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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और देश को नई उचांईयों पर ले जाने के लिए टीम भावना से काम करने का एक अनूठा मंच है। पांच जनवरी से शुरू हुए तीन दिन के इस सम्मेलन का उद्देश्य राज्यों के साथ मिलकर त्वरित और सतत आर्थिक विकास हासिल करना है। इस सम्मेलन का आयोजन सहकारी संघवाद की भावना से किया जा रहा है। सम्मेलन की अवधारणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तैयार की थी और मुख्य सचिवों का पहला सम्मेलन पिछले वर्ष धर्मशाला में आयोजित किया गया था।
प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। यह विदेशों में रहने वाले भारतीयों के साथ जुड़ने और सम्पर्क स्थापित करने तथा प्रवासी भारतीयों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन मध्य प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में 08-10 जनवरी 2023 तक इंदौर में आयोजित किया जा रहा है। इस पीबीडी सम्मेलन का विषय है "प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार"। लगभग 70 विभिन्न देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी सदस्यों ने पीबीडी सम्मेलन के लिए पंजीकरण कराया है। पीबीडी सम्मेलन के तीन खंड होंगे। 08 जनवरी 2023 को, युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के साथ साझेदारी में होगा। युवा प्रवासी भारतीय दिवस पर ऑस्ट्रेलिया की सांसद महामहिम सुश्री ज़नेटा मैस्करेनहास सम्मानीय अतिथि होंगी। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 09 जनवरी 2023 को पीबीडी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे और गुयाना सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली मुख्य अतिथि और सूरीनाम गणराज्य के माननीय राष्ट्रपति महामहिम श्री चंद्रिकाप्रसाद संतोखी विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करेंगे। एक स्मारक डाक टिकट 'सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं' जारी किया जाएगा जो सुरक्षित, कानूनी, व्यवस्थित और कुशल प्रवासन के महत्व को रेखांकित करेगा।
देश में 2007 से 2022 के बीच कालाजार के मामलों में 98 दशमलव सात प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2007 में इसकी संख्या 44 हजार पांच सौ 33 थी जो 2022 में घटकर आठ सौ 34 रह गयी। देशभर में छह सौ 32 ऐसे प्रखंड हैं जहां दस हजार की आबादी के बीच कालाजार के मामले एक से भी कम रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि सरकार ने कालाजार के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह बीमारी इस वर्ष के अन्त तक देश से पूरी तरह खत्म हो जायेगी।
भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र मिशन में महिला शांति सैनिकों की तैनाती को बढ़ाने का फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्ठायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने ट्वीट करते हुए बताया कि भारत संवेदनशील क्षेत्र अबेई, सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में हमारी बटालियन के हिस्से के रूप में शांति सैनिकों की पूरी महिला टुकड़ी तैनात कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने कहा कि 2007 में लाइबेरिया में पहले महिला दस्ते की तैनाती के बाद संयुक्त राष्ट्र मिशन में महिला शांति रक्षकों की भारत की यह सबसे बड़ी एकल महिला प्लाटून होगी। कंबोज ने कहा कि अबेई में महिला शांतिरक्षकों की प्लाटून छह जनवरी को 2023 को संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल, अबेई (यूएनआईएसएफए) में भारतीय बटालियन के हिस्से के तौर पर तैनात की गई है। पिछले साल 31 अक्तूबर तक भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक मिशन में बांग्लादेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी सेना भेजने वाला देश है। कुल 12 मिशन में भारत 5,5887 सैनिक और कर्मी भेज चुका है।
ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राउरकेला में विश्वस्तरीय हॉकी स्टेडियम का उद्घाटन किया। इस स्टेडियम का नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर दिया गया है। स्टेडियम का उद्घाटन करते हुए श्री पटनायक ने कहा कि यह स्टेडियम भारतीय हॉकी को विश्व में नई ऊंचाईयां देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। स्टेडियम का निर्माण सिर्फ 15 महीनों में 261 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और इसमें 20,000 से अधिक दर्शकों की मेजबानी करने की क्षमता है। यह स्टेडियम पुरुषों के FIH हॉकी विश्व कप के 44 मैचों में से 20 की मेजबानी करेगा। शेष मैच भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में होंगे। इस स्टेडियम के साथ उन्होंने हॉकी विश्वकप गांव का भी उद्घाटन किया, जिसमें आगामी हॉकी विश्वकप की टीम रहेगी।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद ( जीजेईपीसी) ने 5-9 जनवरी 2023 तक मुंबई के बांबे प्रदर्शनी केंद्र में कैलेंडर वर्ष 2023-भारत अंतर्राष्ट्रीय आभूषण प्रदर्शनी (आईआईजेएस सिग्नेचर) और भारत रत्न एवं आभूषण मशीनरी एक्सपो ( आईजीजेएमई ) के पहले डिजाइन केंद्रित आभूषण प्रदर्शनी का आयोजन किया है। आईआईजेएस सिग्नेचर 2023 के उद्घाटन में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और सांसद श्रीमती पूनम महाजन एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद ( जीजेईपीसी ) देश के निर्यात पर जोर देने के लिए, जब स्वतंत्रता के बाद की भारत की अर्थव्यवस्था ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करना आरंभ कर दिया, 1966 में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा स्थापित भारत सरकार द्वारा शुरु की गई कई निर्यात संवर्धन परिषदों ( ईपीसी ) में से एक है। 1998 से जीजेईपीसी को स्वायत्तता दर्जा दे दिया गया है। जीजेईपीसी रत्न एवं आभूषण उद्योग का शीर्ष निकाय है और इस सेक्टर में 8500 सदस्यों का प्रतिनिधित्व करती है। मुंबई में मुख्यालय के साथ, जीजेईपीसी के नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, सूरत और जयपुर में क्षेत्रीय कार्यालय हैं, ये सभी उद्योग के लिए प्रमुख केंद्र हैं।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मणिपुर के मोइरांग में लगभग 1311 करोड़ रुपये की 21 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इनमें 46 करोड़ रुपये की लागत से बना चूड़ाचांदपुर मेडिकल कॉलेज, 39 करोड़ रुपये की लागत से बनी मार्जिंग पोलो प्रतिमा, संगाईथेल में मणिपुर ओलंपियन पार्क, इम्फाल-पूर्व में मणिपुर एग्जिबिशन सेंटर, राज्य के 5 जिलों में डिस्ट्रिक्ट यूथ स्किलिंग एंड एम्प्लॉयमेंट सेंटर, फ्रूट प्रिजर्वेशन फैक्टरी, नीलाकुथी आदि शामिल हैं। श्री अमित शाह ने मोइरांग स्थित ऐतिहासिक आज़ाद हिंद फ़ौज मुख्यालय पर 165 फुट ऊंचे तिरंगे का भी अनावरण किया, जो पूरे नॉर्थईस्ट में सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज है। इस मौके पर मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बीरेन सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में हाल ही में दुनिया का ताड़ के पत्तों का पहला पांडुलिपि संग्रहालय खोला गया है, जिससे राज्य सांस्कृतिक और शैक्षणिक रूप से और अधिक समृद्ध हुआ है। यह संग्रहालय भारत की धरती पर यूरोपीय शक्तियों को हराने वाले एशिया के पहले साम्राज्य त्रावणकोर की लोकप्रिय कहानियों का खजाना समेटे हुए है। दुनिया के पहले, ताड़ के पत्तों वाले पांडुलिपि संग्रहालय की उपलब्धि पाने वाले इस संस्थान में, 19वीं सदी के आखिर तक लगभग 650 बरस राज करने वाले त्रावणकोर साम्राज्य के प्रशासनिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक पहलुओं के साथ-साथ राज्य के मध्य में कोच्चि की सीमाओं और आगे उत्तर में मालाबार की झलक मिलती है। पिछले सप्ताह खुले इस संग्रहालय में 187 पांडुलिपियां हैं, जो प्राथमिक स्रोतों पर आधारित कहानियों की खान हैं। ये दस्तावेज ताड़ के साफ और स्पष्ट पत्तों पर लिखे गए हैं, जो रिकॉर्ड कक्षों के कोनों पर सुसज्जित हैं। उस दौर में विवरण लिखने से पहले ताड़ के इन पत्तों को उपचारित किया गया था। पहले चरण में पूरे राज्य से इकट्ठे किए गए 1.5 करोड़ ताड़ के पत्तों के विशाल भंडार से छंटाई करने के बाद यह अभिलेख सामग्री चुनी गई थी। संग्रहालय में बांस की खपच्चियां और तांबे की प्लेटें भी हैं। यह संग्रहालय तीन सौ साल पुरानी इमारत में स्थित है।
इमोइनु दिवस मणिपुर में मेइतेई सांस्कृतिक अनुष्ठान के एक भाग के रूप में मनाया जाता है। इमोइनु दिवस का पारंपरिक त्योहार वाचिंग के मेइतेई चंद्र महीने के 12वें दिन मनाया जाता है। हर साल इस दिन, घाटी के लोग इमोइनु इरत्पा अनुष्ठान के भाग के रूप में विषम संख्या में व्यंजन परोसते हैं। वे मणिपुर में इमोइनु एराटपा को स्वास्थ्य, समृद्धि, प्रचुरता और घरेलू व्यवस्था की देवी के रूप में मानते हैं।
