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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग ने एंटिटी लॉकर विकसित किया है। बताना चाहेंगे एंटिटी लॉकर एक सुरक्षित क्लाउड आधारित समाधान है जो व्यवसाय या फिर संगठन के लिए तमाम दस्तावेजों के भंडारण साझाकरण और सत्यापन को सरल बनाता है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के एक भाग के रूप में एंटिटी लॉकर प्रशासनिक अड़चने कम करने उत्पादकता बढ़ाने और व्यवसायों के लिए नए अवसर खोलने के हिसाब से डिजाइन की गई एक रणनीतिक पहल है। ये प्लेटफॉर्म डिजिटल रूप से सशक्त और कुशल व्यावसायिक वातावरण बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एंटिटी लॉकर एक सुरक्षित, क्लाउड बेस्ड सॉल्यूशन है, जो किसी बिजनेस, स्टार्टअप, ट्रस्ट और ऑर्गनाइजेशन के लिए तमाम दस्तावेजों के स्टोरेज, शेयरिंग और वैरिफिकेशन को आसान बनाता है। इससे सरकारी डेटाबेस से जुड़कर दस्तावेजों को रीयल टाइम में देख और जांच सकेंगे।
पीएम मोदी ने भारत की G20 अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन 2023 के बारे में पुस्तक लिखने के लिए अमिताभ कांत की सराहना की। G20 के शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें अपनी पुस्तक ‘हाउ इंडिया स्केल्ड माउंट G20’ भेंट की। अमिताभ कांत ने मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा कर यह जानकारी दी। बता दें कि G20का 18वां शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर, 2023 के दौरान नई दिल्ली के भारत मंडपम में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। सम्मेलन की शानदार सफलता सुनिश्चित करने वाले पर्दे के पीछे के प्रयासों का खुलासा अब शेरपा अमिताभ कांत की नई पुस्तक, ‘हाउ इंडिया स्केल्ड माउंट जी20: द इनसाइड स्टोरी ऑफ द G20 प्रेसिडेंसी’ में किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को ग्लेशियरों के संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है। ग्लेशियर संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष यानी 2025 के अवसर पर सागरमाथा संवाद 16 से 18 मई तक नेपाल के काठमांडू में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इसकी घोषणा की। नेपाल सरकार ने जलवायु परिवर्तन, पहाड़ों और मानव जीवन के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए बहु-हितधारक अंतर्राष्ट्रीय वार्ता मंच की मेजबानी करने की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि पर्वत संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को उठाने के लिए नेपाल सबसे अच्छी जगह है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता (बर्थ राइट सिटीजनशिप) को खत्म करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। आदेश यह सुनिश्चित करेगा कि विदेशी पासपोर्ट धारकों के बच्चों को अब अमेरिकी नागरिक नहीं माना जाएगा। इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो देश में कानूनी रूप से रह रहे हैं, जैसे टूरिस्ट, स्टूडेंट और वर्क वीजा पर रहने वाले लोग। जन्मसिद्ध नागरिकता वह कानूनी सिद्धांत है जिसके अनुसार बच्चे उस देश की नागरिकता प्राप्त करते हैं जिसमें उनका जन्म हुआ है, भले ही उनके माता-पिता की राष्ट्रीयता या इमिग्रेशन स्टेट्स कुछ भी हो। अमेरिकी संविधान में 14वां संशोधन को लंबे समय से अमेरिकी धरती पर पैदा हुए लगभग सभी बच्चों को नागरिकता देने के रूप में पढ़ा जाता रहा है। इसे 1868 में गृह युद्ध के बाद अपनाया गया था ताकि पूर्व में गुलाम बनाए गए लोगों की स्थिति को स्पष्ट किया जा सके। इसमें कहा गया है कि “संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे या प्राकृतिक रूप से बसे सभी व्यक्ति, संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक हैं।”
