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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के तीन प्रकाशन जारी किए। जारी किए गए प्रकाशन थे: (i) राष्ट्र के लिए न्याय: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 75 वर्षों पर कुछ विचार; (ii) भारत में जेल: जेल मैनुअल का मानचित्रण और सुधार एवं भीड़ कम करने के उपाय; और (iii) विधि विद्यालयों के माध्यम से कानूनी सहायता: भारत में कानूनी सहायता प्रकोष्ठों के कामकाज पर एक रिपोर्ट। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐसा न्यायशास्त्र विकसित किया है जो भारतीय लोकाचार और वास्तविकताओं में निहित है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि जस्टिस फॉर द नेशन नामक पुस्तक में सर्वोच्च न्यायालय की 75 वर्षों की यात्रा के मुख्य बिंदुओं को दर्शाया गया है। इसमें लोगों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रभाव का भी वर्णन किया गया है।
महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन में भाग लिया। पहला एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन 5 और 6 नवंबर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। ‘एशिया को मजबूत बनाने में बुद्ध धम्म की भूमिका’ प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन का विषय है। यह विषय एशिया में प्रचलित विभिन्न बौद्ध परंपराओं, प्रथाओं और मान्यताओं के बीच एक सामान्य संबंध तलाशने और खोजने के शिखर सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डालता है। इस शिखर सम्मेलन में एक नए मूल्य-आधारित समाज को मजबूत करने और पोषित करने में धम्म की भूमिका का भी पता लगाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यानी 5 नवंबर को UP मदरसा शिक्षा अधिनियम, 2004 पर फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस एक्ट की वैधता बरकरार रखी है यानी अब उत्तर प्रदेश में मदरसे चलते रहेंगे और 16000 मदरसों के 17 लाख स्टूडेंट सरकारी स्कूल नहीं भेजे जाएंगे। मदरसा एक्ट के खिलाफ सबसे पहले 2012 में दारुल उलूम वासिया मदरसा के मैनेजर सिराजुल हक ने याचिका दाखिल की थी। फिर 2014 में यूपी माइनॉरिटी वेलफेयर डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी अब्दुल अजीज 2019 में लखनऊ के मोहम्मद जावेद, 2020 में रैजुल मुस्तफा और फिर 2023 में अंशुमान सिंह राठौर ने एक्ट को लेकर याचिकाएं दायर कीं। सभी याचिकाओं का नेचर एक था। इसलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं को मर्ज कर दिया था। 22 मार्च 2024 को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 86 पेज का फैसला सुनाया था। इसमें हाईकोर्ट ने कहा, ‘विभिन्न धर्मों के बच्चों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। धर्म के आधार पर उन्हें अलग-अलग प्रकार की शिक्षा मुहैया नहीं कराई जा सकती। अगर ऐसा किया जाता है तो यह धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होगा।' अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि UP मदरसा एक्ट के प्रावधान मूल अधिकार या संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर का उल्लंघन नहीं करते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा एक्ट के उस प्रावधान पर रोक लगाई है जिसमें मरदसों को पोस्टग्रेजुएट और रिसर्च का सिलेबस तय करने का अधिकार था यानी अब मदरसा बोर्ड हायर एजुकेशन का सिलेबस और किताबें तय नहीं कर पाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा निजी संपत्ति अधिग्रहण पर बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल, क्या सरकार को निजी संपत्ति का अधिग्रहण कर उसका दोबारा वितरण करने का अधिकार है। इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बेंच ने 8: 1 के बहुमत से कहा कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति कह कर अधिग्रहण नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि संपत्ति की स्थिति, सार्वजनिक हित में उसकी जरूरत और उसकी कमी जैसे सवालों पर विचार जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कृष्ण अय्यर के पिछले फैसले को बहुमत से खारिज कर दिया, जिसमें सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित किया जा सकता है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 39(बी) की व्याख्या करते हुए कहा कि अनुच्छेद 39(बी) के तहत आने वाले संसाधन के बारे में जांच कुछ विशेष चीजों पर आधारित होनी चाहिए। इसमें संसाधनों की प्रकृति, विशेषताएं, समुदाय की भलाई पर संसाधन का प्रभाव, संसाधनों की कमी तथा ऐसे संसाधनों के निजी हाथों में केंद्रित होने के परिणाम जैसे कारक हो सकते हैं।
