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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम के चांगसारी में एक समारोह में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान - एम्स गुवाहाटी राष्ट्र को समर्पित किया। श्री मोदी ने नलबाडी, नौगांव और कोकराझार में तीन मेडिकल कॉलेजों का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए प्रधनमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर को पहला एम्स मिला है जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य उपचार का ढांचा मजबूत होगा। इसी समारोह में प्रधानमंत्री ने आई आई टी गुवाहाटी में असम एडवांस्ड हैल्थ केयर इनोवेशन इंस्टीट्यूट की आधारशिला भी रखी। श्री मोदी ने असम के एक करोड दस लाख लाभार्थियों को आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन औषधि योजना कार्ड वितरित किये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम में गुवाहाटी में सारूसजाई स्टेडियम में 11 हजार करोड रुपये की विभिन्न राष्ट्रीय परियोजनाओं में से कुछ की आधारशिला रखीं और कुछ राष्ट्र को समर्पित कीं। इनमें ब्रह्मपुत्र नदी पर पलाशबारी और सुवालकुचि को जोडने वाले पुल की आधारशिला, सिवसागर में रंगघर के सौंर्दयीकरण की परियोजना, नामरूप में पांच सौ टीपीडी मेनथॉल संयंत्र का उद्घाटन और राष्ट्र को पांच रेलवे परियोजनाएं समर्पित किया जाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने दस हजार से ज्यादा बिहू नर्तकों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग बिहू कार्यक्रम भी देखा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने असम के गुवाहाटी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जुबली समारोह कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने असम पुलिस द्वारा डिजाइन किए गए एक मोबाइल एप्लिकेशन ‘असम कॉप’ का शुभारंभ किया। यह ऐप अपराध और आपराधिक नेटवर्क ट्रैकिंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) और वाहन राष्ट्रीय रजिस्टर के डेटाबेस की मदद से अभियुक्तों और वाहनों को खोजने की सुविधा प्रदान करेगा। गुवाहाटी उच्च न्यायालय की स्थापना 1948 में हुई थी और इसने मार्च, 2013 तक असम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश के सात उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए साझा अदालत के रूप में कार्य किया। वर्ष 2013 में मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के लिए अलग उच्च न्यायालय बनाए गए। गुवाहाटी उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार के दायरे में अब असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश हैं। गुवाहाटी में इसकी प्रमुख सीट है और कोहिमा (नागालैंड), आइजोल (मिजोरम) और ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) में इसके तीन स्थायी पीठ हैं।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने पशु महामारी तैयारी पहल और विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित “एक स्वास्थ्य के लिए पशु स्वास्थ्य प्रणाली सहायता” का शुभारंभ किया, जिससे भारत की तैयारियों और एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण के अनुरुप संभावित पशु महामारी की प्रतिक्रिया को बढ़ावा दिया जा सके। इस पहल का उद्देश्य पशु महामारियों के लिए भारत की तैयारी और प्रतिक्रिया को बढ़ावा देना है, जिसमें पशुजन्य बीमारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जो कि पशु और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं। यह पहल पशु चिकित्सा सेवाओं और अवसंरचना, रोग निगरानी क्षमताओं, प्रारंभिक पहचान और प्रतिक्रिया में सुधार, पशु स्वास्थ्य पेशेवरों में क्षमता निर्माण और सामुदायिक आउटरीच के माध्यम से किसानों के बीच जागरूकता उत्पन्न करने में सहायता प्रदान करेगी। इस आयोजन में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित “एक स्वास्थ्य के लिए पशु