड के रूप में अधिसूचित किया गया है। रामगढ़ क्रेटर एक सांस्कृतिक क्षेत्र के भीतर मानवीय मूल्यों के महत्त्वपूर्ण आदान-प्रदान को प्रदर्शित करता है, जो वास्तुकला या प्रौद्योगिकी, स्मारकीय कला, नगर-योजना या परिदृश्य डिज़ाइन के विकास में परिलक्षित होता है। खजुराहो में चंदेल राजवंश और उनके मंदिरों से प्रभावित भांड देव मंदिर, इस तरह के आदान-प्रदान का एक उदाहरण है।

ESIC राजस्थान में उप-क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करेगा

हाल ही में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) की स्थायी समिति की 231वीं बैठक में अलवर, राजस्थान में एक उप-क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया। अलवर में एक नए ESI उप-क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना से अलवर, खैरथल-तिजारा, कोथपुतिली-बहरोड़, भरतपुर और डीग ज़िलों में रहने वाले लगभग 12 लाख बीमित श्रमिक एवं ESIC योजना के लाभार्थी लाभान्वित होंगे। बैठक के दौरान हारोहल्ली, नरसापुरा, बोम्मासंद्रा (कर्नाटक), मेरठ, बरेली (उत्तर प्रदेश), पीथमपुर (मध्य प्रदेश) और डुबुरी (ओडिशा) में 7 नए ESI अस्पतालों के निर्माण के लिये कुल अनुमानित लागत 1128.21 करोड़ रुपए को भी स्वीकृति दी गई।

राजस्थान ने ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

हाल ही में राजस्थान सरकार ने ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने, ऊर्जा पारेषण प्रणाली को मज़बूत करने और राज्य में थर्मल एवं नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन के लिये नई परियोजनाएँ स्थापित करने हेतु 1.60 लाख करोड़ रुपए के 5 समझौता ज्ञापनों (MOU) पर हस्ताक्षर किये। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिये 1.60 लाख करोड़ रुपए के निवेश हेतु राज्य के 3 विद्युत निगमों और 6 केंद्रीय उपक्रमों के शीर्ष अधिकारियों के बीच 6 MOU पर हस्ताक्षर किये गए हैं, जिसमें विद्युत उत्पादन की विभिन्न परियोजनाएँ शामिल हैं।

तेजस राजस्थान में जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया

हाल ही में एक हल्का लड़ाकू विमान तेजस एक ऑपरेशनल ट्रेनिंग सॉर्टी के दौरान राजस्थान के जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। स्वदेश निर्मित जेट से जुड़ी यह पहली ऐसी घटना है। पायलट को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और कोई हताहत नहीं हुआ। दुर्घटना पोखरण रेगिस्तान से लगभग 100 किमी. दूर हुई, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में एक मेगा युद्ध खेल 'भारत शक्ति' चल रहा था।

मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये मुफ्त बीज

हाल ही में राजस्थान सरकार ने कदन्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये राज्य के किसानों को कदन्न/मिलेट्स और मोटे अनाज के मुफ्त बीज वितरित करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार 12 लाख किसानों को मक्का के बीज, 800,000 किसानों को बाजरा के बीज, 700,000 किसानों को सरसों के बीज, 400,000 किसानों को मूंग के बीज और 100,000 किसानों को ज्वार तथा मोठ के बीज की मुफ्त मिनी किट प्रदान करेगी। देश के कुल कदन्न उत्पादन में राजस्थान की हिस्सेदारी 26% है। बाजरा और ज्वार राज्य में उत्पादित मुख्य कदन्न फसलें हैं तथा देश का 41% बाजरा उत्पादन राजस्थान में होता है। राज्य सरकार ने वर्ष 2022-23 में राजस्थान मिलेट प्रोत्साहन मिशन शुरू किया था और किसानों, उद्यमियों तथा स्वैच्छिक संगठनों द्वारा 100 प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने के लिये 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। पीएम किसान सम्मान निधि 6,000 रुपए से बढ़ाकर 8,000 रुपए प्रति किसान प्रतिवर्ष कर दी गई है, जबकि गेहूँ पर 125 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,400 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

