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17 जून को भारत ने स्विट्जरलैंड में चल रहे दो दिन के यूक्रेन पीस समिट जॉइंट स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। भारत ने इस समिट से निकलने वाले किसी भी साझा बयान या डॉक्यूमेंट का हिस्सा नहीं बनने का फैसला लिया है। यूक्रेन की तरफ से लाए गए इस प्रस्ताव में युद्ध खत्म करने के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस से अपनी सेना को पीछे लेने और क्रीमिया को आजाद करने की बात मांग की है। इस पर भारत ने कहा कि शांति को लेकर वही विकल्प स्थाई हो सकता है, जो दोनों देशों को मंजूर हो। भारत की तरफ से इस समिट में विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी पवन कुमार शामिल हुए थे। भारत के अलावा 90 देशों की भागीदारी के बीच सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, मैक्सिको और संयुक्त अरब अमीरात ने भी इस डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर नहीं किए है। रूस को इस समिट में हिस्सा लेने के लिए नहीं बुलाया गया था। जबकि चीन इसमें शामिल नहीं हुआ।
16 जून को केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत गहरे समुद्र में मिशन शुरू करने वाला छठा देश बनेगा। सिंह ने कहा कि इस मिशन के जरिए समुद्र पर जीवन के लिए निर्भर लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने पर काम किया जाएगा। जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीप सी मिशन से खनिजों की खोज की जाएगी। ओशन साइंस और समुद्र की बायोडायवर्सिटी की स्टडी और जैव विविधता बनाए रखने पर काम किया जाएगा। मीटिंग के दौरान सिंह ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी की कोशिशों को सराहा। ये इंस्टीट्यूट समुद्रयान मिशन के तहत 'मतस्ययान 6000 डीप सबमर्जेंस व्हीकल' यानी समुद्र की गहराई में काम करने वाली सबमरीन विकसित कर रहा है। 'मतस्ययान 6000' के पहले चरण के ट्रायल इस साल सितंबर से शुरू होंगे और 2026 तक पूरे होंगे। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) 'मतस्ययान 6000' के लिए टाइटेनियम रूफटॉप तैयार करेगा जो समुद्र की गहराई के दबाव को झेलने में सक्षम होगा। इससे पहले अमेरिका, रूस, चीन, जापान और फ्रांस डीप सी मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुके हैं।
16 जून को जम्मू के रामबन में संगलदान और रियासी के बीच ट्रेन का पहला ट्रायल रन पूरा हुआ। यह ट्रेन चिनाब ब्रिज से होकर गुजरेगी, जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा स्टील आर्च ब्रिज है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस सफल परीक्षण की जानकारी दी। चिनाब ब्रिज पेरिस के एफिल टावर से भी ऊंचा है। एफिल टॉवर की ऊंचाई 330 मीटर है, जबकि 1.3 किमी लंबे इस ब्रिज को चिनाब नदी पर 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक संगलदान से रियासी रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन के सफल परीक्षण के बाद इस रूट पर पहली ट्रेन 30 जून को ऑपरेट करेगी। 20 सालों बाद ये ब्रिज बनकर तैयार हुआ है। 2003 में भारत सरकार ने सभी मौसम में कश्मीर घाटी को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने के लिए चिनाब ब्रिज बनाने का फैसला लिया था। USBRL प्रोजेक्ट 1997 से शुरू हुआ था और इसके तहत 272 किमी की रेल लाइन बिछाई जानी थी। इस प्रोजेक्ट के तहत अब तक अलग-अलग फेज में 209 किमी लाइन बिछाई जा चुकी है। इस साल के अंत तक रियासी को कटरा से जोड़ने वाली आखिरी 17 किमी लाइन बिछाई जाएगी, जिससे एक ट्रेन कश्मीर को बाकी देश से जोड़ेगी।