स्वास्थ्य प्रणाली सहायता (एएचएसएसओएच)” का भी शुभारंभ किया गया, जिसका उद्देश्य भारत के पांच राज्यों को कवर करने वाले एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण का उपयोग करके बेहतर पशु स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल और स्पेन सरकार की व्यापार सचिव सुश्री जियाना मेंडेज़ ने 13 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में भारत-स्पेन संयुक्त आर्थिक सहयोग आयोग (जेसीईसी) के 12वें सत्र की सह-अध्यक्षता की। दोनों पक्षों ने भारत-स्पेन संयुक्त आयोग व्यवस्था के इस स्वर्ण जयंती वर्ष का उत्सव मनाया, जिसे 1972 में स्थापित किया गया था। पिछले 50 वर्षों के दौरान, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 3.7 बिलियन डॉलर के निवेश के साथ, स्पेन की 250 कंपनियां भारत में काम कर रहीं हैं, जबकि 40 भारतीय कंपनियां स्पेन के आईटी, फार्मा, नवीकरणीय ऊर्जा, ऑटोमोबाइल, अवसंरचना जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
हाल ही में तमिलनाडु के प्रसिद्ध कंबम पन्नीर थ्राचाई, जिसे कंबम अंगूर के रूप में भी जाना जाता है, को भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication- GI) टैग प्रदान किया गया है। तमिलनाडु में पश्चिमी घाट पर स्थित कुंबुम घाटी को 'दक्षिण भारत के अंगूरों के शहर' के रूप में जाना जाता है जहाँ पन्नीर थ्राचाई की खेती की जाती है। यह किस्म, जिसे मस्कट हैम्बर्ग के रूप में भी जाना जाता है, अपनी त्वरित वृद्धि एवं जल्दी परिपक्वता हेतु लोकप्रिय है, साथ ही यह फसल लगभग पूरे वर्ष बाज़ार में उपलब्ध रहती है। पन्नीर अंगूर पहली बार वर्ष 1832 में एक फ्राँसीसी पुजारी द्वारा तमिलनाडु में लाए गए थे, ये विटामिन, टार्टरिक एसिड एवं एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, साथ ही कुछ पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं। ये बैंगनी भूरे रंग के अलावा बेहतर स्वाद हेतु भी जाने जाते हैं। GI उन उत्पादों हेतु इस्तेमाल किया जाने वाला एक संकेत है जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है एवं उन गुणों या विशेषता से युक्त होते हैं जो उस भौगोलिक मूल के कारण होती है। वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 भारत में वस्तुओं से संबंधित भौगोलिक संकेतों के पंजीकरण एवं बेहतर सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करता है। यह TRIPS/ट्रिप्स पर WTO समझौते द्वारा शासित तथा निर्देशित है।
असम के बिहू नृत्य ने गुवाहाटी के सुरसजाई स्टेडियम में 11,304 नर्तकों और संगीतकारों के प्रदर्शन के साथ दो विश्व रिकॉर्ड तोड़कर इतिहास रच दिया। कलाकारों ने दो श्रेणियों में विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया- सबसे बड़ा बिहू नृत्य प्रदर्शन और लोक संगीतकारों द्वारा सबसे बड़ा प्रदर्शन। यह पारंपरिक लोकनृत्य बिहू के लिये एक महत्त्वपूर्ण क्षण रहा, जो पूरे असम में लोकप्रिय है और विशेष रूप से बोहाग बिहू या रोंगाली बिहू (वसंत उत्सव जो अप्रैल के मध्य में असमिया नववर्ष की शुरुआत को इंगित करता है) के दौरान किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति ने वैशाखी, विशु (केरल और अन्य पड़ोसी क्षेत्रों), नाबा बरशा (पश्चिम बंगाल), पुथंडु-पिरप्पु (तमिलनाडु) तथा वैशाखड़ी सहित पूरे भारत में मनाए जाने वाले विभिन्न पारंपरिक नववर्ष उत्सवों के अवसर पर बधाई दी है। बसंत के मौसम में मनाए जाने वाले ये त्योहार भारत में विभिन्न क्षेत्रीय कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत का संकेत देते हैं। वैशाखी हिंदुओं तथा सिखों द्वारा मनाई जाती है और गुरु गोबिंद सिंह के नेतृत्त्व में योद्धाओं के खालसा पंथ के गठन का प्रतीक है। ये त्योहार संपूर्ण भारत के विभिन्न जातियों और धर्मों के लोगों को एक साथ लाते हैं और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाते हैं।
