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11 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में पीएम ई-ड्राइव (PM E-DRIVE) स्कीम को मंजूरी दे दी गई है। इस स्कीम के तहत देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार 10,900 करोड़ रुपए खर्च करेगी। पीएम ई-ड्राइव स्कीम से 24.79 लाख ई-टूव्हीलर्स, 3.16 लाख ई-थ्रीव्हीलर्स और 14,028 ई-बस को सपोर्ट मिलेगा। यूनियन कैबिनेट ने बैटरी से चलने वाले टू व्हीलर्स, एम्बुलेंस, ट्रक और थ्री व्हीलर्स के लिए दो साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपए के आउटले के साथ PM ई-ड्राइव स्कीम को मंजूरी दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस स्कीम का उद्देश्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना है। यह निवेश ऑटो और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए PLI स्कीम से अलग है। पीएम ई-ड्राइव के तहत 88,500 साइटों पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 100% सपोर्ट दिया जाएगा। पीएम ई-ड्राइव स्कीम के तहत ई-एंबुलेंस के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है। स्टेट पब्लिक ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग द्वारा ई-बस प्रॉक्योर करने के लिए 4391 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस डिमांड को सीईएसएल द्वारा 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले 9 शहरों में पूरा किया जाएगा जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, पुणे और हैदरबाद शामिल है। ई-ट्रक को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 12461 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ जल विद्युत परियोजनाओं (Hydro Electric Projects) से संबंधित बुनियादी ढांचे को सक्षम करने की लागत के लिए बजटीय समर्थन की योजना में संशोधन हेतु विद्युत मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लगभग 31350 मेगावाट की संचयी उत्पादन क्षमता वाली इस योजना का कुल परिव्यय 12,461 करोड़ रुपये है, जिसे वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2031-32 तक क्रियान्वित किया जायेगा। इस संशोधित योजना से जल विद्युत परियोजनाओं के तेजी से विकास में मदद मिलेगी, दूरदराज एवं पहाड़ी परियोजना स्थलों में इंफ्रास्टरक्चर बेहतर होगा। इसके साथ ही यह परिवहन, पर्यटन, लघु-स्तरीय व्यवसाय के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार एवं उद्यमशीलता के अवसरों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी। यह स्कीम जल विद्युत क्षेत्र में नए निवेश को प्रोत्साहित और नई परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।
अमरीका ने भारत को पांच करोड़ 28 लाख डॉलर की कीमत की हाई एल्टीट्यूट पनडुब्बी रोधी प्रणाली-सोनोबॉय बेचने का निर्णय लिया है। इससे भारत की एमएच-60 आर हेलीकॉप्टर के जरिये पनडुब्बी रोधी अभियान चलाने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी और भारत-अमरीका रणनीतिक तथा रक्षा संबंध भी मजबूत होंगे। अमरीका के रक्षा विभाग ने अमरीकी कांग्रेस को इस सौदे के बारे में जानकारी दी है, लेकिन अभी इसे अमरीकी कांग्रेस से मंजूरी नहीं मिली है। अमरीकी कांग्रेस की अधिसूचना में कहा गया है कि भारत ने अमरीका से यह पनडुब्बी रोधी प्रणाली खरीदने का अनुरोध किया है। सोनोबॉय एयर-लॉन्च, एक्सपेंडेबल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सेंसर हैं जिन्हें पानी के नीचे की आवाज़ को रिमोट प्रोसेसर तक रिले करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
भारत ने ओडिशा तट पर स्थित मिसाइल परीक्षण केन्द्र से वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल- (वी एल-एस आर एस ए एम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। देश में निर्मित कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल का ओडिशा के तट से दूर बालासोर जिले के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने संयुक्त रूप से परीक्षण किया। परीक्षण सभी आवश्यक प्रदर्शन मानकों पर खरा उतरा। वी एल-एस आर एस ए एम युद्धपोत पर लगाए जाने वाली हथियार प्रणाली है और समुद्री लक्ष्यों सहित नजदीकी सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए डिज़ाइन की गई है। वर्टिकल लॉन्च-शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) को फिलहाल कोई नाम नहीं दिया गया है लेकिन इसे बराक-1 की जगह जंगी जहाजों में लगाए जाने की योजना है।
