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राजस्थान के जिले

राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवंम्बर 1956 (राजस्थान का एकीकरण) को आया। इस समय राजस्थान में कुल 26 जिले थे।

26 वां जिला - अजमेर 1 नवंम्बर, 1956

27 वां जिला - धौलपुर15 अप्रैल, 1982, यह भरतपुर से अलग होकर नया जिला बना।

28 वां जिला - बांरा 10 अप्रैल, 1991, यह कोटा से अलग होकर नया जिला बना।

29 वां जिला - दौसा 10 अप्रैल,1991, यह जयपुर से अलग होकर नया जिला बना।

30 वां जिला - राजसंमद 10 अप्रैल, 1991, यह उदयपुर से अलग होकर नया जिला बना।

31 वां जिला - हनुमानगढ़ 12 जुलाई, 1994, यह श्री गंगानगर से अलग होकर नया जिला बना।

32 वां जिला - करौली 19 जुलाई, 1997, यह सवाई माधोपुर से अलग होकर नया जिला बना।

33 वां जिला - प्रतापगढ़ 26 जनवरी,2008, यह तीन जिलों से अलग होकर नया जिला बना।

प्रतापगढ जिला परमेशचन्द कमेटी की सिफारिश पर बनाया गया। प्रतापगढ जिले ने अपना कार्य 1 अप्रैल, 2008 से शुरू किया।

18 वर्तमान जिलों के पुनर्गठन और 19 नये जिलों के गठन के बाद वर्तमान में राजस्‍थान में 50 जिले हैं।

21 मार्च 2022 को नए जिलों की आवश्यकता का आंकलन करने हेतु सेवानिवृत आईएएस अधिकारी श्री रामलुभाया की अध्यक्षता में ‘रामलुभाया समिति’ का गठन किया गया। समिति की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर राज्य बजट वर्ष 2023-24 के वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान 17 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने संवेदनशील, जबावदेह एवं पारदर्शी प्रशासन की प्रतिबद्धता की दिशा में कदम उठाते हुए 19 नए जिलों एवं 3 नए संभागों के गठन की घोषणा की। राज्य सरकार ने नए जिलों के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

राज्य में 19 नये जिले अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर, जयपुर (ग्रामीण), केकड़ी, जोधपुर, जोधपुर (ग्रामीण), कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीम का थाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचैर एवं शाहपुरा बनाये गए हैं।

सीकर, पाली एवं बांसवाडा 3 नए संभागों का गठन किया गया है।

अधिसूचना 05 अगस्त 2023 को जारी हुई।

अधिसूचना का गजट में प्रकाशन 06 अगस्त 2023 को हुआ।

7 जुलाई 2023 को राजस्थान के नवगठित जिलों का विधिवत रूप से स्थापना कार्यक्रम आयोजित किया गया।

अधिसूचना 7 अगस्त, 2023 से प्रभावी हुई।

नवीन गठित जिले

नवीन जिलों के गठन के लिये 18 वर्तमान जिलों का पुनर्गठन भी किया गया है।

1.अनूपगढ़ : श्रीगंगानगर एवं बीकानेर जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला अनूपगढ़ गठित किया गया है जिसका मुख्यालय अनूपगढ़ होगा। नवगठित अनूपगढ़ जिले में 7 तहसील (अनूपगढ, रायसिंहनगर, श्रीविजयनगर,घडसाना, रावला,छत्तरगढ़, खाजूवाला) हैं। इनमें छत्तरगढ़ और खाजूवाला को बीकानेर से जोड़ा गया है, बाकी सभी को श्रीगंगानगर से जोड़ा गया है।

2. बालोतरा : बाड़मेर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला बालोतरा गठित किया गया है जिसका मुख्यालय बालोतरा होगा। नवगठित बालोतरा जिले में 7 तहसील (पचपदरा, कल्याणपुर, सिवाना, समदड़ी, बायतु, गिड़ा, सिणधरी) हैं। अभी तक जारी आधिकारिक मानचित्र और जानकारी के अनुसार बालोतरा को तहसील नहीं बनाया गया है।

3. डीडवाना-कुचामन : नागौर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला डीडवाना-कुचामन गठित किया गया है। मिनी सचिवालय भवन के तैयार होने तक मुख्यालय अस्थाई रूप से डीडवाना रहेगा। नवगठित डीडवाना-कुचामन जिले में 8 तहसील (डीडवाना, मौलासर, छोटी खाटू, लाडनूं, परबतसर, मकराना, नावां, कुचामनसिटी) हैं।