भारत की पहली 'सेमी हाई स्पीड रीजनल' रेल सेवा को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने 'RAPIDX' नाम दिया गया है। ये ट्रेन रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोरों पर चलेंगी, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के महत्वपूर्ण शहरी केंद्रों को जोड़ने के लिए निर्माण किए जा रहे हैं। ‘रैपिडेक्स’ नाम को चुना गया है क्योंकि यह अलग-अलग भाषाओं में पढ़ने और उच्चारण करने के लिए सरल है। गौरतलब है कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTC कॉरिडोर पर रैपिडएक्स सेवा के जरिये दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा के समय में काफी कमी आएगी। इस गलियारे पर 17 किलोमीटर लंबे साहिबाबाद-दुहाई खंड पर 2023 में ट्रेन संचालन की उम्मीद है, जबकि एनसीआरटीसी का पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर को लोगों के लिए वर्ष 2025 तक खोलने का लक्ष्य है।
नई और नवीनीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने राज्य के स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) को मिनिरत्न श्रेणी-I केंद्रीय उपक्रम (सीपीएसई) का दर्जा प्रदान किया है। SECI, जो 9 सितंबर 2011 में स्थापित की गई थी, नई और नवीनीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वैश्विक प्रतिबद्धियों को पूरा करने के लिए नवीनीकरणीय ऊर्जा योजनाओं / परियोजनाओं के प्रधान कार्यान्वयक एजेंसी है। SECI ने देश में ऊर्जा उत्पादन क्षमता के त्वरित वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और राष्ट्र की जलवायु प्रतिबद्धियों, कार्बन उत्सर्जन रणनीतियों और स्थायी ऊर्जा परिवर्तन के लिए योगदान दिया है। सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
घाना ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के मलेरिया के एक नए टीके को मंज़ूरी दे दी है, जिससे वह ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। R21 के रूप में जाना जाने वाला यह टीका घरेलू स्तर पर 5-36 महीने के उन बच्चों के लिये स्वीकृत किया गया है, जिन्हें मलेरिया से मृत्यु का उच्चतम जोखिम होता है। यह स्पष्ट नहीं है कि घाना में वैक्सीन को कब शुरू किया जाएगा क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित अन्य नियामक निकाय इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता का आकलन कर रहे हैं। यह वैक्सीन उपयोग के लिये स्वीकृत होने वाली दूसरी मलेरिया वैक्सीन है और अमीर देशों से इतर अफ्रीकी देश में स्वीकृत होने वाली पहली प्रमुख वैक्सीन है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड के साथ प्रतिवर्ष वैक्सीन की 200 मिलियन खुराक तक का उत्पादन करने हेतु समझौता किया है। WHO ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में मॉस्क्युरिक्स का टीका दिया गया है वहाँ सभी कारणों से होने वाली बाल मृत्यु दर में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।
हाल ही में कुर्मी समुदाय ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने की मांग को लेकर बंगाल में आंदोलन शुरू किया। वे यह भी चाहते हैं कि उनकी कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। 1931 की जनगणना में कुर्मी को अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत समुदायों में शामिल नहीं किया गया था और 1950 में अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर कर दिया गया था। 