आज़ादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने समाजवादी आर्थिक मॉडल को आगे बढ़ाया। जवाहरलाल नेहरू ने अनेक महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लिए जिनमें पंचवर्षीय योजना की शुरुआत भी थी। सन् 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई और योजना आयोग का गठन किया। योजना आयोग की स्थापना यूएसएसआर (भूतपूर्व सोवियत संघ) की तर्ज पर देश में पांच योजनाएं बनाने के लिए परामर्श दात्री संस्थान के तौर पर 15 मार्च 1950 को हुई थी। जवाहरलाल नेहरू ने 8 दिसंबर, 1951 को संसद में पहली पंचवर्षीय योजना को पेश किया था और उन्होंने उस समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य 2.1 फ़ीसदी निर्धारित किया था। इस परियोजना में कृषि क्षेत्र पर विशेष ज़ोर दिया गया क्योंकि उस दौरान खाद्यान्न की कमी गंभीर चिंता का विषय थी। इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान पाँच इस्पात संयंत्रों की नींव रखी गई। अधिकतर पंचवर्षीय योजनाओं में किसी न किसी क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई।
1. पहली पंचवर्षीय योजना(1951-56) - इसका मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के संतुलित विकास की प्रक्रिया करना था |
2. दूसरी पंचवर्षीय योजना(1956-61) - इसका मुख्य उद्देश्य समाजवादी समाज की स्थापना करना था |
3. तीसरी पंचवर्षीय योजना(1961-66) - इसका मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना था
हालांकि चौथी योजना तैयार थी लेकिन चीन से हार के बाद, कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण. सरकार 3 वार्षिक योजनाओं के साथ ही बहार आई. 1966-1969 तक 3 वार्षिक की योजनाएं चलाई गई। जिन्हें योजना अवकाश की संज्ञा दी गई।
योजना हॉलिडे का अर्थ है, ‘छुट्टी पर नियोजन’. वार्षिक योजनाओं को योजना छुट्टी के रूप में संदर्भित किया जाता है.(1966-67, 1967-68, 1968-69)
1966 में हरित क्रांति चलाई गई।
हरित क्रांति के जनक- नॉर्मन बोरलॉग (मेक्सिको)
भारत में हरित क्रांति का जनक- डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन(भारत)
4. चतुर्थ पंचवर्षीय योजना(1969-74) - इसका मुख्य उद्देश्य स्थायित्व के साथ विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता बनाना था |
इस योजना के दौरान ही 1971 के चुनावों के दौरान इंदिरा गांधी द्वारा "गरिबी हटाओ" का नारा दिया गया था
5. पांचवी पंचवर्षीय योजना(1974-79) - इसका मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और आत्मनिर्भर बनाना था |
1 अप्रैल 1978 से एक नई योजना प्रारंभ कर दी गई थी। इस योजना को अनवरत योजना का नाम दिया गया। अनवरत योजना के प्रथम चरण के रूप में 1 अप्रैल 1978 को 5 वर्षों (1978-83) के लिए छठी योजना प्रारंभ की गई किंतु 1980 में जनता सरकार द्वारा तैयार की गई छठी योजना को समाप्त कर दिया गया।
नोट रोलिंग योजना – इस योजना में पिछले वर्ष के उद्देश्य अगले वर्ष पूरे किये जाने थे.रॉलिंग की योजना की पहले गुन्नार म्यर्दल द्वारा वकालत की गई थी।
6. छठी पंचवर्षीय योजना(1980-85) - इसका मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और रोजगार में वृद्धि था |
7. सातवीं पंचवर्षीय योजना(1985-90) - इसका मुख्य उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना और रोजगार के अधिक अवसर जुटाना था |
विदेश व्यापार नीति को उदार बनाया गया था
लाइसेंसिंग व्यवस्था समाप्त (लाइसेंस राज को समाप्त कर दिया गया था)
सीआरआर, एसएलआर कम हो गई थी
रूपये का अवमूल्यन किया गया
आयात शुल्क को कम किया गया.
एमआरटीपी समाप्त कर दिया गया(1969 में शुरू)
FERA को FEMA में बदल दिया गया(FERA अधिनियम 1973)
8. आठवीं पंचवर्षीय योजना(1992-97) - इसका मुख्य उद्देश्य मानव संसाधनों का विकास करना था |
9. नौवीं पंचवर्षीय योजना(1997-2002) - इसका मुख्य उद्देश्य न्यायपूर्ण वितरण और समानता के साथ विकास को दिया गया |
10. दसवीं पंचवर्षीय योजना(2002-07) - इसका मुख्य उद्देश्य देश में गरीबी और बेरोजगारी समाप्त करके प्रति व्यक्ति आय 2 गुनी करना था |
11. ग्यारवीं पंचवर्षीय योजना(2007-12) - इसका मुख्य उद्देश्य तीव्रतम एवं समावेशी विकास था |
12. बारवीं पंचवर्षीय योजना(2012-17) - इसका मुख्य उद्देश्य विकास का लक्ष्य 10 % करना है |
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण घोषणा के अनुसार, केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग की जगह नीति आयोग (बदलते भारत के लिए राष्ट्रीय संस्थान) की स्थापना की।
भारत में वर्तमान मोदी सरकार ने पंचवर्षीय योजनाओं वर्ष 2017 से बनाना बंद कर दिया है. इस प्रकार सोवियत रूस की नकल पर बनायीं जा रहीं पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से देश की आर्थिक नियोजन प्रणाली को बंद कर दिया गया है और 12वीं पंचवर्षीय योजना भारत की अंतिम पंचवर्षीय योजना कही जाएगी
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