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भारत-सिंगापुर के रिश्तों को मजबूत करने और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए सिंगापुर में सोमवार 26 अगस्त को भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (ISMR) हुआ। इसमें भारत के चार केंद्रीय मंत्री, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हिस्सा लिया। इससे पहले चारों केंद्रीय मंत्रियों ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम और प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की। यह दूसरा भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह निर्विरोध अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अगले अध्यक्ष चुने गए हैं। वह एक दिसंबर 2024 से आईसीसी अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे। फिलहाल ग्रेग बार्कले वर्तमान आईसीसी अध्यक्ष हैं, जिनका कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त होगा। जय शाह के निर्विरोध चयन के बाद आईसीसी ने कहा है कि वो इस पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार थे। सिर्फ उन्होंने ही अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा था। जबकि वर्तमान अध्यक्ष बार्कले ने खुद को इस रेस से अलग कर लिया था। इस तरह 35 वर्षीय जय शाह सबसे कम उम्र के आईसीसी अध्यक्ष बन जाएंगे। जय शाह पांचवें भारतीय हैं, जो आईसीसी अध्यक्ष बने हैं। शाह से पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन. श्रीनिवासन और शशांक मनोहर आईसीसी का नेतृत्व कर चुके हैं।
देश में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित नेशनल टास्क फोर्स (NTF) की पहली बैठक मंगलवार (27, अगस्त) को आयोजित की गई। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव समेत सभी सदस्य मौजूद रहे। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक एनटीएफ सदस्यों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और सदस्यों ने अपने सुझाव भी रखे। एनटीएफ के सदस्यों ने बैठक में बताया कि विभिन्न हितधारकों ने उनसे सीधे संपर्क किया है और व्यक्तिगत रूप से लगभग 300 से 400 सुझाव प्राप्त हुए हैं। इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुझावों के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल बनाया है। इसका लिंक मंत्रालय के वेबसाइट पर “एनटीएफ के लिए सुझाव” शीर्षक के तहत उपलब्ध है।
भारतीय रिजर्व बैंक, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर यूनिफाइड लैंडिंग इंटरफेस (ULI) लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार, 26 अगस्त को इसकी जानकारी दी। ULI के पायलट प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इससे मिले अनुभव के आधार पर सही समय पर ULI सिस्टम को लॉन्च किया जाएगा। तुरंत कर्ज देने वाले मौजूदा ऐप्स पर सरकार व RBI का लिमिटेड कंट्रोल है। ULI प्लेटफॉर्म पर सरकार डायरेक्ट निगरानी रखेगी। जैसे अभी आप पिन डालकर UPI से तुरंत पेमेंट कर पाते हैं, ठीक उसी तरह आप पिन डालकर लोन ले पाएंगे। यह भी आपके बैंक अकाउंट से लिंक होगा। यूनिफाइड लैंडिंग इंटरफेस (ULI) लोन लेने के पूरे सिस्टम को आसान बनाने, क्रेडिट प्रोसेसिंग में लगने वाले समय और पेपर वर्क को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह ओपन आर्किटेक्चर को ओपन एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) के साथ मिलाता है, जिससे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन 'प्लग एंड प्ले' मॉडल में आसानी से जुड़ सकते हैं। ULI ऐप AADHAAR, E-KYC, राज्य सरकार के लैंड रिकॉर्ड, पैन वैलिडेशन और अकाउंट एग्रीगेटर सहित अलग-अलग सोर्सेज से डेटा कलेक्ट करेगा। इसे डेयरी सहकारी समितियों से दूध के डेटा और घर या संपत्ति सर्च डेटा जैसी सर्विसेज के साथ भी लिंक किया जाएगा।
जिंक सामग्री के नए प्रकार के साथ स्वदेशी जिंक-आयन बैटरी प्रौद्योगिकियां जल्द ही कम लागत वाले ग्रिड-स्केल ऊर्जा भंडारण और अन्य संबंधित अनुप्रयोगों को सुगम बना सकती हैं। जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर), जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त संस्थान है, ने जिंक सामग्री के नए प्रकार विकसित करने और जिंक-आधारित बैटरियों के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए 21 अगस्त, 2024 को हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। कम लागत और बेहतर प्रदर्शन वाली जिंक-आयन बैटरियों को भारत में महंगी और आयातित लिथियम-आयन बैटरियों के लिए अभिनव विकल्प के रूप में सराहा जाता है। जिंक-आयन बैटरियों में कम लागत और पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कच्चे माल के कारण बड़े पैमाने पर ऊर्जा भंडारण की अपार संभावनाएं हैं।