2004 में झारखंड सरकार ने सिफारिश की कि समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत करने के बजाय अनुसूचित जनजाति की सूची में जोड़ा जाए। सिफारिश के बाद मामला जनजातीय अनुसंधान संस्थान (TRI) के पास गया, जिसने यह माना कि कुर्मी कुनबियों की उप-जाति है, न कि जनजाति। इसके आधार पर केंद्र ने कुर्मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति माने जाने की मांग खारिज़ कर दी। कुर्मी एक ज़मींदार कृषक समुदाय हैं जिनकी स्थिति जगह-जगह बदलती रहती है। कुर्मी को एक "प्रगतिशील किसान" माना जाता है जो क्षेत्र में उपलब्ध सभी विकास योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाते हैं। कुर्मी कई राज्यों में पाए जाते हैं जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, गोवा और कर्नाटक शामिल हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 28 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में से 29 करोड़पति हैं। आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी ₹510 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर हैं, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास सबसे कम ₹15 लाख की संपत्ति है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर, जो एक केंद्र शासित प्रदेश है, में वर्तमान में मुख्यमंत्री नहीं है। एडीआर ने कहा कि विश्लेषण किए गए 30 मुख्यमंत्रियों में से 29 (97 प्रतिशत) करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति प्रत्येक मुख्यमंत्री के लिए 33.96 करोड़ रुपये है। संपत्ति के मामले में शीर्ष तीन मुख्यमंत्रियों में आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी (₹510 करोड़ से अधिक), अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू (₹163 करोड़ से अधिक) और ओडिशा के नवीन पटनायक (₹63 करोड़ से अधिक) हैं। एडीआर ने कहा कि सबसे कम घोषित संपत्ति वाले तीन मुख्यमंत्रियों में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी (15 लाख रुपये से अधिक), केरल के पिनाराई विजयन (1 करोड़ रुपये से अधिक) और हरियाणा के मनोहर लाल (1 करोड़ रुपये से अधिक) हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि क्रिप्टो परिसंपत्तियों के वैश्विक स्तर पर नीतिगत फैसले लेने आवश्यक है क्योंकि इससे उभरती और विकसित दोनों अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं। वॉशिंग्टन डीसी में भारत की जी20 की अध्यक्षता के अन्तर्गत जी20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की दूसरी बैठक के समापन पर उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए यह बात कही। यह बैठक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक समूह की 2023 की स्प्रिंग बैठकों से अलग इस महीने की 12 और 13 तारीख को आयोजित की गई थी।
तेलंगाना सरकार ने बाबा साहेब डॉ0 बी आर आम्बेडकर की जयंती पर उनके नाम से एक पुरस्कार की घोषणा की है। मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव ने ऐतिहासिक हुसैन सागर झील के किनारे डॉ0 आम्बेडकर की सवा सौ फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक जनसभा में इसकी घोषणा की। इस अवसर पर पूर्व सांसद और बाबा साहेब के पौत्र प्रकाश आम्बेडकर भी मुख्यमंत्री के साथ थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरस्कार के लिए 51 करोड रुपये का कोष बनाया गया है और प्रतिवर्ष उनकी जयंती पर तीन करोड रुपये का पुरस्कार दलित कल्याण के क्षेत्र में योगदान करने वाले व्यक्ति को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दलित बंधू कार्यक्रम के तहत राज्य में अब तक पचास हजार दलित परिवारों को लाभ मिला है और मौजूदा वर्ष में एक लाख से ज्यादा परिवारों को इससे फायदा होगा।
जापान, भारत और फ्रांस ने श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन के समन्वय के लिए द्विपक्षीय ऋणदाताओं के बीच बातचीत के लिए एक साझा मंच की घोषणा की है। इससे मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के ऋण संकट को हल करने में मदद मिलेगी। जापान के वित्त मंत्री शुनिची सुजुकी ने बताया कि ऋणदाताओं के इस तरह के व्यापक आधार वाले समूह के साथ वार्ता प्रक्रिया शुरू करना ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि यह समिति सभी ऋणदाताओं के लिए खुली है। फ्रांस के ट्रेजरी महानिदेशक इमैनुएल मॉलिन ने बताया कि समूह जल्द से जल्द पहले दौर की वार्ता आयोजित करने के लिए तैयार है। श्रीलंका ने पिछले महीने भारी कर्ज के बोझ से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से दो अरब नब्बे करोड डॉलर के ऋण लिया। जी-20 के सामान्य ढाँचे के तहत ऋण में राहत के लिए केवल निम्न-आय वाले देश आवेदन कर सकते हैं। मध्यम आय अर्थव्यवस्था वाले देश इस व्यवस्था का लाभ नहीं ले सकते। श्रीलंका पर द्विपक्षीय ऋणदाताओं का सात अरब दस करोड डॉलर ऋण बकाया है। इसमें चीन का तीन अरब डॉलर, पेरिस क्लब का दो अरब चालीस करोड और भारत का एक अरब साठ करोड डॉलर शामिल है।