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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में प्रौद्योगिकी के प्रयोग से शिकायतों के निवारण से संबंधित कार्यक्रम स्वागत के 20 साल पूर्ण होने के अवसर पर जनसमुदाय को संबोधित किया। गुजरात सरकार पहल के 20 साल सफलतापूर्वक पूरा करने पर स्वागत सप्ताह का आयोजन कर रही है। स्वागत पहल का मतलब स्टेट वाइड अटेंशन ऑन ग्रीवन्सेज बाई एप्लीकेशन ऑफ टेक्नोलॉजी अर्थात प्रौद्योगिकी के उपयोग से शिकायतों का राज्य व्यापी समाधान है। स्वागत पहल की शुरुआत अप्रैल 2003 में उस समय की गई थी, जब श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रोजमर्रा की शिकायतों को त्वरित, प्रभावी और समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए सरकार और नागरिकों के बीच सेतु का काम करना है। इसे मोदी ने 24 अप्रैल 2003 को पहली बार जिला और राज्य स्तर पर लॉन्च किया था और बाद में इसे गांव और तालुका स्तर पर ले जाया गया था। दो दशकों में ‘स्वागत’ पहल गुजरात में सुशासन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रही है। इसकी 99.91 प्रतिशत की सफलता दर रही है। इसके जरिए 5,63,806 शिकायतों में से 5,63,314 शिकायतों का समाधान किया गया है। ‘स्वागत दिवस’ पारंपरिक रूप से हर महीने के चौथे बृहस्पतिवार को मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर गैस ग्रिड परियोजना द्वारा एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने पर उसकी प्रशंसा की है। इस परियोजना में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग (Horizontal Directional Drilling- HDD) विधि का उपयोग करके 24 इंच व्यास वाली प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का निर्माण किया गया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार, इस पाइपलाइन ने एशिया में सबसे लंबी रिवर क्रॉसिंग हाइड्रोकार्बन पाइपलाइन होने के साथ विश्व में दूसरी सबसे लंबी पाइपलाइन का रिकॉर्ड बनाया है। पूर्वोत्तर गैस ग्रिड परियोजना का उद्देश्य भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को स्वच्छ और किफायती ऊर्जा प्रदान करना है, साथ ही यह देश के गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना भारत के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा राष्ट्रीय गैस ग्रिड विकसित करने के सरकार के दृष्टिकोण का हिस्सा है।
COVID-19 महामारी ने स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा व्यवधान पैदा किया है, 100 से अधिक देशों में टीकाकरण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। इसके परिणामस्वरूप एक संकट पैदा हो गया है, जहां लगभग 75% बच्चे 2021 में रोकथाम योग्य लेकिन गंभीर बीमारियों के खिलाफ आवश्यक टीकाकरण से चूक गए हैं। The Big Catch-up नामक एक लक्षित वैश्विक पहल को विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, Gavi the Vaccine Alliance, और Immunization Agenda 2030, अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों के एक संघ द्वारा लागू किया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों के बीच टीकाकरण के स्तर को बढ़ाना है, क्योंकि यह स्तर COVID-19 महामारी के कारण गिर गया है।
व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए एक भारत-यूक्रेन चैम्बर ऑफ कॉमर्स आने वाले महीनों में स्थापित किया जाएगा। यह चैम्बर यूक्रेन सरकार की मदद से बुनियादी ढांचा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश और सहयोग के अवसरों को बढ़ाने के लिए काम करेगा। यह घटना यूक्रेन की पहली उप विदेश मंत्री एमिने जापारोवा के भारत दौरे के बाद हुई। जापारोवा ने यात्रा के दौरान सलाह दी कि भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां रूस से युद्धरत उक्रेन के निर्माण कार्य में भाग लें। एक चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अभाव में दोनों देशों के निजी क्षेत्र एक दूसरे से संवाद नहीं कर पा रहे थे और अवसरों की तलाश नहीं कर पा रहे थे।
आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि शहरी सहकारी बैंकों की सभी श्रेणियों पर लागू होने वाले मानक परिसंपत्ति प्रावधानों को सुसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है। रिजर्व बैंक ने गत दिसंबर में शहरी सहकारी बैंकों को नियामकीय उद्देश्यों से चार स्तरों में वर्गीकृत किया था। इसके पहले इन बैंकों को सिर्फ टियर-1 और टियर-2 श्रेणी में ही विभाजित किया जाता था। संशोधित प्रावधानों के मुताबिक, अब सभी तरह के शहरी सहकारी बैंकों को कृषि एवं एसएमई क्षेत्रों को प्रत्यक्ष ऋण के लिए पोर्टफोलियो के वित्तपोषित हिस्से का 0.25 प्रतिशत प्रावधान करना जरूरी होगा।इसके अलावा वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र को वित्तपोषित कर्ज के बकाया के एक प्रतिशत प्रावधान की जरूरत होगी।वाणिज्यिक रियल एस्टेट एवं आवासीय इमारत क्षेत्र और अन्य सभी कर्जों एवं अग्रिम भुगतान के मामले में प्रावधान की जरूरत क्रमशः 0.75 प्रतिशत एवं 0.4 प्रतिशत की होगी।केंद्रीय बैंक ने 100 करोड़ रुपये तक की जमाओं वाले और वेतनभोगियों के शहरी सहकारी बैंक को पहली श्रेणी में रखा है। दूसरी श्रेणी में 100 करोड़ रुपये से अधिक और 1,000 करोड़ रुपये तक जमा वाले सहकारी बैंक रखे गए हैं।टियर-3 में 1,000 करोड़ रुपये से लेकर 10,000 करोड़ रुपये तक जमा वाले शहरी सहकारी बैंक होंगे जबकि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक जमाओं वाले शहरी सहकारी बैंक टियर-4 के तौर पर वर्गीकृत हैं।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नई दिल्ली में कृषि मशीनरी प्रौद्योगिकी पर आधारित शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ और ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन ने किया। श्री तोमर ने कहा कि राज्यों को 2014-15 से 2022-23 तक कृषि मशीनीकरण सब-मिशन के तहत छह हजार 120 करोड़ और 85 हजार रुपये की राशि जारी की गई है।
भारत और ब्रिटेन शून्य नवाचार वर्चुअल केंद्र बनाने पर सहमत हो गए हैं। यह केंद्र नवीकरणीय ऊर्जा, परिवहन प्रणालियों और हरित हाइड्रोजन के डीकार्बोनाइजेशन जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने का मंच प्रदान करेगा। ब्रिटेन के मंत्री जॉर्ज फ्रीमैन की उपस्थिति में भारत-ब्रिटेन विज्ञान और नवाचार परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इसकी घोषणा की। जितेंद्र सिंह इन दिनों ब्रिटेन की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यु सुक येवोल ने एक ऐतिहासिक रक्षा समझौते पर मोहर लगा दी है। इसके अंतर्गत परमाणु हथियारों से लैस अमरीकी पनडुब्बियों को समय-समय पर दक्षिण कोरियाई क्षेत्रों में तैनात करने की योजना है। इसके साथ ही अमरीका अब उत्तर कोरिया के साथ किसी भी संघर्ष की स्थिति में परमाणु हथियारों के उपयोग की योजना में दक्षिण कोरिया को भी शामिल करने पर सहमत हो गया है। इसके बदले में दक्षिण कोरिया ने अपने परमाणु हथियार नहीं विकसित करने की रजामंदी दी है। इस रक्षा समझौते को वाशिंगटन घोषणा पत्र का नाम दिया गया है। यह समझौता उत्तर कोरिया के आक्रमण को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूती प्रदान करेगा। यह घोषणा-पत्र उत्तर कोरिया की ओर से परमाणु हमले की धमकियों को लेकर बढ़ती चिन्ता के बीच जारी किया गया है क्योंकि उत्तर कोरिया ने अब तक रिकार्ड संख्या में बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा हाल ही में शुरू