वैज्ञानिकों ने एक किफायती, उपयोगकर्ता के अनुकूल, पोर्टेबल स्मार्टफोन-आधारित फ्लोरोसेंस टर्न-ऑन सेंसर प्रणाली विकसित की है, जो पार्किंसंस बीमारी की रोकथाम में सहायता प्रदान कर सकती है। यह सेंसर शरीर में एल-डोपा की सांद्रता का सटीक पता लगाने में मदद करेगा, जिससे इस रोग की प्रभावी रोकथाम के लिए आवश्यक सटीक खुराक का निर्धारण करने में मदद मिलेगी। पार्किंसंस रोग को न्यूरॉन कोशिकाओं में लगातार गिरावट से पहचाना जाता है। जिससे हमारे शरीर में डोपामाइन (न्यूरोट्रांसमीटर) के स्तर में काफी कमी आ जाती है। एल-डोपा एक रसायन है जो हमारे शरीर में डोपामाइन में परिवर्तित हो जाता है, इसलिए यह एंटी-पार्किंसंस दवाओं के रूप में कार्य करता है। यह डोपामाइन की कमी को पूरा करने में मदद करता है। जब तक शरीर को एल-डोपा की सही मात्रा दी जाती है, तब तक यह रोग नियंत्रण में रहता है। हालांकि, पार्किंसंस की प्रगामी प्रकृति के कारण, जैसे-जैसे रोगी की उम्र बढ़ती है, न्यूरॉन्स की निरंतर हानि को पूरा करने के लिए अधिक एल-डोपा की आवश्यकता होती है। हालांकि, एल-डोपा की अधिक मात्रा से रोगी में डिस्केनेसिया, गैस्ट्राइटिस, साइकोसिस, पैरानोया ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन जैसे गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जबकि एल-डोपा की बहुत कम मात्रा से पार्किंसंस के लक्षण वापस आ सकते हैं।
हाल ही में तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में पलानी में मुतमिज़ मुरुगन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ, जो तमिल संस्कृति और आध्यात्मिकता को परिलक्षित करता है। इसमें समग्र विश्व से एक लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। सम्मेलन आयोजन के उद्देश्यों में मुरुगन उपासना के मूल सिद्धांतों का प्रसार करना, उनके दार्शनिक सिद्धांतों को प्राप्य बनाना, विश्व में व्याप्त सभी श्रद्धालुओं को एकजुट करना एवं पुराणों व तिरुमुरै की शिक्षाओं का प्रचार करना शामिल है। भगवान मुरुगन, जिन्हें कार्तिकेय, स्कंद या सुब्रह्मण्य के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू देवता हैं। वह भगवान शिव और देवी पार्वती की संतान हैं, जिन्हें षट्मुखी और मोर को सवारी के रूप में धारण किये दर्शाया जाता है। मुरुगन तमिलनाडु में प्रमुख हिंदू देवता हैं। उनकी भारत के अन्य क्षेत्रों एवं मलेशिया, सिंगापुर, मॉरीशस, रीयूनियन द्वीप व श्रीलंका में भी उपासना की जाती है।
हाल ही में इंडिया फाउंडेशन द्वारा गुजरात विश्वविद्यालय के सहयोग से अहमदाबाद में 8वें धर्म धम्म सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ थे वर्ष 2024 के सम्मेलन की थीम “धर्म और धम्म में ब्रह्मांड विज्ञान (Cosmology in Dharma and Dhamma)” है। भारतीय परंपराओं में अद्वितीय धार्मिक ब्रह्मांड विज्ञान लोगों को मृत्यु के भय से मुक्त करता है। यह इस दृष्टिकोण को उजागर करता है कि जीवन संक्षिप्त है और इसका कोई निश्चित अर्थ नहीं हो सकता है। वेद धार्मिक ब्रह्मांड विज्ञान के लिये आधार प्रदान करते हैं, जिसे इतिहास-पुराण एवं ब्राह्मण जैसे साहित्य के साथ-साथ बौद्ध निकायों तथा जैन कारिकाओं व सूत्रों में और अधिक विकसित किया गया है। यह सम्मेलन इंडिया फाउंडेशन की एक पहल है, जिसका उद्देश्य धर्म (हिंदू) और धम्म (बौद्ध) दृष्टिकोणों के बीच आवश्यक पहचान को उजागर करना है। इंडिया फाउंडेशन एक स्वतंत्र अनुसंधान केंद्र है, जो भारतीय राजनीति के मुद्दों, चुनौतियों और अवसरों पर केंद्रित है। सम्मेलन का उद्देश्य विचारों के आदान-प्रदान को सुगम बनाना तथा हिंदू व बौद्ध सभ्यताओं के बीच सद्भाव को बढ़ावा देना है और सहस्राब्दियों से उनकी प्रासंगिकता पर ज़ोर देना है।
