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राम चरित मानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को ‘यूनेस्को के विश्व एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय अनुस्मरण रजिस्टर’ में शामिल किया गया है। संस्कृति मंत्रालय ने बताया है कि यह समावेशन भारत के लिए एक गौरव का क्षण है, जिससे देश की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत की पुष्टि होती है। यह वैश्विक सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में हो रहे प्रयासों को और आगे ले जाने का प्रतीक है, जो हमारी साझा मानवता को आकार देने वाली विविध कथाओं और कलात्मक अभिव्यक्तियों को पहचानने और सुरक्षित रखने के महत्व पर प्रकाश डालता है। ‘रामचरितमानस’, ‘पंचतंत्र’ और ‘सहृदयालोक-लोकन’ ऐसी कालजयी रचनाएं हैं जिन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया है। इन कृतियों ने देश के नैतिक ताने-बाने और कलात्मक अभिव्यक्तियों को आकार दिया है। उल्लेखनीय है कि 'सहृदयालोक-लोकन', 'पंचतंत्र' और 'रामचरितमानस' की रचना क्रमशः पं. आचार्य आनंदवर्धन, विष्णु शर्मा और गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र – आई जी एन सी ए ने एशिया-प्रशांत विश्व समिति की दसवीं अनुस्मरण बैठक के दौरान इस ऐतिहासिक क्षण को सुरक्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चालीस पर्यवेक्षकों और नामितों के अलावा सदस्य राज्यों के 38 प्रतिनिधियों ने उलानबटोर की इस बैठक को संचालित किया। इन तीन नामांकनों को समर्थन देकर आई जी एन सी ए ने यूनेस्को के विश्व एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय अनुस्मरण रजिस्टर में इन साहित्यिक कृतियों के स्थान को सुनिश्चित किया।
भारत ने पहली बार 13 से 15 मई, 2024 तक रॉटरडैम, नीदरलैंड में आयोजित होने वाले विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024 में अपना स्वयं का मंडप स्थापित किया है । भारत मंडप, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार, द्वारा स्थापित किया गया है, और शिखर सम्मेलन के सबसे बड़े मंडपों में से एक है। इसका उद्घाटन 12 मई, 2024 को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव, श्री भूपिंदर एस. भल्ला ने किया। वैश्विक हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र में विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है। दुनिया भर से लगभग 15,000 प्रतिनिधियों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। भारत मंडप, सम्मेलन में भारत के हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में की गई प्रगति को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।
77वां कान फिल्मोत्सव फ्रांस के कान में शुरू हो गया। दुनिया का यह सबसे लोकप्रिय फिल्म महोत्सव प्रसिद्ध निर्देशक और संगीतकार क्वेंटिन डुपिएक्स की फ्रांसीसी कॉमेडी “द सेकेंड एक्ट” के साथ शुरू हुआ। इस बार पाल्मे डी’ओर के लिए 22 फिल्में प्रतिस्पर्धा में होंगी। प्रसिद्ध अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप को मानद पाम डी’ओर से सम्मानित किया जाएगा। भारत 12 दिवसीय इस फिल्मोत्सव में भाग ले रहा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि तथा फिल्म उद्योग के सदस्य शामिल हैं। भारत पहली बार कान फिल्मोत्सव में भारत पर्व की मेजबानी करेगा। कान में भारत पवेलियन भारतीय फिल्म समुदाय के लिए विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। इनमें उत्पादन सहयोग को बढ़ावा देना, ज्ञान सत्र, वितरण सौदों पर हस्ताक्षर करना, बिजनेस टू बिजनेस मीटिंग और दुनिया भर के प्रमुख मनोरंजन और मीडिया खिलाड़ियों के साथ मेलजोल बढ़ाना शामिल है। भारत पर्व पर 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2024 के आधिकारिक पोस्टर और ट्रेलर का भी अनावरण किया जाएगा। इस साल यह 20 से 28 नवंबर तक गोवा में आयोजित किया जाएगा।
अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी, स्टील, सोलर सेल्स और एल्युमिनियम पर भारी शुल्क लगा दिया है। उनका कहना है कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि अमरीकी श्रमिक अनुचित कारोबार प्रणालियों से प्रभावित नही हो रहे हैं। इनमें चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर सौ प्रतिशत शुल्क, सेमीकंडक्टर पर 50 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी पर 25 प्रतिशत शुल्क शामिल है। व्हाइट हाऊस के रोज गार्डन से राष्ट्र को किए गए अपने संबोधन में श्री बाइडेन ने कहा कि अमरीका किसी प्रकार की कार को खरीदना जारी रखेगा लेकिन यह इन कारों के लिए मार्केट को अनुचित तरीके से नियंत्रित करने की अनुमति चीन को कभी नही देगा।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) 14 मई, 2024 को अपना 250वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर को स्मरणीय बनाने के लिए मुंबई में विशेष कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने की। इन गतिविधियों में मुंबई बंदरगाह प्राधिकरण (एमपीए) से अधिग्रहित निकटवर्ती भूमि का पूजन; लघु आकार की पनडुब्बी प्रोटोटाइप का शुभारंभ, सोलर इलेक्ट्रिक हाइब्रिड नाव तथा ईंधन-सेल इलेक्ट्रिक नौका की कमीशनिंग; मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का स्मारक सिक्का जारी करना और एक दिवसीय तकनीकी सेमिनार का आयोजन शामिल था। वर्ष 1774 में एक छोटी सूखी गोदी (ड्राई डॉक) के रूप में एक मामूली शुरुआत करके, 1934 में इसके निगमन होने तक और बाद में, 1960 से भारत सरकार के अधीन इसके प्रबंधन तक, एमडीएल द्वारा 250 वर्ष पूरे करना एक असाधारण उपलब्धि है जो उसकी सुदृढ़ता, विकास और दीर्घकालिक विरासत का एक प्रमाण है।
हाल ही में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्यों ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं (TRIPS) पर समझौते की 30वीं वर्षगाँठ मनाई। माराकेस में एक महत्त्व पूर्ण समझौता किया गया जिसके आधार पर 1995 में WTO बनाया गया। TRIPS नामक इस समझौते का प्रभाव लंबे समय तक रहा है। वेनेशियन पेटेंट कानून (1474): यह यूरोप में पहली संहिताबद्ध पेटेंट प्रणाली थी, जिसने आविष्कारकों को "नए और सरल उपकरणों" पर अस्थायी एकाधिकार प्रदान किया। औद्योगिक क्रांति एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों की आवश्यकता (19वीं शताब्दी): तीव्र तकनीकी प्रगति ने पेटेंट कानूनों के सामंजस्य की आवश्यकता उत्पन्न की। पेरिस कन्वेंशन (1883) अन्य देशों में बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिये उठाया गया पहला कदम था। टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौता (General Agreement on Tariffs and Trade- GATT) ने बौद्धिक संपदा को सीमित तरीके से संबोधित किया। 1987 से 1994 तक चले उरुग्वे राउंड में माराकेस समझौते के परिणामस्वरूप WTO की स्थापना हुई, जिसमें TRIPS समझौता भी शामिल था। TRIPS पर WTO समझौता बौद्धिक संपदा (IP) पर सबसे व्यापक बहुपक्षीय समझौता है।
चीन के तीसरे विमानवाहक पोत (Carrier), फुज़ियान ने अपना आठ दिवसीय पहला समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। फुज़ियान एक 80,000 टन का सुपरकैरियर है जिसमें विमान लॉन्च करने के लिये विद्युत चुंबकीय कैटापुल्ट होते हैं। परीक्षणों में प्रणोदन, विद्युत प्रणालियों और अन्य उपकरणों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे अपेक्षित परिणाम प्राप्त हुए। अमेरिका के बाद चीन इस तकनीक के साथ सुपरकैरियर तैनात करने वाला दूसरा देश है। चीन का पहला विमानवाहक पोत लियाओनिंग 2012 में और दूसरा वाहक शेडोंग 2017 में लॉन्च किया गया था। चीन द्वारा यह घोषणा की गई कि वह अपना चौथा विमानवाहक पोत तैयार कर रहा है, जो संभवतः परमाणु-संचालित सुपरकैरियर होगा।
193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 मई 2024 को हर साल 25 मई को विश्व फुटबॉल दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया। हर साल 25 मई को विश्व फुटबॉल दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में लीबिया के राजदूत ताहेर अल-सोन्नी द्वारा पेश किया गया था। इसे संयुक्त राष्ट्र के 160 से अधिक सदस्यों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था। प्रस्ताव पेश करते हुए लीबिया के राजदूत ने कहा कि फुटबॉल या सॉकर दुनिया भर में कस्बों, शहरों और गांवों में खेला जाता है। यह पृथ्वी पर सबसे लोकप्रिय खेल है।