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मोज़ाम्बिक के मापुटो में वहां की एसेंबली एस्पेरांका बियास के अध्यक्ष के साथ बैठक करके अपनी कार्यक्रमों की शुरुआत की। उन्होंने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक सहयोग पर चर्चा की और मोजाम्बिक के सतत विकास के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। बातचीत आतंकवाद का मुकाबला करने, आपदाओं से निपटने और हरित विकास पर केंद्रित थी। डॉक्टर जयशंकर ने बूजी सेतु का भी वर्जुअल माध्यम से उद्घाटन किया। यह पुल एक सौ 32 किलोमीटर लंबे टीका बूजी-नोवा-सोफाला रोड परियोजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा यह सेतु भारत और मोजांबीक की एकजुटता और मैत्री का उदाहरण है।
कतर और बहरीन ने घोषणा की है कि कतर के अरब बहिष्कार को समाप्त किए जाने के दो वर्षों बाद वे अपने राजनयिक संबंधों को फिर से बहाल करेंगे। जनवरी 2021 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिश्र ने कतर के साढ़े तीन वर्षों के प्रतिबंध को समाप्त किया, लेकिन बहरीन को छोड़कर सभी देश 2021 में कतर के साथ व्यापारिक संपर्क और यात्रा को पहले ही बहाल कर चुके हैं। राजनयिक संबंधों को बहाल करने का यह निर्णय सऊदी राजधानी के खाड़ी सहयोग परिषद महासचिवालय में आयोजित बहरीन-कतर कार्यान्वयन समिति की दूसरी बैठक में लिया गया। 5 जनवरी 2021 को अलऊला घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते ने सऊदी अरब के अलऊला में आयोजित खाड़ी सहयोग परिषद शिखर सम्मेलन के समापन को दर्शाया। इस समझौते के कारण कतर के साथ विवाद समाप्त हुआ। इस समझौते ने खाड़ी सहयोग परिषद के देशों के संबंधों को मजबूत करने और इनमें एकता लाने का आह्वान किया। इस घोषणा ने राज्यों के एक संघ गठित करने के लिए सभी क्षेत्रों में समन्वय और एकीकरण लाने की खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य राज्यों की वचनबद्धता की भी पुष्टि की। इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात और कतर ने अलऊला घोषणा के कार्यान्वयन पर अबूधाबी में अपनी चौथी संयुक्त बैठक की।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने आंध्रप्रदेश और तेलंगाना वन क्षेत्र में फैले नागार्जुन सागर-श्रीसेलम बाघ अभयारण्य आने वाले वाहनों को निर्बाध प्रवेश की सुविधा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। सडक, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि इसका उद्देश्य बाघ अभयारण्य के प्रवेश स्थलों पर फास्ट टैग आधारित भुगतान प्रणाली उपलब्ध कराना है। इस प्रणाली से दर्शकों को लंबी लाइनों और देरी से छुटकारा मिलेगा। भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड और वन विभाग के बीच यह सहभागिता सतत् पर्यटन को बढावा देने और जंगल के प्रवेश स्थलों पर वाहनों के प्रदूषण को रोककर प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री डॉक्टर विरेन्द्र कुमार ने आम्बेडकर जयंती के अवसर पर हज़रत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से भारत गौरव पर्यटक रेलगाड़ी को संयुक्त रूप से झंडी दिखा कर रवाना किया। लगभग आठ दिनों की इस रेल यात्रा का उद्देश्य डॉक्टर भीम राव आम्बेडकर के जीवन से जुड़े स्थलों को रेखांकित करना है। यह रेलगाड़ी डॉक्टर आम्बेडकर के जीवन और बुद्ध की विरासत से जुड़े स्थलों जैसे नई दिल्ली, महू, नागपुर, सांची, वाराणसी, सारनाथ, बौद्धगया, राजगीर और नालंदा का भ्रमण कराएगी। दस वातानुकूलित कोच वाली इस भारत गौरव पर्यटक रेलगाड़ी में कुल छह सौ पर्यटक यात्रा कर सकेंगे।
