भाग -1 " अनुच्छेद 1 से 4 तक"
अनुच्छेद 1 - भारत 'राज्यों का सघ' होगा तथा नाम भारत और इण्डिया दिया गया है।
अनुच्छेद 2 - भारत की संसद अर्जीत क्षेत्रों को भारतीय संघ में मिला सकती है।
अनुच्छेद 3 - भारत की संसद दो या दो से अधिक राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन कर सकती है।उनके क्षेत्र को घटा बढा सकती है। उनके नामों में परिवर्तन कर सकती है ऐसा करने से पूर्व संम्बन्धित राज्य के विधान मण्डल की सहमति लेना आवश्यक है। लेकिन राष्ट्रपति द्वारा मानना या न मानना उसके विवेक पर निर्भर करता है।
अनुच्छेद 4 - अनुच्छेद 3 की व्यवस्था को अनुच्छेद 4 के अन्तर्गत संविधान में संशोधन नहीं माना जायेगा अर्थात् अनुच्छेद 368 की प्रक्रिया में इसे शामिल नहीं किया गया।
भाग-2 नागरिकता- अनुच्छेद 5 से 11 तक
नागरिकता दो प्रकार की होती है एक जन्मजात और दुसरी अर्जित।
जन्मजात नागरिकता वहां के मुल निवासीयों के पास होती है तथा अर्जित नागरिकता को संवैधानिक प्रावधानों के द्वारा प्राप्त किया जाता है।
भारतीय संसद द्वारा नागरिकता अधिकर अधिनियम 1955 बनाया गया जिसके आधार पर नागरिकता के प्रावधान तय किये गये है।
नागरिकता प्रदान करना और उसे समाप्त करना भारतीय संसद के अधिकार क्षेत्र में रखा गया है।
अप्रवासी भारतीयों को दोहरी नागरिकता दी गई है।
7 से 9 जनवरी 2003 से अप्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन एल. एम. सिंघवी समिति के सिफारिश के आधार पर तय किया गया। प्रथम अप्रवासी भारतीय सम्मेलन(2003) नई दिल्ली में आयोजित किया तथा 12 वां अप्रवासी भारतीय सम्मेलन जनवरी 2014 में नई दिल्ली किया गया।
अनुच्छेद 11 के अन्तर्गत नागरिकता का स्वेच्छा से त्याग तथा स्वेच्छा से ग्रहण करना निर्धारण किया गया है। भारतीय नागरिकता में अपवाद - जम्मू कश्मीर क्योंकि वहां अलग संविधान है।
भारतीय संविधान में नागरिकता संबंधी अधिकार किस अनुच्छेद में दिए गए हैं? अनुच्छेद-5-11
किस अनुच्छेद के तहत संसद को नागरिकता के संबंध में कानून बनाने का अधिकार है? अनुच्छेद-11
नागरिक बनने के लिए क्या शर्त आवश्यक है राज्य की सदस्यता
नागरिकता किस प्रकार छीनी जा सकती है/ समाप्त हो सकती है? देशद्रोह का आरोप सिद्ध होने पर
भारतीय संविधान में शामिल इकहरी नागरिकता किस देश के संविधान से प्रेरित है? ब्रिटेन
किस देश में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है? संयुक्त राज्य अमेरिका
भारत के नागरिकों को कितनी प्रकार से नागरिकता प्राप्त है? एक
संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकता के संबंध में संसद ने एक व्यापक नागरिकता अधिनियम कब लागू किया? 1955 ई.
नागरिकता प्राप्त करने व खोने के विषय की विस्तार से चर्चा कहाँ पर है? 1955 अधिनियम
कितने वर्षों तक बाहर रहने पर नागरिकता समाप्त हो जाती है? 7 वर्ष
यदि कोई भारतीय व्यक्ति दूसरे देश की नागरिकता ग्रहण कर लेता है तो, वह भारत का नागरिक नहीं होगा
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