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राष्ट्रपति भवन ई-उपहार नामक एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए विभिन्न अवसरों पर राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपतियों को भेंट किये गए चुनिंदा उपहारों की नीलामी करेगा। इस पोर्टल का शुभारंभ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा 25 जुलाई, 2024 को राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर किया गया था। पहले चरण में, लगभग 250 बेहतरीन उपहारों की नीलामी की जाएगी। बोली 5 अगस्त से लेकर 26 अगस्त, 2024 तक खुली रहेगी। बोली की अवधि समाप्त होने के बाद, ये वस्तुएं उच्चतम बोली लगाने वालों को सौंप दी जायेंगी। इस पहल का उद्देश्य न केवल नागरिकों के साथ जुड़ाव को बढ़ाना है, बल्कि नेक काम का समर्थन करना भी है। नीलामी से प्राप्त सारी आय जरूरतमंद बच्चों की मदद के लिए दान की जाएगी। नीलामी के लिए रखे गए उपहार राष्ट्रपति भवन संग्रहालय में आम जनता के देखने के लिए उपलब्ध होंगे।
असम के मोइदम्स को सांस्कृतिक श्रेणी में प्रतिष्ठित 43वां यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त हुआ है। लगभग सात सौ साल पुराने मोइदाम ईंट, पत्थर के खोखले तहखाना हैं और इनमें राजाओं और राजघरानों के अवशेष हैं। नई दिल्ली में आयोजित विश्व धरोहर समिति की बैठक में मोइदाम को शामिल करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। मोइदम्स विश्व धरोहर सूची में शामिल होने वाला पहला सांस्कृतिक स्थल और पूर्वोत्तर का तीसरा स्थल है। दो अन्य काजीरंगा और मानस हैं जिन्हें प्राकृतिक विरासत श्रेणी के अंतर्गत अंकित किया गया था। विश्व धरोहर संपत्तियों की सबसे अधिक संख्या के मामले में भारत अब विश्व स्तर पर छठे स्थान पर है। चीन से आए ताई-अहोम राजवंश ने असम में मौजूद इस क्षेत्र पर लगभग 600 साल तक शासन किया था। UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी के बैठक का 46वें सत्र का आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र (IECC) में हो रहा है। यह बैठक 21 जुलाई से शुरू हुई था और 31 जुलाई तक चलेगी। विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, नगर विमानन मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, दिल्ली सरकार और पर्यावरण मंत्रालय इसके आयोजन में शामिल है। संस्कृति मंत्रालय और उसका संबद्ध कार्यालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इस वर्ष सत्र की मेजबानी करने वाली नोडल एजेंसियां हैं। UNESCO यानी संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन, यूनाइटेड नेशन्स की एक विशेष एजेंसी है। यह शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करने का प्रयास करती है। UNESCO का हेडक्वार्टर पेरिस में है और विश्व में इसके 50 से अधिक क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इसके 195 सदस्य देश और 9 संबद्ध सदस्य हैं। 16 नवंबर, 1945 को UNESCO की स्थापना की गई थी। UNESCO के जनरल कॉन्फ्रेंस का पहला सत्र साल 1946 में नवंबर-दिसंबर के दौरान पेरिस में आयोजित किया गया था।
भारत और अमेरिका ने 26 जुलाई को सांस्कृतिक संपत्तियों को लौटाने और संरक्षण के लिए पहले द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में चोरी की गई भारतीय प्राचीन वस्तुओं की अवैध तस्करी को रोकना भी शामिल है। इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। 2023 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान, भारत को 262 प्राचीन वस्तुएं वापस की गई थीं। इसमें नटराज, हनुमान, ब्रह्मा-ब्राह्मणी, युगल, महिषासुर-मर्दिनी और नृत्य करते हुए गणेश की उत्कृष्ट आकृतियां शामिल हैं। आने वाले समय में अमेरिका से 297 पुरावशेष लाए जाएंगे। इस समझौते से चोरी हुई प्राचीन वस्तुओं की लौटाने की प्रक्रिया काफी सरल हो जाएगी।
भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में श्री राजेंद्र सिंह, सदस्य और विभागाध्यक्ष, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने थाइलैंड के बैंकॉक में 25 जुलाई को वर्ष 2024-25 के लिए चीन से Asian Disaster Preparedness Centre (ADPC) की अध्यक्षता संभाली। ADPC एशिया और प्रशांत क्षेत्र में आपदा जोखिम न्यूनीकरण व जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम (climate resilience) बनाने में सहयोग और कार्यान्वयन के लिए एक स्वायत्त अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। भारत और आठ पड़ोसी देश — बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, श्रीलंका और थाईलैंड ADPC के संस्थापक सदस्य हैं। भारत ने 25 जुलाई, 2024 को बैंकॉक में आयोजित ADPC की 5वीं बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (BoT) बैठक की भी अध्यक्षता की।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार-एनएसए अजित डोभाल ने आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग तथा नशीले पदार्थ और हथियारों की तस्करी तथा संगठित अपराध से निपटने के उपायों पर चर्चा की। म्यांमा के नेपिदॅा में बिम्सटेक बैठक में भारत के राष्ट्रीय वक्तव्य में उन्होंने बिम्सटेक कनेक्टिविटी, दूसरे बंदरगाह सम्मेलन के आयोजन और हिमालय की नदी प्रणालियों की जल सुरक्षा जैसे मुद्दों को भी संबोधित किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग बिम्सटेक सुरक्षा प्रमुखों की बंगाल की खाडी पहल की चौथी वार्षिक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। श्री डोभाल ने म्यांमा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मो आंग से मुलाकात की। बिम्सटेक सुरक्षा प्रमुखों ने म्यामां के प्रधानमंत्री वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलैंग के साथ बैठक की।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 26 जुलाई को मुंबई में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण यानी JNPA के लिए 284.19 करोड़ रुपए की मंजूरी दी। इससे बंदरगाह पर इंटीग्रेटेड एग्री-एक्सपोर्ट फैसिलिटी शुरू की जाएगी। यह सुविधा पीपीपी यानी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के जरिए विकसित की जाएगी। अब निर्यात किए जाने वाले कृषि उत्पादों को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। इस सुविधा से गैर-बासमती चावल, मक्का, मसाले, प्याज और गेंहू के साथ ही मांस और समुद्री उत्पादों के एक्सपोर्टर्स को फायदा मिलेगा। बंदरगाह पर 1800 टन फ्रोजन स्टोर और 5800 टन कोल्ड स्टोरेज बढ़ेगी। अनाज और सूखे माल के लिए 12,000 टन वेयरहाउस कैपेसिटी भी बढे़गी।
पेरिस ओलंपिक 2024 की ओपनिंग सेरेमनी मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और I0C के अध्यक्ष थॉमस बाख की मौजूदगी में सीन नदी पर आयोजित किया गया। पुल पर फ्रांस का झंडा लहराया और इसके साथ ही भव्य ओपनिंग सेरेमनी का आगाज हुआ। सीन नदी पर 100 नावों पर सवार होकर NOC राष्ट्र ने 6 किलोमीटर लंबे नेशन परेड में हिस्सा लिया। ओलंपिक के इतिहास में ये पहली बार है, जब स्टेडियम के बाहर ओपनिंग सेरेमनी का आयोजन हुआ। 12 खास तरह की थीम के साथ ओपनिंग सेरेमनी आयोजित की गई थी। भारतीय दल की अगुवाई दो ध्वजवाहकों पीवी सिंधु और टेबल टेनिस दिग्गज शरथ कमल ने की। आयोजकों ने सुरक्षा और लॉजिस्टिक की चुनौतियों से पार पाते हुए पूरे शहर को उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनाकर अभूतपूर्व नजारा पेश किया।
डाक विभाग ने कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती के अवसर पर लद्दाख के द्रास, कारगिल में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। यह विशेष डाक टिकट हमारे सशस्त्र बलों के अप्रतिम पराक्रम, दृढ़ संकल्प और बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कारगिल युद्ध में भारत की शानदार जीत की 25वीं वर्षगांठ का कीर्तिगान करते हुए जारी किया गया है। पच्चीस साल पहले, इसी दिन ऑपरेशन विजय के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने अपने अदम्य साहस और अथक भावना के साथ, लद्दाख के द्रास, कारगिल और बटालिक सेक्टरों की बर्फीली चोटियों से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया था। यह ऑपरेशन, जिसे अक्सर कारगिल युद्ध के रूप में जाना जाता है, हमारे सैनिकों और युवा अधिकारियों की अदम्य इच्छाशक्ति और वीरता का प्रमाण है।