जिजाऊ एजुकेशनल एंड सोशल फाउंडेशन के संस्थापक नीलेश भगवान सांबरे को हाल ही में मराठा उद्यमी विकास और मार्गदर्शन संस्थान महाराष्ट्र राज्य द्वारा आयोजित मराठा उद्यमी सम्मेलन 2023 में मराठा उद्योग रत्न से सम्मानित किया गया। उद्योग क्षेत्र में उनकी प्रभावशाली उपलब्धियों और पालघर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में उनके अथक परिश्रम के कारण नीलेश सांबरे को यह पुरस्कार दिया गया। नीलेश भगवान सांबरे को अप्पा के नाम से भी जाना जाता है। यह पुरस्कार महाराष्ट्र के प्रतिष्ठित उद्यमियों द्वारा प्रदान किया गया, जिनमें सुरेश हावरे, पुरुषोत्तम खेडेकर, निर्मलकुमार देशमुख, डॉ. सचिन भड़ाने और विजय घोगरे शामिल हैं। जिजाऊ शैक्षिक और सामाजिक संगठन एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारत के 5 जिलों: पालघर, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में वंचित समुदायों के उत्थान पर ध्यान केंद्रित करता है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने 35वें स्थापना दिवस के मौके पर नया प्रतीक चिह्न जारी किया। इस दौरान सेबी के पूर्व चेयरमैन के साथ-साथ पूर्व और वर्तमान पूर्ण-कालिक सदस्य भी मौजूद थे। सेबी ने बयान में कहा कि नियामक संस्था ने उद्योगों के साथ साझेदारी और परामर्श की अपनी समृद्ध परंपरा में विश्वास जारी रखा है और उसका पालन करती रही है। सेबी को अप्रैल, 1988 में स्थापित किया गया था। सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) भारत में प्रतिभूति और वस्तु बाजार के लिए एक नियामक संस्था है। इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुई थी और इसका स्वामित्व वित्त मंत्रालय के पास है। 1992 में हर्षद मेहता घोटाले के बाद सेबी अधिनियम के साथ सेबी को अधिक शक्ति और अधिकार दिए गए थे।
यूनान और भारतीय वायु सेनाएं सु-30, एफ-16, और राफेल लड़ाकू जेटों के साथ ग्रीस और मध्य सागर में दस दिनों के संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास पर सहयोग करेंगी। अभ्यास, वार्षिक यूनानी अभ्यास इनिओकोस 23 के हिस्से के रूप में आयोजित किया जाएगा, जो यूनानी वायु सेना और रक्षा मंत्रालय के यूनानी वायु विकास केंद्र द्वारा नेतृत्व किया जाता है। प्रशिक्षण 18 अप्रैल से शुरू होने वाला है और 28 अप्रैल को समाप्त होगा।
एच3एन8 (H3N8) बर्ड फ्लू से दुनिया में पहली मौत दर्ज की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि एक चीनी महिला एक प्रकार के बर्ड फ्लू से मरने वाली पहली व्यक्ति बन गई है, जो मनुष्यों में दुर्लभ है। लेकिन यह स्ट्रेन लोगों के बीच फैलता नहीं दिख रहा है। लोगों में छिटपुट संक्रमण के साथ चीन में बर्ड फ्लू आम है क्योंकि यहां एवियन फ्लू के वायरस बड़ी संख्या में पॉल्ट्री और जंगली पक्षियों की आबादी में लगातार फैलते रहते हैं। H3N8 इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक सबटाइप है।यह प्राथमिक रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है, विशेष रूप से जंगली जलपक्षियों और तटीय पक्षियों को।यह आमतौर पर मानवों में पाया नहीं जाता है, लेकिन मानव संक्रमण के दुर्लभ मामले दर्ज किए गए हैं।
प्रेस द्वारा हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय जांचकर्ता फ्रीडम हाउस द्वारा प्रकाशित 2023 के फ्रीडम इन द वर्ल्ड इंडेक्स के अनुसार, तिब्बत दुनिया में सबसे कम स्वतंत्रता वाला देश है। इस रिपोर्ट का शीर्षक “फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2023 रिपोर्ट” है जो 9 मार्च को फ्रीडम हाउस द्वारा जारी किया गया था और इसमें तिब्बत, दक्षिण सूडान और सीरिया को “सबसे अस्वतंत्र देश” के रूप में पहचाना गया। यह तीसरा लगातार साल है जब फ्रीडम हाउस द्वारा आयोजित अन्वेषणों में तिब्बत को सूची के निचले हिस्से में रखा गया है। रिपोर्ट बताती है कि तिब्बत के निवासियों को चीनी और तिब्बती दोनों मूलभूत अधिकारों से वंचित किया गया है और चीनी सरकार तिब्बतियों के बीच असहमति के किसी भी संकेत को दबाने में नयायहीन है।