भारत-ओमान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अल नजाह’ के पांचवें संस्करण के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी गुरुवार को रवाना हो गई। यह अभ्यास 13 से 26 सितंबर तक ओमान के सलालाह में रबकूट प्रशिक्षण क्षेत्र में होगा। अभ्यास ‘अल नजाह’ 2015 से भारत और ओमान के बीच बारी-बारी से हर दो साल में आयोजित किया जाता है। इस अभ्यास का पिछला संस्करण राजस्थान के महाजन फायरिंग रेंज में हुआ था। यह संयुक्त अभ्यास रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा और दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाएगा।
हाल ही में राजस्थान के भरतपुर ज़िले में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (KNP) में 'टील कार्बन' पर भारत का पहला अध्ययन किया गया। शोध में पाया गया कि मीथेन उत्सर्जन में वृद्धि हुई है, जिसके कारण उत्सर्जन स्तरों को कम करने के लिये विशेष बायोचार का उपयोग करने की सिफारिश की गई है। इसमें जलवायु अनुकूलन और आघात सहनीयता की चुनौतियों से निपटने में आर्द्रभूमि संरक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया। इस पायलट परियोजना का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन चुनौतियों से निपटने के लिये प्रकृति-आधारित समाधान विकसित करना है। टील कार्बन से तात्पर्य अलवण जल (गैर-ज्वारीय) आर्द्रभूमि में संगृहीत कार्बन से है, जिसमें वनस्पति, सूक्ष्मजीवी बायोमास तथा घुले हुए कणिका कार्बनिक पदार्थ शामिल हैं। टील कार्बन को पारिस्थितिकी तंत्र में इसकी भूमिका और इसके स्थान के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, जो इसे ब्लैक कार्बन तथा ब्राउन कार्बन से पृथक् करता है। ब्लैक और ब्राउन कार्बन जो कार्बनिक पदार्थों के अपूर्ण दहन से बनते हैं तथा जलवायु परिवर्तन में योगदान करते हैं, के विपरीत टील कार्बन आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र में कार्बन पृथक्करण पर केंद्रित होता है।
ओडिशा कैबिनेट ने 12 सितंबर को राज्य की सैन्य सेवाओं में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण को मंजूरी दे दी है। अग्निवीरों को राज्य की सैन्य सेवाओं में सीधी भर्ती के दौरान ग्रुप 'C' और 'D' पदों पर 10% का लाभ मिलेगा। यह आरक्षण उनके सेवानिवृत्त होने के बाद लागू होगा। हालांकि, पूर्व अग्निवीरों को संबंधित भर्ती नियमों के तहत पदों के लिए निर्धारित न्यूनतम योग्यताओं को पूरा करना होगा। फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट से छूट के अलावा, पूर्व अग्निवीरों को सीधे भर्ती में समूह 'C' और 'D' पदों के लिए निर्धारित ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट मिलेगी। इसके तहत पूर्व अग्निवीरों को पुलिस, वन, उत्पाद शुल्क, अग्निशामक या किसी भी सेवा में नौकरी पाने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। यह आरक्षण पूर्व-सैनिकों के लिए लागू आरक्षण के अतिरिक्त होगा।
ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) ने 11 सितंबर को आरएस शर्मा को ONDC के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की। ONDC या ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स, भारत सरकार द्वारा देश में ऑनलाइन शॉपिंग को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई एक पहल है। इसका उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स के अनुभव को अधिक निष्पक्ष, अधिक सुविधाजनक और अभिनव बनाना है। शर्मा पहले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के महानिदेशक और मिशन निदेशक रह चुके हैं। इसके अलावा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के अध्यक्ष और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के CEO के रूप में कार्य कर चुके हैं। अब ONDC को विकास और नवाचार के अगले चरण में ले जाएंगे। शर्मा झारखंड सरकार में मुख्य सचिव भी रह चुके हैं।