इस साल होने वाले पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव को देखते हुए सत्तारूढ़ टीएमसी ने नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान को ‘दीदीर सुरक्षा कवच’ (Didir Suraksha Kavach) नाम दिया गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरे भारत में टीएमसी सरकार के खिलाफ बेबुनियाद अफवाहें फैलाई गईं। देश में एकता, संघीय ढांचे को मजबूत करना चाहती हूं। ममता बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि आपको विनम्रता से लोगों की बात सुननी होगी। उन्होंने भाजपा और वाम दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘राम-वाम’ अब एक हो गए हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के इस अभियान का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुभारंभ किया।
राज्य सरकार बीपीएल परिवारों में रहने वाले लोगों को प्रति माह 5 किलो चावल उपलब्ध कराएगी। राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत एक और वर्ष के लिए मुफ्त चावल प्रदान किया जाएगा। यह मुफ्त चावल जनवरी से दिसंबर 2023 तक मिलेगा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मुफ्त चावल उपलब्ध कराने की घोषणा की है, जिसके तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो चावल उपलब्ध होगा। इसके लिए राज्य सरकार 185 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वर्ष 2018 से राज्य खाद्य सुरक्षा हितग्राहियों को मुफ्त चावल मिल रहा है।
भारत 12 और 13 जनवरी को वर्चुअल माध्यम से एक विशेष शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा। नई दिल्ली में पत्रकारों को जानकारी देते हुए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' का विषय है 'आवाज और उद्देश्य की एकता'। इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के मुद्दों पर अलग-अलग दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को एक ही मंच पर साझा किया जाएगा। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सभा विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास तथा भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित है। इसमे 120 से अधिक देशों को आमंत्रित किया जा रहा है।
युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नई दिल्ली में आकाशवाणी भवन परिसर में यूथ-20 के पूर्वावलोकल कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने यूथ-20 शिखर सम्मेलन की थीम, प्रतीक चिन्ह और वेबसाइट जारी किया। यूथ-20, जी-20 समूह का आधिकारिक युवा कार्य समूह है। यह जी-20 की प्राथमिकताओं पर युवाओं को अपने दृष्टिकोण और विचार अभिव्यक्त करने का एक मंच प्रदान करता है। श्री ठाकुर ने यूथ-20 के पांच प्रमुख विषयों -भविष्य में काम के तरीके, जलवायु परिवर्तन, आपदा जोखिम घटाने, शांति प्रक्रिया और सुलह, साझा भविष्य और बेहतर जीवन तथा खेल पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने गोवा के पणजी, में 'दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दे' पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला का आयोजन पणजी में देश के अपनी तरह के पहले समावेशी उत्सव 'पर्पल फेस्ट: सेलिब्रेटिंग डाइवर्सिटी' के एक भाग के रूप में किया गया है। इससे पहले दिन में पर्पल फेस्टिवल का उद्घाटन गोवा के मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रमोद सावंत ने किया। दिव्यांगजनों के लिए आयोजित इस उत्सव का उद्देश्य यह बताना है कि कैसे एक समावेशी दुनिया बनाने के लिए सबको साथ जोडा जाए।
केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में "वन वीक वन लैब" अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि भारत में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-सीएसआईआर की 37 प्रयोगशालाओं को विशेषज्ञता के आधार पर वैश्विक केंद्रों में बदल दिया जाएगा। "एक सप्ताह-एक प्रयोगशाला" अभियान विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता, नवाचार और तकनीकी सफलता प्रदर्शित करेगा। इस दौरान हर प्रयोगशाला में एक सप्ताह का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिनमें स्टार्ट-अप, छात्र और समाज के विभिन्न वर्ग शामिल होंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और माइक्रोसॉफ्ट ने 5 जनवरी को भारत में स्पेस टैक्नोलॉजी स्टार्ट-अप के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए। इन दोनों संस्थानों का उद्देश्य देशभर में टैक्नोलॉजी टूल्स और प्लेटफॉर्म्स के साथ स्पेस टेक स्टार्टअप्स को मजबूत करना है। साथ ही उन्हें बाजार सपोर्ट दिलाने के लिए मेन्टॉरशिप तथा एंटरप्राइज रेडी बनने में मदद करना है। माइक्रोसॉफ्ट ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सहयोग का इरादा भारत में सबसे होनहार अंतरिक्ष तकनीक नवप्रवर्तकों और उद्यमियों की बाजार क्षमता का उपयोग करने के इसरो के दृष्टिकोण को मजबूत करना है। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने ट्विटर पर यह जानकारी दी।