2024 का कावली पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा 12 जून को की गई। खगोल भौतिकी, तंत्रिका विज्ञान, और नैनोविज्ञान में उनके योगदान के लिए आठ विजेताओं को सम्मानित किया गया। इस वर्ष का खगोल भौतिकी के लिए कावली पुरस्कार हार्वर्ड विश्वविद्यालय के डेविड शारबोनो और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की सारा सीगर को प्रदान किया गया है। इस जोड़ी को एक्सोप्लैनेट की खोज और उनके वातावरण के लक्षण निर्धारण के लिए मान्यता दी गई है। MIT के रॉबर्ट लैंगर, शिकागो विश्वविद्यालय के आर्मंड पॉल अलीविसाटोस, और नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय के चाड मिर्किन को नैनोविज्ञान के लिए कावली पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लैंगर को थेरेप्यूटिक बायो-मॉलिक्यूल्स की नियंत्रित रिलीज के लिए सामग्री के नैनो-इंजीनियरिंग के उनके सफलता प्राप्त विचार के लिए मान्यता दी गई, जिससे आक्रामक मस्तिष्क कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए नियंत्रित ड्रग डिलीवरी सिस्टम के विकास में मदद मिल सकती है। अलीविसाटोस ने अर्धचालक क्रिस्टल या “क्वांटम डॉट्स” का आविष्कार किया, जिन्हें बायो-इमेजिंग में बहु-रंगीन फ्लोरोसेंट जांच के रूप में उपयोग किया जा सकता है। आज ये मरीजों की डायग्नोस्टिक इमेजिंग और मौलिक चिकित्सा और जीवविज्ञान में अनुसंधान में मदद करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। मिर्किन ने गोलाकार न्यूक्लिक एसिड (SNA) की अवधारणा पेश की, जो न्यूक्लिक एसिड का एक नया वर्ग है जो घने रूप से कार्यात्मक होते हैं और एक नैनोपार्टिकल कोर के चारों ओर गोलाकार रूप से उन्मुख होते हैं। तंत्रिका विज्ञान में यह पुरस्कार एमआईटी की नैन्सी कनविशर, रॉकफेलर विश्वविद्यालय के विनरिक फ्रीवाल्ड और बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की डोरिस त्साओ को दिया गया है। तीनों को चेहरे की पहचान और मस्तिष्क के बीच संबंध को मैप करने के लिए दशकों से उनके सामूहिक प्रयास के लिए सम्मानित किया गया है। कावली पुरस्कार तीन क्षेत्रों में प्रदान किए जाते हैं: खगोल भौतिकी, नैनोविज्ञान, और तंत्रिका विज्ञान – सबसे बड़ा, सबसे छोटा, और सबसे जटिल।
मिस्र और बहरीन चांग’ए-7 मिशन के लिए वैज्ञानिक उपकरणों को विकसित करने और वितरित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदार के रूप में चीन के साथ शामिल हो गए हैं, चीनी चंद्र मिशन का उद्देश्य 2026 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ (पानी) की खोज करना है। पिछले हफ्ते, मिस्र की अंतरिक्ष एजेंसी, बहरीन की राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान एजेंसी और चांगचुन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टिक्स, फाइन मैकेनिक्स एंड फिजिक्स ने एक हाइपरस्पेक्ट्रल कैमरे के संयुक्त विकास के लिए एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए।
