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विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत 2025 तक शीर्ष पांच वैश्विक जैव-विनिर्माण केंद्रों में शामिल हो जाएगा। उन्होंने कहा, जैव प्रौद्योगिकी में वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण साधन बनने की क्षमता है। यह भारत की समग्र अर्थव्यवस्था में योगदान देगा। अगले महीने नई दिल्ली में आयोजित होने वाले ग्लोबल बायो-इंडिया-2023 की वेबसाइट शुरूआत करते हुए डॉ. सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में भारतीय जैव-अर्थव्यवस्था ने वर्ष दर वर्ष दोहरे अंक की विकास दर देखी है। उन्होंने कहा, भारत को अब दुनिया के शीर्ष 12 जैव प्रौद्योगिकी देशों में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में, भारत की जैव अर्थव्यवस्था लगभग 10 अरब डॉलर थी और आज यह 80 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा, केवल नौ वर्षों में यह आठ गुना बढ़ गया है। वर्ष 2030 तक इसके तीन अरब डॉलर होने की संभावना है। डॉ. सिंह ने कहा, आने वाले समय में जैव-अर्थव्यवस्था लोगों की आजीविका का एक विशााल स्रोत बनने जा रही है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा जारी राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) 2022-2023 खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय राज्यों के प्रदर्शन पर प्रकाश डालता है। वर्ष 2022- 2023 सूचकांक ने एक नया पैरामीटर, 'SFSI रैंक में सुधार' पेश किया, जो विगत वर्ष से तुलना कर राज्य की प्रगति का आकलन करता है। इस परिवर्तन को समायोजित करने के लिये अन्य मापदंडों के भार को संशोधित किया गया। यह एक वार्षिक मूल्यांकन है जो खाद्य सुरक्षा पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है। सूचकांक एक गतिशील बेंचमार्किंग दृष्टिकोण है जो सभी राज्यों और क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा का आकलन करने हेतु एक निष्पक्ष रूपरेखा प्रदान करने के लिये मात्रात्मक एवं गुणात्मक विश्लेषण को जोड़ता है। देश में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में प्रतिस्पर्द्धी और सकारात्मक बदलाव लाने के लिये SFSI की शुरुआत वर्ष 2018-19 में की गई थी। पिछले पाँच वर्षों में महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और आंध्र प्रदेश सहित 20 बड़े भारतीय राज्यों में से 19 ने वर्ष 2019 की तुलना में अपने 2022-2023 के SFSI स्कोर में गिरावट का अनुभव किया है। सत्र 2022- 2023 के सूचकांक में पेश किये गए एक नए मापदंड के समायोजन के बाद 20 में से 15 राज्यों ने वर्ष 2019 की तुलना में 2022-2023 में कम SFSI स्कोर अर्जित किया। 'खाद्य परीक्षण अवसंरचना' पैरामीटर खाद्य नमूनों के परीक्षण के लिये प्रत्येक राज्य में प्रशिक्षित कर्मियों के साथ पर्याप्त परीक्षण बुनियादी ढाँचे की उपलब्धता को मापता है। इस पैरामीटर में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, सभी बड़े राज्यों का औसत स्कोर वर्ष 2019 में 20 में से 13 से गिरकर वर्ष 2022 - 2023 में 17 में से 7 रह गया। वर्ष 2022-2023 में इस पैरामीटर में गुजरात और केरल का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा जबकि आंध्र प्रदेश का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। यह पैरामीटर प्रत्येक राज्य के खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण द्वारा किये गए खाद्य व्यवसायों के लाइसेंस और पंजीकरण, किये गए निरीक्षण, आयोजित विशेष अभियानों, शिविरों व ऐसे अन्य अनुपालन-संबंधित कार्यों को मापता है। इसके साथ ही 'अनुपालन' पैरामीटर के स्कोर में भी गिरावट दर्ज की गई। इस पैरामीटर में पंजाब और हिमाचल प्रदेश को सबसे अधिक अंक प्राप्त हुए और झारखंड को सबसे कम अंक प्राप्त हुए।
