जीआई टैग अथवा भौगोलिक चिन्ह किसी भी उत्पाद के लिए एक चिन्ह होता है जो कुछ विशिष्ट उत्पादों (कृषि, प्राक्रतिक, हस्तशिल्प और औधोगिक सामान) को दिया जाता है। जोकि एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में 10 वर्ष या उससे अधिक समय से उत्पन्न या निर्मित हो रहा है और यह सिर्फ उसकी उत्पत्ति के आधार पर होता है।
आदर्श वाक्य - अतुल्य भारत की अमूल्य निधि
सबसे अधिक जीआई टैक कर्नाटक के पास हैं।
दार्जिलिंग की चाय पहला उत्पाद था जिसे भौगोलिक संकेतक मिला था। इसे सबसे पहले 2004 में जीआई टैग मिला था।
जीआई टैग 2019 निम्न प्रकार हैं -
उत्पाद | राज्य(जिले) |
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मरयूर गुड | केरल(इडक्की) |
इरोड़ की हल्दी | तमिलनाडु(इरोड) |
सांगली की हल्दी | महाराष्ट्र(सांगली) |
कंधमाल हल्दी | ओडिशा(कंधमाल) |
सिरसी सुपारी | कर्नाटक(येलापुरा, सिद्दापुरा एवं सिरसी) |
तिरूर सुपारी | केरल(मलपपुरम) |
वायानाड रोबस्टा काॅफी | केरल(वायानाड) |
कूर्ग अराबिका काॅफी | कर्नाटक(कोडागू) |
चिकमगलूर अराबिका काॅफी | कर्नाटक(चिकमगलूर) |
बाबाबुदनगिरीज अराबिका काॅफी | कर्नाटक(चिकमगलूर) |
अराकू वैली अराबिका काॅफी | आंध्र प्रदेश(विशाखापत्तनम) |
हिमाचली काला जीरा | हिमाचल(किन्नौर) |
चूली का तेल | हिमाचल(किन्नौर, शिमला, कुल्लु) |
कोल्हापुरी चप्पल | महाराष्ट्र(कोल्हापुर, सोलापुर, सांगली और सतारा) और कर्नाटक(धारवाड़, बगलकोट, बीजापुर और बेलगाम) |
कोडाइकनाल मलाई पूंडू (कोडाईकनाल हिल लहसुन) | तमिलनाडु(कोडाइकनाल) |
जीराफूल(चावल की प्रजाति) | छत्तीसगढ़ |
थिरूबुवनम रेशम साड़ियां | तमिलनाडु |
पथमाडाई मैट | तमिलनाडु |
पलानी पंचामृतम | तमिलनाडु(पलानी) |
ताव्होहोपुआन | मिजोरम |
मिजो पौन्चेई, रंगीन मिजो शाॅल | मिजोरम |
ओडिशा रसगुल्ला | ओडिशा |
डिंडीगुल के ताले | तमिलनाडु |
कंडांगी साड़ियां | तमिलनाडु |
श्रीविलिपुट्टूर पल्कोवा(मिठाई) | तमिलनाडु |
‘ग्रीन’ और ‘व्हाइट’ चाय | दार्जिलिंग(पश्चिम बंगाल) |
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