टिकाऊ जीवन शैली को प्रोत्साहन देने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति नागरिक जिम्मेदारी की भावनोत्पत्ति के प्रयास में, मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) का 18वां संस्करण “मिशन लाइफ” नामक एक विशेष पैकेज प्रस्तुत करेगा। सीएमएस वातावरण द्वारा प्रस्तुत इस संग्रह में पांच विचारपूर्वक चुनी गई फ़िल्में शामिल हैं, जो मानवता और पृथ्वी के बीच जटिल व सहजीवी संबंधों को प्रस्तुत करती हैं। ये फ़िल्में ब्रह्मांड के साथ हमारे गहरे संबंध की मार्मिक याद दिलाती हैं और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर ज़ोर देती हैं। "मिशन लाइफ़": विशेष पैकेज के अंतर्गत प्रदर्शित की जाने वाली फ़िल्में : 1. सेविंग द डार्क 2. लक्ष्मण-रेखा 3. द क्लाइमेट चैलेंज 4. द ज्वार बैलड (ज्वार गाथा) 5. पेंग यू साई
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र -आईजीएनसीए ने नई दिल्ली में प्रसिद्ध कलाकार दीपक गोरे के साथ एक समझौता ज्ञापन -एमओयू- पर हस्ताक्षर किए। श्री गोरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को दर्शाने वाले 115 तेल चित्रों के संग्रह को आईजीएनसीए को दान करने की औपचारिक घोषणा की। श्री गोरे ने कहा कि समझौता ज्ञापन भविष्य की पीढ़ियों के लिए देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस कदम से शिवाजी महाराज की विरासत जीवंत और सुलभ बनी रहेंगी। इस महीने की शुरुआत में, आईजीएनसीए द्वारा नई दिल्ली में ‘छत्रपति शिवाजी महाराज- महान राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ का जश्न’ शीर्षक से एक प्रदर्शनी का भी अनावरण किया गया था, जिसमें श्री गोरे के कैनवस शामिल थे।
17 जून को आई इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) की स्नो अपडेट रिपोर्ट - 2024 के मुताबिक हिंदूकुश हिमालय क्षेत्र में जल संकट हो सकता है। सिंधू, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी के बेसिन में पिछले 22 सालों में अब तक सबसे कम बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है। जल संकट का सीधा असर इस क्षेत्र में रहने वाले 165 करोड़ लोगों पर पड़ेगा। सिंधू नदी में बर्फ का स्तर सामान्य से 23%, गंगा नदी में 17% और ब्रह्मपुत्र नदी के बेसिन में बर्फबारी में 15% कमी रिकॉर्ड की गई है। हिंदूकुश हिमालय क्षेत्र में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान आता है। ये देश ICIMOD के सदस्य भी हैं। ICIMOD एक इंटरगवर्नमेंटल बॉडी है। 1981 में नेपाल सरकार और UNESCO ने पेरिस में ICIMOD के फाउंडर के तौर पर इसकी स्थापना की थी। जर्मनी और स्विट्जरलैंड इसके फाउंडिंग मेंबर हैं।
इस वर्ष वनाग्नि में अग्रिम पंक्ति के वनकर्मियों की जान जाने की पहली घटना में, अल्मोड़ा के बिनसर वन्यजीव अभयारण्य (Binsar Wildlife Sanctuary) में अग्निशमन अभियान के दौरान चार वन विभाग कर्मियों की मृत्यु हो गई। बिनसर वन्यजीव अभयारण्य उत्तराखंड के कुमाऊँ हिमालय में स्थित है। क्षेत्र की समृद्ध जैवविविधता के संरक्षण के लिये वर्ष 1988 में इस अभयारण्य की स्थापना की गई थी। इसकी विविध स्थलाकृति और ऊँचाई में भिन्नता के कारण यहाँ वनस्पतियों की व्यापक विविधता है। अभयारण्य मुख्य रूप से ओक और चीड़ के घने वनों से ढका हुआ है। इस अभयारण्य में यूरेशियन जे, कोक्लास तीतर, मोनाल तीतर और हिमालयन कठफोड़वा सहित 200 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ हैं। बिनसर चंद राजवंश शासकों की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी, जिन्होंने 7वीं से 18वीं शताब्दी तक कुमाऊँ पर शासन किया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, बिनसर का नाम बिनेश्वर महादेव मंदिर के नाम पर पड़ा, जिसका निर्माण 16वीं शताब्दी किया गया तथा यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित था।