भारत यूरोपीय हाइड्रोजन सप्ताह 2024 में भाग लेगा। यह कार्यक्रम इस साल नवंबर माह में आयोजित किया जाएगा। इसकी आधिकारिक घोषणा नई दिल्ली में ग्रीन हाइड्रोजन पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन की गई। ऊर्जा मंत्रालय के सचिव ने कहा है कि भारत निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यूरोपीय संघ के हरित नियमों को संबोधित करेगा।
आईबीएम और लार्सन एण्ड टुब्रो सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी ने मॉबिलिटी, औद्योगिक, ऊर्जा और सर्वर जैसे क्षेत्रों के लिए ऐज उपकरणों, हाईब्रिड क्लाउड प्रणाली के लिए उन्नत प्रोसेसर का संयुक्त विकास करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
भारतीय वायु सेना जोधपुर में कई देशों के अपने सबसे बड़े युद्धाभ्यास में से एक तरंग शक्ति-24 आयोजित कर रही है। इसके साथ ही वायु सेना भारत रक्षा विमानन प्रदर्शनी IDAX-24 भी लगा रही है जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया। 12 से 14 सितंबर तक आयोजित प्रदर्शनी में विभिन्न उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के साथ रक्षा उद्योग की भागीदारी रहेगी। इसमें विदेशी मित्र देशों और भारतीय दर्शकों को सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, विभिन्न श्रेणी के निजी उद्योगों और नवीन उद्यम सहित भारतीय विमानन उद्योग से संबंधित प्रतिभागियों से मिलने और वार्तालाप करने का अवसर मिलेगा।
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में डॉ. संजीव कुमार द्वारा लिखित एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण पुस्तक ‘ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर’ का लोकार्पण और उस पर चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन आईजीएनसीए के कलानिधि विभाग प्रभाग ने किया। कार्यक्रम के दौरान, गुप्त साम्राज्य के दुर्लभ सिक्कों की एक अनूठी प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसने उस काल के गौरवशाली अतीत को जीवंतता के साथ प्रस्तुत किया। पुस्तक पर चर्चा के दौरान लेखक संजीव कुमार ने कहा कि यह पुस्तक चार दशकों के निरंतर और गहन शोध के बाद लिखी गई है और यह गुप्त साम्राज्य के इतिहास को एक नई दृष्टि से देखने का अवसर प्रदान करेगी।
कैंसर अनुसंधान के लिये समर्पित विश्व की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी व्यावसायिक संस्था, अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च ने सितंबर माह को डिंबग्रंथि/ओवेरियन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मान्यता दी है। यह माह इस घातक स्त्री रोग संबंधी कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये समर्पित है। डिंबग्रंथि/ओवेरियन कैंसर एक कैंसरयुक्त ट्यूमर है, जो अंडाशय के ऊतकों में बनता है। अंडाशय मादा जनन ग्रंथियों का एक युग्म है, जिनसे डिंब और मादा हार्मोन का उत्पादन होता है। कैंसर एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर में असामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़कर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 12 अगस्त को 72 साल की उम्र में निधन हो गया। तेज बुखार आने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त, 1952 को चेन्नई में हुआ था। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) में शामिल हुए। एक साल बाद वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए। इमरजेंसी के बाद उन्हें एक साल (1977-78) के दौरान तीन बार JNU छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया। वह SFI के पहले अध्यक्ष थे जो केरल या बंगाल से नहीं थे। येचुरी 1984 में CPI(M) की केंद्रीय समिति के लिए चुने गए। उन्होंने 1986 में SFI छोड़ दी। इसके बाद वे 1992 में चौदहवीं कांग्रेस में पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए। येचुरी जुलाई 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्हें 19 अप्रैल 2015 को CPI(M) का पांचवा महासचिव चुना गया। अप्रैल 2018 में उन्हें फिर से CPI(M) के महासचिव के रूप में चुना गया। अप्रैल 2022 में येचुरी ने तीसरी बार CPI(M) के महासचिव का पद संभाला।
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