कमोडोर (नौसेना शिक्षा) और नौसेना शिक्षा सोसायटी (एनईएस) के उपाध्यक्ष कमोडोर जी रामबाबू ने 25 जुलाई 24 को नेवी चिल्ड्रन स्कूल दिल्ली की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन समारोह में नौसेना स्कूलों के लिए एकीकृत ईआरपी समाधान और वेबसाइट का शुभारंभ किया। इस समारोह में कमान शिक्षा अधिकारी, नौसेना स्कूलों के वरिष्ठ अधिकारी और मेसर्स जीनीप्र सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रक्रियाओं को मानकीकृत करने और डेटा प्रबंधन को केंद्रीकृत करने के उद्देश्य से उन्नत ईआरपी एप्लिकेशन और वेबसाइट को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दिल्ली और विशाखापत्तनम स्थित नौसेना चिल्ड्रेन स्कूल के लिए लागू किया गया है। एकीकृत डेटाबेस के साथ एकीकृत ईआरपी प्रणाली, नौसेना स्कूलों के बीच छात्रों के निर्बाध माइग्रेशन की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे माता-पिता बिना किसी व्यवधान के उसी मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग जारी रख सकेंगे। यह एनईएस , कमानों और व्यक्तिगत स्कूलों सहित सभी हितधारकों के बीच वास्तविक समय डेटा प्रवाह को भी सुनिश्चित करेगा।
भारतीय वायु सेना-आईएएफ की अग्निवीर वायु महिलाएं करगिल दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर नई दिल्ली में इंडिया गेट पर पहली ऑल वीमेन ड्रिल टीम गठित करने के लिए एकत्रित हुई। करगिल युद्ध के सभी सैनिकों और बलिदानियों को भारतीय वायु सेना ने अपनी सेना बैंड के देशभक्ति गीतों के माध्यम से संगीतमय श्रद्धांजलि अर्पित की और देश के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन किया। अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर वायु को पिछले वर्ष जून महीने में भारतीय वायु सेना में प्रतिष्ठापित किया गया था।
हर साल 26 जुलाई को मनाया जाने वाला कारगिल विजय दिवस भारत की तारीख में एक काफी अहम दिन है। यह 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान मुल्क के लिए अपनी जान की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों की बहादुरी को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन देश की संप्रभुता की रक्षा करने वाले भारतीय सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करता है। भारत की जीत की 'रजत जयंती' के अवसर पर 24 से 26 जुलाई तक कारगिल जिले के द्रास में भव्य समारोह का आयोजन किया गया है। कारगिल युद्ध मई से जुलाई 1999 के बीच भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच लड़ा गया था। यह युद्ध जम्मू-कश्मीर राज्य के कारगिल जिले में हुआ। 1999 की शुरुआत में, पाकिस्तानी सैनिकों ने गुप्त रूप से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की और कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने इस घुसपैठ का पता लगाने के बाद ऑपरेशन विजय शुरू किया। भारतीय वायुसेना ने भी ऑपरेशन सफेद सागर के तहत हवाई हमलों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
26 जुलाई को बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व मध्यप्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का निधन हो गया। 67 वर्षीय झा लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका जन्म 4 जून 1957 को बिहार के दरभंगा के हरिहरपुर गांव में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के बाद प्रभात झा ने ग्वालियर के पीजीवी कॉलेज से बीएससी, माधव कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए और एमएलबी कॉलेज से एलएलबी की डिग्री ली। 8 मई 2010 से 16 दिसंबर 2012 तक बीजेपी के मध्यप्रदेश अध्यक्ष रहे। 2008 में पहली और 2014 में दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए। 2018 में प्रभात झा को बीजेपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था।
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