4. डीग : भरतपुर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला डीग गठित किया गया है जिसका मुख्यालय डीग होगा। नवगठित डीग जिले में 9 तहसील (डीग, जनूथर, कुम्हेर, रारह, नगर, सीकरी, कामां, जुरहरा, पहाड़ी) हैं।

5. फलौदी : जोधपुर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला फलौदी गठित किया गया है जिसका मुख्यालय फलौदी होगा। नवगठित फलौदी जिले में 8 तहसील (फलौदी, लोहावट,आऊ, देचू, सेतरावा, बाप, घंटियाली, बापिणी) हैं।

6. जोधपुर (ग्रामीण) : जोधपुर जिले का पुनर्गठन कर जोधपुर (ग्रामीण) जिला गठित किया जाता है जिसका मुख्यालय जोधपुर होगा। नवगठित जोधपुर (ग्रामीण) जिले में 15 तहसील (जोधपुर उत्तर तहसील(जोधपुर का नगर निगम जोधपुर के अन्तर्गत आने वाले भाग को छोडकर शेष समस्त भाग), जोधपुर दक्षिण तहसील(जोधपुर का नगर निगम जोधपुर के अन्तर्गत आने वाले भाग को छोडकर शेष समस्त भाग), कुडीभक्तासनी, लूणी, झंवर, बिलाडा, भोपालगढ, पीपाडसिटी, ओसियॉ, तिवरी, बावडी, शेरगढ, बालेसर, सेखला ,चामू) हैं।

7. जोधपुर : जोधपुर जिले का पुनर्गठन कर जोधपुर जिला गठित किया गया है जिसका मुख्यालय जोधपुर होगा। नवगठित जोधपुर जिले में 2 तहसील जोधपुर उत्तर (जोधपुर तहसील का नगर निगम जोधपुर के अन्तर्गत आने वाला समस्त भाग),जोधपुर दक्षिण (जोधपुर तहसील का नगर निगम जोधपुर के अन्तर्गत आने वाला समस्त भाग) हैं।

8. गंगापुरसिटी : सवाईमाधोपुर एवं करौली जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला गंगापुरसिटी गठित किया गया है जिसका मुख्यालय गंगापुरसिटी होगा। नवगठित गंगापुरसिटी जिले में 7 तहसील (गंगापुरसिटी, तलावड़ा, वजीरपुर, बामनवास, बरनाला, टोडाभीम, नादोती) हैं। टोडाभीम और नादोती तहसील काे करौली से जोड़ा गया है। बाकी सभी को सवाईमाधोपुर से जोड़ा गया है।

9. दूदू : जयपुर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला दूदू़ गठित किया गया है जिसका मुख्यालय दूदू़ होगा। नवगठित दूदू जिले में 3 तहसील (मौजमाबाद, दूदू, फागी) हैं।

10. जयपुर (ग्रामीण) : जयपुर जिले का पुनर्गठन कर जयपुर (ग्रामीण) जिला गठित किया गया है जिसका मुख्यालय जयपुर होगा। नवगठित जयपुर (ग्रामीण) जिले में 18 तहसील (जयपुर तहसील (जयपुर का नगर निगम जयपुर (हेरीटेज) एवं नगर निगम जयपुर (ग्रेटर) के अन्तर्गत आने वाले भाग को छोडकर शेष समस्त भाग) , तहसील कालवाड का नगर निगम जयपुर (ग्रेटर) के अन्तर्गत आने वाले भाग को छोडकर शेष समस्त भाग, तहसील सांगानेर का नगर निगम जयपुर (ग्रेटर) के अन्तर्गत आने वाले भाग को छोडकर शेष समस्त भाग, तहसील आमेर का नगर निगम जयपुर (हेरीटेज) के अन्तर्गत आने वाले भाग को छोडकर शेष समस्त भाग, जालसू, बस्सी, तुंगा, चाकसू, कोटखावदा, जमवारामगढ, आंधी, चौमू, फुलेरा (मु.-सांभरलेक), माधोराजपुरा, रामपुरा डाबडी, किशनगढ रेनवाल, जोबनेर, शाहपुरा) हैं।

11.जयपुर : जयपुर जिले का पुनर्गठन कर जयपुर जिला गठित किया गया है जिसका मुख्यालय जयपुर होगा। नवगठित जयपुर जिले में 4 तहसील (जयपुर तहसील का नगर निगम जयपुर (हेरीटेज) एवं नगर निगम जयपुर (ग्रेटर) के अन्तर्गत आने वाला समस्त भाग, तहसील कालवाड का नगर निगम जयपुर (ग्रेटर) के अन्तर्गत आने वाला समस्त भाग, तहसील आमेर का नगर निगम जयपुर (हेरीटेज) के अन्तर्गत आने वाला समस्त भाग,तहसील सांगानेर का नगर निगम जयपुर (ग्रेटर) के अन्तर्गत आने वाला समस्त भाग) हैं।

