1. अनुच्छेद 1 - यह घोषणा करता है कि भारत "राज्यों का संघ" है।
2. अनुच्छेद 3 - संसद विधि द्वारा नए राज्य बना सकती है तथा पहले मौजूद राज्यों के क्षेत्रों,समीओं, नामों में परिवर्तन कर सकती है ।
3. अनुच्छेद 5-11 - नागरिकता का प्रवाधान
4. अनुच्छेद 12-35 - मौलिक अधिकार का प्रावधान
5. अनुच्छेद 36-51 - राज्य के नीति-निर्देशक तत्व
6. अनुच्छेद 51(क) - मौलिक कर्तव्य
7. अनुच्छेद 52-73 - भारत के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति का संगठन और कार्यक्षेत्राधिकार
8. अनुच्छेद 74-75 - मंत्रिपरिषद् की व्यवस्था और उसके कर्तव्य
9. अनुच्छेद 79 - संसद का गठन
10. अनुच्छेद 80 - राज्यसभा का गठन
11.अनुच्छेद 81 - लोकसभा का गठन
12. अनुच्छेद 123 - राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार
13. अनुच्छेद 124 - सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना
14. अनुच्छेद 153-162 - राज्यपाल की नियुक्ति तथा अधिकार
15. अनुच्छेद 163-164 - राज्य के मंत्रिपरिषद् सहमुख्यमंत्री
16. अनुच्छेद 168-195 - राज्य विधायिका
17. अनुच्छेद 216 - उच्च न्यायालय का गठन
18. अनुच्छेद 239(क) - दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध
19. अनुच्छेद 243 - पंचायती राज,नगरपालिका का गठन और इसके अन्य उपबंध
20. अनुच्छेद 248 - अविशिष्ट विधी संबंधी शक्तियां
21. अनुच्छेद 266 - भारत और राज्यों की संचित निधियां
22. अनुच्छेद 267 - आकस्मिक निधियां
23. अनुच्छेद 280 - वित्त आयोग का गठन
24. अनुच्छेद 281 - वित्त आयोग के गठन की सिफारिशें
25. अनुच्छेद 312 - अखिल भारतीय सेवाएं
26. अनुच्छेद 315 - संघ एवं राज्य लोकसेवा आयोग का गठन
27. अनुच्छेद 320 - संघ लोक सेवा आयोग के कार्य
28. अनुच्छेद 324 - भारत का निर्वाचन आयोग
29. अनुच्छेद 330 - लोकसभा में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षण
30. अनुच्छेद 331 - लोकसभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
31. अनुच्छेद 343-351 - संघ की भाषा,प्रादेशिक भाषाएं, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों की भाषा के संबंध में ।
32. अनुच्छेद 352-360 - आपातकालीन उपबंध
33. अनुच्छेद 368 - संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति और प्रकिया
34. अनुच्छेद 370 - जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध
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