पिछले सालों में अंतरराष्ट्रीय नेता बनकर उभरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया गया। इससे पहले पीएम मोदी को संयुक्त राष्ट्र और दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, फलस्तीन, अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरीन जैसे देशों द्वारा सात पुरस्कार दिए गए हैं। इनमें से पांच पुरस्कार मुस्लिम देशों से आए हैं।
2016 में पीएम मोदी अफगानिस्तान के दौरे पर थे। ऐतिहासिक अफगान-भारत मैत्री बांध के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने उन्हें चार जून को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान आमिर अमानुल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित किया। इस पुरस्कार का नाम अफगानिस्तान के राष्ट्रीय नायक और राजा अमानुल्लाह खान (गाजी) के नाम पर रखा गया है, जो अफगानिस्तान की स्वतंत्रता के शूरवीर थे। अफगानिस्तान सरकार ने इस पुरस्कार का साल 2006 में गठन किया था।
प्रधानमंत्री मोदी को 3 अप्रैल 2016 को सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान किंग अब्दुल अजीज सैश से सम्मानित किया गया। इस सम्मान से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जापान के प्रधानमंत्री एबी शिंजो और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो सम्मानित हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10 फरवरी 2018 को फलस्तीन में ग्रांड कॉलर पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार विदेशी मेहमानों को दिया जाने वाला फलस्तीन का सर्वश्रेष्ठ सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी को द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में उठाए गए कदमों लिए किए यह सम्मान दिया गया था। मोदी से पहले सऊदी अरब के किंग सलमान, बहरीन के किंग हामाद, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित अन्य को इसे दिया गया है।
जून, 2019 में मालदीव ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च सम्मान निशान इज्जूद्दीन से सम्मानित किया। यह सम्मान गण्यमान्य विदेशी व्यक्तियों को दिया जाता है। ये मालदीव का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।
भारत में अमीर और गरीब के बीच के सामाजिक और आर्थिक अंतर को कम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए सराहनीय कार्य के चलते उन्हें अक्टूबर, 2018 को सियोल शांति पुरस्कार दिया गया। अब तक 13 अन्य लोगों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है, जिनमें से चार को नोबेल शांति पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। पीएम मोदी यह सम्मान हासिल करने वाले पहले भारतीय हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 14 जनवरी 2019 को नई दिल्ली में पहली बार फिलिप कोटलर प्रेसिडेंसियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिलिप कोटलर नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी, केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में मार्केटिंग प्रोफेसर हैं। इन्हीं के सम्मान में हर वर्ष यह पुरस्कार देश के सबसे लोकप्रिय नेता को दिया जाता है। वे मार्केटिंग (विपणन) पर 55 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सितंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा पर्यावरण सम्मान चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी को यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को लेकर अग्रणी एवं उत्साही कार्यों के लिए और पर्यावरणीय कार्यों में सहयोग के नये क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए प्रदान किया गया।
12 अप्रैल, 2019 को रूस ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान सेंट एंड्रयू अवॉर्ड से सम्मानित किया। ये सम्मान उन्हें भारत और रूस के रिश्तों को मजबूत और विशेष रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए दिया गया।
क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 24 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यहां यूएई के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ जायद' से सम्मानित किया। अप्रैल में यूएई ने पीएम मोदी को दिए UAE का सर्वोच्च सम्मान की घोषणा की थी। यह सम्मान यूएई के संस्थापक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान के नाम पर दिया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 24 अगस्त, 2019 को बहरीन में द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह बहरीन का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वच्छ भारत मिशन के कुशल नेतृत्व के लिये न्यूयॉर्क में बिल और मेलिन्डा गेट्स फाउंडेशन के ग्लोबल गोलकीपर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार भारत में पचास करोड़ लोगों को स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार का प्रतीक है। फाउंडेशन के पिछले कार्यक्रमों में बराक ओबामा जैसी राजनीतिक हस्तियों को सम्मानित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरस्कार को 130 करोड़ भारतीयों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि ये सम्मान उन भारतीयों को समर्पित है जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को एक जनआंदोलन में बदला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते पाँच साल में देश में रिकॉर्ड 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा सका। इसी का नतीजा है कि 2014 से पहले जहां ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था, आज वो बढ़कर करीब-करीब 100 प्रतिशत पहुंच रहा है।
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