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म्यांमार के वाणिज्य मंत्री यू ऑंग नाइंग वू ने आशा व्यक्त की है कि भारत और म्यांमार के बीच रुपये और क्यात में व्यापार की व्यवस्था इस महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के शुरू होने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना हो जाएगा। अमरीकी प्रतिबंधों के कारण म्यांमार के पास समुचित मात्रा में विदेशी मुद्रा उपलब्ध नहीं है ताकि वह अपने व्यापारिक भागीदारों से सामग्रियों का आयात कर सकें।कोलकाता में ई.ई.पी.सी. इंडिया के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 2021 से म्यांमार से अमरीकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण दूसरे देशों के साथ डॉलर में भुगतान करने में कठिनाई हो रही है। विशेष व्यवस्था के अंतर्गत म्यांमार, भारत के लिए अपने सभी निर्यात के बदले रुपये में भुगतान स्वीकार करेगा और फिर रुपये का इस्तेमाल आयात के लिए करेगा।
दुनिया में सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट करने के मामले में भारत टॉप पायदान पर पहुंच गया है। भारत की तरफ से साल 2022 में रिकॉर्ड संख्या में डिजिटल पेमेंट किए गए। इस दौरान करीब 89.5 मिलियन डिजिटल लेनदेन हुए हैं। भारत टॉप-5 लिस्ट में बाकी चार देशों से कहीं आगे है। ब्राजील ने 29.2 मिलियन लेनदेन के साथ डिजिटल भुगतान में दूसरा स्थान हासिल किया, इसके बाद चीन 17.6 मिलियन लेनदेन के साथ तीसरे स्थान पर रहा। थाईलैंड और दक्षिण कोरिया ने 16.5 मिलियन और 8 मिलियन लेनदेन के साथ क्रमशः चौथा और पांचवां स्थान हासिल किया।
भारत के प्रधानमंत्री ने राजस्थान के दौसा में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को 'गोद भराई' समारोह के रूप में मनाने की नई पहल की सराहना की है। गर्भवती महिलाएँ इस उत्सव के लिये एकत्रित होती हैं, जहाँ उन्हें अपने बच्चों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने हेतु पोषण किट प्रदान की जाती है। अकेले राजस्थान में वर्ष 2022-23 में लगभग 3.5 लाख महिलाएँ इस योजना से लाभान्वित हुई हैं। ‘गोद भराई' एक बच्चे के आसन्न आगमन का जश्न मनाने के लिये एक पारंपरिक भारतीय समारोह है, जिसे अक्सर गोद भराई कहा जाता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत में एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम है, इसके तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उनके स्वास्थ्य देखभाल एवं पोषण संबंधी ज़रूरतों के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह महिला तथा बाल विकास मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्यालय में आयोजित चौथे वार्षिक हेल्थ फॉर ऑल फिल्म फेस्टिवल में ‘When Climate Change Turns Violent’ नामक एक वृत्तचित्र ने ‘Health for All’ श्रेणी में एक विशेष पुरस्कार जीता है। डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन राजस्थान की वंदिता सहरिया ने किया है। वह विजेताओं में एकमात्र भारतीय थीं।
पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के तहत असम में गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को उच्च-गुणवत्ता वाला पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण-एफएसएसएआई द्वारा 'ईट राइट स्टेशन' प्रमाणन से सम्मानित किया गया है। स्टेशन एफएसएसएआई द्वारा स्थापित दिशा-निर्देशों को पूरा करने में सक्षम रहा है और यह दर्जा पाने वाला पूर्वोत्तर रेलवे का पहला स्टेशन बन गया है। उल्लेखनीय है कि मानक खाद्य भंडारण और स्वच्छता का पालन करने वाले रेलवे स्टेशनों को एफएसएसएआई द्वारा 'ईट राइट स्टेशन' प्रमाणन प्रदान किया जाता है। यह प्रमाणन एफएसएसएआई द्वारा उन रेलवे स्टेशनों को प्रदान किया जाता है जो यात्रियों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन प्रदान करने में मानक स्थापित करते हैं।
वाराणसी जी-20 के विकास मंत्रियों के अधिवेशन में भारत की ओर से रखी गई एक महत्वाकांक्षी सात वर्षीय कार्य योजना को स्वीकार किया गया। यह कार्य योजना जी-20 देशों के सतत विकास लक्ष्यों में प्रगति को गति देगी। इसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन संबंधी लक्ष्यों की पूर्ति के लिए टिकाऊ जीवन शैली के संबंध में सहयोग और भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से एक और दस्तावेज को बैठक में स्वीकार किया गया। अब नई दिल्ली में 9 और 10 सितम्बर को होने वाली जी-20 के नेताओं की बैठक में इन पर विचार किया जाएगा। भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के अंतर्गत इस अधिवेशन की मेजबानी की।
