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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 15 जनवरी, 2024 को दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई - जी) के 1 लाख लाभार्थियों को पहली किस्त जारी करेंगे। पीएम-जनमन का आरंभ 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर अंतिम छोर पर मौजूद अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाने के अंत्योदय के विजन की दिशा में प्रधानमंत्री के प्रयासों के अनुरूप विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए किया गया था। लगभग 24,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पीएम-जनमन, 9 मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त करके शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, बिजली, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों तक बेहतर पहुंच स्थापित करके पीवीटीजी की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाना है।
नीति आयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत ने एनएच- 66 मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारत के पहले राष्ट्रीय राजमार्ग स्टील स्लैग रोड खंड का उद्घाटन किया। डॉ. सारस्वत ने कहा कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)- केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) (सीएसआईआर-सीआरआरआई) द्वारा विकसित स्टील स्लैग रोड प्रौद्योगिकी स्टील उद्योगों के कचरे को धनवृद्धि में परिवर्तित कर रही है और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को देश में सुदृद्ध और पर्यावरण अनुकूल राजमार्ग का निर्माण करने में सहयोग कर रही है। सीएसआईआर-सीआरआरआई तकनीकी मार्गदर्शन में जेएसडब्ल्यू स्टील ने एनएच-66 मुंबई-गोवा के इंदापुर-पनवेल खंड पर 1 किमी लंबे चार लेन स्टील स्लैग रोड खंड का निर्माण किया है। इस सड़क के निर्माण के लिए लगभग 80,000 टन कॉनर्क (सीओएनएआरसी) स्टील स्लैग को जेएसडब्ल्यू स्टील डोल्वी, रायगढ़ संयंत्र में संसाधित स्टील स्लैग समुच्चय के रूप में परिवर्तित किया गया था। प्रसंस्कृत स्टील स्लैग समुच्चय विभिन्न यांत्रिक गुणों में अपेक्षाकृत प्राकृतिक समुच्चय से श्रेष्ठ हैं और सड़क निर्माण के लिए सड़क की सभी परतों में प्राकृतिक समुच्चय के स्थान पर स्टील स्लैग का उपयोग किया जाता है।
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी(स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में रामनगर के सुदूरवर्ती पहाड़ी इलाकों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समर्थित अत्याधुनिकटेलीमेडिसिन मोबाइल क्लिनिक "आरोग्य-डॉक्टर्स ऑन व्हील्स" की शुरुआत की। इस मोबाईल चिकित्सा इकाई की शुरूआत प्रधानमंत्री के डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत की गई है। इसका लक्ष्य लोगों को उनकी दहलीज पर विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श प्रदान करना है। डॉक्टर ऑन व्हील्स नाम की इस एंबुलेंस में आधुनिक प्रौद्योगिकी और प्रणाली लगाई गई है जिससे लोग देशभर में वरिष्ठ चिकित्सकों से परामर्श ले सकते हैं। इस सुविधा से रामनगर तहसील के स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के अभाव वाले दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विशेष लाभ होगा।
उच्च शिक्षा में नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मूल्य प्रवाह 2.0 की शुरुआत की है। यह नया दिशानिर्देश उन सर्वेक्षणों की प्रतिक्रिया के रूप में आया है जिन्होंने विभिन्न शैक्षिक संगठनों के भीतर पक्षपात, यौन उत्पीड़न और लिंग भेदभाव जैसी अनैतिक प्रथाओं को उजागर किया था।
