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माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सम्मान समारोह 2024 में शामिल हुईं। समारोह के दौरान, माननीया राष्ट्रपति ने सतत एवं समावेशी विकास में असाधारण योगदान के लिए विभिन्न श्रेणियों में चयनित 45 पुरस्कार विजेता उत्कृष्ट पंचायतों (42 पंचायतों और 3 क्षमता निर्माण संस्थानों) को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए। इस वर्ष के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों में दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार, नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत विकास पुरस्कार, ग्राम ऊर्जा स्वराज विशेष पंचायत पुरस्कार, कार्बन न्यूट्रल विशेष पंचायत पुरस्कार और पंचायत क्षमाता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार जैसी श्रेणियां शामिल थीं, जिनके तहत गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, बाल कल्याण, जल संरक्षण, स्वच्छता, बुनियादी ढांचे, शासन, अपशिष्ट प्रबंधन और महिलाओं का सशक्तिकरण जैसे विषयगत क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार देश भर की पंचायतों को सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को अपनाने और एक सुदृढ़, आत्मनिर्भर एवं टिकाऊ ग्रामीण भारत के राष्ट्रीय एजेंडे को साकार करने में योगदान देने के लिए प्रेरित करने में सहायक हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया-आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भू-राजनीतिक तनाव, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और राजनीतिक अनिश्चितताओं से जूझ रहे वैश्विक वातावरण में स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आरबीआई नीतिगत मामलों में स्थिरता को प्राथमिकता देना जारी रखेगा। उन्होने कहा कि बैंक मौजूदा वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य के जवाब में सतर्क रहेगा। गवर्नर ने बताया कि आरबीआई वित्तीय नियामकों और केंद्र और राज्य सरकारों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग करना जारी रखेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि औपचारिक वित्तीय समावेशन का लाभ सभी तक पहुंचे। उन्होंने वित्तीय क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर भी प्रकाश डाला। इससे पहले दिन में संजय मल्होत्रा ने भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने शक्तिकांत दास का स्थान लिया, जिन्होंने अपना छह साल का कार्यकाल पूरा किया।
पीएम मोदी ने बुधवार को अपने 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर महान तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्य भारती की संपूर्ण रचनाओं के संग्रह का विमोचन किया। उनके संपूर्ण कार्यों का 23 खंडों का संग्रह सीनी विश्वनाथन द्वारा संकलित और संपादित किया गया है और एलायंस पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसमें सुब्रमण्य भारती के लेखन के संस्करणों, स्पष्टीकरणों, दस्तावेजों, पृष्ठभूमि की जानकारी और दार्शनिक प्रस्तुति आदि का विवरण शामिल है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि हासिल करते हुए गंभीर हीमोफीलिया ए के लिए लेंटीवायरल वेक्टर का उपयोग करते हुए पहली बार मानव जीन थेरेपी विकसित की है। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) वेल्लोर में स्टेम सेल अनुसंधान केंद्र (सीएससीआर) द्वारा विकसित और जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित इस चिकित्सा ने परिवर्तनकारी परिणाम दिखाए हैं। यह ब्रिक-इनस्टेम की एक ट्रांसलेशन इकाई है। इस वर्ष के प्रारम्भ में सी.एम.सी. वेल्लोर के वैज्ञानिकों ने हीमोफीलिया ए (एफ.वी.आई.आई.