भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं - सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आर्विभाव हुआ। आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेन्द्रण नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से सम्बद्ध है।
भारत की प्रमुख नदियों के प्राचीन नाम व आधुनिक नामों की सूची
भारत की प्रमुख नदियों का प्राचीन नाम | भारत की प्रमुख नदियों आधुनिक नाम |
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सरस्वती / दृशद्वर्ती | घघ्घर / रक्षी / चित्तग |
सिंधु | सिन्ध |
पुरुष्णी | रावी |
शतुद्रि | सतलज |
विपाशा | व्यास |
क्रुभु | कुर्रम |
कुभा | काबुल |
वितस्ता | झेलम |
आस्किनी | चिनाव |
सदानीरा | गंडक |
गोमती | गोमल |
सुवास्तु | स्वात |
सुषोमा | सोहन |
मरूद्वृधा | मरूवर्मन |
दृषद्वती | घग्घर |
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