इन पुरस्कारों के विजेताओं का फैसला एक ज्यूरी ने किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेसी नेता मल्लिकाजरुन खड़गे तथा लालकृष्ण आडवाणी शामिल थे। इस पुरस्कार की शुरुआत महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के मौके पर वर्ष 1995 में हुई थी। इसके तहत एक करोड़ रुपये, एक प्रशस्ति पत्र, एक बैज और हस्तशिल्प की एक वस्तु दी जाती है।
सरकार ने बुधवार को एक साथ चार साल यानी 2015 से 2018 तक के गांधी शांति पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा कर दी। पिछली बार वर्ष 2014 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को यह पुरस्कार दिया गया था। यह पुरस्कार अहिंसा और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक परिवर्तन में योगदान के लिए लोगों और संस्थानों को दिया जाता है।
सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्ष 2015 के लिए कन्याकुमारी के विवेकानंद केंद्र, 2016 के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन और सुलभ इंटरनेशनल को संयुक्त रूप से, 2017 के लिए एकई अभियान ट्रस्ट और 2018 के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सद्भावना दूत योहेई ससाकावा को इस पुरस्कार से नवाजा गया है।
विवेकानंद केंद्र को शिक्षा एवं ग्रामीण विकास, अक्षय पात्र को देशभर में बच्चों को मिड डे मील वितरण, सुलभ इंटरनेशनल को सिर पर मैला ढोने से मुक्ति दिलाने, एकई को आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार तथा योहेई को कुष्ठरोग उन्मूलन में योगदान के लिए दिया गया।
Here you can find current affairs, daily updates of educational news and notification about upcoming posts.
Check This© 2024 RajasthanGyan All Rights Reserved.