आई. की कमी) के लिए जीन थेरेपी का देश का पहला मानव क्लिनिकल परीक्षण सफलतापूर्वक किया। इस शोध में 22 से 41 वर्ष की आयु के पांच प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिसमें कई परिवर्तनकारी परिणाम निकलकर सामने आए। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोधपत्र में वैज्ञानिकों ने कहा कि इस थेरेपी से सभी पांच नामांकित प्रतिभागियों में वार्षिक रक्तस्राव दर सफलतापूर्वक शून्य हो गई, जबकि फैक्टर VIII का उत्पादन लंबे समय तक जारी रहा, जिससे बार-बार इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता समाप्त हो गई।
संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर को इकोलॉजिस्ट माधव गाडगिल को 2024 चैंपियन ऑफ द अर्थ पुरस्कार से सम्मानित किया। ये पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है। गाडगिल को ये पुरस्कार भारत के 4 ग्लोबल बॉयोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट मे से एक पश्चिमी घाट में उनके काम के लिए मिला है। चैंपियन ऑफ द अर्थ पुरस्कार पाने वालों में ब्राजील की पहली आदिवासी मंत्री सोनिया गुआजाजारा, संयुक्त राज्य अमेरिका की आदिवासी अधिकारों की पैरोकार एमी बोवर्स कॉर्डालिस, रोम के पर्यावरण रक्षक गेब्रियल पौन, चीन के वैज्ञानिक लू क्यूई के शामिल हैं। माधव गाडगिल को UNEP की लाइफटाइम अचीवमेंट कैटेगरी में पुरस्कार दिया गया है। माधव गाडगिल 2010 में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा बनाए गए पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल के अध्यक्ष थे। 2011 में सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की थी कि पश्चिमी घाट के 129,037 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के 75% हिस्से को इसके घने सदाबहार जंगल और स्थानीय प्रजातियों के कारण संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए।
11 दिसंबर को लोकसभा में रेलवे (संशोधन विधेयक, 2024) पारित हुआ। ये बिल ध्वनिमत से पास हुआ। रेलवे के संचालन को ज्यादा सरल और सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को ज्यादा शक्ति देने के लिए दो पुराने कानूनों को जोड़कर 'रेल संशोधन विधेयक-2024' बनाया गया है। इस बिल में केंद्र सरकार द्वारा रेलवे बोर्ड के सदस्यों की संख्या तय करने का प्रावधान है। साथ ही, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और बोर्ड के सदस्यों की योग्यता, अनुभव और सेवा की शर्तों के साथ-साथ नियुक्ति का तरीका केंद्र सरकार निर्धारित करेगी। यह बिल 1905 के एक्ट को निरस्त करता है और इसके प्रावधानों को रेलवे एक्ट, 1989 में शामिल करता है। इससे दो कानूनों का संदर्भ लेने की आवश्यकता कम हो जाएगी। रेलवे बोर्ड एक्ट, 1905 के तहत रेलवे के संबंध में केंद्र सरकार की शक्तियां और कार्य रेलवे बोर्ड में निहित हैं। यह बिल भारतीय रेलवे के मौजूदा संगठनात्मक ढांचे को बरकरार रखता है। भारत में पहली यात्री रेल सेवा वर्ष 1853 में शुरू हुई थी और वर्ष 1890 में रेलवे अधिनियम बनाया गया था। रेलवे शुरुआत में लोक निर्माण विभाग का एक अंग होता था। साल 1905 में इसे लोक निर्माण विभाग से अलग कर नया रेलवे बोर्ड बनाया गया। साल 1989 में नया रेलवे अधिनियम कानून लाया गया, लेकिन उसमें 1905 के रेलवे बोर्ड कानून को एकीकृत नहीं किया गया था। संसदीय लोकतंत्र में आम तौर पर 4 तरीके से वोटिंग किए जाते हैं। पहला तरीका है ध्वनि मत, दूसरा है काउंटिंग, तीसरा है ऑटोमैटिक वोट रिकॉर्डर के जरिए मत विभाजन और चौथा तरीका है लॉबी में जाकर पक्ष या विपक्ष में खड़े होना।