केरल सरकार ने प्रसिद्ध लेखक टी. पद्मनाभन को प्रतिष्ठित केरल ज्योति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में चुना है। केरल सरकार ने प्रसिद्ध लेखक टी. पद्मनाभन को प्रतिष्ठित केरल ज्योति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में चुना है। राज्य का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मनाभन को मलयालम साहित्य में उनके असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया गया।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि दो हज़ार रुपये के 97 प्रतिशत से अधिक नोट उसके पास वापस आ गए हैं। शीर्ष बैंक ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि मई 2023 में दो हज़ार के 3 लाख 56 हज़ार करोड़ मूल्य के नोट चलन में थे जिनका 31 अक्टूबर 2023 तक लेन देन बंद करने पर अब लोगों के पास ये केवल दस हज़ार करोड़ रह गया है। रिज़र्व बैंक ने 19 मई 2023 को दो हज़ार रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा की थी और लोगों से 7 अक्टूबर 2023 तक किसी भी बैंक में इन्हें जमा कराने या बदलने का अनुरोध किया था। रिज़र्व बैंक ने कहा है कि दो हज़ार का नोट वैध मुद्रा बना रहेगा और इन्हें जमा कराने या बदलने की सुविधा रिज़र्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों में उपलब्ध रहेगी। उसने कहा कि जो भी इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं वे इन कार्यालयों में भारतीय डाक विभाग के माध्यम से नोट भेज सकते हैं।
भारत सरकार के संचार मंत्रालय, दूरसंचार विभाग (डीओटी) की तकनीकी शाखा दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) और इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईआईटीडी) विश्वसनीय और जिम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रणाली के क्षेत्र में नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ आए हैं। रिस्पॉन्सिबल एआई में अग्रणी विकास के लिए इनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए 3 नवंबर, 2023 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप निष्पक्षता मूल्यांकन को बढ़ावा देने पर केंद्रित यह सहयोग विशेष रूप से एआई सिस्टम में पक्षपात पर ध्यान देने और इन प्रौद्योगिकियों में जनता के विश्वास को बढ़ावा देने पर आधारित है।
एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड, जोकि एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, ने 4 नवंबर, 2023 को गुजरात के कच्छ इलाके के दयापार में स्थित अपनी पहली परियोजना -50 मेगावाट की पवन परियोजना- के वाणिज्यिक संचालन की घोषणा की है। इसके साथ ही, एनटीपीसी समूह की कुल स्थापित क्षमता बढ़कर 73,874 मेगावाट की हो गई है और एनटीपीसी समूह की कुल आरई परिचालन क्षमता अब 3,364 मेगावाट हो गई है। दयापार विंड एनटीपीसी आरईएल की पहली परियोजना है और यह नए भारतीय विद्युत ग्रिड कोड और सामान्य नेटवर्क एक्सेस व्यवस्था के तहत वाणिज्यिक घोषित होने वाली भारत की पहली क्षमता है।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने जीपीएस ट्रैकर एंकलेट का इस्तेमाल शुरू किया है, जो एक तरह से बैंड की तरह होगा और आतंकी के पांव में पहनाया जाएगा। पुलिस ने हिजबुल मुजाहिदीन समेत विभिन्न आतंकी संगठनों के लिए बतौर ओजीडब्ल्यू काम करने के आरोपित गुलाम मोहम्मद बट को यह पहली बार पहनाया है। उसे अदालत ने अंतरिम जमानत पर रिहा किया है। जीपीएस ट्रैकर का इस्तेमाल संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड समेत कई देशों में जमानत व पैरोल पर छूटे आरोपितों और घर में नजरबंद तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है। भारत में जम्मू कश्मीर पुलिस ने ही इसका उपयोग सबसे पहले शुरू किया है।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 18 भूख हॉटस्पॉट में तीव्र खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है। इन हॉटस्पॉट में 22 देश और क्षेत्र शामिल हैं, रिपोर्ट में नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक की अवधि को कवर किया गया है। इन हॉटस्पॉट का चयन विशेषज्ञ की सहमति और विभिन्न कारकों के विश्लेषण पर आधारित है। रिपोर्ट में पहचाने गए देशों और क्षेत्रों में बुर्किना फासो, माली, सूडान, दक्षिण सूडान, नाइजर, चाड, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, फिलिस्तीन, सीरियाई अरब गणराज्य, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, जिबूती, यमन, सोमालिया, इथियोपिया, मलावी, ज़िम्बाब्वे, हैती, अल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला, होंडुरास और निकारागुआ शामिल हैं। इन सभी क्षेत्रों में, अगले छह महीनों में खाद्य सुरक्षा में काफी गिरावट आने की आशंका है।