कुश्ती में, फ्रीस्टाइल पहलवान अमन सहरावत ने कजाकिस्तान के अस्ताना में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2023 में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। पिछले साल स्पेन में अंडर -23 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने अमन सहरावत ने प्रतियोगिता के अंतिम दिन पुरुषों के 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में ये स्वर्ण पदक जीता। अमन सहरावत ने क्वार्टर फाइनल में जापान के रिकुटो अराई को 7-1 से हराया था। सेमी फाइनल बाउट में, अमन सहरावत ने चीन के जोउ वानहाओ को 7-4 के स्कोर से हराया था। फाइनल में, अमन सहरावत ने पिछले साल के कांस्य पदक विजेता किर्गिस्तान के अल्माज स्मानबेकोव को 9-4 से हराया। अन्य भारतीय पहलवानों में दीपक ने 79 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता। दो फ्रीस्टाइल पदकों के साथ प्रतियोगिता में भारत की संख्या 13 हो गई। ग्रीको-रोमन पहलवानों ने चार पदक जीते जबकि महिला पहलवानों ने सात पदक जीते।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद भवन में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था, वह अपने माता-पिता की 14वीं और अंतिम संतान थे। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के पिता सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल थे। वह ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे। बाबासाहेब के पिता संत कबीर दास के अनुयायी थे और एक शिक्षित व्यक्ति थे। 15 अगस्त, 1936 को, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने दलित वर्गों के हितों की रक्षा करने के लिए “स्वतंत्र लेबर पार्टी” का गठन किया, जिसमें ज्यादातर श्रमिक वर्ग के लोग शामिल थे। 1938 में, कांग्रेस ने अछूतों के नाम में बदलाव करने वाला एक विधेयक प्रस्तुत किया। डा अंबेडकर ने इसकी आलोचना की। उनका दृष्टिकोण था कि नाम बदलने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। 1942 में, वह भारत के गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद में एक श्रम सदस्य के रूप में नियुक्त हुए। 1946 में, उन्हें बंगाल से संविधान सभा के लिए चुना गया। उसी समय उन्होंने अपनी पुस्तक प्रकाशित की, “शूद्र कौन थे”? आजादी के बाद, 1947 में, उन्हें देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू के पहले मंत्रिमंडल में कानून एवं न्याय मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। लेकिन 1951 में उन्होंने कश्मीर मुद्दे, भारत की विदेश नीति और हिंदू कोड बिल के प्रति प्रधानमंत्री नेहरू की नीति पर अपना मतभेद प्रकट करते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 1952 में, कोलंबिया विश्वविद्यालय ने भारत के संविधान का मसौदे तैयार करने में उनके योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए उन्हें एलएलडी की डिग्री प्रदान की। 1955 में, उन्होंने "भाषाई राज्यों पर विचार" नामक अपनी पुस्तक प्रकाशित की। डॉ. बीआर अंबेडकर को उस्मानिया विश्वविद्यालय ने 12 जनवरी, 1953 को डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। आखिरकार 21 वर्षों के बाद, उन्होंने सच साबित कर दिया, जो उन्होंने 1935 में येओला में कहा था कि "मैं हिंदू के रूप में नहीं मरूंगा"। 14 अक्टूबर 1956 को, उन्होंने नागपुर में एक ऐतिहासिक समारोह में बौद्ध धर्म अपना लिया और 06 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु हो गई। डॉ बाबासाहेब अंबेडकर को 1954 में नेपाल के काठमांडू में “जगतिक बौद्ध धर्म परिषद” में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा “बोधिसत्व” की उपाधि से सम्मानित किया गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि डॉ. अंबेडकर को जीवित रहते हुए ही बोधिसत्व की उपाधि से नवाजा गया था।
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