हाल ही में वैज्ञानिकों ने ज़िम्बाब्वे में करीबा झील (Lake Kariba) के तट पर डायनासोर की एक नई प्रजाति, मुसांकवा/मुसनकवा सनयातियेंसिस (Musankwa Sanyatiensis) के जीवाश्म की खोज की है। लगभग 390 किलोग्राम वज़न वाला यह शाकाहारी डायनासोर उत्तर ट्राइएसिक काल (लगभग 210 मिलियन वर्ष पूर्व) के दौरान दलदली क्षेत्रों में रहता था। इसका नाम हाउसबोट और सनयाती नदी के नाम पर रखा गया है जो करीबा झील में गिरती है। यह 50 वर्षों में मध्य-ज़ाम्बेज़ी बेसिन में पाई गई डायनासोर की पहली प्रजाति होने के साथ ही देश की चौथी डायनासोर प्रजाति है। अफ्रीका में डायनासोर के जीवाश्म का एक विस्तृत इतिहास रहा है। दक्षिण अफ्रीका में डायनासोर का पहला जीवाश्म वर्ष 1842 में "डायनासोर" शब्द के निर्माण के तीन वर्ष बाद पाया गया था। पृथ्वी पर लगभग 243 से 233 मिलियन वर्ष पूर्व डायनासोर (सरीसृपों का एक विविध समूह) पाए जाते थे और जुरासिक एवं क्रिटेशियस काल के दौरान ये विभिन्न रूपों में विकसित हुए।
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) द्वारा विनिर्माताओं या खाद्य व्यापार संचालकों (Food Business Operators- FBO) को जारी निर्देश के अनुसार, पुनर्निर्मित रस से तैयार उत्पादों पर "100% fruit juice” (यानी 100% फलों का जूस) के नए दावे को हटा दिया जाना चहिये। पुनर्निर्मित रस, सांद्रित फलों के रस में पुनः जल मिलाकर बनाया जाता है। FSSAI का उद्देश्य उपभोक्ताओं को गुमराह होने से बचाना है, जो यह मानते हैं कि उन्हें शुद्ध एवं बिना मिलावट वाला जूस मिल रहा है। कोई "100% जूस" दावा नहीं: विज्ञापन और दावा विनियमन (2018) के अनुसार, किसी भी फल के रस उत्पाद के लिये ऐसे दावों की अनुमति नहीं है। "पुनर्निर्मित" लेबलिंग: खाद्य उत्पाद मानक एवं योज्य विनियम (2011) के अनुसार पुनर्गठित जूसों में घटक सूची में स्पष्ट रूप से "पुनर्निर्मित" लिखा होना चाहिये। "स्वीटनर पारदर्शिता: 15 ग्राम/किलोग्राम से अधिक पोषक स्वीटनर वाले जूस पर "मीठा जूस" का लेबल लगाया जाना चाहिये।
भारत के इक्विटी बाजार ने एक बार फिर हांगकांग को पीछे छोड़ दिया है, जो बाजार पूंजीकरण द्वारा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्थान हासिल कर रहा है। भारत का बाजार मूल्य 5.2 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने के साथ, चुनाव के बाद बाजार में पलटाव के बाद 10% की वृद्धि के साथ, यह अब हांगकांग का नेतृत्व करता है, जो इस साल अपने शिखर से 5.4% की गिरावट के बाद 5.17 ट्रिलियन डॉलर है। यह वैश्विक बाजार रैंकिंग में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जो भारत के मजबूत आर्थिक मूल सिद्धांतों और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
भारत की दीक्षा डागर इटालियन ओपन महिला गोल्फ टूर्नामेंट में छठे स्थान पर रहीं। दीक्षा, खिताब जीतने वाली इंग्लैंड की गोल्फर एमी टेलर से चार शॉट पीछे रहीं। दीक्षा अगले सप्ताह चेक महिला ओपन गोल्फ टूर्नामेंट में चुनौती रखेंगी। पिछले वर्ष उन्होंने इस टूर्नामेंट का खिताब जीता था।
हर साल जून के तीसरे रविवार को पितृ दिवस यानी फादर्स डे के रूप में मनाया जाता है। इस साल 16 जून को पूरे देश में फादर्स डे मनाया गया।
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