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नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को बिहार के जमुई जिले से 6,640 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का अनावरण किया। पीएम बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित एक समारोह में भाग लेने के लिए जमुई पहुंचे थे, जिसे 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाया जाता है। जनजातीय गौरव दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए, डाक विभाग ने महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करने के लिए उनकी 150वीं जयंती के अवसर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। इस डाक टिकट को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जमुई में जारी किया। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत आदिवासी परिवारों के लिए बनाए गए 11,000 घरों के 'गृह प्रवेश' में भी वर्चुअली भाग लिया। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों के लिए पीएम-जनमन के तहत 23 मोबाइल मेडिकल यूनिट (MMU) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) के तहत 30 अतिरिक्त MMU लॉन्च किए। उन्होंने 10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों और 300 वन धन विकास केंद्रों का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य आंत्रप्रेन्योरशिप यानी उद्यमिता को बढ़ावा देना और आजीविका में सुधार करना है। उन्होंने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और जबलपुर में 2 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों का उद्घाटन किया। इसके साथ-साथ उन्होंने जनजातीय समुदायों के इतिहास को संरक्षित करने के लिए श्रीनगर और गंगटोक में 2 जनजातीय अनुसंधान संस्थानों का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने 500 किलोमीटर की नई सड़कों और 100 बहुउद्देश्यीय केंद्रों की आधारशिला रखी, जो जनजातीय क्षेत्रों में सामुदायिक केंद्र के रूप में काम करेंगे। मोदी सरकार ने 2021 में बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की थी। बिरसा मुंडा का जन्म 1875 में अविभाजित बिहार के आदिवासी क्षेत्र खूंटी के उलिहातू में हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और धर्मांतरण की गतिविधियों के खिलाफ आदिवासियों को लामबंद किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बोडो शांति समझौता न केवल बोडो समुदाय के लिए लाभदायक है बल्कि इससे अन्य और शांति समझौतों के रास्ते खुले हैं। प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में प्रथम बोडोलैंड महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि शांति समझौते के कारण दस हजार से अधिक युवाओं ने हथियार छोड दिए हैं और असम में हिंसा रूक गई है। ये युवा समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गये हैं। 15 और 16 नवंबर को आयोजित दो दिवसीय महोत्सव जोशपूर्ण बोडो समाज के निर्माण और शांति बनाए रखने के लिए भाषा, साहित्य और संस्कृति का बड़ा आयोजन है। इसका उद्देश्य न केवल बोडोलैंड में बल्कि असम, पश्चिम बंगाल, नेपाल और पूर्वोत्तर के अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय बोडो लोगों को एकीकृत करना है। महोत्सव का विषय है 'समृद्ध भारत के लिए शांति और सद्भाव', इसमें बोडो समुदाय के साथ-साथ बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के अन्य समुदायों की समृद्ध संस्कृति, भाषा और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
भारत, नेपाल और बांग्लादेश ने नेपाल से बांग्लादेश के लिए भारतीय ग्रिड के प्रयोग से 40 मेगावाट तक की पहली बिजली पारेषण लाइन शुरू करने में सफलता हासिल की है। केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल, बांग्लादेश के बिजली मंत्रालय के सलाहकार मोहम्मद फौजूल कबीर और नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खाड़का ने संयुक्त रूप से नेपाल से बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करने की इस परियोजना का उद्घाटन किया है। मुजफ्फरपुर उपकेंद्र और बेहरामपुर उपकेंद्र भारत की ओर से पारेषण केंद्र होंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय ग्रिड के माध्यम से किया गया यह पहला त्रिपक्षीय विद्युत समझौता है। सरकार ने पिछले वर्ष नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की भारत यात्रा के दौरान इस योजना की घोषणा की थी।