राजस्थान के सात शहरों में 500 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएँगी

सूत्रों के अनुसार, राजस्थान के सात शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिये जल्द ही 500 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएँगी, जिसमें वायु प्रदूषण को कम करने, यात्रियों के लिये सुविधा बनाने और ईंधन की खपत को कम करने पर ज़ोर दिया जाएगा। बसों का संचालन और रखरखाव स्थानीय स्वशासन विभाग द्वारा कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड के माध्यम से किया जाएगा। यह बसें जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर और उदयपुर में चलेंगी। सबसे ज़्यादा 300 बसें जयपुर में और उसके बाद 70 बसें जोधपुर में संचालित की जाएँगी। इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने से शहरों में नेटवर्क मज़बूत होगा और शहरी जीवन स्तर में सुधार होगा। बजटीय घोषणा को बड़े पैमाने पर जनता के लाभ के लिये पहल के माध्यम से लागू किया जाएगा।

राजस्थान को मिलेगा यमुना का जल

हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को हरियाणा के साथ वर्ष 1994 के समझौते में निर्दिष्ट आवंटन के अनुसार यमुना के जल में हिस्सा मिलेगा। हरियाणा और राजस्थान ने हाल ही में भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से हरियाणा के हथिनीकुंड से राजस्थान के हिस्से के यमुना जल के हस्तांतरण तथा झुंझुनू एवं चुरू जैसे क्षेत्रों में इसके उपयोग के लिये संयुक्त रूप से एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। 17 फरवरी 2024 को हरियाणा और राजस्थान के CM के बीच एक बैठक के बाद समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए। 12 मई, 1994 को सह-बेसिन राज्यों के बीच जल हिस्सेदारी आवंटित करने वाले MOU पर हस्ताक्षर होने के बाद से जल बँटवारे का मुद्दा दो दशकों से अधिक समय से विवाद का विषय रहा है।

राजस्थान RSS समूह द्वारा CAA पात्रता प्रमाण-पत्र वितरण

राजस्थान में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा एक समूह नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA) के तहत नागरिकता के लिये आवेदन करने में मदद करने हेतु शिविरों का आयोजन कर रहा है और पाकिस्तान से आए हिंदू समुदाय के सदस्यों को "पात्रता प्रमाण-पत्र" जारी कर रहा है। सीमाजन कल्याण समिति नामक समूह, जो पाकिस्तान सीमा से लगे क्षेत्रों में सक्रिय है, ने राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर के लगभग 330 लोगों को गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किये गए नागरिकता पोर्टल पर अपने दस्तावेज़ अपलोड करने में मदद की है। CAA पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के छह "उत्पीड़ित" गैर-मुस्लिम समुदायों के सदस्यों को नागरिकता प्रदान करता है। प्रमाण-पत्र, "स्थानीय रूप से प्रतिष्ठित सामुदायिक संस्थान" द्वारा जारी किया जाने वाला एक अनिवार्य दस्तावेज़ है, जिसे एक हलफनामे के साथ संलग्न किया जाना है और अन्य दस्तावेज़ों के साथ CAA पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। यह ध्यान दिया जाना चाहिये कि चूँकि पाकिस्तानी हिंदू तीर्थयात्री या पर्यटक वीज़ा पर कानूनी रूप से भारत में प्रवेश करते थे, इसलिये वे नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5 और धारा 6 के तहत नागरिकता के लिये पात्र थे। CAA का इरादा पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति समुदाय मतुआओं को लाभ पहुँचाने का भी है, जो वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान और उसके बाद बांग्लादेश से आए थे।