12. कोटपूतली-बहरोड : जयपुर एवं अलवर जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला कोटपूतली-बहरोड़ गठित किया गया है जिसका मुख्यालय कोटपूतली-बहरोड़ होगा। नवगठित कोटपूतली-बहरोड़ जिले में 8 तहसील (बहरोड़, बानसूर, नीमराना, मांढण, नारायणपुर, कोटपूतली, विराटनगर, पावटा) हैं। कोटपूतली, विराटनगर, पावटा को जयपुर से जोड़ा गया है बाकी सभी को अलवर से जोड़ा गया है।

13. खैरथल-तिजारा : अलवर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला खैरथल तिजारा गठित किया गया है जिसका मुख्यालय खैरथल होगा। नवगठित खैरथल-तिजारा जिले में 7 तहसील (तिजारा, किशनगढ़बास, खैरथल, कोटकासिम, हरसोली, टपूकडा, मुंडावर) हैं।

14. नीम का थाना : सीकर एवं झुन्झुनू जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला नीम का थाना गठित किया गया है जिसका मुख्यालय नीम का थाना होगा। नवगठित नीम का थाना जिले में 5 तहसील (नीम का थाना, पाटन, श्रीमाधोपुर, उदयपुरवाटी, खेतड़ी) हैं। उदयपुरवाटी, खेतड़ी को झुन्झुनू से जोड़ा गया है बाकी सभी को सीकर से जोड़ा गया है।

15. ब्यावर : अजमेर, पाली एवं भीलवाडा जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला ब्यावर गठित किया गया है जिसका मुख्यालय ब्यावर होगा। नवगठित ब्यावर जिले में 7 तहसील (ब्यावर, टाटगढ़, जैतारण, रायपुर, मसूदा, विजयनगर, बदनोर) हैं। जैतारण, और रायपुर को पाली से, ब्‍यावर, टाटगढ, मसूदा और विजयनगर को अजमेर से और बदनोर को भीलवाडा से जोड़ा गया है।

16. केकड़ी : अजमेर एवं टोंक जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला केकड़ी गठित किया गया है जिसका मुख्यालय केकड़ी होगा। नवगठित केकड़ी जिले में 6 तहसील (केकड़ी, सावर, भिनाय, सरवाड़, टांटोटी, टोडारायसिंह) हैं। टोडारायसिंह को टोंक से जोड़ा गया है बाकी सभी को अजमेर से जोड़ा गया है।

17. सलूम्बर : उदयपुर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला सलूम्बर गठित किया गया है जिसका मुख्यालय सलूम्बर होगा। नवगठित सलूम्बर जिले में 5 तहसील (सराड़ा, सेमारी, लसाड़ियााटी, सलूम्बर, झल्लारा) हैं।

18. सांचौर : जालोर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला सांचौऱ गठित किया गया है जिसका मुख्यालय सांचौऱ होगा। नवगठित सांचौर जिले में 4 तहसील (सांचौऱ, बागौडा, चितलवाना, रानीवाड़ा) हैं।

19. शाहपुरा : भीलवाड़ा जिले का पुनर्गठन कर नया जिला शाहपुरा गठित किया गया है जिसका मुख्यालय शाहपुरा होगा। नवगठित शाहपुरा जिले में 6 तहसील (शाहपुरा, जहाजपुर, काछोला, फूलियाकलां, बनेडा, कोटडी) हैं।

प्रशासनिक और भौगोलिक तौर पर अपरिवर्तित जिलों की संख्या : 14 (हनुमानगढ़, चूरू, सिरोही, राजसमंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चितौड़गढ़, कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी, दौसा व धौलपुर)

तथ्य

प्रतापगढ़ को प्राचीन काल में कांठल व देवला/देवलीया के नाम से जाना जाता था।

कांठल का ताजमहल - काका साहब की दरगाह।

कांठल की गंगा - माही नदी।

राजस्थान का सबसे बड़ा जिला - जैसलमेर(38401 वर्ग किमी.)।

जैसलमेर भारत का तीसरा सबसे बड़ा जिला है। सबसे बड़ा जिला गुजरात का कच्छ(45,612 वर्ग किमी.) जिला है। दुसरा सबसे बड़ा जिला लद्दाख का लेह जिला है।

