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17 अगस्त को वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ इवेंट की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट को संबोधित करते हुए विकासशील देशों की फूड और एनर्जी सिक्योरिटी को लेकर दुनिया भर में चल रही अनिश्चितता पर चिंता जताई। ग्लोबल साउथ के इस इवेंट की मेजबानी भारत कर रहा है। पीएम मोदी ने समिट में शामिल देशों को डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर समेत बाकी दूसरे प्रमुख क्षेत्रों में उन्हें पूरा समर्थन का आश्वासन भी दिया। उन्होंने विकास में भागीदार देशों की मदद के लिए ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि भारत बिजनेस बढ़ाने वाली गतिविधियों के लिए 2.5 मिलियन डॉलर (करीब 21 करोड़ रुपए) का स्पेशल फंड शुरू करेगा। ग्लोबल साउथ 100 से ज्यादा देशों का समूह है। ग्लोबल साउथ का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, जिसमें एशिया और अफ्रीकी देश आते हैं। 2022 में जब भारत में G20 समिट हुआ, तब G20 को नया ढांचा देने के लिए 'वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' शुरू हुआ। भारत ने ग्लोबल साउथ की उम्मीदों, आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं के आधार पर G20 एजेंडा तैयार किया था।
17 अगस्त को वायुसेना और सेना ने एक जॉइंट ऑपरेशन के तहत 15 हजार फीट की ऊंचाई पर आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब का सटीक पैरा-ड्रॉप ऑपरेशन किया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह अपनी तरह का पहला पैरा ड्रॉप ऑपरेशन था। भारतीय वायुसेना ने क्यूब को एयरलिफ्ट करने और सटीक पैरा-ड्रॉपिंग के लिए अपने एडवांसवॉर प्लेन सी-130जे सुपर हरक्यूलिस का इस्तेमाल किया। आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब को भारत हेल्थ इनीशिएटिव फॉर सहयोग, हित एंड मैत्री (भीष्म) योजना के तहत विकसित किया गया है। इमरजेंसी या प्राकृतिक आपदा में भीष्म अस्पताल को विमान या हेलिकॉप्टर से उतारकर 8 मिनट में इलाज मुहैय्या किया जाता है। यह वॉटरप्रूफ भीष्म अस्पताल सोलर एनर्जी और बैटरी से चलता है। इसमें एक्स-रे मशीन, ब्लड की जांच, ऑपरेशन थियेटर और वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद है। भीष्म में गोली लगने, जलन, सिर-रीढ़ की हड्डी की चोटें और फ्रैक्चर समेत कई मेडिकल सुविधा मिलती है। इसे 36 बॉक्स में तैयार किया गया, जिसकी लागत 1.50 करोड़ रुपए है। एक लोहे के फ्रेम में 36 बॉक्स हैं, जिनमें अस्पताल का पूरा सामान है। हर फ्रेम के बीच छोटा जनरेटर लगा है और दो स्ट्रेचर मौजूद हैं।
16 अगस्त को रिटायर्ड जज डॉ. बिभास कांति किलिकदार ने त्रिपुरा के लोकायुक्त के रूप में शपथ ली। राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी ने अगरतला स्थित राजभवन में डॉ. बिभास को शपथ दिलाई। बिभास कांति किलिकदार ने केएन भट्टाचार्य की जगह ली है। बिभास अगले तीन साल के लिए लोकायुक्त के पद पर कार्यरत रहेंगे। वे त्रिपुरा लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य हैं। बिभास त्रिपुरा सरकार के सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी हैं। उनके पास NSA, PITNDPS और COFEPOSA की भी सदस्यता है। त्रिपुरा लोकायुक्त विधेयक 2008 में पारित किया गया था। लोकायुक्त राज्य में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करता है।
16 अगस्त को केंद्रीय कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी (ACC) ने सेक्रेटरी लेवल के अफसरों के विभाग बदले हैं। सीनियर आईएएस अफसर राजेश कुमार सिंह को रक्षा सचिव बनाया गया। वे मौजूदा रक्षा सचिव अरमानी गिरधर की जगह लेंगे, जो 31 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। राजेश सिंह केरल कैडर के 1989 बैच के अधिकारी है। वे केंद्र सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, कृषि समेत कई अन्य विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। राजेश अभी डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के सचिव हैं। प्रधानमंत्री कार्याल में विशेष सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव को स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सचिव नियुक्त किया गया। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी अमरदीप सिंह भाटिया राजेश सिंह की जगह पर डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के सचिव होंगे। IAS अधिकारी नागराजू मद्दीराला को वित्तीय सेवा सचिव, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी को डीओपीटी सचिव नियुक्त किया गया। अल्पसंख्यक मामलों के सचिव कटिकिथला श्रीनिवास अगले आवास और शहरी मामलों के सचिव होंगे। श्रीनिवास की जगह पंचायती राज मंत्रालय में विशेष सचिव चंद्र शेखर कुमार नए अल्पसंख्यक मामलों के सचिव होंगे। दीप्ति उमाशंकर को देश के राष्ट्रपति के नए सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।
16 अगस्त को स्वीडन ने अपने ही देश के नागरिकों को देश छोड़ने के लिए ऑफर दिया। स्वीडन की इमीग्रेशन मिनिस्टर मारिया माल्मर स्टेनगार्ड ने ये प्रस्ताव पेश किया है। स्टेनगार्ड ने कहा कि जिन्हें स्वीडन की संस्कृति पसंद नहीं है या फिर वे लोग जो यहां घुलमिल नहीं पाए हैं वे स्वीडन छोड़ सकते हैं। पहले विदेश से आकर स्वीडन में बसने वाले नागरिकों पर ही ये नियम लागू होता था, लेकिन नए प्रावधान के तहत जन्मजात नागरिकों पर भी ये नियम लागू होगा। मौजूदा नियमों के मुताबिक यदि कोई स्वीडिश नागरिक देश छोड़ता है तो उसे 10 हजार स्वीडिश क्रोन (80 हजार रुपए) मिलते हैं। बच्चों को देश छोड़ने पर 40 हजार रुपए मिलते हैं, इसके अलावा उन्हें किराए के पैसे भी मिलते हैं। ये पैसा उन्हें एक बार में ही देश छोड़ने से पहले मिल जाता है। नए प्रस्ताव के मुताबिक, अब इसमें देश के सभी नागरिकों को शामिल किया जाएगा। स्वीडिश माइग्रेशन एजेंसी के मुताबिक 2024 में स्वीडन में आने वाले लोगों की संख्या कम हुई है। स्वीडन में प्रवासियों की संख्या 20 लाख से भी ज्यादा है, जो स्वीडन की कुल आबादी का पांचवां हिस्सा है। प्रवासियों की बढ़ती आबादी को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने कई पाबंदियां लगा चुकी है। स्वीडन में सीरिया, सोमालिया, ईरान और इराक से आए लोगों की आबादी काफी ज्यादा है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना का पुणे से शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महिलाओं को प्रसन्न और समृद्ध देखना उनकी प्राथमिकता है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी महिलाओं को बड़े भाई की ओर से दिये जाने वाले उपहार के तौर पर राज्य सरकार प्रतिमाह डेढ़ हजार रुपये देगी।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रथम उप प्रबंध निदेशक डॉ. गीता गोपीनाथ ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की वृद्धि दर उम्मीद से कहीं बेहतर रही और उम्मीद है कि 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सुश्री गोपीनाथ ने नई दिल्ली में एक निजी चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा कि भारत को अगले 5-6 वर्षों में रोजगार के लाखों अतिरिक्त अवसर पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को उम्मीद है कि निजी खपत में सुधार होगा और अनुकूल मानसून से फसलों की पैदावार बढ़ेगी। सुश्री गोपीनाथ ने कहा कि दोपहिया वाहनों की बिक्री से लेकर तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान तक, भारत में कुल खपत बढ़ रही है।
टोक्यो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता सुमित अंतिल और शॉट-पुट स्टार भाग्यश्री जाधव पेरिस पैरालंपिक के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे। पैरालंपिक खेल 28 अगस्त से 8 सितंबर तक होंगे। इन खेलों में 84 एथलीट भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। पैरालंपिक खेलों में देश का यह अब तक का सबसे बड़ा दल है। टोक्यो पैरालंपिक में कुल 54 एथलीटों ने देश का प्रतिनिधित्व किया था। सुमित पुरुषों की भाला फेंक एफ 64 श्रेणी में मौजूदा पैरालंपिक चैंपियन हैं। दूसरी ओर, भाग्यश्री ने 2022 एशियाई पैरा खेलों में शॉट पुट एफ 34 श्रेणी में रजत पदक जीता और टोक्यो पैरालंपिक में सातवें स्थान पर रही। उन्होंने इस वर्ष मई में पैरा-एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में महिला शॉट पुट एफ 34 श्रेणी में भी रजत पदक जीता था।
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