किये गए शहर सौंदर्य प्रतियोगिता पोर्टल को अब लाइव कर दिया गया है। देश के शहरी स्थानीय निकाय अब www.citybeautycompetition.in के जरिए इस प्रतिस्पर्धा में भागीदारी कर सकेंगे। इस प्रतिस्पर्धा का उद्देश्य सुंदर, नवाचारी और समेकित सार्वजनिक स्थान निर्मित करने के लिए देश के वार्डो और शहरों द्वारा किये गए परिवर्तनकारी प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। मंत्रालय ने कहा है कि इस प्रतियोगिता के अंतर्गत शहरों के वार्डो और सार्वजनिक स्थानों को पहुंच, सुविधाएं, गतिविधियां, सौंदर्यशास्त्र और पारिस्थितिकी जैसे पांच व्यापक स्तंभों के जरिए आंका जाएगा। इस प्रतिस्पर्धा में शहरों के अत्याधिक सुंदर वार्डों और सार्वजनिक स्थानों को सम्मानित किया जाएगा। जबकि चयनित वार्ड शहर और राज्य स्तर पर सम्मानित किये जाएंगे। इस सम्मान में चार वर्गों में शहरों के शीर्ष सबसे अधिक सुदंर सार्वजनिक स्थान शामिल किये जाएंगे।
बांग्लादेश के थल सेना अध्यक्ष जनरल शफीउद्दीन अहमद भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे से भेंट की। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने, सैन्य प्रशिक्षण और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। बाद में उन्होंने सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, नौसेना अध्यक्ष हरि कुमार, रक्षा सचिव और विदेश सचिव से भी मुलाकात की।
केंद्रीय लघु कुटीर और मध्यम उपक्रम मंत्री श्री नारायण राणे ने मुंबई में संशोधित सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी निधि ट्रस्ट योजना का शुभारंभ किया। सीजीटीएमएसई को वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में 9000 करोड़ की अतिरिक्त सुरक्षा निधि सहायता प्रदान की गयी है, ताकि सूक्ष्म और लघु उद्यमों को अतिरिक्त 2,00,000 करोड़ रुपये की गारंटी प्रदान करने के लिए इस योजना में सुधार लाया जा सके।
भारत और यूनाइटेड किंगडम (इंग्लैंड) के बीच संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास "अजेय वॉरियर-23" के 7वें संस्करण का 27 अप्रैल से 11 मई 2023 तक सैलिसबरी मैदान, यूनाइटेड किंगडम में आयोजन किया जा रहा है। ‘युद्धाभ्यास अजय वॉरियर’ भारत का यूनाइटेड किंगडम के साथ द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो कि यूनाइटेड किंगडम और भारत में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है। इस अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में उत्तराखंड के चौबटिया में आयोजित किया गया था। यूनाइटेड किंगडम से सेकेंड रॉयल गोरखा राइफल्स के सैनिक और भारतीय सेना की बिहार रेजिमेंट के सैनिक इस सैन्य अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
यूनिसेफ ने हाल ही में अपनी वैश्विक प्रमुख रिपोर्ट, ‘The State of the World’s Children 2023: For Every Child, Vaccination’ का अनावरण किया। यह रिपोर्ट दुनिया भर में वैक्सीन विश्वास और कवरेज का व्यापक अवलोकन प्रदान करती है। इस रिपोर्ट में कुछ चिंताजनक प्रवृत्तियों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कुछ उल्लेखनीय अपवादों के साथ अध्ययन किए गए 55 देशों में से एक तिहाई से अधिक में वैक्सीन विश्वास में गिरावट शामिल है। इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन, भारत और मैक्सिको उन देशों में शामिल थे, जिन्होंने वैक्सीन धारणा में सुधार दर्ज किया गया। यह सकारात्मक रुझान टीकाकरण अभियान के लिए राजनीतिक और सामाजिक प्रतिबद्धता की सफलता को दर्शाता है। महामारी ने बचपन के टीकाकरण को लगभग हर जगह बाधित कर दिया। भ्रामक जानकारी तक पहुंच और टीके की प्रभावकारिता में घटते भरोसे जैसे कारकों ने टीके को लेकर हिचकिचाहट के बढ़ते खतरे में योगदान दिया है। यूनिसेफ की रिपोर्ट से पता चला है कि 2019 और 2021 के बीच 67 मिलियन बच्चे टीकाकरण से चूक गए, 112 देशों में कवरेज का स्तर घट रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में 2022 में खसरे के मामलों की संख्या दोगुनी हो गई, और 2022 में पोलियो से लकवाग्रस्त बच्चों की संख्या में साल-दर-साल 16% की वृद्धि हुई।
रेमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन ने 64 साल बाद तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को 1959 का रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) प्रदान किया। उन्हें इस अवॉर्ड के लिए 1959 में चुना गया था, लेकिन तब चीन की वजह से वह तिब्बत से भागकर भारत आ गए थे, इस वजह से पुरस्कार लेने नहीं जा सके थे। अब फाउंडेशन की अध्यक्ष सुसाना बी अफान और फाउंडेशन की ट्रस्टी एमिली ए अब्रेरा ने हिमाचल प्रदेश के मैकलियोडगंज स्थित उनके आवास पर व्यक्तिगत रूप से उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरस्कार महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दलाई लामा को दिया गया अब तक का पहला अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है। अगस्त 1959 में फिलीपींस में फाउंडेशन द्वारा दलाई लामा को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्रदान किया गया था। यह पुरस्कार तिब्बती लोगों और उनकी संस्कृति के प्रति दलाई लामा की अटूट प्रतिबद्धता को मान्यता देता है। रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड फिलीपींस के 7वें राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की याद में दिया जाता है। इसकी स्थापना 1957 में की गई थी।
जी20 के तहत तीसरे शिक्षा कार्य समूह की बैठक भुवनेश्वर, ओड़ीशा के सीएसआईआर-आईएमएमटी परिसर में कार्य के भविष्य के संदर्भ में आजीवन अध्ययन के वास्ते क्षमता निर्माण पर एक संगोष्ठी के आयोजन के साथ शुरू हो गई। यह बैठक इससे पहले चेन्नई और अमृतसर में हुई कार्य समूह की दो बैठकों के सिलसिले को ही आगे बढ़ाती है, जिनका उद्देश्य दुनिया भर में शिक्षा क्षेत्र में बदलाव लाने के लिये नवोन्मेषी विचारों और नीतियों पर विचार विमर्श और उन्हें अमल में लाना है। तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठन देशों के 60 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
एक नए अध्ययन ने मंगल की सबसे भीतरी परत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया है। मंगल ग्रह के कोर की त्रिज्या का अनुमान लगभग 1,780-1,810 किलोमीटर का है। PNAS पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार, इसके एक तरल अवस्था में होने की संभावना है। मंगल ग्रह की संरचना के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने नासा के इनसाइट मार्स लैंडर द्वारा एकत्र की गई भूकंपीय जानकारी की जांच की, जिसे मई 2018 में कक्षा में भेजा गया था। लैंडर ने ग्रह की सतह पर एक सिस्मोमीटर और अन्य भूभौतिकीय उपकरण लगाए। सीस्मोमीटर भूकंपीय तरंगों का पता लगाता है और भूकंप के बाद उत्पन्न शॉकवेव्स को मापता है। जैसे ही भूकंपीय तरंगें विभिन्न सामग्रियों से होकर गुजरती हैं, वे अलग तरह से व्यवहार करती हैं, जब वे तरल पदार्थों या गर्म क्षेत्रों से गुजरती हैं तो धीमी हो जाती हैं। इस शोध में पाया गया कि हल्के तत्व, सल्फर और ऑक्सीजन, कोर के वजन का पांचवां हिस्सा बनाते हैं। यद्यपि पृथ्वी और मंगल दोनों ही ज्यादातर लोहे से बने हैं, मंगल का कोर पृथ्वी की तुलना में कम घना है।
वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है कि अटल पेंशन योजना (APY) के तहत कुल नामांकन इस वर्ष 31 मार्च तक 5.2 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। इस योजना में पिछले वित्तीय वर्ष में 99 लाख की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.19 करोड़ से अधिक नए ग्राहकों के साथ नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसने 20% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। यह दर्शाता है कि यह योजना पूरे देश में लोगों के बीच लोकप्रियता प्राप्त कर रही है। अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) भारत सरकार द्वारा मई 2015 में असंगठित क्षेत्र को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई थी। यह योजना 18 से 40 वर्ष की आयु के सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली है और यह 60 वर्ष की आयु के बाद एक निश्चित मासिक पेंशन प्रदान करती है।
गुणसूत्र हमारे DNA का एक अनिवार्य हिस्सा हैं, और वे सदियों से बहुत अधिक वैज्ञानिक शोध का विषय रहे हैं। शोधकर्ताओं ने हाल ही में शुगोसिन की पहचान की है, यह एक प्रोटीन है जो क्रोमोसोम के X आकार के गठन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रकाश सूक्ष्मदर्शी के विकास के बाद 1800 के दशक के अंत में क्रोमोसोम पाए गए। वे डीएनए के मूलभूत घटकों के रूप में कार्य करते हैं, जो माता-पिता से वंशानुगत डेटा को उनके वंश में स्थानांतरित करने के लिए ज़िम्मेदार है। हाल ही में, वैज्ञानिकों ने प्रोटीन शुगोसिन को प्रमुख प्रोटीन के रूप में पहचाना है जो एक्स क्रोमोसोम को उसके प्रसिद्ध एक्स आकार में “लॉक” करता है। शुगोसिन को SGO1 के रूप में भी जाना जाता है और यह दो समान लंबे डीएनए थ्रेड्स को एक साथ रखने के लिए जिम्मेदार है, जो एक क्रोमोसोम बनाते हैं।
रंग घर (Rang Ghar) असम में स्थित है। यह हाल ही में सुर्ख़ियों में था क्योंकि असम सरकार ने इसके विकास के लिए एक योजना पेश की है। रंग घर (Rang Ghar) भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में स्थित एक दो मंजिला इमारत है। इस इमारत का एक समृद्ध इतिहास है और अहोम राजाओं और रईसों के शासनकाल के दौरान एक शाही खेल मंडप के रूप में कार्य करता था। यह एम्फीथिएटर असम ट्रंक रोड के किनारे शिवसागर शहर के केंद्र से तीन किलोमीटर दूर स्थित है। रंग घर को एशिया के सबसे प्राचीन एम्फीथिएटर्स में से एक माना जाता है जो समय के साथ जीवित रहने में कामयाब रहा है। यह मूल रूप से स्वर्गदेव रुद्र सिंहा (Swargadeo Rudra Singha) के युग के दौरान बनाया गया था, और इसके निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्राथमिक निर्माण सामग्री बांस और लकड़ी थी। बाद में, स्वर्गदेव प्रमत्त सिंहा (Swargadeo Pramatta Singha) ने 1744-1751 ईस्वी के बीच ईंट से इस संरचना का पुनर्निर्माण किया। रंग घर की अनूठी निर्माण तकनीक और प्रमुख वास्तुशिल्प विशेषताएं असमिया संस्कृति और वास्तुकला की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करती हैं।
नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) दक्षिण काकेशस में एक लैंडलॉक्ड, पहाड़ी क्षेत्र है जो दशकों से अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष का स्रोत रहा है। यहाँ पर मुख्य रूप से जातीय अर्मेनियाई (Ethnic Armenians) लोग रहते हैं लेकिन इस क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान के हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है। नागोर्नो-काराबाख मुख्य रूप से जातीय अर्मेनियाई लोगों द्वारा बसा हुआ है। 1923 में, सोवियत सरकार ने अज़रबैजान सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक के भीतर इस क्षेत्र को स्वायत्तता प्रदान की। हालाँकि, 1980 के दशक में, अर्मेनियाई आबादी ने आर्मेनिया के साथ एकीकरण की मांग शुरू कर दी थी। पहला काराबाख युद्ध 1988 से 1994 तक हुआ, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 30,000 लोग मारे गए। यह युद्ध एक युद्धविराम के साथ समाप्त हुआ जिसके बाद नागोर्नो-काराबाख और कुछ आसपास के क्षेत्रों पर अर्मेनियाई नियंत्रण हो गया, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अभी भी इसे अजरबैजान के हिस्से के रूप में मान्यता देता है। 2020 में दूसरा काराबाख युद्ध छिड़ गया और अजरबैजान विजेता के रूप में उभरा। अजरबैजान की सफलता का एक मुख्य कारण तुर्की और इज़रायल से खरीदे गए ड्रोन का उपयोग था।
