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23 January 2025

राजस्थान में बीएसएफ का ऑपरेशन ‘सर्द हवा’ शुरू

राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने ऑपरेशन ‘सर्द हवा’ शुरू कर दिया है। यह ऑपरेशन गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के मद्देनजर बीएसएफ द्वारा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए चलाया जा रहा है। बीएसएफ के सभी जवान और अधिकारी 29 जनवरी तक इस ऑपरेशन के तहत सीमा पर चौकसी बनाए रखेंगे और आधुनिक हथियारों से निगरानी करेंगे। बीएसएफ के अधिकारी के मुताबिक ऑपरेशन ‘सर्द हवा’ का उद्देश्य सर्दी के मौसम में किसी भी प्रकार की घुसपैठ और अवांछनीय गतिविधियों को रोकना है। वैसे तो बीएसएफ पूरे साल सीमा पर चौकस रहता है लेकिन इस समय विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता बढ़कर 217.62 गीगावाट हुई

भारत की रिन्यूएबल एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा) क्षमता 20 जनवरी तक बढ़कर 217.62 गीगावाट हो गई है। केंद्र सरकार ने कहा है कि स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इस साल रेगुलेटरी, वित्तीय और बुनियादी ढांचे से जुड़ी कई चुनौतियों को हल करना होगा। न्यू और रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय ने बताया कि भारत ने 2024 में सौर और पवन ऊर्जा की स्थापना और नीतिगत सुधारों के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है। यह 2025 और आगे के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करना है। 2024 में भारत ने रिकॉर्ड 24.5 गीगावाट सौर ऊर्जा और 3.4 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ी। सौर ऊर्जा की यह क्षमता 2023 की तुलना में दोगुनी से अधिक है जबकि पवन ऊर्जा में 21% वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि सौर ऊर्जा का भारत की कुल रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में 47% योगदान है। पिछले साल रूफटॉप सोलर सेक्टर में 4.59 गीगावाट नई क्षमता जोड़ी गई जो 2023 की तुलना में 53% अधिक है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने इस बढ़त में अहम भूमिका निभाई। इस योजना के तहत 2024 में 7 लाख रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए। वहीं पवन ऊर्जा क्षेत्र में भी 2024 में 3.4 गीगावाट नई क्षमता जोड़ी गई। इनमें से गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु का योगदान सबसे ज्यादा रहा। गुजरात में 1,250 मेगावाट, कर्नाटक में 1,135 मेगावाट और तमिलनाडु में 980 मेगावाट की नई पवन ऊर्जा स्थापित की गई। कुल मिलाकर, इन तीन राज्यों ने पवन ऊर्जा क्षेत्र में 98% हिस्सेदारी निभाई।

विश्‍व बैंक द्वारा नियुक्‍त विशेषज्ञ ने कहा कि वह सिंधु जल संधि के तहत दो पनबिजली परियोजनाओं पर निर्णय ले सकने में सक्षम

विश्‍व बैंक द्वारा नियुक्‍त विशेषज्ञ ने कहा है कि वह सिंधु जल संधि के तहत जम्‍मू-कश्‍मीर में दो पनबिजली परियोजनाओं पर भारत और पाकिस्‍तान के मतभेद पर निर्णय ले सकने में सक्षम है। विशेषज्ञ ने इस मुद्दे पर एक मध्‍यस्‍थता न्‍यायालय बनाए जाने की पाकिस्‍तान की अपील को खारिज कर दिया है। पाकिस्‍तान ने इन दोनों परियोजनाओं की डिजाइन पर चिंता व्‍यक्‍त की है। भारत ने किशनगंगा और रातले पनबिजली परियोजनाओं से जुड़ी चिंताओं के समाधान के लिए एक तटस्‍थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की अपील की थी। विशेषज्ञ ने कहा कि तमाम पहलुओं पर विमर्श के बाद इस मुद्दे पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय देना उचित प्रतीत होता है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत शुरू से ही कहता रहा है कि सिंधु जल संधि से जुड़े मतभेद पर निर्णय तटस्‍थ विशेषज्ञ द्वारा ही लिया जाना चाहिए। वर्ष 2022 में विश्‍व बैंक ने इस मुद्दे के समाधान के लिए एक तटस्‍थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की थी। भारत और पाकिस्‍तान के बीच सिंधु जल संधि 1960 में हुई थी।