केंद्र सरकार ने 5 नवंबर को हरियाणा, त्रिपुरा और मिजोरम के ग्रामीण स्थानीय निकायों यानी रूरल लोकल बॉडी (RLB) को 15वां वित्त आयोग अनुदान जारी किया। ये अनुदान वित्त वर्ष 2024-25 के लिए है। हरियाणा में ग्रामीण स्थानीय निकायों को 194.87 करोड़ रुपए मिले। वहीं, त्रिपुरा को 78.5 करोड़ रुपए मिले। तीनों राज्यों को टाइड और अनटाइड फंड मिले हैं। टाइड फंड यानी बद्ध अनुदान को पहले से तय मदों में खर्च किया जाता है। वहीं अनटाइड ग्रांट यानी अबद्ध अनुदान को राज्य सरकार अपनी जरूरत के हिसाब से अन्य मदों में भी खर्च कर सकती है। हरियाणा के पंचायती राज संस्थानों (PRIs) और ग्रामीण स्थानीय निकायों (RLBs) को पहली किस्त में 194.8 करोड़ रूपए का अनटाइड फंड दिया गया। त्रिपुरा में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पहली किस्त के अंतर्गत 31.4 करोड़ रुपए का अनटाइड ग्रांट और 47.1 करोड़ रूपए का टाइड ग्रांट जारी किया गया है। मिजोरम की पंचायती राज संस्थाओं और ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए जारी किए गए अनुदान में 2022-23 की 14.2 करोड़ रूपए की अनटाइड ग्रांट की पहली किस्त और 2022-23 के 21.3 करोड़ रूपए की टाइड ग्रांट की दूसरी किस्त शामिल है। टाइड फंड को ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त (ODF) स्थिति बनाए रखना, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन जैसे मदों में खर्च किया जाता है। अनटाइड फंड को स्थानीय निकाय अपनी जरूरत के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे- स्वास्थ्य, शिक्षा, स्थानीय सड़कों की मरम्मत, सामुदायिक सेवाएं आदि।
उपभोक्ता, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 5 नवंबर को नई दिल्ली में भारत ब्रांड चावल और आटा योजना के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हरी झंडी दिखाकर योजना का शुभारंभ किया। भारत ब्रांड आटा 30 रूपए प्रति किलोग्राम और भारत ब्रांड चावल 34 रूपए प्रति किलोग्राम के दाम पर उपलब्ध है। इन्हें सहकारी समितियों, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और केन्द्रीय भंडार के साथ-साथ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए 5 और 10 किलोग्राम के पैकेट में बेचा जाएगा। इस बार आटा और चावल के रेट पहले चरण के रेट (क्रमशः 27.5 रुपए और 29 रुपए प्रति किलोग्राम) की तुलना में बढ़ाए गए हैं।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव यानी IFFI के 55वें संस्करण में भारतीय सिनेमा के चार कलाकारों की जन्म-शताब्दी मनाई जाएगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की घोषणा के मुताबिक इस साल IFFI में राज कपूर, तपन सिन्हा, अक्किनेनी नागेश्वर राव (ANR) और मोहम्मद रफी की विरासत को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इन सभी कलाकारों का जन्म 1924 में हुआ था। 55वें फिल्म फेस्टिवल में ऑस्ट्रेलिया को 'कंट्री ऑफ फोकस (Country of Focus)' के रूप में नामित किया गया है। 'कंट्री ऑफ फोकस' सेगमेंट IFFI का की-फीचर है, जिसमें किसी देश की बेस्ट कंटेम्पररी फिल्में दिखाई जाती हैं। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया का आयोजन हर साल भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और गोवा सरकार की एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा के सहयोग से किया जाता है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्म महोत्सव को राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) के जरिए ऑपरेट किया जाता है।
भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के अंतर्गत सीपीएसयू आईआरईएल (इंडिया) लिमिटेड और उस्त-कामेनोगोर्स्क टाइटेनियम एवं मैग्नीशियम प्लांट जेएससी, (यूकेटीएमपी जेएससी) कजाकिस्तान ने भारत में टीआई स्लैग के उत्पादन के लिए इंडो-कजाख संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी): आईआरईयूके टाइटेनियम लिमिटेड की स्थापना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह संयुक्त उद्यम भारत में टाइटेनियम मूल्य श्रृंखला विकसित करने में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। इससे निम्न श्रेणी के इल्मेनाइट को उच्च श्रेणी के टाइटेनियम फीडस्टॉक में परिवर्तित किया जाएगा साथ ही इससे ओडिशा में रोजगार सृजन के अवसरों का भी सृजन होगा।
केंद्र सरकार ने ट्यूलिप ब्रांड लॉन्च करने की घोषणा की है इसमें हाशिए पर रहने वाले लोगों द्वारा बनाए गए उत्पादों को शामिल किया जाएगा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि उत्पाद बनाने में शामिल लोगों को सशक्त और प्रोत्साहित करने के लिए इन उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचा जाएगा। उन्होंने दिल्ली हाट में शिल्प समागन मेला-2024 के उद्घाटन के दौरान यह बात कही।
दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य और पेय उद्योग कार्यक्रम गल्फहोस्ट 2024 दुबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में शुरू हो गया है, जिसमें भारत की भागीदारी एक नए स्तर पर पहुंची है। 7 नवंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 100 से अधिक देशों के लगभग 3,000 प्रदर्शक भाग लेंगे। प्रदर्शनियों में प्रमुख उद्योगों की अत्याधुनिक प्रसंस्करण, पैकेजिंग, आपूर्ति श्रृंखला समाधान और स्वचालन तकनीकें प्रदर्शित की जाएंगी। गल्फहोस्ट 2024 में भारतीय मंडप ने 198 भारतीय कंपनियों की भागीदारी के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाया है। भारतीय मंडप का उद्घाटन दुबई में भारत के महावाणिज्यदूत श्री सतीश कुमार सिवन ने किया।
बिहार की जानी मानी लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया। 1970 के दशक से शारदा सिन्हा के शानदार करियर ने भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोक संगीत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। क्षेत्रीय संस्कृति में गहराई से निहित उनकी संगीत विरासत ने उन्हें 2018 में पद्म भूषण और क्षेत्रीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया। शारदा सिन्हा 2018 से मल्टिपल मायलोमा से जूझ रही थीं। यह एक तरह का ब्लड कैंसर है। इसमें बोन मैरो में प्लाज्मा सेल अनियंत्रित तरीक़े से बढ़ने लगते हैं।
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