गुलाल गोटा

हाल ही में राजस्थान के जयपुर में लगभग 400 साल पुरानी एक अनोखी परंपरा गुलाल गोटा मनाई गई। गुलाल गोटा लाख से बनी एक छोटी गेंद होती है, जिसमें सूखा गुलाल भरा जाता है जिसके बाद इसका वज़न लगभग 20 ग्राम होता है। गुलाल गोटा के लिये प्राथमिक कच्चा माल लाख, छत्तीसगढ़ और झारखंड से प्राप्त किया जाता है। गुलाल गोटा बनाने की प्रक्रिया में लाख को पानी में उबालकर उसे लचीला बनाना, आकार देना, रंग मिलाना, गर्म करना और फिर "फूँकनी" नामक ब्लोअर की मदद से इसे गोलाकार आकार में तैयार करना शामिल है। गुलाल गोटा जयपुर में मुस्लिम लाख निर्माताओं द्वारा तैयार किया जाता है, जिन्हें मनिहारों के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने जयपुर के पास एक शहर बगरू में हिंदू लाख निर्माताओं से लाख बनाना सीखा था। भारत सरकार द्वारा लाख की चूड़ी और गुलाल गोटा निर्माताओं को "कारीगर कार्ड" प्रदान किये गए हैं, जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। परंपरा को बचाने के लिए, कुछ गुलाल गोटा निर्माताओं ने भौगोलिक संकेत (GI) टैग की मांग की है।

अडानी ग्रीन ने राजस्थान में 180 मेगावाट का सौर संयंत्र शुरू किया

हाल ही में अडानी ग्रीन एनर्जी ने राजस्थान के जैसलमेर के देवीकोट में 180 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र की शुरुआत की गई। संयंत्र का सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI), भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) के साथ 25 साल का पावर परचेज़ एग्रीमेंट है। यह सालाना लगभग 540 मिलियन विद्युत् इकाइयों का उत्पादन करेगा तथा 1.1 लाख से अधिक घरों को बिजली प्रदान कर लगभग 0.39 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन को कम करेगा। मॉड्यूल की बेहतर दक्षता के साथ पूरे दिन सूर्य पर नज़र बनाए रखने के माध्यम से उत्पादन को अधिकतम करने के लिये नेक्स्ट जनरेशन बिफेशियल सोलर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल और हॉरिजोंटल सिंगल एक्सिस सोलर ट्रैकर्स (HSAT ) को तैनात किया गया है। ट्रैकिंग सिस्टम द्वारा सूर्य के प्रकाश की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिये HSAT का उपयोग किया जाता है। यह संयंत्र जलरहित रोबोटिक मॉड्यूल सफाई प्रणालियों से सुसज्जित है, जो जैसलमेर के बंजर क्षेत्र में जल संरक्षण को सक्षम बनाता है।

राजस्थान में विश्व का पहला ‘ॐ’ आकार का मंदिर

दुनिया के पहले ओम आकार के मंदिर का उद्घाटन राजस्थान के पाली जिले के जाडन गांव में किया गया। 'ॐ आकार' मंदिर के नाम से मशहूर यह स्मारकीय संरचना पाली ज़िले के जादान गाँव में नागर शैली में 250 एकड़ के विशाल विस्तार में फैली हुई है। सूत्रों के अनुसार यह महत्त्वपूर्ण कार्य वर्ष 1995 में मंदिर की आधारशिला रखने के साथ शुरू हुआ था, जिसके वर्ष 2023-24 तक पूरा होने की उम्मीद जताई गई थी। यह अपने पवित्र परिसर में भगवान महादेव की 1,008 मूर्तियों और 12 ज्योतिर्लिंगों को रखने में सक्षम होगा। 135 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह मंदिर 2,000 स्तंभों के सहारे खड़ा है, इसके परिसर में 108 कमरों की व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर की केंद्रीय विशेषता गुरु माधवानंद जी की समाधि है। इस भव्य परियोजना के पीछे दूरदर्शी ओम आश्रम के संस्थापक विश्व गुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वर नंद पुरीजी महाराज हैं।

सिंगापुर के राष्ट्रपति जोधपुर पहुँचे

हाल ही में सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम राजस्थान के जोधपुर में पहुँचे। उनकी भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर सिंगापुर के दौरे पर हैं। भारतीय मूल के अर्थशास्त्री, थर्मन शनमुगरत्नम ने सितंबर 2023 में सिंगापुर के 9वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कई सांस्कृतिक विरासत परियोजनाओं की घोषणा की

हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिये 12 स्थानों पर विभिन्न पैनोरमा और संग्रहालयों के निर्माण की घोषणा की। युवाओं को राजस्थान की ऐतिहासिक जड़ों और मूल्यों के बारे में शिक्षित करने हेतु, सरकार देवताओं, महान योद्धाओं तथा संतों के जीवन को प्रदर्शित करने के लिये प्रतिबद्ध है। इस परियोजना के तहत करौली ज़िले के महावीर मंदिर में श्री महावीर पैनोरमा, भरतपुर ज़िले में ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग, अजमेर में जैन मुनि विद्यासागर महाराज पैनोरमा, डीडवाना-कुचामन के कालवा में भक्त शिरोमणि कर्मा बाई पैनोरमा, बीकानेर के कतरियासर में जसनाथ जी पैनोरमा , बालोतरा के बायतु में खेमा बाबा पैनोरमा, चित्तौड़गढ़ में भामाशाह पैनोरमा, जोधपुर में राव चंद्रसेन पैनोरमा, भरतपुर में गोकुला जाट पैनोरमा और जैसलमेर में जैसलमेर पैनोरमा का निर्माण राजस्थान हेरिटेज अथॉरिटी द्वारा किया जाएगा।

150 से भी कम ग्रेट इंडियन बस्टर्ड जंगल में बचे हैं

सुप्रीम कोर्ट ने अपने अप्रैल 2021 के आदेश की समीक्षा करने का फैसला किया है, जिसमें कहा गया था कि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जीआईबी) के आवास में सभी बिजली लाइनों को भूमिगत किया जाना चाहिए। यह निर्णय तब लिया गया जब केंद्र ने पाया कि इस आदेश को लंबी दूरी पर लागू करना व्यावहारिक रूप से असंभव है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जीआईबी) भारत में पाई जाने वाली चार-बस्टर्ड प्रजातियों में सबसे बड़ी हैं। वे स्थलीय पक्षी हैं जो अपना अधिकांश समय जमीन पर बिताते हैं, लेकिन कभी-कभी अपने आवास के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में उड़ जाते हैं। वे अन्य चीजों के अलावा कीड़े, छिपकलियों और घास के बीजों को खाते हैं, और उन्हें घास के मैदानों की प्रमुख पक्षी प्रजाति माना जाता है, जो उन्हें घास के मैदान के पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का अच्छा संकेतक बनाता है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, अफसोस की बात है कि जीआईबी गंभीर रूप से खतरे में हैं और उनकी संख्या 249 बस्टर्ड में से केवल 50 रह गई है।

एमपी और राजस्थान ने गेहूं उत्पादकों के लिए बोनस की घोषणा की

राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों ने आगामी रबी सीजन (अप्रैल-जून)2024 के दौरान खरीदे जाने वाले गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल के बोनस की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने 2024-25 विपणन सत्र हेतु गेहूं के लिए 2275 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया है। इन दोनों राज्यों में गेहूं किसानों को प्रति क्विंटल 2400 (2275+125) रुपये का भुगतान किया जाएगा। भारत सरकार की गेहूं खरीद में पंजाब के बाद मध्य प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। पिछले साल भारत सरकार की एजेंसियों ने 26.2 मिलियन टन गेहूं की खरीद की थी। मध्य प्रदेश ने कुल खरीद में 7.09 मिलियन टन का योगदान दिया था । इस साल, मध्य प्रदेश ने रबी 2024 सीज़न के दौरान 8.2 मिलियन टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है।

Start Quiz!

« Previous Next Chapter »

Take a Quiz

Test Your Knowledge on this topics.

Learn More

Question

Find Question on this topic and many others

Learn More

Rajasthan Gk APP

Here You can find Offline rajasthan Gk App.

Download Now

Test Series

Here You can find previous year question paper and mock test for practice.

Test Series

Share

Join

Join a family of Rajasthangyan on


Contact Us Cancellation & Refund About Write Us Privacy Policy About Copyright

© 2024 RajasthanGyan All Rights Reserved.