राजस्थान का सबसे छोटा जिला - दूदू(राजस्थान सुजस अगस्त 2023)।

राजस्थान के जिलों की आकृतियां

जिलाआकृति
जैसलमेर अनियमित बहुभुज
दौसा धनुषाकार
चित्तौड़ घोड़ की नाल सदृश्य

राजस्थान के संभाग

देश को बेहतर ढंग से चलाने के लिए और व्यवस्था को बेहतर बनाये रखने के लिए देश को राज्यों में बांटा जाता है। फिर राज्यों को जिलों में बांटा जाता है। राजस्थान में राज्य और जिलों के बिच संभाग है। कई जिलों को जोड़ कर संभाग बनाया जाता है।

3 नए संभागों के गठन के बाद राजस्थान में वर्तमान में 10 संभाग हैं।

क्र. सं.संभागजिलों की संख्याजिले
1जयपुर7जयपुर, जयपुर (ग्रामीण), दूदू, बहरोड-कोटपूतली, दौसा, खैरथल-तिजारा, अलवर
2अजमेर7अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक, नागौर, डीडवाना-कुचामन, शाहपुरा
3भरतपुर6भरतपुर, धौलपुर, करौली, डीग, गंगापुरसिटी, सवाई माधोपुर
4जोधपुर6जोधपुर, जोधपुर (ग्रामीण), फलौदी, जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा
5उदयपुर5उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद,सलुम्बर
6सीकर (नया सम्भाग)4सीकर, झुन्झुनूं, नीम का थाना, चूरू
7बीकानेर4बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़
8कोटा 4कोटा, बून्दी, बारां, झालावाड़
9पाली (नया सम्भाग)4पाली, जालौर, सांचौर, सिरोही
10बांसवाड़ा (नया सम्भाग)3बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़

प्रशासनिक और भौगोलिक तौर पर अपरिवर्तित संभाग - कोटा संभाग।

जयपुर संभाग व बीकानेर संभाग में से सीकर, जोधपुर संभाग में से पाली एवं उदयपुर संभाग में से बांसवाड़ा संभाग का गठन किया गया है।

वर्तमान में राजस्थान में 7 जिलों वाले 2 संभाग(जयपुर व अजमेर) है तथा 6 जिलों वाले 2 संभाग (जोधपुर, भरतपुर) है।

राजस्थान में संभागीय व्यवस्था की शुरूआत 1949 में हीरालाल शास्त्री सरकार द्वारा की गई। अप्रैल, 1962 में मोहनलाल सुखाडि़या सरकार के द्वारा संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। 15 जनवरी, 1987 में हरि देव जोशी सरकार के द्वारा संभागीय व्यवस्था की शुरूआत दुबारा की गई।

1987 में राजस्थान का छठा संभाग अजमेर को बनाया गया। यह जयपुर संभाग से अलग होकर नया संभाग बना। 4 जुन, 2005 को राजस्थान का 7 वां संभाग भरतपुर को बनाया गया।

तथ्य

राज्य के प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री - हिरा लाल शाश्त्री (1949-1951)

राजस्थान के पहले आम चुनाव कब हुए - जनवरी 1952

पहले आम चुनाव में विधानसभा में कितनी सीटे थी -160 सीटे थी ।

विधान सभा की पहली बैठक कब और कहाँ हुई - 29 मार्च 1952 को सवाई मानसिंह टाउन हाल में ।

प्रथम राजस्थान विधान सभा (1952-1957) का उद्घाटन 31 मार्च 1952 को हुआ।

राज्य के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री - टिकाराम पालीवाल (1952)

सर्वाधिक मुख्यमंत्री रहने का रिकोर्ड - मोहनलाल सुखाडिया (17 वर्ष)

आधुनिक राजस्थान का निर्माता - मोहनलाल सुखाडिया ।

सबसे कम अवधि तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता - हीरालाल देवपुरा (16 दिन)

राजस्थान में अनुसूचित जाती के पहले मुख्यमंत्री - जगन्नाथ पहाड़िया (भुसावर -भरतपुर)

नया विधान सभा भवन कब बनाया गया - 2001 में

इसमें किन स्थानों के पत्थरो का उपयोग किया गया है - जोधपुर और करोली के पत्थरों का ।

राजस्थान के उस महाराजा का नाम बताओ जो स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी राजप्रमुख रहा - सवाई मानसिंह (1949-1956)

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