भारतीय नौसेना ने हाल ही में अपना पहला स्वदेशी मीडियम ऐल्टिट्यूड-लॉंग-एन्डुरन्स (MALE) ड्रोन, दृष्टि 10 स्टारलाइनर मानव रहित हवाई वाहन (UAV) हासिल किया है। यह नौसेना की खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण विकास का प्रतीक है। Drishti 10 Starliner Drone स्वदेशी निर्मित है। इसे अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने इजरायल की रक्षा फर्म एल्बिट सिस्टम्स की मदद से स्वदेश में ही विकसित किया है। इसके 70 फीसद उपकरण स्वदेश में ही बने हैं। अदाणी एयरोस्पेस ने इस ड्रोन को नौसेना से समझौते के तहत 10 महीने में ही सौंप दिया है। इस ड्रोन को STANAG 4671 सर्टिफिकेट भी मिला हुआ है। इसके चलते यह नाटो सदस्यों के हवाई क्षेत्र में भी संचालित हो सकता है। स्टारलाइनर ड्रोन ‘दृष्टि-10’ को पोरबंदर नौसेना बेस पर अगले महीने तैनात किया जाएगा। इसे नागरिक और अलग हवाई क्षेत्र दोनों में उड़ान भरने के लिए मंजूरी दे दी गई है।
भारतीय नौसेना के युद्धपोत चीता, गुलदार और कुंभीर को राष्ट्र की चार दशकों की गौरवशाली सेवा प्रदान करने के बाद 12 जनवरी, 2024 को सेवामुक्त कर दिया गया। इन जहाजों को कार्य मुक्त करने का कार्यक्रम पोर्ट ब्लेयर में एक पारंपरिक समारोह में आयोजित किया गया था, जिसमें सूर्यास्त के समय राष्ट्रीय ध्वज, नौसेना पताका और तीन जहाजों के डीकमीशनिंग प्रतीक को अंतिम बार नीचे उतारा गया। आईएनएस चीता, गुलदार और कुंभीर को पोलैंड के ग्डिनिया शिपयार्ड में पोल्नोक्नी श्रेणी के ऐसे जहाजों के रूप में तैयार किया गया था, जो टैंकों, वाहनों, कार्गो तथा सैनिकों को सीधे कम ढलान वाले समुद्र तट पर बिना गोदी के पहुंचा सकते थे। इन युद्धपोतों को क्रमशः 1984, 1985 और 1986 में पोलैंड में भारत के तत्कालीन राजदूत श्री एस के अरोड़ा (चीता एवं गुलदार) तथा श्री ए के दास (कुंभीर) की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। तीनों जहाजों के कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर क्रमशः कमांडर वीबी मिश्रा, लेफ्टिनेंट कमांडर एसके सिंह और लेफ्टिनेंट कमांडर जे बनर्जी को तैनात किया था। अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान, आईएनएस चीता को कुछ समय के लिए कोच्चि व चेन्नई में रखा गया था और आईएनएस कुंभीर तथा गुलदार विशाखापत्तनम में सेवा दे रहे थे। बाद में इन जहाजों को अंडमान और निकोबार कमान में तैनात किया गया, जहां उन्होंने कार्यमुक्त होने तक अपनी सेवाएं दीं।
युद्धपोत उत्पादन अधीक्षक (कोलकाता) कमोडोर एस. श्रीकुमार ने 25टी बोलार्ड पुल (बीपी) टग, भीष्म को 14 जनवरी 24 को मैसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (मैसर्स टीआरएसएल), कोलकाता में लॉन्च किया। यह टग भारत सरकार की "मेक इन इंडिया" पहल का गौरवशाली ध्वजवाहक है। भारत सरकार की "आत्मनिर्भर भारत" पहल के अनुरूप छह 25टी बीपी टग्स के निर्माण और वितरण के लिए मेसर्स टीआरएसएल, कोलकाता के साथ अनुबंध संपन्न हुआ। इन टगों का निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के वर्गीकरण नियमों के तहत किया जा रहा है। टग की उपलब्धता नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों को बर्थिंग और अन-बर्थिंग, मोड़ और सीमित पानी में पैंतरेबाज़ी के दौरान सहायता की सुविधा प्रदान करके आईएन की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति प्रदान करेगी। टग्स लंगरगाह पर जहाजों को अग्निशमन सहायता भी प्रदान करेगा और इसमें सीमित खोज और बचाव अभियान चलाने की क्षमता भी होगी।