11 दिसंबर को आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 को लोकसभा में विचार करने के लिए पेश किया गया। इस विधेयक का मकसद आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करना है। 2005 के अधिनियम के तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (NEC) व राज्य कार्यकारी समितियां (SEC) आपदा प्रबंधन योजनाओं की तैयारी में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (SDMA) की सहायता के लिये जिम्मेदार थीं। विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि NEC व SEC को दरकिनार करते हुए NDMA और SDMA अपनी स्वयं की राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन योजनाएं बनाएं। NDMA की जिम्मेदारियों का विस्तार करके इसमें आपदा जोखिमों का आवधिक आकलन भी शामिल किया जाएगा। विधेयक राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर एक व्यापक आपदा डेटाबेस तैयार करने को कहता है। ये डेटाबेस आपदा आकलन, निधि आवंटन, व्यय, आपदा पूर्व तैयारी और जोखिम रजिस्टर जैसे पहलुओं को शामिल करेगा। वर्तमान में केंद्र सरकार NDMA में अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति करती है। जबकि, नया विधेयक NDMA को अपनी नियुक्ति की जरूरतों को खुद निर्धारित करने और केंद्र सरकार की मंजूरी से एक्सपर्ट की नियुक्ति करने की अनुमति देता है। ये विधेयक दिल्ली NCR और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ को छोड़कर राज्य की राजधानियों और बड़े शहरों के लिए शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UDMA) का प्रस्ताव करता है। इन प्राधिकरणों का नेतृत्व नगर निगम आयुक्तों व जिला कलेक्टरों द्वारा किया जाएगा, जो शहरी आपदा प्रबंधन योजना और कार्यान्वयन पर फोकस्ड रहेंगे। इसके अलावा, ये विधेयक राज्य सरकारों को स्थानीय क्षमताओं को बढ़ाने के लिए राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) बनाने का अधिकार देता है।
नेपाली सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल अशोक राज सिगडेल ने भारत की आधिकारिक यात्रा के दूसरे दिन बुधवार को कई उच्च स्तरीय बैठकें कीं। भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ गहन बातचीत में उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके वीरों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने साउथ ब्लॉक में एक शानदार गार्ड ऑफ ऑनर का भी निरीक्षण किया।
सीरिया में मोहम्मद अल-बशीर को अंतरिम सरकार के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। एक बयान में श्री बशीर ने कहा कि वे अगले वर्ष पहली मार्च तक अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे। उन्हें कुछ दिनों पहले राष्ट्रपति बशर अल-असद को हटाने वाले विद्रोहियों का समर्थन प्राप्त है। दमिश्क में बारह दिनों की आक्रामक कार्रवाई के पहले अल-बशीर ने विद्रोहियों की मुक्ति सरकार का संचालन किया था।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 11 दिसंबर को स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH 2024) के ग्रैंड फिनाले का वर्चुअल उद्घाटन किया। SIH एक राष्ट्रव्यापी पहल है, जो छात्रों को दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं को मैनेज करने और प्रोडक्ट इनोवेशंस के लिए एक मंच देती है। इसका सॉफ्टवेयर संस्करण 36 घंटे तक बिना रुके चलेगा, जबकि हार्डवेयर संस्करण 11 से 15 दिसंबर, 2024 तक जारी रहेगा। स्मार्ट इंडिया हैकथॉन में छात्रों की टीमें विभिन्न मंत्रालयों, विभागों या उद्योगों द्वारा दी गई समस्याओं पर काम करती हैं। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में छात्रों की टीमें राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर स्टूडेंट इनोवेशन कैटेगरी में अपने आईडियाज देती हैं। इसमें 1300 से ज्यादा छात्रों की टीमें हिस्सा ले रही हैं।