मत्स्य पालन क्षेत्र के अंतर्गत सहकारी प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान (आईसीएआर-सीआईएफई) और वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (वामनिकॉम) ने सोमवार (अगस्त 26, 2024) को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह प्रत्येक पंचायत में 2 लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स), डेयरी और मत्स्य पालन सहकारी समितियों की स्थापना की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत में मत्स्य पालन 14.46 मिलियन लोगों को आजीविका प्रदान करता है और इस महत्वपूर्ण साझेदारी का उद्देश्य उन्नत प्रौद्योगिकी के एकीकरण और पहुंच को बढ़ाने के साथ-साथ मत्स्य सहकारी समितियों में मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहन प्रदान करना है। वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (वामनिकॉम) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान (आईसीएआर-सीआईएफई) मिलकर शिक्षा, अनुसंधान, क्षमता निर्माण और परामर्श के दृष्टिकोण से मछली, मछली सहकारी और मत्स्य पालन इकोसिस्टम के क्षेत्र में नए अवसर तलाशेंगे।
हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने लोगों, संगठनों और चिड़ियाघरों से कहा कि वे अपने पास मौजूद ऐसे किसी भी विदेशी पशुओं को पंजीकृत कराएँ, जो वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (संशोधन अधिनियम, 2022) की अनुसूची IV के तहत सूचीबद्ध हैं। पंजीकरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से PARIVESH 2.0 पोर्टल के माध्यम से किया जाना चाहिये और संबंधित राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन को प्रस्तुत किया जाना चाहिये। विदेशी प्रजातियाँ वे पशु या वनस्पति प्रजातियाँ हैं जिन्हें उनके मूल क्षेत्र (स्थान) से नए क्षेत्र में लाया जाता है। इन प्रजातियों को अक्सर लोगों द्वारा नए स्थान पर लाया जाता है। बॉल पाइथन (पश्चिमी अफ्रीका), इगुआना (मध्य और दक्षिण अमेरिका), कॉकटिएल (ऑस्ट्रेलिया), रेड-इयर्ड स्लाइडर कछुआ (अमेरिका और मैक्सिको), अफ्रीकी ग्रे तोता (मध्य अफ्रीका), अमेजोनियन तोता (दक्षिण और मध्य अमेरिका) आदि भारत में विदेशी पशुओं के उदाहरण हैं।
स्टार बल्लेबाज हरमनप्रीत कौर संयुक्त अरब अमीरात में आगामी आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप 2024 के लिए 15 सदस्यीय भारतीय दल की कप्तान होंगी। टीम की उपकप्तानी स्मृति मंधाना करेंगी। अन्य खिलाड़ियों में शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स, विकेट कीपर रिचा घोष, पूजा वस्त्रकर, अरुंधति रेड्डी, रेणुका सिंह ठाकुर, दयालान हेमलता, आशा शोभना, राधा यादव और साजना सजीवन शामिल हैं। विकेट कीपर बल्लेबाज यस्तिका भाटिया और ऑलराउंडर स्पिन गेंदबाज श्रेयांका पाटिल को भी टीम में शामिल किया गया है। इस स्पर्धा का नौवां संस्करण दुबई और शारजाह में 3 से 20 अक्टूबर तक खेला जाएगा। भारत ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ ग्रुप ए में है।
प्रसिद्ध मलयालम फिल्म निर्देशक मोहन का कोच्चि के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 76 वर्ष के थे। मानवीय रिश्तों के चित्रण और मानवीय भावनाओं की जटिलताओं की खोज के लिए प्रसिद्ध मोहन के पात्रों ने आम लोगों के तीव्र आंतरिक संघर्षों को दर्शाया। उन्होंने शालिनी एंटे कूट्टुकारी, एलक्कनगल, मंगलम नेरुन्नु, पक्षे, एडवेला और रंडू पेनकुट्टिकल जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया। उन्होंने अपनी फिल्म ‘रांडू पेनकुट्टिकल’ में काम करने वाली हीरोइन अनुपमा से शादी की थी। अनुपमा एक फेमस कुचिपुड़ी डांसर भी हैं।
तमिल अभिनेता और सोशल मीडिया स्टार बिजली रमेश का 26 अगस्त को लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया। वे प्रैंक वीडियो के जरिए मशहूर हुए थे और बाद में उन्होंने कुछ फिल्मों में भी काम किया। बिजली रमेश तब चर्चा में आए, जब वे यूट्यूब पर एक स्केच ग्रुप के प्रैंक वीडियो में दिखाई दिए। वीडियो वायरल हो गया और 2018 में वे पॉप कल्चर में छा गए। 2018 में उन्हें नयनतारा और निर्देशक नेल्सन दिलीप कुमार की 'कोलामवु कोकिला' के लिए एक विशेष प्रचार गीत के लिए चुना गया था। आखिरकार, उन्होंने तमिल सिनेमा में अपने अभिनय की शुरुआत की। अब तक वे हिप हॉप आदि की 'नटपे थुनाई', अमला पॉल की 'आदाई', ज्योतिका की 'पोनमगल वंधल' और जयम रवि की 'कोमाली' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं। रमेश विजय टेलीविजन के पाककला आधारित रियलिटी शो 'कुकू विद कोमाली' के प्रतिभागियों में से एक थे।
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