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26 December 2023

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन नए अपराधिक विधेयक 2023 को दी स्वीकृति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को स्वीकृति दे दी है। संसद ने पिछले सप्ताह आपराधिक न्याय संबंधी ये तीनों नए विधेयक पारित किए थे। नए अधिनियमों में प्रथम सूचना रिपोर्ट से लेकर केस डायरी, आरोप पत्र और अदालत के फैसले तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल बनाने का प्रावधान है। नए कानूनों में -उन्मादी भीड़ द्वारा हत्या-मॉब लिंचिंग में मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के कई प्रावधान किए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता में 18 वर्ष से कम आयु की महिला से दुष्कर्म के अपराध में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है। सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में 20 साल की कैद या मृत्युपर्यन्त कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। नए कानून में आपराधिक न्याय प्रणाली के अंतर्गत पहली बार आतंकवाद को परिभाषित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने पण्डित मदनमोहन मालवीय की 162वीं जयंती के अवसर पर 'पण्डित मदनमोहन मालवीय सम्पूर्ण वाङ्ग्मय’ का लोकार्पण किया

महामना पण्डित मदनमोहन मालवीय की 162वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में 'पण्डित मदनमोहन मालवीय सम्पूर्ण वाङ्ग्मय' की 11 खंडों की पहली श्रृंखला का विमोचन किया। लगभग 4,000 पृष्ठों एवं 11 खंडों में संकलित दो भाषाओं (अंग्रेजी और हिंदी) प्रकाशित यह कृति, देश के हर कोने से एकत्र किए गए पण्डित मदनमोहन मालवीय के लेखों और भाषणों का संग्रह है। इन खंडों में उनके ज्ञापन सहित अप्रकाशित पत्र, लेख और भाषण; वर्ष 1907 में उनके द्वारा प्रारंभ किये गये हिन्दी साप्ताहिक ‘अभ्युदय’ की संपादकीय सामग्री; समय-समय पर उनके द्वारा लिखे गए लेख, पैम्फलेट और पुस्तिकाएं; 1903 और 1910 के बीच आगरा एवं अवध के संयुक्त प्रांत की विधान परिषद में दिए गए सभी भाषण; रॉयल कमीशन के समक्ष दिए गए बयान; 1910 और 1920 के बीच इंपीरियल विधान परिषद में विधेयकों की प्रस्तुति के दौरान दिए गए भाषण; बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले और बाद में लिखे गए पत्र, लेख और भाषण; और 1923 और 1925 के बीच उनके द्वारा लिखी गई एक डायरी शामिल है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध संस्थापक पण्डित मदनमोहन मालवीय का आधुनिक भारत के निर्माताओं में अग्रणी स्थान है। उन्हें महान विद्वान और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने लोगों में राष्ट्रीय चेतना जगाने के लिए काफी काम किया।

प्रधानमंत्री 'मजदूरों का हित, मजदूरों को समर्पित' कार्यक्रम में शामिल हुए

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'मजदूरों का हित मजदूरों को समर्पित' कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने हुकुमचंद मिल श्रमिकों की बकाया राशि से संबंधित लगभग 224 करोड़ रुपये का एक चेक भी आधिकारिक परिसमापक (लिक्विडेटर) और हुकुमचंद मिल, इंदौर के श्रमिक संघ के प्रमुखों को सौंपा। यह कार्यक्रम हुकुमचंद मिल श्रमिकों की काफी समय से लंबित मांगों के निपटान का प्रतीक है। श्री मोदी ने खरगोन जिले में 60 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला भी रखी। इंदौर की हुकुमचंद मिल के 1992 में बंद होने और बाद में परिसमापन में चले जाने के बाद इस मिल के श्रमिकों ने अपनी बकाया राशि के भुगतान के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। अभी हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने सकारात्मक भूमिका निभाते हुए अदालतों, श्रमिक संघों और मिल श्रमिकों सहित सभी हितधारकों द्वारा समर्थित एक समझौता पैकेज के बारे में सफलतापूर्वक बातचीत आयोजित की। इस निपटान योजना में मध्य प्रदेश सरकार को सभी बकाया राशि का अग्रिम भुगतान करना, मिल की जमीन पर कब्जा लेना और इसे आवासीय और वाणिज्यिक स्थान के रूप में विकसित करना शामिल है।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय(SC) ने वर्ष 2023 के दौरान मामलों के निस्तारण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज़ की

हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय(SC) ने वर्ष 2023 के दौरान मामलों के निस्तारण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज़ की है, जो इस अवधि के दौरान दर्ज मामलों की संख्या से अधिक है। SC ने 1 जनवरी से 15 दिसंबर, 2023 के बीच 52,191 मामलों का निस्तारण किया, जबकि इसी अवधि के दौरान 49,191 मामले भी दर्ज किये गए थे। 2017 में लागू इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (ICMIS) ने अधिकतम निस्तारण संख्या प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने फाइलिंग-टू-लिस्टिंग समय सीमा को सुव्यवस्थित किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि पिछले 10-दिन की आवश्यकता की तुलना में मामलों को पाँच दिनों के भीतर सूचीबद्ध किया गया था। ज़मानत, बंदी प्रत्यक्षीकरण, विध्वंस और अग्रिम ज़मानत से संबंधित मामलों को एक दिन के भीतर संसाधित किया गया तथा स्वतंत्रता के अधिकार को प्राथमिकता देते हुए तुरंत अदालतों में सूचीबद्ध किया गया। विशेष पीठों का गठन किया गया, जिनमें मृत्युदंड से संबंधित पीठें भी शामिल थीं।

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान के लिए अभियान शुरू किया

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्‍याय महा-अभियान पर सूचना, शिक्षा और संचार(आईईसी) अभियान की पहल की है। इस अभियान का उद्देश्‍य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों-पीवीटीजी में सरकारी योजनाओं की शतप्रतिशत पहुंच सुनिश्चित करना और जागरुकता बढाना है। इस अभियान का उद्देश्‍य देशभर के दो सौ जिलों के 22 हजार पीवीटीजी आदिवासी निवास स्‍थानों तक कल्‍याणकारी सरकारी योजनाओं की पहुंच बनाना भी है। मंत्रालय ने बताया कि यह पहल प्रत्‍येक कमजोर जनजातीय समूहों के घरों तक पहुंचेगी। वे घर जो अब तक दूरी, सडक और डिजिटल संपर्क की कमी के कारण वंचित रहे हैं। इसके जरिये सरकार इस तरह के प्रत्‍येक घर के द्वार तक सुविधाएं प्रदान करेगी। मंत्रालय ने बताया कि अभियान अवधि के दौरान इन समूहों को आधार कार्ड, समुदाय प्रमाण पत्र और जन-धन खाते दिये जायेंगे, जो आयुष्‍मान कार्ड, प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि और किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवश्‍यक है। इन कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए हाट बाजार, जन सेवा केन्‍द्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाडी, वन-धन विकास केन्‍द्र और कृषि विकास केन्‍द्रों का इस्‍तेमाल किया जायेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस वर्ष 15 नवम्‍बर को झारखण्‍ड के खूंटी जिले से जनजातीय गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री जन मन योजना का शुभारंभ किया था।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ0 मनसुख मांडविया ने वर्चुअल माध्‍यम से मेडटेक मित्र की शुरूआत की

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ0 मनसुख मांडविया ने वर्चुअल माध्‍यम से मेडटेक मित्र की शुरूआत की। यह केंद्र सरकार की मेडटेक इनोवेटर्स और एडवांस हेल्थकेयर सॉल्यूशंस को सशक्त बनाने की रणनीतिक पहल है। उन्‍होंने कहा कि ये पहल भारतीय उद्योग के लिए गेमचेंजर साबित होगी और किफायती, गुणवत्ता वाले मेडटेक उपकरणों तथा डायग्नोस्टिक्स के स्वदेशी विकास की सुविधा प्रदान करेगी।

सुशासन दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मिशन कर्मयोगी का विस्तारित संस्करण लॉन्च किया

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सुशासन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में एक समारोह में मिशन कर्मयोगी के विस्तारित संस्करण का शुभारंभ किया। आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर लॉन्च की गई तीन नई सुविधाएं माई आईजीओटी, ब्लेंडेड प्रोग्राम और क्यूरेटेड प्रोग्राम हैं। मंत्री ने 12 क्षेत्र विशिष्ट क्षमता निर्माण ई-लर्निंग पाठ्यक्रम भी शुरू किए। इसके अलावा, डॉ. जितेंद्र सिंह ने विकास (वेरिएबल एंड इमर्सिव कर्मयोगी एडवांस्ड सपोर्ट) नाम से एक नए मिश्रित शिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। विकास आईजीओटी के साथ एक मिश्रित कार्यक्रम है जिसमें केंद्र सरकार के लिए आवश्यक कार्यात्मक, व्यवहारिक और तकनीकी दक्षताओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए आईएसटीएम में 33 घंटे के ऑफ़लाइन प्रशिक्षण के साथ 30 घंटे का प्रशिक्षण शामिल है।
माई आईजीओटी - माई आईजीओटी व्यक्तिगत अधिकारी के होम पेज पर लक्षित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जो सीधे उस अधिकारी की अद्वितीय क्षमता निर्माण आवश्यकताओं को पूरा करता है जैसा कि उनके मंत्रालयों/विभागों के लिए क्षमता-निर्माण योजना में चिन्हित किया गया है।
ब्‍लेंडेड प्रोग्राम - आईजीओटी-कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर ब्‍लेंडेड प्रोग्राम अधिकारियों की गतिशील प्रशिक्षण जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी स्तरों पर प्रशिक्षण पद्धतियों तक समान पहुंच की सुविधा प्रदान करेंगे। ब्‍लेंडेड प्रोग्राम पारंपरिक ऑफलाइन (व्यक्तिगत रूप से) कक्षा पाठ्यक्रमों को ऑनलाइन शिक्षण घटकों के साथ जोड़ते हैं।
क्यूरेटेड प्रोग्राम - आईजीओटी कर्मयोगी पर क्यूरेटेड प्रोग्राम मंत्रालयों/विभागों और प्रशिक्षण संस्थानों की विविध शिक्षण जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।

हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्‍खू ने ऐतिहासिक रिज पर पहले शिमला विंटर कार्निवल का शुभारंभ किया

हिमाचल प्रदेश में मुख्‍यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्‍खू ने ऐतिहासिक रिज पर पहले शिमला विंटर कार्निवल का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरु‍आत सांस्‍कृतिक परेड के साथ हुई। इस कार्यक्रम में महानाटी प्रस्‍तुत करने वाली चार सौ पचास महिलाओं ने भागीदारी की। इन्‍होंने स्‍व-सहायता समूहों और आंगनबाड़ी कर्मियों की प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस

उपभोक्ता अधिकारों तथा ज़िम्मेदारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये भारत प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाता है। इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 को 24 दिसंबर 1986 को राष्ट्रपति द्वारा मंज़ूरी मिली थी। इस अधिनियम का उद्देश्य उपभोक्ताओं का दोषपूर्ण वस्तुओं, लापरवाह सेवाओं एवं अनुचित व्यापार प्रथाओं से संरक्षण करना है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के छह मौलिक अधिकार सुरक्षा का अधिकार, चुनने का अधिकार, सूचित किये जाने का अधिकार, सुनवाई का अधिकार, निवारण पाने का अधिकार एवं उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को प्रतिस्थापित करने के लिये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 संसद द्वारा पारित किया गया था। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 15 मार्च को मनाया जाता है।

पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती

25 दिसंबर, 2023 को पंडित मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती मनाई गई। मदन मोहन मालवीय (25 दिसंबर, 1861 - 2 नवंबर, 1946) एक भारतीय विद्वान, राजनीतिज्ञ और शिक्षा सुधारक थे। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक नेता थे और चार बार भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह अखिल भारत हिंदू महासभा तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक भी थे।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जयंती

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 99वीं जयंती पर नई दिल्ली में 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 में ग्वालियर के छोटे से गाँव के एक साधारण-सा परिवार में हुआ था। अटल जी का राजनैतिक सफर स्वतंत्रता संग्रामी के रूप में शुरू हुआ। 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन में बाकि नेताओं के सथ उन्होंने भाग लिया और जेल भी गए। इसी दौरान उनकी मुलाकात भारतीय जनसंघ के लीडर श्याम प्रसाद मुखर्जी से हुई। 1968 में दीनदयाल उपाध्याय की मौत के बाद अटल जी जन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 1977 में भारतीय जन संघ ने भारतीय लोकदल के साथ गठबंधन कर लिया, जिसे जनता पार्टी नाम दिया गया। जनता पार्टी के लीडर मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री बने तब अटल जी को एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर बनाया गया। 1980 में लाल कृष्ण आडवानीभैरव सिंह शेखावत के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी बनाई, और पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। मई 1996 में बीजेपी को जीत मिली और अटल जी को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया। लेकिन बीजेपी को दूसरी पार्टियों से सपोर्ट नहीं मिला और बीजेपी सरकार गिर गई और मात्र 13 दिन में अटल जी को पद से इस्तीफा देना पड़ा।इसके बाद एक बार फिर बीजेपी सत्ता में आई लेकिन सरकार मात्र 13 महीने की रही। इसके बाद 1999 में कारगिल में हुई भारत की विजय ने अटल जी की सरकार को मजबूत बना दिया। और चुनावों में बीजेपी की जीत हुई, जिसके बाद अटल जी तीसरी बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे। इस बार सरकार ने 5 साल पुरे किये, और पहली गैर कांग्रेसी पार्टी बन गइ।

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