मध्यप्रदेश के भोपाल में 11 दिसंबर को गीता जयंती के मौके पर 7 हजार प्रतिभागियों ने सामूहिक गीता पाठ कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इनमें 3,721 आचार्य और बटुक शामिल थे। मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में गीता के तीसरे अध्याय 'कर्म योग' का सस्वर पाठ सुबह करीब साढे़ 11 बजे शुरू होकर 9 मिनट तक चला। वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए मोतीलाल नेहरू स्टेडियम के ग्राउंड पर आए हर आचार्य और प्रतिभागी के हाथ में एक बैंड पहनाया गया था। इस बैंड में एक QR कोड है, इसी से गीता पाठ करने वाले प्रतिभागियों की काउंटिंग की गई। हिंदी कलेंडर के मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन गीता जयंती मनाई जाती है। इस दिन मोक्षदा एकादशी व्रत भी किया जाता है।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका और भारत के न्यू जलपाईगुड़ी को जोड़ने वाली मिताली एक्सप्रेस लगभग पांच महीने बाद भारत लौट गई। पश्चिम रेलवे के अनुसार, कड़े सुरक्षा उपायों के बीच ट्रेन ने बुधवार सुबह चिल्हाटी-हल्दीबाड़ी सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश किया। इसे बांग्लादेश के रेल के इंजन की सहायता से भारत भेजा गया। ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, यह ट्रेन (संख्या 13132/31) न्यू जलपाईगुड़ी से 17 जुलाई को ढाका पहुंची। बांग्लादेश में भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन के कारण तब से ढाका में खड़ी रही। बदले हालात में अभी यह अनिश्चित है कि दोनों देशों के बीच इस ट्रेन सेवा का संचालन कब से शुरू होगा। दोनों देशों के बीच यह ट्रेन सेवा 57 वर्षों के अंतराल के बाद पहली जून, 2022 को शुरू की गई थी।
ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में ‘बौमा कोनेक्सपो इंडिया’ का बुधवार का भव्य उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया। इस अवसर पर उद्योग जगत के दिग्गज मौजूद थे। इसमें निर्माण, खनन, बुनियादी ढांचे और कंस्ट्रक्शन लाइन से जुड़ी देश-विदेश की कई बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस मेले में मौजूद सभी उद्योग जगत से जुड़े हुए लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं और यह कहना चाहता हूं कि आपने सरकार की पॉलिसी को अपनाया है। यह प्रदर्शनी 11-14 दिसंबर तक इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में चलेगी। चार दिवसीय प्रदर्शनी में करीब 100 देशों के एक हजार से अधिक ब्रांड हिस्सा ले रहे हैं। इसमें 75 हजार आगंतुकों के आने की संभावना है। प्रदर्शनी का विषय ‘विकसित भारत’ है। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को इसका चेहरा बनाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान-इकरीसैट के वैज्ञाानिकों द्वारा विकसित सौर ऊर्जा चालित जलकुंभी हार्वेस्टर की भारत में पहली औद्योगिक डिजाइन को स्वीकृति मिल गई है। इकरीसैट के अनुसार यह हार्वेस्टर सरल और सस्ता है। इसका संचालन अर्द्ध कुशल या अकुशल श्रमिकों द्वारा आसानी से किया जा सकता है। इस सौर ऊर्जा उपकरण की डिजाइन और निर्माण देश में ही किया गया है। स्वच्छ ऊर्जा को प्राथमिकता देने के संदर्भ में इस उपकरण से बचत, समय और श्रम में 50 से 60 प्रतिशत की कमी होती है। इकरीसैट के अंतरिम महानिदेशक डॉ. स्टैनफॉर्ड ब्लेड ने कहा है कि कम लागत का हार्वेस्टर ग्रामीण समुदायों की आवश्यकताओं के लिये पर्यावरण अनुकूल समाधान है। समायोजी कृषि और खाद्य प्रणाली के अनुसंधान कार्यक्रम निदेशक डॉ.एम. एल.जाट ने कहा कि इकरीसैट दो या तीन लोगों द्वारा दो-तीन दिन में 3 एकड़ की तालाब से 72 हजार किलोग्राम जलकुंभी बायोमास यांत्रिक रूप से एकत्रित करने की क्षमता रखता है।