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को अलग कर रहे हैं। यह एक बड़ा कदम है, क्योंकि पदभार संभालने के पहले ही दिन उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी के साथ अपने संबंध समाप्त कर लिए हैं। दरअसल, ट्रंप लंबे समय से डब्ल्यूएचओ के आलोचक रहे हैं और उनका प्रशासन जुलाई 2020 में औपचारिक रूप से संगठन से हट गया था क्योंकि कोविड-19 महामारी फैल रही थी। कार्यकारी आदेश में अमेरिका के हटने के कारणों के रूप में “चीन के वुहान में उत्पन्न कोविड-19 महामारी और अन्य वैश्विक स्वास्थ्य संकटों से संगठन द्वारा ठीक से न निपटना, तत्काल आवश्यक सुधारों को अपनाने में इसकी विफलता और डब्ल्यूएचओ के सदस्य देशों के अनुचित राजनीतिक प्रभाव से स्वतंत्रता प्रदर्शित करने में इसकी असमर्थता” का हवाला दिया गया है।
अमेरिका राष्ट्रपति के लिए शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कई महत्वपूर्ण फैसलों पर हस्ताक्षर किए। इसी क्रम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने के अपने फैसले का बचाव करते हुए चीन को जिम्मेदार ठहराया। इससे पहले उन्होंने पहले कार्यकाल 2017 में इसके लिए भारत को दोष दिया था। इस प्रकार अमेरिका एक बार फिर पेरिस जलवायु समझौते से बाहर हो गया है। ट्रंप ने जश्न खत्म होने से पहले ही काम शुरू कर दिया और एक आदेश पर हस्ताक्षर करके बाइडन प्रशासन के कई नियमों को रद्द कर दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची पर्वत चोटी का नाम ‘माउंट मैकिन्ले’ रखने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसका नाम ‘डेनाली’ रखा था जिसे 47वें प्रेसिडेंट ने बदल दिया। हालांकि, सोमवार को हस्ताक्षरित आदेश के अनुसार, आस-पास के राष्ट्रीय उद्यान को ‘डेनाली राष्ट्रीय उद्यान और संरक्षित क्षेत्र’ कहा जाता रहेगा। बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति विलियम मैकिनली ने कभी अलास्का का दौरा नहीं किया या उनका इस पर्वत से कोई सीधा संबंध नहीं था, जिसका नाम 1917 में उनके सम्मान में रखा गया था। 2015 में, ओबामा ने आधिकारिक तौर पर इस पर्वत का नाम बदलकर ‘डेनाली’ कर दिया, जो अलास्का के मूल निवासियों द्वारा सदियों से इस्तेमाल किया जाने वाला नाम है और कोयुकॉन अथाबास्कन भाषा में इसका अनुवाद “द हाई वन” होता है।
ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन में 6 भारतीय मूल के शामिल हैं - विवेक रामास्वामी, कश्यप काश पटेल, जय भट्टाचार्या, श्रीराम कृष्णन, हरमीत ढिल्लों और ऊषा वांस। डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी यानी DOGE का हेड विवेक रामास्वामी को बनाया गया है, जो भारतीय मूल के अमेरिकी उद्योगपति, लेखक और पॉलिटिशियन हैं। कश्यप काश पटेल को FBI यानी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन का अगला डायरेक्टर बनाया गया है। 44 साल के काश पेशे से एक वकील हैं। फिजिशियन और इकोनॉमिस्ट जयंत भट्टाचार्या या जय भट्टाचार्या को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ को लीड करने के लिए चुना गया है। ऊषा वांस अमेरिका का वाइस प्रेजिडेंट जे डी वांस की पत्नी हैं यानी वो सेकेंड लेडी ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स बन चुकी हैं। बिजनेसमैन और वेंचर कैपिटलिस्ट श्रीराम कृष्णन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर व्हाइट हाउस का सीनियर पॉलिसी एडवाइजर नियुक्त किया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय मूल की एडवोकेट हरमीत कौर ढिल्लों को डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस में असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल फॉर सिविल राइट्स नियुक्त किया है।