हर 10 साल में भारत सरकार द्वारा किया जाने वाला एक व्यापक सर्वेक्षण, दशकीय जनगणना (decennial census) को कम से कम 30 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस अभ्यास का उपयोग सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकीय डेटा सहित देश की जनसंख्या के आकार, वितरण और विभिन्न विशेषताओं के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए किया जाता है। जनगणना का हाउसिंग लिस्टिंग चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) अपडेट मूल रूप से 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक होने वाले थे। परन्तु, COVID-19 महामारी के कारण, इन योजनाओं को स्थगित कर दिया गया था। रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय ने सभी राज्यों को लिखे पत्र में बताया कि प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज करने की तारीख 30 जून तक बढ़ा दी गई है। मानदंडों के अनुसार, जनगणना केवल जिलों, उप-जिलों, तहसीलों, तालुकों और पुलिस स्टेशनों जैसी प्रशासनिक इकाइयों की सीमा सीमाओं के स्थिर होने के तीन महीने बाद आयोजित की जा सकती है। आगामी जनगणना के लिए इन इकाइयों की सीमाएं अब 1 जुलाई, 2023 से बंद कर दी जाएंगी। इस प्रक्रिया में पिछली दो जनगणनाओं के बीच हुए सभी न्यायिक परिवर्तनों को शामिल किया गया है। राज्य सरकारों को 30 जून, 2023 तक प्रशासनिक सीमाओं में किसी भी बदलाव को अंतिम रूप देने के लिए कहा गया है। गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त का कार्यालय दशकीय जनगणना करने के लिए जिम्मेदार है।
‘परीक्षा पे चर्चा’ का छठा संस्करण, एक संवादात्मक कार्यक्रम है जो छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को परीक्षा से संबंधित चिंताओं और स्कूल के बाद के जीवन पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाता है, 27 जनवरी को नई दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। ‘परीक्षा पर चर्चा’ का लक्ष्य प्रतिभागियों को तनाव से उबरने और जीवन को ‘उत्सव’ के रूप में मनाने में मदद करना है। शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने पिछले पांच वर्षों से इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित, परीक्षा पे चर्चा एक अनूठा इंटरैक्टिव कार्यक्रम है जो पूरे भारत के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को परीक्षा और स्कूल के बाद के जीवन से संबंधित चिंताओं पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाता है। इस आयोजन का लक्ष्य प्रतिभागियों को तनाव से उबरने और जीवन को ‘उत्सव’ के रूप में मनाने में मदद करना है।
6 बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सानिया मिर्जा ने टेनिस से संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि दुबई का WTA 1000 इवेंट उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। इसके बाद वे संन्यास ले लेंगी। सानिया ने तीन बार विमेंस डबल्स का ग्रैंड स्लैम और तीन बार मिक्स डबल्स का खिताब अपने नाम किया है। वे इस महीने ऑस्ट्रेलिया ओपन के डबल्स में भाग लेंगी। सानिया मिर्जा ने 2009 में ऑस्ट्रेलियन ओपन में मिक्स डबल्स का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था। इसके बाद उन्होंने 2012 में फ्रेंच ओपन में भी मिक्स डबल्स का खिताब अपने नाम किया। वहीं, विमेंस डबल्स का पहला खिताब उन्होंने विंबलडन में 2015 में जीता। इसी साल उन्होंने US ओपन भी अपने नाम किया। विमेंस डबल्स में तीसरा ग्रैंड स्लैम उन्होंने 2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन में जीता था, जबकि मिक्स्ड डबल्स का तीसरा ग्रैंड स्लैम 2014 में US ओन में जीता। वहीं 2011 में फ्रेंच ओपन के विमेंस डबल्स में रनरअप रही थीं। सानिया मिर्जा ने पिछले साल भी संन्यास की घोषणा की थी। हालांकि, बाद में चोट की वजह से उन्होंने अपना ऐलान वापस ले लिया था।
विश्व युद्ध अनाथ दिवस हर साल 6 जनवरी को मनाया जाता है। विश्व युद्ध अनाथ दिवस पर, अनाथ बच्चों द्वारा सहन किए गए आघात के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिवस का उद्देश्य जागरूकता फैलाना और युद्ध के अनाथ या संघर्ष में बच्चों द्वारा सामना किए गए संकटों को दूर करना है। अक्सर देखा गया है कि अनाथालयों में बड़े होने वाले बच्चे अक्सर भावनात्मक और सामाजिक भेदभाव का सामना करते हैं। यह दुनिया भर में मानवीय और सामाजिक संकट बन गया है।
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