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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन के प्रमोशन की सिफारिश की। वे ऑल इंडिया सीनयॉरिटी लिस्ट में दूसरे नंबर पर आते हैं और दिल्ली हाईकोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं। सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल 34 पदों में से 2 पद अभी खाली हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के कार्यकाल की यह पहली कॉलेजियम बैठक थी। कॉलेजियम में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एएस ओका बतौर सदस्य शामिल हैं। जस्टिस मनमोहन की पैदाइश 17 दिसंबर, 1962 को दिल्ली की है। वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल रहे जगमोहन मल्होत्रा के बेटे हैं। जस्टिस मनमोहन ने हिंदू कॉलेज से इतिहास में BA (ऑनर्स) की डिग्री ली है। इसके बाद उन्होंने 1987 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ सेंटर से LLB किया है। करियर की शुरुआत में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत की। इस दौरान उन्होंने सिविल, क्रिमिनल, टैक्सेशन, ट्रेडमार्क जैसे विषयों से जुड़े मुकदमों में पैरवी की। उन्होंने दाभोल पावर कंपनी, हैदराबाद निजाम ज्वेलरी ट्रस्ट, क्लैरिजेस होटल विवाद, गुजरात अंबुजा सीमेंट के सेल्स टैक्स मामले और फतेहपुर सीकरी अतिक्रमण मामले जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पैरवी की।
28 नवंबर को भारत को 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग के सदस्य के रूप में फिर से चुना गया है। आयोग में भारत का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा था। भारत लगातार 19 साल से इस आयोग का सदस्य है। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग (PBC) की स्थापना 2005 में संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद ने की थी। तब से भारत इसका सदस्य है। PBC एक सलाहकार निकाय है, जो युद्ध से प्रभावित देशों में शांति के प्रयास का काम करता है। PBC में 31 सदस्य देश हैं जो संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद से चुने जाते हैं। इन देशों में कुछ वित्तीय और सैन्य योगदान देने वाले देश भी शामिल हैं। सर्जियो फ्रैंका डेनेस (ब्राजील) PBC के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने 28 नवंबर को 'ऑनलाइन सुरक्षा संशोधन (सोशल मीडिया मिनिमम एज) विधेयक 2024' पारित किया। इसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लॉग-इन करने पर सख्त बैन लगा दिया है। यह कानून बुधवार 27 नवंबर को ऑस्ट्रेलियाई संसद के निचले सदन और फिर गुरुवार को सीनेट में दो दलों के समर्थन के साथ पारित हुआ। ऑस्ट्रेलिया, बच्चों के सोशल मीडिया यूज पर बैन लगाने वाले बिल को पारित करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। बिल के मुताबिक, अगर एक्स, टिकटॉक, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म बच्चों को अकाउंट रखने से रोकने में नाकाम रहते हैं, तो उन पर 275 करोड़ रुपए (32.5 मिलियन डॉलर) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसमें माता-पिता की सहमति से अकाउंट बनाने या पहले से मौजूद अकाउंट के लिए कोई छूट नहीं दी जाएगी। कानून बनने के बाद, किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के पास बैन को लागू करने के तरीके पर काम करने के लिए एक साल का वक्त होगा।
भारत और ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालयों के बीच भारतीय नौसेना के लिए इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम के डिजाइन और विकास पर सहयोग से जुड़े एक आशय पत्र (एसओआई) पर 28 नवंबर, 2024 को पोर्ट्समाउथ में हस्ताक्षर किए गए। यह हस्ताक्षर इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन क्षमता साझेदारी की तीसरी संयुक्त कार्य समूह बैठक का हिस्सा हैं। यह समझौता उन्नत प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। इस आशय-पत्र के माध्यम से भविष्य में नौसैनिक जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन क्षमता के सह-डिजाइन, सह-निर्माण और सह-उत्पादन में सहयोग के लिए एक व्यापक रूपरेखा के तौर पर कार्य किया जाएगा। भारतीय शिपयार्ड में बनाने की योजना के अंतर्गत लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक्स में पूर्ण इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम होने की अवधारणा की गई है।