भारत सरकार के वाणिज्य विभाग ने 21 जनवरी, 2025 को डायमंड इम्प्रेस्ट ऑथराइजेशन (डीआईए) योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य भारत के हीरा कारोबार वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है। यह योजना प्राकृतिक तौर पर कट और पॉलिश किए गए हीरों के शुल्क मुक्त आयात के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली प्रस्तुत करती है, और इस प्रकार मूल्य संवर्धन और निर्यात को बढ़ावा देती है। यह योजना 01.04.2025 से लागू होगी। यह योजना ¼ कैरेट (25 सेंट) से कम वजन के प्राकृतिक तौर पर कट और पॉलिश किए गए हीरों के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देती है। इस योजना में 10 प्रतिशत मूल्य संवर्धन के साथ निर्यात दायित्व अनिवार्य किया गया है। दो सितारा एक्सपोर्ट हाउस का दर्जा या उससे ऊपर का दर्जा रखने वाले तथा प्रति वर्ष 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात करने वाले सभी हीरा निर्यातक इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र हैं। यह योजना बोत्सवाना, नामीबिया अंगोला आदि जैसे कई प्राकृतिक हीरा खनन देशों में अपनायी गई लाभकारी नीतियों के संदर्भ में बनाई गई है, जहां हीरा निर्माताओं को न्यूनतम प्रतिशत मूल्य संवर्धन के लिए कट और पॉलिशिंग सुविधाएं खोलने की बाध्यता है। इस योजना का उद्देश्य हीरा उद्योग की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में वैश्विक अग्रणी के रूप में भारत की स्थिति को बनाए रखना है।
रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने भारतीय सेना के लिए 47 टैंक-72 ब्रिज लेइंग टैंक (बीएलटी) की खरीद के लिए आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की इकाई हैवी व्हीकल फैक्ट्री के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किए हैं। इसकी कुल लागत 1,560.52 करोड़ रुपये है। 21 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में रक्षा मंत्रालय और हैवी व्हीकल फैक्ट्री/आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। ब्रिज लेइंग टैंक एक महत्वपूर्ण उपकरण है जिसका उपयोग यांत्रिक फोर्स द्वारा आक्रामक/रक्षात्मक अभियानों के दौरान पुलों का निर्माण करने के लिए किया जाता है। यह टैंक और बख्तरबंद वाहनों के बेड़े को अभिन्न पुल बनाने की क्षमता प्रदान करता है। इससे युद्ध के मैदान में गतिशीलता और आक्रामक क्षमता बढ़ती है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने लंबी अवधि की सुपरसोनिक दहन रैमजेट या स्क्रैमजेट संचालित हाइपरसोनिक तकनीक विकसित करने की पहल की है। डीआरडीएल ने हाल ही में इन तकनीकों को विकसित किया है और भारत में पहली बार 120 सेकंड के लिए अत्याधुनिक एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट कॉम्बस्टर ग्राउंड टेस्ट का प्रदर्शन किया है। सफल ग्राउंड टेस्ट अगली पीढ़ी के हाइपरसोनिक मिशनों को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हाइपरसोनिक मिसाइलें उन्नत हथियारों की एक श्रेणी है, जो मैक 5 से अधिक गति अर्थात ध्वनि की गति से पांच गुना या 5,400 किमी/घंटा से अधिक से चलती हैं। इन उन्नत हथियारों में मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियों को बायपास करने और तेज तथा उच्च प्रभाव वाले हमले करने की क्षमता है। अमेरिका, रूस, भारत और चीन सहित कई देश सक्रिय रूप से हाइपरसोनिक तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। हाइपरसोनिक वाहनों की कुंजी स्क्रैमजेट हैं।
इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) ने धनंजय सिंह को अध्यक्ष और पवन जी चंदक को उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। शुक्ला कॉर्पोरेट लॉ, सिक्योरिटीज लॉ और टैक्सेशन में एक्सपर्ट हैं। वे साल 2024 के लिए ICSI के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। वहीं, पवन जी चंदक एक कंपनी सेक्रेटरी हैं, साथ ही लेबर लॉ, लेबर वेलफेयर के एक्सपर्ट भी हैं। पवन को 2019-2022 के कार्यकाल के लिए ICSI के वेस्टर्न इंडिया रिजनल काउंसिल (WIRC) के लिए भी चुना गया और उन्होंने 2019 में रीजन के सेक्रेटरी के रूप में काम किया।
केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) पर जिलाधिकारियों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में पीएम जनमन के तहत 6 मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इनमें आवास, सड़क, आंगनवाड़ी, स्कूल छात्रावास, बहुउद्देश्यीय केंद्र और वन धन विकास केंद्र शामिल हैं। इस कार्यक्रम में 18 राज्यों के कुल 88 जिले शामिल हुए। 15 नवंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर झारखंड में पीएम-जनमन की शुरुआत की थी। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि पीएम जनमन का लाभ सम्मेलन में शामिल सभी 18 राज्यों के हर व्यक्ति तक पहुंचे।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सिम कार्ड की वैधता को लेकर नए नियम जारी किए हैं। इसके तहत अब बिना रिचार्ज के भी 90 दिनों तक सिम कार्ड चलता रहेगा। दरअसल, ये नए नियम ग्राहकों को बार-बार रिचार्ज करने से बचने और खर्च घटाने में मदद करेंगे। ट्राई की कंज्यूमर हैंडबुक के अनुसार रिचार्ज खत्म होने के बाद आपका सिम 90 दिनों तक एक्टिव रहता है। अब इसका मतलब यह है कि रिचार्ज खत्म होने के बाद भी आपका नंबर तीन महीने तक चालू रहेगा। ट्राई के अनुसार आपके नंबर पर अगर 90 दिनों तक कोई रिचार्ज नहीं है और उसमें 20 रुपये प्रीपेड बैलेंस बचा है तो कंपनी 20 रुपये काटकर 30 दिनों की अतिरिक्त वैलिडिटी देती है। इस तरह ग्राहक का नंबर बिना रिचार्ज के 120 दिनों के लिए और ज्यादा एक्टिव रह सकता है। वहीं बीएसएनएल का सिम कार्ड बिना रिचार्ज के 180 दिन रहेगा। इसके अलावा ट्राई के नए नियमों के अनुसार जियो, एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया के यूजर्स को भी यह बड़ी राहत मिलने वाली है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना की 10वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस योजना के दस साल पूरे होने के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम 22 जनवरी से शुरू हो कर 8 मार्च तक चलेंगे। यानी इस जश्न का समापन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर होगा। विज्ञान भवन में बुधवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर भी शामिल होंगी। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ), संयुक्त राष्ट्र महिला संगठन, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए), विश्व बैंक और जर्मन एजेंसी फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (जीआईजेड) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हरियाणा के पानीपत में भारत में लिंग असंतुलन और घटते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान लिंग असंतुलन और घटते बाल लिंग अनुपात की चिंताजनक स्थितियों के जवाब में शुरू किया गया था, जो अपने नीतिगत पहल से राष्ट्रीय आंदोलन में बदल गया।
सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) देशभर में लाखों युवा लड़कियों के लिए आशा और सशक्तिकरण की किरण के रूप में खड़ी है, जो उनके सपनों और आकांक्षाओं को पोषित करने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के रूप में 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत की थी, यह दूरदर्शी योजना वित्तीय सुरक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण के धागों को बुनती है। यह योजना माता-पिता को किसी भी डाकघर या नामित वाणिज्यिक बैंक शाखा में लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि खाता खोलने की अनुमति देती है। इसकी शुरुआत न्यूनतम 250 रुपये की प्रारंभिक जमा राशि से होती है और बाद में जमा राशि 50 रुपये के गुणकों में की जा सकती है, बशर्ते कि एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 250 रुपये जमा किए जाएं। कुल वार्षिक जमा सीमा 1,50,000 रुपये तक सीमित है; किसी भी अतिरिक्त राशि पर ब्याज नहीं मिलेगा और उसे वापस कर दिया जाएगा। खाता खोलने की तारीख से पंद्रह साल तक की अवधि के लिए धनराशि जमा की जा सकती है। वित्त मंत्रालय के अनुसार इस योजना पर फिलहाल आठ दशमलव दो प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जा रहा है।
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