15 नवंबर को श्रीलंका के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के गठबंधन 'नेशनल पीपुल्स पावर (NPP)' की जीत हुई है। अब तक सभी सीटों के नतीजे सामने आ चुके हैं। NPP ने जिलों के आधार पर तय होने वाली 196 सीटों में से 141 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। दूसरे स्थान पर 18% वोट और 35 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी SJB पार्टी मौजूद है। इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के समर्थन वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट को 5% वोट और 3 सीटें ही मिली हैं। वहीं, श्रीलंका की राजनीति में दबदबा रखने वाले राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पीपल्स फ्रंट (SLPP) पार्टी 2 सीटों के साथ पांचवें स्थान पर पहुंच गई है।
आंध्रप्रदेश सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तनकारी पहल शुरू करने के लिए आईआईटी मद्रास के साथ आठ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें अमरावती में एक अंतरराष्ट्रीय डीप-टेक इनोवेशन हब स्थापित करना, स्वयं+ और आईआईटीएम प्रवर्तक जैसे डिजिटल कौशल प्लेटफॉर्म को आगे बढाना और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए मेंटरशिप कार्यक्रम शुरू करना शामिल है। कप्पम और पुट्टपर्थी को लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करने और वैश्विक इंटरनेट गेटवे के रूप में विशाखापत्तनम की भूमिका को बढाने की भी योजना है। अन्य पहलों में समुद्री अनुसंधान, अमरावती में स्मार्ट स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस को रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट संचालन में एकीकृत करना शामिल है।
43वां भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) नई दिल्ली के भारत मंडपम में शुरू हो गया है। मेले का उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किया था। इस वर्ष का थीम है 2047 में विकसित भारत। यह मेला भारत के व्यापार, नवाचार और वैश्विक आदान-प्रदान के लिए एक महत्वूपर्ण मंच प्रदान करता है।
हुंडई मोटर्स ने 15 नवंबर को अमेरिका के मौजूदा ग्लोबल चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर 'जोस मुनोज' को अपना CEO नियुक्त किया। इसके साथ ही मुनोज साउथ कोरियाई ऑटोमेकर कंपनी को लीड करने वाले पहले विदेशी बन गए हैं। इससे पहले उन्होंने निसान मोटर्स में 15 साल काम किया, जिसमें उनका चीन यूनिट के चेयरमैन का भी कार्यकाल शामिल है। हुंडई मोटर्स एक दक्षिण कोरियाई बहुराष्ट्रीय ऑटोमोटिव निर्माता है, जिसका मुख्यालय सियोल, दक्षिण कोरिया में है। हुंडई मोटर्स की स्थापना 1967 में हुई थी।
मणिपुर के 5 जिलों के 6 थानों में फिर से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (AFSPA) लागू कर दिया गया है। यह 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। गृह मंत्रालय ने गुरुवार, 14 नवंबर को इसका आदेश जारी किया। AFSPA लागू होने से सेना और अर्ध-सैनिक बल इन इलाकों में कभी भी किसी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकते हैं। आदेश में इम्फाल पश्चिम जिले का सेकमई और लमसांग, इम्फाल पूर्व जिले का लाम्लाई, जिरिबाम जिले का जिरिबाम, कांगपोकपी का लेइमाखोंग और बिष्णुपुर जिले का मोइरंग थाना शामिल है। AFSPA को केवल अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाता है। इन जगहों पर सुरक्षाबल बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं। कई मामलों में बल का प्रयोग भी किया सकता है। पूर्वोत्तर में सुरक्षाबलों की सहूलियत के लिए 11 सितंबर, 1958 को यह कानून पास किया गया था। 1989 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने पर यहां भी 1990 में AFSPA लागू कर दिया गया। अशांत क्षेत्र कौन-कौन से होंगे, ये भी केंद्र सरकार ही तय करती है।
