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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अमरीका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। श्री ट्रम्प अमरीका के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे। उन्हें इस महीने की 20 तारीख को शपथ दिलाई जाएंगी। अपनी यात्रा के दौरान डॉ जयशंकर नई सरकार के प्रतिनिधियों और कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी भेट करेंगे।
मणिपुर में काबुई-रोंगमेई नागा समुदाय द्वारा फसल कटाई की समाप्ति के उपलक्ष्य में गान नगाई उत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय गान नगाई 2025 में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और अन्य लोग शामिल हुए। श्री बीरेन ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना की और स्वदेशी समुदायों के बीच एकता की आवश्यकता और समृद्ध परंपराओं को संरक्षित करने पर बल दिया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में पहले अंतर्राष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासी सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य विदेश में राज्य की संस्कृति का प्रचार कर उत्तरखंड में निवेश और पर्यटन को बढावा देना है। इस अवसर पर श्री धामी ने कहा कि सम्मेलन के दौरान आयोजित सत्रों में सामने आए विचार और संदेश देश और विदेश में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडी भाइयों और बहनों तक पहुचेंगे। श्री धामी ने इस सम्मेलन को संस्कृति और भावनाओं के जुडाव का एक अनूठा उत्सव बताया। संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 30 प्रवासियों ने उत्तराखंड के कई गांवों को गोद लिया है।
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 11 जनवरी, 2025 को असम के काजीरंगा में आंतरिक जलमार्ग विकास परिषद (IWDC) की दूसरी बैठक के दौरान राष्ट्रीय नदी यातायात और नेविगेशन प्रणाली (NRT&NS) का शुभारंभ किया। यह पहल भारत में आंतरिक जलमार्ग परिवहन की सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। IWDC बैठक में अगले पांच वर्षों में राष्ट्रीय जलमार्गों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए ₹50,000 करोड़ से अधिक के निवेश की योजना प्रस्तुत की गई। इसके अतिरिक्त, 21 आंतरिक जलमार्ग वाले राज्यों में ₹1,400 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की घोषणा की गई।
बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI) को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा दक्षिण भारत की पहली संक्रामक रोग अनुसंधान और निदान प्रयोगशाला (IRDL) स्थापित करने के लिए चुना गया है। यह पहल क्षेत्र में संक्रामक रोगों के निदान और अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह प्रयोगशाला बैक्टीरिया, फंगस और परजीवियों से होने वाले रोगों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे तेज़ी से निदान और बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें। यह परियोजना भारत भर के मेडिकल कॉलेजों में विशेष प्रयोगशालाएँ स्थापित करने के राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने गूगल क्लाउड (इंडिया) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत उत्तर प्रदेश ओपन नेटवर्क फॉर एग्रीकल्चर (UPONA) शुरू किया जाएगा। जेमिनी एआई और बीकन तकनीक द्वारा संचालित यह डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना राज्य में कृषि को क्रांतिकारी बनाने का उद्देश्य रखती है। यह पहल किसानों को परामर्श सेवाओं, ऋण, मशीनीकरण, बाजार से जुड़ाव और मौसम व माइक्रोक्लाइमेट पर वास्तविक समय के डेटा तक एक ही स्थान पर पहुंच प्रदान करती है। यह सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि में डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लक्ष्य के अनुरूप है।
भारत ने अगले पांच वर्षों में खाद्य और पेय पदार्थ (F&B), कृषि, और समुद्री उत्पाद उद्योगों से $100 बिलियन के संयुक्त निर्यात का लक्ष्य रखा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में इंडसफूड 2025 के दौरान मुख्य भाषण में इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को रेखांकित किया। उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 14-15% वार्षिक विकास दर की आवश्यकता पर जोर दिया। मंत्री ने इंडसफूड 2025 की सफलता और भारत के $50 बिलियन के निर्यात को हासिल करने में एपीडा (APEDA) और एमपीईडीए (MPEDA) की भूमिका की सराहना की।
त्रिपुरा में बैंडेड रॉयल तितली (Rachana jalindra indra) की हाल ही में खोज ने राज्य की जैव विविधता के दस्तावेजीकरण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह दुर्लभ प्रजाति पहली बार सेपाहिजला वन्यजीव अभयारण्य में देखी गई, जो अपनी समृद्ध वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के लिए प्रसिद्ध है। इस खोज ने क्षेत्र में चल रहे पारिस्थितिक अनुसंधान और वन्यजीव संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया है। बैंडेड रॉयल तितली, जो अपनी अनूठी उपस्थिति के लिए जानी जाती है, अब आधिकारिक रूप से “मुनीस एंटोमोलॉजी एंड जूलॉजी” नामक समीक्षित जर्नल में दर्ज की गई है।
अमेरिका में रैबिट फीवर (Rabbit Fever) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सीडीसी के मुताबिक, पिछले एक दशक में इस बीमारी के मामलों में 50% से ज्यादा का उछाल देखा गया है। रैबिट फीवर, जिसे टुलारेमिया भी कहा जाता है, एक जूनोटिक बीमारी है जो खरगोशों और अन्य जानवरों से इंसानों में फैलती है। यह बीमारी गंभीर हो सकती है और बुखार, थकान और त्वचा पर घाव जैसे लक्षण पैदा कर सकती है। टुलारेमिया, जिसे आम भाषा में रैबिट फीवर कहा जाता है, एक गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो फ्रांसीसेल्ला टुलारेन्सिस बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से खरगोश, चूहे और अन्य छोटे स्तनधारियों में पाया जाता है। मनुष्य में यह संक्रमण संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने, उनके काटने, संक्रमित मांस का सेवन करने या संक्रमित मिट्टी या पानी के संपर्क में आने से हो सकता है।
भारत और अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण साझेदारी में प्रवेश किया है, जिसके तहत भारतीय नौसेना के लिए अमेरिकी सोनार बॉय (Sonobuoys) का सह-उत्पादन किया जाएगा। यह सहयोग अंडरसी डोमेन अवेयरनेस (UDA) को बढ़ाने और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में बढ़ती चीनी नौसेना की उपस्थिति का जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमताओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किया गया है। इस पहल में अमेरिका की अंडरसी युद्ध तकनीक में अग्रणी अल्ट्रा मरीन (UM) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) संयुक्त रूप से सोनार बॉय का निर्माण करेंगे। यह सहयोग अमेरिकी और भारतीय नौसेनाओं के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे सहयोगी देशों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित करेगा।
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले के मद्देनजर, फोनपे ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के साथ साझेदारी की है। इस पहल का उद्देश्य इस भव्य आध्यात्मिक आयोजन में भाग लेने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को व्यापक और सस्ती बीमा सुरक्षा प्रदान करना है। बीमा योजना का विवरण
कवर विकल्प:
ट्रेन या बस यात्रियों के लिए: ₹59 प्रति यात्री।
घरेलू उड़ान यात्रियों के लिए: ₹99 प्रति यात्री।
कवर अवधि:
13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक मान्य।
हर वर्ष 12 जनवरी को महान आध्यात्मिक गुरू, दार्शनिक और चिंतक स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। महान भारतीय संत, दार्शनिक और समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं और विचार आज भी प्रासंगिक हैं और उन्हें भारत के एक महान सुपुत्र के रूप में याद किया जाता है। स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकॉगो धर्म संसद के दौरान भारत की आध्यात्मिकता का परचम लहराया देश के समावेशी लोकाचार को अभिव्यक्त किया।
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