केरल में, भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत तीसरी संरचना कार्यसमूह की बैठक कोच्चि में शुरू होगी। दो दिवसीय आयोजन में जी-20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के 75 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी अनंत नागेश्वरन और ब्रिटेन के ट्रेजरी के उप निदेशक टॉम हेमिंग्वे संयुक्त रूप से बैठक की अध्यक्षता करेंगे।संरचना कार्यसमूह की बैठक वर्तमान वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण, खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा के व्यापक आर्थिक प्रभाव और जलवायु परिवर्तन और परिवर्तित रास्तों के व्यापक आर्थिक प्रभाव पर भी विचार-विमर्श करेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमरीका के सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने नई दिल्ली में महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत-अमरीका सहयोग पर एक बैठक को संबोधित किया। इस अवसर पर श्री डोभाल ने कहा कि भारत-अमरीका सहयोग के अंतर्गत दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर्स के बारे में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी पर विस्तृत चर्चा हो रही है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग पर महत्वपूर्ण आदान-प्रदान हुआ है। श्री डोभाल ने कहा कि भारत और अमरीका ने एक रणनीतिक व्यापार संवाद स्थापित किया है जो नियमों संबंधी बाधाओं और निर्यात से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार शहरी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने, अग्निशमन सेवाओं को मजबूत करने और भूस्खलन से निपटने के लिए राज्यों को आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक की मदद देगी। नई दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को पांच हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। श्री शाह ने कहा कि मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे महानगरों में बाढ़ के प्रकोप को कम करने के लिए दो हजार पांच सौ करोड़ रुपये दिए जाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि भूस्खलन की समस्या से निपटने के लिए 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आठ सौ 25 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने तीन सौ पचास आपदा आशंका वाले जिलों में लगभग एक लाख युवा स्वयं-सेवकों को तैयार करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से जारी धनराशि 25 हजार करोड़ रुपये से लगभग तीन गुना बढ़कर 77 हजार करोड़ रुपये हो गई है।
हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी केंद्र (IIT) मद्रास के शोधकर्त्ताओं ने मौजूदा जल इलेक्ट्रोलाइज़र प्रौद्योगिकी से संबंधित चुनौतियों का समाधान करते हुए हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिये क्षारीय समुद्री जल इलेक्ट्रोलाइज़र विकसित किया है। क्षारीय जल इलेक्ट्रोलाइज़र (Alkaline Water Electrolyzer) एक ऊर्जा-गहन तकनीक है, इसके लिये एक महँगे ऑक्साइड-बहुलक विभाजक की आवश्यकता होती है और इसमें इलेक्ट्रोलिसिस हेतु ताज़े जल का उपयोग किया जाता है। सरल, स्केलेबल एवं लागत प्रभावी विकल्पों को विकसित करके इस आविष्कार ने संबद्ध प्रत्येक चुनौती का समाधान कर दिया है तथा यह हाइड्रोजन उत्पन्न करने में अत्यधिक कुशल है।
हाल ही में IIT कानपुर ने सभी प्रकार की सडकों पर संचालन के लिये भारत के पहले 100% डाइमिथाइल ईथर (DME) संचालित ट्रैक्टर/वाहन का निर्माण किया है, जो मानक डीज़ल इंजन की तुलना में उच्च तापीय दक्षता रखता है और साथ ही इससे काफी कम प्रदूषण उत्पन्न होता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के एक भाग, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) ने इस अनुसंधान का समर्थन किया है। यह परियोजना नीति आयोग के 'मेथनॉल अर्थव्यवस्था' कार्यक्रम के साथ संरेखित है जिसका उद्देश्य भारत के तेल आयात बिल और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना है। डाइमिथाइल ईथर ईंधन एक कृत्रिम रूप से उत्पादित वैकल्पिक ईंधन है जिसे विभिन्न उद्देश्यों के लिये विशेष रूप से अभिकल्पित किये गए कंप्रेस्ड इग्निशन डीज़ल इंजनों में सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है। यह कच्चे तेल का एक अक्षय विकल्प है। जापान, अमेरिका, चीन, स्वीडन, डेनमार्क और कोरिया सहित कई देश पहले से ही अपने वाहनों हेतु इसका का उपयोग कर रहे हैं।