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भारतीय एथलीट आरती और खुशबू यादव को उजबेकिस्तान के ताशकन्द में एशियाई अंडर-18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की पांच हजार मीटर पैदल चाल स्पर्धा में तीसरा और चौथा स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी है।
हाल ही में प्रधानमंत्री ने रामानुजाचार्य को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में वर्ष 1017 में जन्मे रामानुजाचार्य को वैदिक दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में सम्मानित किया जाता है। उन्होंने समानता तथा सामाजिक न्याय का समर्थन करते हुए पूरे भारत की यात्रा की। उन्होंने भक्ति आंदोलन को पुनर्जीवित किया एवं उनके उपदेशों ने अनेक भक्ति विचारधाराओं को प्रेरित किया। रामानुजाचार्य वेदांत के विशिष्टाद्वैतवाद की उप-शाखा के मुख्य प्रस्तावक के रूप में प्रसिद्ध हैं। विशिष्टाद्वैत वेदांत दर्शन की एक अद्वैतवादी परंपरा है। उन्होंने नवरत्नों के नाम से प्रसिद्ध नौ शास्त्रों की रचना की और वैदिक शास्त्रों पर कई भाष्यों की रचना की। रामानुज के सबसे महत्त्वपूर्ण लेखन में ‘वेदांत सूत्र’ पर उनकी टिप्पणी (श्री भाष्य या ‘सच्ची टिप्पणी’) तथा भगवद्-गीता पर उनकी टिप्पणी (गीताभास्य या ‘गीता पर टिप्पणी’) शामिल है। उन्होंने शिक्षा को उन लोगों तक पहुँचाया जो इससे वंचित थे। उनका सबसे बड़ा योगदान ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी ‘सारा ब्रह्मांड एक परिवार है’, की अवधारणा का प्रचार करना था। रामानुजाचार्य ने सामाज के हाशिये पर स्थित लोगों को गले लगाया और उनकी इस स्थिति के कारणों की निंदा की तथा शाही अदालतों (Royal Courts) से उनके साथ समान व्यवहार करने को कहा। रामानुजाचार्य ने सामाजिक, सांस्कृतिक, लैंगिक, शैक्षिक और आर्थिक भेदभाव से लाखों लोगों को इस मूलभूत विश्वास के साथ मुक्त किया कि राष्ट्रीयता, लिंग, जाति, पंथ से पहले हर मनुष्य समान है। सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के उनके कार्य के कारण हैदराबाद में रामानुजाचार्य की 213 फीट ऊँची मूर्ति को “स्टेच्यू ऑफ इक्वलिटी” के रूप में जाना जाता है।
हाल ही में प्रधानमंत्री ने जगद्गुरु आदि शंकराचार्य को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जगद्गुरु आदि शंकराचार्य, जिनका जन्म 8वीं शताब्दी ईस्वी में केरल में हुआ था, भारतीय इतिहास के सबसे प्रतिष्ठित दार्शनिकों में से एक थे। उन्हें दर्शन के अद्वैत वेदांत सम्प्रदाय का संस्थापक माना जाता है, जो संपूर्ण अस्तित्त्व की परम एकता पर ज़ोर देता है। शंकराचार्य को हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने तथा इसकी दार्शनिक व आध्यात्मिक नींव को पुनर्स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। वह एक महान लेखक थे, जिन्होंने वेदों, उपनिषदों और अन्य महत्त्वपूर्ण ग्रंथों पर टीकाएँ लिखीं। उनके सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में ब्रह्म सूत्र (भाष्य), भजगोविंद स्तोत्र, निर्वाण शतकम एवं प्रकरण ग्रंथ शामिल हैं। शंकराचार्य एक समाज सुधारक भी थे तथा उन्होंने जाति-आधारित भेदभाव को खत्म करने व सामाजिक समानता को बढ़ावा देने हेतु काम किया।
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