2022 में, भारतीय किसानों को गेहूं और चावल जैसी विभिन्न वस्तुओं पर निर्यात प्रतिबंध, शुल्क और परमिट के परिणामस्वरूप कुल 169 बिलियन डॉलर के अंतर्निहित कराधान का सामना करना पड़ा। यह कराधान उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को स्थिर करने के लिए लगाया गया था, जैसा कि आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) द्वारा वैश्विक कृषि नीति और समर्थन पर किए गए नवीनतम मूल्यांकन से पता चला है। भारत की नकारात्मक एमपीएस नीति कराधान 2022 में वैश्विक स्तर पर ऐसे 80% से अधिक करों का गठन करती है, जिससे यह इस घटना में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन जाता है। रिपोर्ट में विश्लेषण किए गए 54 देशों में से, किसानों पर लगाया गया अंतर्निहित कराधान वैश्विक स्तर पर लगभग 200 बिलियन डॉलर था।
पशु कल्याण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर में, भूटान अपनी पूरी आवारा कुत्तों की आबादी का सफलतापूर्वक बंध्याकरण और टीकाकरण करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। यह उपलब्धि 14 साल लंबे कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम के बाद आई है। 2009 में शुरू की गई राष्ट्रीय कुत्ता जनसंख्या प्रबंधन और रेबीज नियंत्रण परियोजना का उद्देश्य भूटान में आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान करना था। वैश्विक पशु दान, ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल (HSI) के सहयोग से, कार्यक्रम ने 150,000 से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया है और 32,000 पालतू कुत्तों को माइक्रोचिप लगाया है। पूरे एशिया में, अनुमानित 300 मिलियन आवारा कुत्तों को भुखमरी, परजीवी संक्रमण, अनुपचारित बीमारियाँ, सड़क यातायात दुर्घटनाओं से चोटें और संक्रामक कैंसर जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ये कुत्ते अक्सर प्रत्यक्ष उत्पीड़न और अमानवीय हत्या सहते हैं। भूटान में सफल प्रयासों ने इस व्यापक मुद्दे के समाधान के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है।
इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) की एक हालिया रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि गंभीर पारिस्थितिक खतरों का सामना करने वाले देशों में रहने वाले लोगों की संख्या 2050 तक मौजूदा 1.8 बिलियन से बढ़कर 2.8 बिलियन हो जाने की उम्मीद है। ये चिंताजनक निष्कर्ष बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों और जलवायु संबंधी घटनाओं के परिणामस्वरूप सामने आए हैं। IEP की पारिस्थितिक खतरा रिपोर्ट 2023 इस बात पर प्रकाश डालती है कि गंभीर खतरों का सामना करने वाले आधे से अधिक देश उप-सहारा अफ्रीका में स्थित हैं। रिपोर्ट वैश्विक पारिस्थितिक खतरों का आकलन करती है और पर्यावरणीय गिरावट के कारण संघर्ष, नागरिक अशांति और विस्थापन के लिए अतिसंवेदनशील देशों और क्षेत्रों को इंगित करती है।
फिलीपींस ने चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना-बीआरआई से बाहर निकलने की घोषणा की है। एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फिलीपींस सरकार ने बीआरआई की सभी परियोजनाओं को समाप्त कर दिया है और परियोजना से जुड़े कार्य जापान और पश्चिमी देशों को सौंपने का निर्णय लिया है। फिलीपींस की सीनेट ने कहा है कि चीन का हर निवेश आर्थिक और राजनीतिक कारणों से संदेह के घेरे में है। बीआरआई से बाहर निकलने के निर्णय के बाद फिलीपींस और चीन के रिश्तों में खटास और बढ़ गई है। फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के कार्यकाल में चीन के साथ फिलीपींस के संबंध बहुत मधुर रहे थे।
नवीन रूप से विकसित एक नई ऊर्जा-कुशल कार्बन डाइऑक्साइड कैप्चर तकनीक के माध्यम से जल की उपस्थिति में परिवेश के तापमान के तहत इलेक्ट्रो उत्प्रेरक स्थितियों में कार्बन डाइऑक्साइड को कार्बन मोनोऑक्साइड में परिवर्तित किया जा सकता है। इस तकनीक को इस्पात क्षेत्र में उपयोग की संभावना के साथ विकसित किया गया है। 