काठमांडू में भारतीय दूतावास ने नेपाल पर्यटन बोर्ड के सहयोग से पहला भारत-नेपाल पर्यटन सम्मेलन आयोजित किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले वर्ष महाकुंभ को प्रोत्साहन देने पर चर्चा हुई। भारत और नेपाल के बीच पर्यटन सर्किट को लागू करने की प्रक्रिया तेज करने के लिए बी-टू-बी संपर्क स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री अरूण कुमार चौधरी ने सत्र का उद्घाटन किया। नेपाल पर्यटन बोर्ड के मुख्यकारी अधिकारी दीपक राज जोशी ने आरंभिक भाषण में भारत की सराहना करते हुए कहा कि वह नेपाल आने वाले विदेशी पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत है। श्री चौधरी ने कहा कि सड़क के रास्ते सीमापार पर्यटन नेपाल में बड़ा योगदान दे रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ-फीफा ने घोषणा की है कि वर्ष 2034 में पुरुष फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी सऊदी अरब करेगा, जबकि स्पेन, पुर्तगाल और मोरक्को संयुक्त रूप से वर्ष 2030 में विश्व कप की मेजबानी करेंगे। फीफा की बैठक में मतदान के बाद दोनों विश्व कप के लिए मेजबान देशों की पुष्टि की गई। वीडियो लिंक के माध्यम से आयोजित बैठक में सभी 211 फीफा सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विश्व कप की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए, 2030 विश्व कप के तीन मैच अर्जेंटीना, पैराग्वे और उरुग्वे में भी आयोजित किए जाएंगे। दोनों विश्व कप के साथ-साथ 2030 शताब्दी समारोह के लिय फैसला दो अलग-अलग मतदान के जरिए किया गया। पहले मतदान में उरुग्वे, पैराग्वे और अर्जेंटीना को शताब्दी समारोह की मेजबानी के लिए चुना गया, जबकि दूसरी बार स्पेन, पुर्तगाल और मोरक्को को 2030 विश्व कप के आयोजन के मेजबान के रूप में पुष्टि की गई और सऊदी अरब को 2034 विश्व कप के आयोजन के लिए चुना गया। फीफा महासचिव मैटियास ग्राफस्ट्रॉम ने कहा कि सभी 211 सदस्यों ने बैठक से पहले प्रभावी ढंग से अपना वोट डाला था। यह पहली बार होगा जब सऊदी अरब फूटबॉल विश्व कप की मेजबानी करेगा। जबकि दूसरी बार इसका आयोजन पश्चिम एशिया में किया जाएगा।
खेलो इंडिया शीतकालीन खेलकूद-2025 लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में दो अलग-अलग चरणों में होंगे। आइस हॉकी और आइस स्केटिंग जैसी बर्फ पर खेली जाने वाली प्रतियोगिताएं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 23 से 27 जनवरी तक आयोजित होंगी। जबकि जम्मू और कश्मीर में 22 से 25 जनवरी तक अल्पाइन स्कीइंग, नॉर्डिक स्कीइंग, स्की पर्वतारोहण और स्नोबोर्डिंग जैसी बर्फ पर खेली जाने वाली प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब लद्दाख खेलो इंडिया शीतकालीन खेल के एक भाग की मेजबानी करेगा। 2024 से पहले, जम्मू और कश्मीर ने सभी कार्यक्रमों की मेजबानी की थी। फरवरी-2024 में, लेह ने स्केटिंग और हॉकी जैसी प्रतियोगिताओं की सफलतापूर्वक मेजबानी की, जबकि गुलमर्ग ने स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग जैसे खेलों की मेजबानी की। खेलो इंडिया अगले साल अप्रैल में बिहार में होने वाले यूथ और पैरा-गेम्स के साथ खेलो इंडिया सीज़न की शुरुआत करेगा, जो भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
फीफा फुटबॉल महिला विश्व कप 2027 के प्लेऑफ टूर्नामेंट के लिए स्थान का चयन हो चुका है। एक वर्चुअल रूप से आयोजित संगोष्ठी में यह निर्णय लिया गया। प्रतियोगिता 24 जून से 25 जुलाई 2027 के बीच ब्राजील में आयोजित की जाएगी। यह निर्णय ब्राजील फुटबॉल एसोसिएशन और संघों के साथ चर्चा के बाद लिया गया है। फीफा परिषद ने कहा कि 2025 में होने वाले फीफा अंडर-19 विश्व कप के पहले संस्करण में 48 टीमें शामिल होंगी और यह प्रतिवर्ष पांच से 27 नवम्बर के बीच कतर में खेला जाएगा।
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