डेनमार्क ने अपने इतिहास का एक पन्ना पलटते हुए युवराज फ्रेडरिक दसवें को डेनमार्क का राजा बनाया। वे अपनी मां रानी मार्गरेट द्वितीय का स्थान लेंगे, जिन्होंने 52 वर्षों के बाद औपचारिक रूप से सिंहासन त्याग दिया। कोपेनहेगन में हजारों की संख्या में देश के नागरिक कडाके की ठंड के बावजूद इस ऐतिहासिक घटनाक्रम का साक्षी बने।
भारतीय नौसेना अकादमी के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र, रियर एडमिरल उपल कुंडू ने हाल ही में दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) में चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में पदभार संभाला है। इन्हें विशेष रूप से पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) में अनुभव और विशेषज्ञता प्राप्त है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने भारत और सिंगापुर के बीच सीधे प्रेषण की सुविधा प्रदान करते हुए यूपीआई-पेनाउ लिंकेज की शुरुआत की है। यह सहयोग, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) के बीच घनिष्ठ समन्वय का परिणाम है, जिसका उद्देश्य सीमा पार लेनदेन में वित्तीय समावेशन और सुविधा को बढ़ाना है।
हैदराबाद में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट एंड रिसर्च (एनआईसीएमएआर) को हाल ही में अपने ग्रीन कैंपस रेटिंग कार्यक्रम के तहत इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा प्रतिष्ठित प्लेटिनम प्रमाणन से सम्मानित किया गया है। यह उपलब्धि एनआईसीएमएआर हैदराबाद की अपने परिसर संचालन और बुनियादी ढांचे में स्थिरता और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नेउत्तरकाशी जिले के लोथरू गांव की बहादुर पर्वतारोही सविता कंसवाल को मरणोपरांत तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार प्रदान किया। उनके पिता राधेश्याम कंसवाल को दिया गया यह पुरस्कार पर्वतारोहण के क्षेत्र में सविता की असाधारण उपलब्धियों का प्रमाण है। सविता कंसवाल ने 16 दिनों की आश्चर्यजनक अवधि के भीतर माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) और माउंट मकालू (8485 मीटर) दोनों को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला पर्वतारोही बनकर इतिहास रच दिया। इस उल्लेखनीय उपलब्धि ने न केवल उनकी शारीरिक शक्ति को बल्कि 25 वर्ष की कम उम्र में महानता हासिल करने के उनके अटूट दृढ़ संकल्प को भी प्रदर्शित किया।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) का नेतृत्व कर रहे केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने हाल ही में “मोदी: एनर्जाइजिंग ए ग्रीन फ्यूचर” नामक एक व्यावहारिक पुस्तक का अनावरण किया है। पर्यावरण साहित्य में एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त यह पुस्तक पेंटागन प्रेस द्वारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से प्रकाशित की गई है। पुस्तक का केंद्रीय विषय टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल भविष्य के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और कार्यों के इर्द-गिर्द घूमता है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को मलकानगिरी में नए हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। 233 एकड़ क्षेत्र में फैला, हवाई अड्डा गौडागुडा पंचायत क्षेत्र के कटलगुडा में स्थित है। इसे 70 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है और इसका रनवे 1620 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में नौ सीटों वाले विमानों के इस हवाई अड्डे से संचालित होने की संभावना है। इसके साथ ही राज्य में परिचालन वाले हवाई अड्डों की संख्या सात हो गई है। अन्य छह भुवनेश्वर, झारसुगुडा, कोरापुट के जेपोर, कालाहांडी के उत्केला, सुंदरगढ़ के राउरकेला और गंजम के रंगईलुंडा में स्थित हैं।