खान मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण प्रशिक्षण संस्थान (जीएसआईटीआई) को इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली उत्कृष्ट सेवाओं और पृथ्वी विज्ञान प्रशिक्षण के क्षेत्र में उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीईटी) द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। इसका मूल्यांकन संस्थान द्वारा विभिन्न स्तरों पर अपनाई गई सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं व पद्धतियों के निरीक्षण के आधार पर किया गया था। क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी), एनएबीईटी और भारतीय गुणवत्ता नियंत्रण की टीम ने कार्यस्थल पर ही इसका मूल्यांकन किया और अति उत्तम की ग्रेडिंग के साथ प्रत्यायन प्रमाणपत्र प्रदान किया। जीएसआईटीआई का मुख्यालय हैदराबाद में है, जिसे वर्ष 1976 में स्थापित किया गया था। इसके छह क्षेत्रीय प्रशिक्षण प्रभाग (आरटीडी) हैदराबाद, नागपुर, जयपुर, लखनऊ, कोलकाता और शिलांग में स्थित हैं।
स्तनपायी अंगों से स्वदेशी रूप से विकसित प्रथम टिश्यू इंजीनियरिंग स्कैफोल्ड, पशुओं से निकाली गई क्लास डी बायोमेडिकल डिवाइस है, जो त्वचा के घावों को न्यूनतम निशान के साथ कम लागत पर तेजी से उपचार कर सकती है, को भारतीय औषधि नियंत्रक से मंजूरी प्राप्त हुई है। इसके साथ, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त संस्थान, श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एसीटीआईएमएसटी) श्रेणी-डी चिकित्सा उपकरणों को विकसित करने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है, जो भारत सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की सभी वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करता है। उन्नत घाव देखभाल उत्पादों के रूप में पशुओं से निकाली गई सामग्रियों का उपयोग करने की अवधारणा नई नहीं है। तथापि, औषधि महानियंत्रक की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले गुणवत्ता उत्पादों के निर्माण के लिए अभी तक स्वदेशी तकनीक उपलब्ध नहीं थी। इसलिए, ऐसे उत्पादों का आयात किया जाता था, जिससे वे महंगे हो जाते थे।
भारतीय नौसेना के लिए मैसर्स जीआरएसई द्वारा निर्मित एएसडब्ल्यू शैलो वाटर क्राफ्ट (एसडब्ल्यूसी) परियोजना के आठ जहाजों में से तीसरे जहाज 'अंजदीप' का शुभारम्भ 13 जून, 2023 को मैसर्स एल एंड टी, कट्टुपल्ली में किया गया। शुभारम्भ समारोह की अध्यक्षता वीएडीएम आर बी पंडित, सी-इन-सी (एसएफसी) ने की। नौसैनिक समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए, श्रीमती प्रिया पंडित ने अथर्ववेद के मंत्रोच्चारण के साथ जहाज का शुभारंभ किया। इस जहाज का नाम कारवार से दूर स्थित अंजदीप द्वीप को दिए गए सामरिक समुद्री महत्व को दर्शाने के लिए अंजदीप रखा गया है। यह द्वीप एक बांध (ब्रेकवाटर) के जरिए मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ है और आईएनएस कदंबा का हिस्सा है।
हाल ही में रिपोर्टों में सुझाव दिया गया है कि इस्लामिक स्टेट (IS) और सीरियाई विद्रोहियों ने भीषण लड़ाई के दौरान सतर्कता बढ़ाने और भूख को मिटाने के लिये व्यापक रूप से कैप्टागन का सेवन किया। कैप्टागन पिल्स एक शक्तिशाली एम्फैटेमिन-प्रकार की दवा है, जो अत्यधिक नशे की प्रकृति हेतु जानी जाती है एवं मुख्य रूप से सीरिया में निर्मित होती है। ये गोलियाँ/पिल्स केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के लिये उत्तेजक के रूप में कार्य करती हैं, जो उपयोगकर्त्ताओं की ऊर्जा में वृद्धि, बेहतर ध्यानकेंद्रण, अत्यधिक जागरूकता के साथ ही उनमें उत्साह पैदा करती हैं। मूल रूप से वर्ष 1960 के दशक में विकसित वास्तविक कैप्टागोन दवा, जो एक ही ब्रांड नाम साझा करती है, में फेनेटाइलमाइन समूह से संबंधित सिंथेटिक दवा फेनिथाइलामाइन शामिल थी, जिसमें एम्फैटेमिन शामिल है। हालाँकि इस प्रामाणिक संस्करण को वर्ष 1980 के दशक में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