गणतंत्र दिवस परेड 2025 में पहली बार तीनों सेनाओं की ऐसी संयुक्त झांकी भाग लेगी, जिसका विषय होगा ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’

देशवासियों के समक्ष संयुक्तता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करते हुए तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी 26 जनवरी, 2025 को 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली बार कर्तव्य पथ पर दिखाई जाएगी। यह झांकी ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ की विषय-वस्तु के साथ, सशस्त्र बलों में संयुक्तता व एकीकरण के वैचारिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा एवं परिचालन उत्कृष्टता सुनिश्चित होगी। इस झांकी में तीनों सेनाओं के बीच नेटवर्किंग और संचार को सुविधाजनक बनाने वाले संयुक्त संचालन कक्ष को दर्शाया जाएगा। इसमें युद्ध क्षेत्र के परिदृश्यों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें जमीन, पानी और हवा में समकालिक ऑपरेशन को दिखाया जाएगा। झांकी में स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस एमके II लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम और एक दूर से संचालित होने वाले विमान की झलक देखने को मिलेगी। रक्षा मंत्रालय में 2025 को ‘परिवर्तन का वर्ष’ घोषित किया गया है।

अमेरिका में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक

भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में 21 जनवरी को क्वाड (QUAD) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। QUAD यानी क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग 4 देशों भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का गठबंधन है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ये पहली बैठक थी और वे पद संभालने के महज 1 घंटे बाद ही इसमें शामिल हुए। QUAD का गठन साल 2007 में हुआ था। QUAD देशों का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र और इसके देशों को चीनी दखल से बचाना है। भारत साल 2025 में ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के नेताओं के साथ क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है। ये सम्मेलन अप्रैल या अक्टूबर में आयोजित किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश में नया धार्मिक सर्किट बनेगा

उत्तर प्रदेश में प्रयागराज और वाराणसी सहित 7 जिलों को मिलाकर नया धार्मिक सर्किट बनेगा। धार्मिक सर्किट में प्रयागराज, काशी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही जिले शामिल होंगे। यह धार्मिक सर्किट 22 हजार किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा। नीति आयोग ने वाराणसी और प्रयागराज को जोड़कर एक नया पर्यटन सर्किट बनाने का प्रस्ताव दिया था। इन सभी को मिलाकर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण गठित किए जाने का प्रस्ताव है। इस योजना से सीधे तौर पर 2.38 करोड़ से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ सकता है।

नेशनल हेल्थ मिशन अगले 5 सालों के लिए जारी रहेगा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 जनवरी को नेशनल हेल्थ मिशन को अगले 5 सालों के लिए जारी रखने को मंजूरी दी। नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने साल 2013 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (वर्ष 2005 में शुरू) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (वर्ष 2013 में शुरू) को मिलाकर शुरू किया गया था। इसका मकसद पब्लिक हेल्थ सर्विसेस को और सुधारने के साथ-साथ सभी को सस्ती और क्वालिटी हेल्थ सर्विसेस मुहैया कराना था। COVID-19 महामारी के दौरान साल 2021 और 2022 के बीच 12 लाख स्वास्थ्यकर्मी नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) से जुड़े। इसके अलावा, कैबिनेट ने 2025-26 के लिए रॉ जूट की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 6% की बढ़ोतरी की है। इस फैसले के बाद अब जूट का कच्चा माल 5650 प्रति क्विंटल में खरीदा जाएगा। मोदी कैबिनेट की इस महीने की यह दूसरी बड़ी बैठक थी, पहली बैठक में सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी।

टाटा समूह भारत का सबसे मूल्यवान ब्रांड

दुनिया की सबसे बड़ी ब्रांड वैल्यूएशन कंसल्टेंसी में से एक ब्रांड फाइनेंस की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ग्रुप ने नंबर 1 भारतीय ब्रांड के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है। यह 31.6 बिलियन डॉलर (2.74 लाख करोड़ रुपए) वैल्युएशन वाला भारत का पहला ब्रांड भी बन गया है। वहीं ग्रुप की कंपनी टीसीएस दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सर्विस ब्रांड बन गई है। टाटा अपनी रेटिंग AAA को बरकरार रखते हुए टॉप 100 में अपना स्थान बनाए हुए है और 60वें स्थान पर काबिज है।

