अनुच्छेद - 153 एक या एक से अधिक राज्यों का एक राज्यपाल हो सकता है।
अनुच्छेद - 154 राज्य की कार्यपालिका की शक्ति राज्यपाल में निहित थी। इसका प्रयोग वह अनुच्छेद 163 के द्वारा करेगा।
अनुच्छेद - 155 राज्यपाल की नियूक्ति राष्ट्रपति द्वारा।
अनुच्छेद - 156 कार्यकाल सामान्य 5 वर्ष और राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त।
अनुच्छेद - 157 राज्यपाल बनने की योग्यता ।
अनुच्छेद - 159 शपथ सम्बन्घित(राज्य के उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश द्वारा)।
(1) राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की नियुक्ति की जाति है - अनुच्छेद 164
मुख्यमंत्री की सलाह से अन्य मंत्रियों की नियुक्ति।
91 वां संविधान संशोधन 2003 - मंत्रिपरिषद का आकार विधानसभा की कुल का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं व न्यूनतम 12 से कम नहीं।
(2) मंत्रीपरिषद विधान सभा के प्रति उत्तरदायि होती है।
(3) मंत्रीपरिषद व्यक्त्गित रूप से राज्यपाल के प्रति उत्तरदायि होता है।
(4) राज्य महाधिवक्ता की नियूक्ति - अनुच्छेद 165
महाधिवक्ता राज्यपाल के प्रसाद पर्यन्त तक रहता है।
राज्य के सभी सवैधानिक पदों के अध्यक्षों की नियूक्ति राज्यपाल द्वारा।
राज्यपाल को कार्यकाल से पूर्व हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को।
विधानपरिषद में 1/6 सदस्य मनोनित करता है।
अनुच्छेद - 175 विधानसभा सत्र आधूत, सत्रवसान और भंग करने का अधिकार।
अनुच्छेद - 176 राज्यपाल का विशेष अभिभाषण राज्य मत्रिमण्डल द्वारा तैयार किया जाता है।
राज्य का बजट राज्यपाल की अनुमति से अनुच्छेद 200 के अन्तगर्त विधानसभा में रखा जाता है। राज्य के विधेयकों को अनुमति प्रदान करता है।
अनुच्छेद - 201 राज्यपाल की विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा सकता है।
अनुच्छेद - 213 के अन्तर्गत राज्यपाल की अध्यादेश जारी करने की शक्ति।
राज्यपाल सभी राज्य विश्वविधालयों का कुलाधिपति है।
अनुच्छेद - 161 राज्यपाल को क्षमा प्रदान करने की शक्ति लेकिन मृत्यु दंड को माफ करने का अधिकार नहीं। राज्यपाल राज्य का प्रथम नागरिक होता है।
सर्वप्रथम राज्यपाल - गुरूमुख निहाल सिंह, 1956
वर्तमान - कल्याण सिंह
अब तक चार राज्यपाल की मृत्यु(पद पर रहते हुए)
Here you can find current affairs, daily updates of educational news and notification about upcoming posts.
Check This© 2024 RajasthanGyan All Rights Reserved.