वैश्विक मानदंडों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप, भारत में उच्च शिक्षा नियामक, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), कॉलेज डिग्री नामों की एक नई श्रृंखला पेश करने जा रही है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य समकालीन शैक्षिक आवश्यकताओं के साथ डिग्री कार्यक्रमों के लचीलेपन और संरेखण को बढ़ाना है। UGC अधिनियम की धारा 22 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को नए डिग्री नामकरणों को अधिसूचित करने के लिए सशक्त बनाने के प्रावधान हैं। यह इस प्रावधान के अनुरूप है कि यूजीसी नए नामों को पेश करने की योजना बना रहा है जो एनईपी 2020 की आकांक्षाओं के अनुरूप हैं।
उरूग्वे ने इटली को 1-0 से हराकर पहली बार अंडर 20 विश्व कप फुटबॉल खिताब जीत लिया. इसके साथ ही टूर्नामेंट में पिछली चार बार से यूरोपीय टीमों की जीत का सिलसिला भी टूट गया. लूसियानो रौद्रिगेज ने 86वें मिनट में हेडर पर विजयी गोल किया. टीम पहली बार खिताब पर कब्जा कर लिया। डिएगो माराडोना स्टेडियम पर मौजूदा 40000 से अधिक दर्शकों में अधिकांश उरुग्वे के समर्थक थे। फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो भी मौजूद थे। तीसरे स्थान के प्लेऑफ में दक्षिण कोरिया को 3-2 से हराकर फ्रांस तीसरे स्थान पर रहा।
आईसीसी ने 2023 में मई महीने के लिए प्लेयर ऑफ द मंथ के विजेता की घोषणा कर दी है। मई महीने के लिए प्लेयर ऑफ द मंथ का अवॉर्ड आयरलैंड के हैरी टेक्टर ने जीता है। उन्होंने पाकिस्तान के बाबर आजम और बांग्लादेश के नजमुल हसन शांतो को पीछे छोड़ते हुए ये बड़ा अवॉर्ड अपने नाम किया है। आईसीसी द्वारा किए गए ऐलान के मुताबिक आयरलैंड के हैरी टेक्टर को प्लेयर ऑफ द मंथ चुने जाने के बाद, टेक्टर इस अवॉर्ड को पाने वाले पहले आयरिश खिलाड़ी भी बन गए हैं। दूसरी ओर, मई 2023 के लिए आईसीसी महिला प्लेयर ऑफ द मंथ का पुरस्कार 19 वर्षीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी थिपैचा पुतथावोंग (थाईलैंड) को दिया गया है।
चेन्नई में विश्व स्क्वैश चैंपियनशिप मुक़ाबलों की शुरुआत हुई। इस प्रतियोगिता में कुल 8 टीम खेल रही हैं। पूल बी के पहले मैच में जापान ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत हासिल कर अगले दौर में जगह बनाई।
भारतीय प्रधानमंत्री ने 9 जून को प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ था, वे मुंडा जनजाति से संबंधित थे। उन्होंने बिरसैत नामक एक धर्म का प्रसार किया जिसने कई आदिवासी अनुयायियों को आकर्षित किया। उन्होंने आदिवासियों की ज़मीनों पर कब्ज़ा कर रहे और उन्हें अमानवीय कार्य परिस्थितियों में कार्य करने के लिये बाध्य कर रहे ब्रिटिश अधिकारियों और ज़मींदारों के खिलाफ "उलगुलान" या "मुंडा विद्रोह" (1899-1900) का आयोजन एवं नेतृत्व किया। उन्होंने शोषण मुक्त समाज की कल्पना की और जनजातीय समुदायों के अधिकारों और सम्मान की मांग की। व्यापक रूप से उन्हें लोक नायक तथा जनजातीय प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया जाता है। "झारखंड" का अर्थ है "वनों की भूमि", जिसे पौराणिक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती अर्थात् 15 नवंबर, 2000 को बिहार पुनर्गठन अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़म जागरूकता दिवस प्रतिवर्ष 13 जून को अल्बिनिज़म नामक आनुवंशिक त्वचा की स्थिति के बारे में जागरूकता पैदा करने और वैश्विक स्तर पर ऐल्बिनिज़म के अधिकारों और नियमों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को इस स्थिति से संबंधित गलत धारणाओं और रूढ़ियों को समाप्त करने के लिए मान्यता प्राप्त है, और बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी पहलुओं में ऐल्बिनिज़म से पीड़ित लोगों को शामिल करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। इस वर्ष का थीम, “Inclusion is Strength,” पिछले वर्ष के थीम “United in making our voice heard.” पर आधारित है।
इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने 1994 से 1995, 2001 से 2006 और 2008 से 2011 तक चार बार में इटली के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। बर्लुस्कोनी भ्रष्टाचार के आरोपों के घोटालों के बावजूद इटली के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री थे।
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