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए भारत के लक्ष्य का समर्थन करने के प्रयासों में, आईआईटी बॉम्बे में डीएसटी समर्थित नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन (एनसीओई-सीसीयू) सीओ 2 को कैप्चर करने के लिए नए विभिन्न उत्सर्जन स्रोतों और प्रयोग करने योग्य रसायनों या स्थायी भंडारण में परिवर्तित करने के साथ-साथ ग्रीनहाउस गैस शमन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग का प्रतिनिधित्व करते हुए स्केलेबल और किफायती साधन विकसित करने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है । इए महत्वपूर्ण विकास क्रम में, डॉ. अर्नब दत्ता और डॉ. विक्रम विशाल के नेतृत्व में अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम के साथ-साथ राष्ट्रीय केंद्र में समर्पित अनुसंधान विशेषज्ञों को सीओ 2 से कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) रूपांतरण तकनीक के लिए पेटेंट प्रदान किया गया है। इस नवाचार को अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका, नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशन के लिए स्वीकार भी किया गया है।
एचसीएलटेक के संस्थापक शिव नादर और उनके परिवार ने एडेलगिव हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2023 में शीर्ष स्थान पर हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, उन्होंने 2,042 करोड़ रुपये का पर्याप्त दान दिया, यह लगातार पांचवां वर्ष है जब नादर ने इस विशिष्ट रैंक का दावा किया है। विप्रो के संस्थापक अध्यक्ष अजीम प्रेमजी और उनके परिवार ने 1,774 करोड़ रुपये के उल्लेखनीय दान के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। विशेष रूप से, प्रेमजी के परोपकारी योगदान में पिछले वर्ष की तुलना में 267% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। इसके अलावा, सूची में सबसे कम आयु के परोपकारी, निखिल कामथ का नाम भी जोड़ा गया, उन्होंने वित्तीय वर्ष 22-23 के दौरान ₹110 करोड़ का उदार दान दिया।
टाटा पावर ने दीपेश नंदा को अपनी सहायक कंपनी टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल) का अध्यक्ष-नवीकरणीय, सीईओ एवं एमडी नियुक्त किया है। भारत की अग्रणी एकीकृत बिजली कंपनियों में से एक, टाटा पावर ने एक महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन की घोषणा की, क्योंकि उसने दीपेश नंदा को अध्यक्ष-नवीकरणीय और अपनी सहायक कंपनी, टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल) का सीईओ और एमडी नियुक्त किया। 1 नवंबर, 2023 से प्रभावी यह कदम, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनने की दिशा में टाटा पावर की यात्रा में एक रणनीतिक कदम है।
नाइट फ्रैंक के प्राइम ग्लोबल सिटीज़ इंडेक्स के अनुसार, मुंबई ने वैश्विक शहरों के बीच प्रमुख आवासीय कीमतों में वर्ष प्रति वर्ष चौथी सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की, जबकि मनीला शीर्ष स्थान पर है। नाइट फ्रैंक के प्राइम ग्लोबल सिटीज़ इंडेक्स ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में खुलासा किया है कि सितंबर 2023 में समाप्त होने वाली तिमाही के लिए, मुंबई ने वैश्विक शहरों के बीच प्रमुख आवासीय कीमतों में वर्ष प्रति वर्ष चौथी सबसे अधिक वृद्धि हासिल की है। इस महत्वपूर्ण उछाल ने शहर की रियल एस्टेट गतिशीलता को पुनः आकार दिया है, जिससे यह सितंबर 2022 की रैंकिंग से 18 स्थान ऊपर पहुंच गया है। मुंबई के रियल एस्टेट बाजार में प्रमुख आवासीय कीमतों में 6.5% की पर्याप्त वृद्धि दर्ज की गई।
भारत और श्रीलंका के बीच वनडे वर्ल्ड कप का मुकाबला खेला गया। इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 357 रन बनाए। मैच की दूसरी पारी में भी टीम इंडिया का दबदबा बरकरार रहा। टीम इंडिया ने श्रीलंका को केवल 55 के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया। इस दौरान मोहम्मद शमी ने पांच विकेट झटके। इसी के साथ शमी भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजी भी बन गए। मोहम्मद शमी 14 पारियों में 45* विकेट ले चुके हैं। उन्होंने जहीर खान (44) और जवागल श्रीनाथ (44) का रिकॉर्ड तोड़ दिया। वहीं, जसप्रीत बुमराह वर्ल्ड कप करियर में 33 विकेट ले चुके हैं।
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी डेविड विली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने इस फैसले की घोषणा की है। वनडे विश्व कप 2023 में इंग्लैंड का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। वह सेमीफाइनल की रेस से भी लगभग बाहर है। विली ने खराब प्रदर्शन को देखते हुए यह फैसला लिया है। विली की उम्र अभी सिर्फ 33 साल की है और उन्होंने इंग्लैंड के लिए खेलना छोड़ दिया है।
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