केंद्र सरकार और एशियाई विकास बैंक (ए.डी.बी.) ने बागवानी से जुड़े किसानों के लिए 9 करोड़ 80 लाख डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से किसानों को रोग मुक्त प्रमाणित रोपण सामग्री प्राप्त हो सकेगी और फलों की उत्पादकता, गुणवत्ता बढ़ाने तथा जलवायु परिवर्तन के असर से निपटने में सहायता मिलेगी। भारत के स्वच्छ पौध कार्यक्रम के लिए ऋण समझौते पर हस्ताक्षर आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और भारत में एशियाई विकास बैंक के रेज़िडेंट मिशन प्रभारी अधिकारी काई वेई येओ ने किए। वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह परियोजना पौधों के स्वास्थ्य प्रबंधन को बढ़ावा देती है। इस परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए निजी नर्सरियों, शोधकर्ताओं, राज्य सरकारों और किसानों से जुड़े संगठनों को शामिल किया जाएगा।
सरकार ने विदेशों में संकटग्रस्त भारतीय महिलाओं की सहायता के लिए नौ वन स्टॉप सेंटर-ओएससी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। महिला और बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा कि इनमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में सात और टोरंटो और सिंगापुर में दो ओएससी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों में भारतीय नागरिकों के लिए भारतीय समुदाय कल्याण कोष -आई सी डब्ल्यू एफ की स्थापना की गई है। श्रीमती ठाकुर ने कहा कि सितंबर 2017 में आईसीडब्ल्यूएफ के दिशा-निर्देशों में व्यापक संशोधन किया गया था। संशोधित दिशा-निर्देशों ने संकटग्रस्त भारतीय नागरिकों, विशेषकर महिलाओं के लिए मदद के दायरे को बढाया गया है। इसमें संकट की स्थिति में प्रवासी भारतीय नागरिकों की सहायता करना जैसे हवाई यात्रा, कानूनी सहायता और आपातकालीन चिकित्सा देखभाल शामिल है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में ‘शून्यता’ नामक चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में चित्रों का संग्रह है जो असार और शून्यता के विचारों पर केंद्रित है। प्रदर्शनी के लिए शून्यता नाम बौद्ध दर्शन को दर्शाने के लिये लिया गया है। इस प्रदर्शनी में प्रत्येक कैनवास पर देवी-देवताओं, नश्वर और अमर की अनुमानित छवियाँ प्रदर्शित की गई हैं। यह प्रदर्शनी अभय के. द्वारा संचालित एक सहयोगात्मक प्रयास है, जो एक कवि, कलाकार और राजनयिक हैं और इसके क्यूरेटर के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय संग्रहालय की क्यूरेटोरियल टीम के साथ मिलकर काम किया, जिसका नेतृत्व डॉ. बीआर मणि करते हैं, जो एक प्रसिद्ध पुरातत्वविद् और बौद्ध कला और दर्शन के विशेषज्ञ हैं।
मेघालय में दो दिवसीय मे-गोंग महोत्सव 2024 शुरू हो गया है। गारो हिल्स में बहुतायत खिलने वाले मे-गोंग फूल के नाम पर यह त्योहार संगीत, लोक नृत्य, स्वदेशी खेल, हथकरघा और हस्तशिल्प, तथा व्यंजनों सहित गारो संस्कृति का प्रतीक है। इस आयोजन का उद्देश्य स्थानीय समुदायों, कलाकारों, पर्यटकों और कारीगरों को एकजुट करना और सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देना है। महोत्सव में दो लाख से अधिक लोगों के आने की संभावना है।
नागालैंड प्रतिष्ठित हॉर्नबिल महोत्सव के 25वें संस्करण का जश्न मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसे अक्सर ‘त्योहारों का महोत्सव’ कहा जाता है। सिक्किम को हॉर्नबिल त्योहार 2024 के लिए भागीदार राज्य घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग ने गंगटोक से सिक्किम के प्रतिनिधिमंडल को नागालैंड के लिए औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हॉर्नबिल त्योहार एक वार्षिक आयोजन है। इसका उद्देश्य नागा जनजातियों की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को पुनर्जीवित करना है। जापान को हॉर्नबिल फेस्टिवल 2024 के लिए भागीदार घोषित किया गया है, जो वेल्स के साथ मिलकर नागालैंड में सांस्कृतिक और संगीत प्रदर्शन करेगा।