एंजेल वन ने अम्बरीश केंघे को अपना नया CEO नियुक्त किया

भारत के लीडिंग फाइनेंस सर्विस प्लेटफॉर्म्स में से एक, एंजेल वन ने अम्बरीश केंघे को अपना चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है। केंघे को फिनटेक, टेक्निकल और ई-कॉमर्स सेक्टर में एक्सपीरियंस है। इससे पहले वे Google Pay APAC में वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर की भूमिका में रह चुके हैं। अंबरीश ने क्रोमकास्ट के लॉन्च में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और Google TV के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। गूगल से पहले, अम्बरीश ने Myntra में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर के रूप में काम किया है।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप प्रतिभा को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए अपना के साथ साझेदारी की

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और भारत के अग्रणी रोजगार एवं पेशेवर नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म 'अपना' ने प्रतिभा खोज के लिए हाथ मिलाया है, ताकि डीपीआईआईटी पंजीकृत स्टार्टअप्स को उच्च कुशल जनशक्ति से लैस किया जा सके और बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हों। समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से औपचारिक रूप से की गई इस साझेदारी से भारत स्टार्टअप रजिस्ट्री (भास्कर) प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत 7,00,000 संस्थाओं में से प्रत्येक के लिए अपना के प्लेटफॉर्म पर हायरिंग क्रेडिट में 2000 रुपये प्रति इकाई का मौद्रिक मूल्य मिलेगा। वर्तमान में इसका मूल्य 140 करोड़ रुपये होगा। जैसे-जैसे स्टार्टअप इकोसिस्टम धीरे-धीरे विकसित होगा, इस पहल का मूल्य बढ़कर अनुमानित 300 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: योजना की सफलता का एक दशक पूरा

पीएम मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में शुरू की गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना कार्यान्वयन का एक दशक पूरा कर रही है। भारत सरकार की इस प्रमुख पहल का उद्देश्य घटते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) को दूर करना और लिंग-आधारित लिंग-चयनात्मक उन्मूलन को रोकना और बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देना है। बीबीबीपी योजना अब 2021-2022 से 2025-2026 तक 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान कार्यान्वयन के लिए महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक व्यापक कार्यक्रम मिशन शक्ति के साथ एकीकृत है। मिशन शक्ति में दो व्यापक उप-योजनाएं शामिल हैं।
1. संबल : सुरक्षा एवं संरक्षा
मिशन शक्ति की संबल उप-योजना वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) महिला हेल्पलाइन (181) और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यह नारी अदालत की भी शुरुआत करता है, जो उत्पीड़न और अधिकारों के उल्लंघन जैसे छोटे मुद्दों को हल करने के लिए एक वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करता है।
2. सामर्थ्य : सशक्तिकरण
सामर्थ्य उप-योजना शक्ति सदनों, राहत और पुनर्वास घरों, सखी निवास के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाती है, जो शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए रहने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। साथ ही पालना-क्रेच कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) अब दूसरे बच्चे के लड़की होने पर भी मदद करती है, जिससे मातृ स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह गर्भावस्था और प्रसव के कारण काम करने वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से होने वाले नुकसान की भरपाई भी करता है।
प्रमुख विकास
अभियान की सफलता लैंगिक असमानताओं को दूर करने की दिशा में की गई प्रगति से स्पष्ट है, जिसमें समाज पर इसके सकारात्मक प्रभाव को दर्शाने वाले प्रभावशाली आंकड़े हैं।
1. जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार (एसआरबी)
2014-15 में 918 के एसआरबी से, 2022-23 में राष्ट्रीय एसआरबी बढ़कर 933 हो गया (स्रोत: एचएमआईएस, एमओएचएफडब्ल्यू)।
2. माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि
माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, लड़कियों के लिए सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 2014-15 में 75.51% से बढ़कर 2021-22 में 79.4% हो गया है। (स्रोत: यू-डीआईएसई प्लस, एमओई)।
3. संस्थागत प्रसव में वृद्धि
संस्थागत प्रसव 2014-15 में 87% से बढ़कर 2019-20 तक 94% से अधिक हो गया, जिससे कई क्षेत्रों में माताओं और शिशुओं के लिए सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हुआ, जो मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में आवश्यक रहा है।

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