तमिलनाडु के पी श्यामनिखिल भारत के 85वें शतरंज ग्रैंडमास्टर (जीएम) बने। आठ साल की उम्र में अपना करियर शुरू करने वाले 31 वर्षीय शतरंज प्रतिभावान खिलाड़ी ने आखिरकार 2024 दुबई पुलिस मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में अपना तीसरा और अंतिम जीएम मानदंड हासिल किया। आर वैशाली 84वीं भारतीय जीएम थीं। दुबई पुलिस मास्टर शतरंज टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले, श्यामनिखिल को प्रतिष्ठित जीएम उपाधि हासिल करने के लिए सिर्फ एक जीत और आठ ड्रॉ की जरूरत थी। श्यामनिखिल ने 2012 में ही आवश्यक 2500 ईएलओ (Elo)रेटिंग अंक और दो जीएम मानदंड अर्जित कर लिए थे। लेकिन जीएम का दर्जा पाने के लिए अनिवार्य तीसरे जीएम मानदंड को प्राप्त करने के लिए उन्हें 12 साल और इंतजार करना पड़ा। अंततः उन्होंने दुबई पुलिस मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में अपना तीसरा जीएम नॉर्म हासिल किया।
आभा खटुआ ने भुवनेश्वर में नेशनल फेडरेशन कप एथलेटिक्स प्रतिस्पर्धा में 18 दशमलव चार-एक मीटर की दूरी तक महिलाओं की गोला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया है। महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाली आभा का इस स्पर्धा से पहले मनप्रीत कौर के साथ 18 दशमलव शून्य-छह मीटर का संयुक्त रिकॉर्ड है। कलिंग स्टेडियम में कल 18 दशमलव चार-एक मीटर की दूरी तक गोला फेंकने के बाद आभा राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाली एकमात्र खिलाडी बन गई हैं। उनका प्रयास 18 दशमलव आठ-शून्य मीटर की दूरी तक गोला फेंककर ओलंपिक में क्वालीफाई करने से थोड़ा कम था। अभी तक कोई भी भारतीय महिला खिलाड़ी यहां तक नहीं पहुंच सकी हैं। ओलंपिक में क्वालीफाइ करने की समय सीमा 30 जून है। उत्तर प्रदेश की किरण बालियान दूसरे और दिल्ली की सृष्टि विग तीसरे स्थान पर रहीं।
शीर्ष महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा सऊदी स्मैश में शानदार प्रदर्शन के बाद करियर की सर्वश्रेष्ठ एकल रैंकिंग 24 पर पहुंच गईं और विश्व रैंकिंग में शीर्ष 25 में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं। टूर्नामेंट से पहले वे 39वें स्थान पर थी। 28 वर्षीय खेल रत्न पुरस्कार विजेता मनिका ने जेद्दा में सऊदी स्मैश टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई और अपने इस प्रदर्शन से 15 स्थान की लंबी छलांग लगाने में सफल रहीं। यह पहली बार था जब कोई भारतीय महिला टूर्नामेंट में इतनी आगे बढ़ी।
भारतीय नौसेना वॉटरमैनशिप ट्रेनिंग सेंटर (आईएनडब्ल्यूटीसी), मुंबई के द्वारा 12 से 18 मई 2024 तक यॉचिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वाईएआई) सीनियर नेशनल्स-2024 प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन भारतीय नौसेना सेलिंग एसोसिएशन (आईएनएसए), नौसेना मुख्यालय के सहयोग से किया जा रहा है। यह प्रतिस्पर्धा सभी वरिष्ठ ओलंपिक वर्गों के लिए एक राष्ट्रीय रैंकिंग कार्यक्रम भी है। इस प्रतिस्पर्धा का आयोजन मुंबई बंदरगाह में हो रहा हैं और यह स्थल देश के नाविकों को राष्ट्रीय रैंकिंग में शीर्ष स्थान हेतु प्रतिस्पर्धा करने के लिए उपयुक्त है। देश भर के 10 प्रमुख नौकायन क्लबों के 82 प्रतिभागियों ने इस आयोजन के लिए पंजीकरण कराया है। आईएलसीए में कुल 7 पुरुष प्रतिभागी, आईएलसीए में 6 (महिला प्रतिभागी), 470 (मिश्रित), 49 (पुरुष), 49 एफएक्स (महिला), आईक्यूएफओआईएल (पुरुष), आईक्यूएफओआईएल (महिला), फॉर्मूला काइट (पुरुष) और फॉर्मूला काइट (महिला) वर्गों में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। नौकायन दौड़ों का आयोजन 13 मई एक ही श्रृंखला में आयोजित किया जा रही है, इसके पश्चात 18 मई 2024 को एक पदक दौड़ आयोजित की जाएगी।
हाल ही में संशोधित सुअर किडनी प्रत्यारोपण के पहले प्राप्तकर्त्ता का अभूतपूर्व ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन सर्जरी के बाद निधन हो गया। उनकी मृत्यु प्रत्यारोपण से संबंधित नहीं थी। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration- FDA) के अनुसार, ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन के तहत जीवित कोशिकाओं, ऊतकों या गैर-मानवीय पशु स्रोत से प्राप्त अंगों (या ऐसे ऊतक या अंग जिनका जीवित गैरमानवीय पशु कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों से पूर्व संपर्क रहा हो) का मानव शरीर में प्रत्यारोपण करना शामिल है। इसका प्राथमिक उद्देश्य मानव के लिये अंगदान करने वालों की संख्या में कमी को दूर करना है। उदाहरण के लिये, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 90,000 लोगों को किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता है और प्रतिवर्ष 3,000 से अधिक लोगों की इसके कारण मृत्यु हो जाती है।
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