28 नवंबर 2024 को गोवा के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में 55वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का समापन हुआ। महोत्सव नौ दिनों तक चला। 55वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2024 में विक्रांत मैसी को इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द इयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 55वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इस साल सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए सबसे प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक पुरस्कार 'टॉक्सिक' को मिला। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के ज्यूरी प्रेसिडेंट आशुतोष गोवारिकर ने यह पुरस्कार दिया। बेस्ट डायरेक्टर का सिल्वर पीकॉक अवॉर्ड, रोमानियाई लेखक और डायरेक्टर बोगदान मुरेसानु को उनकी फिल्म ‘द न्यू इयर दैट नेवर केम’ के लिए दिया गया। एक्टर क्लेमेंट फेवौ को फ्रांसीसी फिल्म 'होली काउ' में उनकी एक्टिंग के लिए बेस्ट एक्टर (मेल) का सिल्वर पीकॉक अवॉर्ड दिया गया। बेस्ट एक्टर (फीमेल) के लिए अभिनेत्री वेस्टा माटुलिते और इवा रुपेइकाइटे को फिल्म ‘टॉक्सिक’ के लिए संयुक्त रूप से सिल्वर पीकॉक अवॉर्ड दिया गया।
सांप के काटने से सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं तेजी से बढ़ रही है। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) ने भारत में सांप के काटने के मामलों और इससे होने वाली मौतों को “सूचित करने योग्य बीमारी” घोषित किया है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल 3-4 मिलियन लोगों को सांप काटता है। वहीं इनमें से लगभग 50,000 लोगों की मौत हो जाती है। यह वैश्विक स्तर पर सांप काटने वाली मौतों का आधा हिस्सा है। हालांकि, इन मामलों की रिपोर्टिंग बहुत कम की जाती है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के स्वास्थ्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा, “सांप काटना सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है और कुछ मामलों में, यह मृत्यु, बीमारी और विकलांगता का कारण बनता है। किसान, आदिवासी आबादी आदि इसके अधिक जोखिम में हैं। आपसे अनुरोध है कि राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम या अन्य लागू कानून के तहत प्रासंगिक प्रावधानों के तहत सर्पदंश के मामलों और मौतों को ‘सूचित करने योग्य रोग’ (नोटिफिएबल डिजीज) बनाया जाए।”
प्रोफेसर अमिय कुमार बागची का 28 नवंबर की शाम को निधन हो गया। वे उत्कृष्ट अर्थशास्त्रियों, विद्वानों और बुद्धिजीवियों में से एक थे। मास्टर्स के बाद वे पश्चिम बंगाल सरकार की स्कॉलरशिप पर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए, जहां अपनी डॉक्टरेट की पढ़ाई की और जीसस कॉलेज में फेलोशिप लेकर इकोनॉमिक्स और पॉलिटी पढ़ानी शुरू की। बागची ने एक गणितीय अर्थशास्त्री के बतौर करियर की शुरुआत की थी, लेकिन पीएचडी की थीसिस लिखने के दौरान उन्होंने अपने एक गाइड की सलाह पर आर्थिक इतिहास का रुख किया। वे पारंपरिक तौर पर आर्थिक इतिहासकार नहीं थे; बल्कि ऐतिहासिक आंकड़ों पर काम करने वाले एक मैक्रोइकोनॉमिस्ट थे। बागची ने 1969 में जीसस कॉलेज से इस्तीफा देकर प्रेसीडेंसी कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर दिया। उन्होंने प्रोफेसर नपस मजूमदार के साथ आर्थिक अध्ययन केंद्र शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बागची ने 2002 में इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, कोलकाता की स्थापना की।
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