2025 में शीतकालीन खेल परिदृश्य को रोशन करने के लिए तैयार 9वें एशियाई शीतकालीन खेल, आधिकारिक तौर पर अपने मुख्य प्रतीकों – स्लोगन, प्रतीक और शुभंकर के अनावरण के साथ एक रोमांचक चरण में प्रवेश कर गए हैं। चीन के हेइलोंगजियांग प्रांत की राजधानी में आयोजित यह भव्य प्रदर्शन, खेलों के करीब आने के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एकता और खेल भावना को अपनाते हुए, आधिकारिक स्लोगन “ड्रीम ऑफ विन्टर, लव अमंग एशिया” खेलों के लोकाचार के साथ गहराई से मेल खाता है। खेलों का दिल और आत्मा इसके शुभंकर, “बिनबिन” और “नीनी”, दो आकर्षक साइबेरियाई बाघ शावकों में व्यक्त हैं। हेइलोंगजियांग साइबेरियन टाइगर पार्क में पैदा हुए वास्तविक बाघ शावकों से प्रेरित, ये शुभंकर खेलों की जीवन शक्ति और भावना का प्रतीक हैं।
भारत के पहले मल्टी-स्पोर्ट्स बीच गेम्स “द बीच गेम्स 2024” का आयोजन दीव में ब्लू फ्लैग प्रमाणित घोघला बीच पर किया गया। इन खेलों में जमीन से घिरा हुआ मध्य प्रदेश चैंपियन बनकर उभरा। मध्य प्रदेश ने 7 स्वर्ण सहित कुल 18 पदकों के साथ पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया। इस उपलब्धि ने न केवल मध्य प्रदेश के दल की खेल क्षमता को दिखलाया, बल्कि इस राज्य के भीतर विकसित हो रही प्रतिभाओं की गहराई को भी सामने रखा। महाराष्ट्र ने 3 स्वर्ण सहित 14 पदक जीते, वहीं तमिलनाडु, उत्तराखंड और मेजबान दादरा, नगर हवेली, दीव और दमन ने 12-12 पदक हासिल किए। असम ने 8 पदक जीते, जिनमें से 5 स्वर्ण पदक थे।
इंडोनेशिया के जकार्ता में एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप 2024 में पुरूषों के स्टैंडर्ड पिस्टल स्पर्धा में भारत के योगेश सिंह ने स्वर्ण पदक जीता है। इतने ही स्कोर के साथ मंगोलिया के निशाने बाज दवाखू एंखताईवन ने रजत पदक जीता। एंखताईवन के सात स्कोर के मुकाबले भारतीय निशानेबाज ने सत्रह स्कोर किये। कजाकिस्तान के निकिता चिरयुकिन ने 5 सौ 68 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता। निकिता ने पुरूषों के रेपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में भारत के निशानेबाज विजयवीर सिद्धू को हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
आठवां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस 14 जनवरी को देश भर में मनाया गया। इस अवसर पर पूर्व सैनिकों की नि:स्वार्थ सेवा और बलिदान के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर श्रीनगर, पठानकोट, दिल्ली, कानपुर, जोधपुर, गुवाहाटी, मुम्बई, कोच्चि और अन्य स्थानों पर पुष्पचक्र अर्पण कार्यक्रम और पूर्व सैनिकों की रैलियां आयोजित की गई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर पद्रेश के कानपुर में वायु सेना केन्द पर पूर्व सैनिकों की रैली को संबोधित करके इस समारोह की अध्यक्षता की। लगभग एक हजार पूर्व सैनिकों ने इस कार्यक्रम में भागीदारी की।
मशहूर शायर मुनव्वर राना का लखनऊ में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे और काफी दिनों से एसजीपीजीआई में भर्ती थे। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। 26 नवंबर 1952 को रायबरेली में जन्मे मुनव्वर राना उर्दू साहित्य के बड़े नाम हैं। उन्हें 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। हालाँकि, उन्होंने बढ़ती सामाजिक असहिष्णुता का हवाला देते हुए लगभग एक साल बाद पुरस्कार लौटा दिया। उनकी अन्य उपलब्धियों में अमीर खुसरो पुरस्कार, मीर तकी मीर पुरस्कार, गालिब पुरस्कार, डॉ. जाकिर हुसैन पुरस्कार और सरस्वती समाज पुरस्कार शामिल हैं। उनकी रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
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