डिज्नी स्टार इंडिया और रिलायंस का वॉयकॉम-18 अब एक हो गए हैं। इसमें डिज्नी हॉटस्टार और जियो सिनेमा भी शामिल है। इन दोनों कंपनियों ने गुरुवार, 14 नवंबर को इसका ऐलान किया। इस मर्जर के बाद ये देश का सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट नेटवर्क बन गया है। ये डील 70,352 करोड़ रुपए में हुई है। मर्जर के बाद बनी कंपनी में रिलायंस की 63.16% और डिज्नी की 36.84% हिस्सेदारी होगी। इस नई कंपनी की चेयरपर्सन नीता अंबानी होंगी। वहीं, वाइस चेयरपर्सन उदय शंकर होंगे,जो कंपनी को स्ट्रैटेजिक गाइडेंस देंगे। मर्जर की प्रोसेस बीते करीब एक साल से चल रही थी। इस जॉइंट वेंचर को तीन CEO लीड करेंगे और तीनों ही अलग-अलग वर्टिकल की जिम्मेदारी संभालेंगे। केविन वाज एंटरटेनमेंट ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख होंगे। किरण मणि डिजिटल ऑर्गनाइजेशन की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं, संजोग गुप्ता स्पोर्ट ऑर्गनाइजेशन को लीड करेंगे।
महिला उद्यमिता मंच (डब्ल्यूईपी) ने अपनी अवार्ड टू रिवार्ड पहल के तहत, सौंदर्य और देखभाल क्षेत्र में अपने कारोबार को बढ़ाने की दिशा में महिला एमएसएमई को सहायता देने के लिए एक पहल शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य कार्यक्रम के माध्यम से अंतर्दृष्टि और सीख का लाभ उठाकर प्रक्रिया संबंधी योजना विकसित करना और देश भर में महिला एमएसएमई को आगे बढ़ाना है। अर्बन कंपनी इस कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए प्रमुख हितधारकों के साथ मिलकर छोटी इकाइयों में काम करने वाली महिलाओं की पहचान करेगी और उनके व्यवसाय को बढ़ाने में सहायता करेगी।
हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। इस साल 15 नवंबर, शुक्रवार को है। गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। इस दिन लोग गुरुद्वारे जाते हैं और नगर कीर्तन का आयोजन भी करते हैं। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में अविभाजित भारत के राय भोई दी तलवंडी में हुआ था, जिसे अब पाकिस्तान में ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। उनकी शिक्षाएं लोगों के बीच समानता, प्रेम और ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना पर आधारित है। इस वर्ष गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती मनायी जा रही है।
बिरसा मुंडा जयंती, जिसे जनजातीय गौरव दिवस के नाम से भी जाना जाता है, हर साल 15 नवंबर को मनाई जाती है। यह दिन वीर जनजातीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। झारखंड के वीर बिरसा प्रकृति के असीम प्रेमी थे। सभी लोग इन्हें जल, जंगल, जमीन के रक्षक के रूप में याद करते हैं। बिरसा मुंडा एक युवा स्वतंत्रता सेनानी और जनजातीय समुदाय के नेता थे। बिरसा मुंडा झारखंड की मुंडा जनजाति से थे। उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड में हुआ था। बिरसा मुंडा ने ‘उलगुलान’ आंदोलन शुरू किया था। उस समय लोग उन्हें “धरती का पिता” कहकर पुकारते थे। उन्होंने अंग्रेजों की धर्मांतरण गतिविधियों के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया। बिरसा मुंडा ने सामंती व्यवस्था के खिलाफ भी आंदोलन किया था। उन्होंने जमींदारी प्रथा के विरोध में बड़ी लड़ाई लड़ी। बिरसा मुंडा झारखंड की भूमि से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम हिस्सा ले रहे लाखों आदिवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत थे।
झारखंड स्थापना दिवस हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है। 2000 से पहले, झारखंड बिहार का हिस्सा था। इस क्षेत्र के कई आदिवासी समुदाय अपनी अनदेखी और उचित प्रतिनिधित्व की कमी के कारण अपने राज्य की मांग कर रहे थे। झारखंड की अलग पहचान की मांग 1900 के शुरुआती दौर में शुरू हुई, जब आदिवासी नेताओं ने अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं को मान्यता दिलाने के लिए प्रयास किए। 2000 में, भारतीय संसद ने बिहार पुनर्गठन अधिनियम (Bihar Reorganization Act) पारित किया, जिसने झारखंड को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता दी। यह उन आदिवासी समुदायों की एक बड़ी उपलब्धि थी, जिन्होंने आत्म-शासन के अधिकार के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया।
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