राजस्थान में 20 अगस्त 2020 से ‘इंदिरा रसोई योजना’ लॉन्च की गई।
यह राजस्थान सरकार के “नो हंगर नो स्लीप” के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम है।
इस योजना के तहत, जरूरतमंद और गरीबों को 8 रुपये प्रति प्लेट में स्वस्थ और पौष्टिक भोजन मिलेगा। एक प्लेट की कीमत ₹20 रहेगी। जिस में से राज्य सरकार ₹12 अनुदान देगी।
योजना पर राज्य सरकार प्रति वर्ष 100 करोड़ खर्च करेगी।
पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर बनी इंदिरा रसोई योजना राज्य के 213 शहरी स्थानीय निकायों में 358 रसोई में चलेगी।
योजना के तहत 100 ग्राम दालों, 100 ग्राम सब्जियों, 250 ग्राम चपाती और अचार का एक मेनू 4.87 करोड़ लोगों को परोसा जाएगा।
इस योजना के तहत प्रतिदिन 1.34 लाख एवं प्रतिवर्ष 4 करोड़ 87 लाख लोगों को भोजन का लक्ष्य है।
सरकार ने देसी गाय के हाईटेक डेयरी फार्म को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु डेयरी योजना शुरू की है।
इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के चलते नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराना एवं उनके इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाना है।
इस योजना में एक इकाई अधिकतम 36.68 लाख की होगी।
योजना में 15-15 गायों का क्रय कर डेयरी स्थापित की जाएगी।
इस योजना में प्रोजेक्ट लागत का 30% सरकार के द्वारा खर्च किया जाएगा और 10% राशि डेयरी स्थापित करने वाले उद्यमी को इन्वेस्ट करनी होगी। 60% राशि बैंक द्वारा लोन दी जाएगी अर्थात इस योजना के तहत किसानों और पशुपालकों को 90 प्रतिशत तक लोन दिया जाएगा।
डेयरी स्थापित करने वाले शिक्षित पशुपालक को पशुपालन का अनुभव और खुद की भूमि होना आवश्यक है।
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राज्य सरकार की ओर से उनकी संपत्ति के लिए ‘संपत्ति कार्ड’ दिया जाएगा।
प्रदेश के समस्त 46,543 गांवों की आबादी का ड्रोन के माध्यम से सर्वे कर ग्राम मानचित्र तैयार किए जाएंगे। यह काम अगले दो वर्ष में होगा।
इससे गांवों में आबादी क्षेत्र में संपत्ति संबंधी विवादों में कमी आने का अनुमान है।
ग्राम पंचायत विकास योजना बेहतर तरीके से तैयार करने में मदद मिलेगी।
5 जून 2020 को पहली बार थाना स्तर तक संवाद करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री पुलिस पदक योजना लागू करने की घोषणा की है।
साथ ही पुलिस कर्मियों के लिए रोडवेज बसों में स्थाई पास योजना भी शुरू करने की घोषणा की है।
राजस्थान सरकार द्वारा राज कौशल पोर्टल और ऑनलाइन श्रमिक रोजगार विनिमय(ऑनलाइन श्रमिक एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज) की शुरुआत की गई है।
इस पोर्टल को सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग (आईटी) और राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) द्वारा विकसित किया गया है।
पोर्टल में 12 लाख प्रवासी श्रमिकों के साथ कुल 53 लाख से अधिक श्रमिकों एवं जनशक्ति का डाटा शामिल किया गया है।
लगभग 11 लाख से अधिक नियोक्ताओं को भी इस पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है।
1 जून 2020 से शुरू इस योजना के तहत किसान अपनी उपज को रहन रखकर 3% ब्याज पर डेढ़ लाख से तीन लाख रुपए तक का ऋण ले सकेंगे
लघु एवं सीमांत किसान - 1.50 लाख रुपए
बड़े किसान - 3 लाख रुपए
इस योजना के अंतर्गत किसान को उसकी उपज का 70% ऋण मिलेगा।
योजना के पहले चरण में 25,000 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
यह योजना कम दामों में फसल बेचने की मजबूरी में मददगार होगी।
सरकार ने 17 मार्च 2020 को पहल करते हुए इंदिरा गांधी मातृ पोषण योजना के तहत 5 वर्ष में लगभग 3.75 लाख महिलाओं पर 225 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
यह राशि माता के खाते में अलग-अलग चरणों में निर्धारित शर्ते पूरी करने पर दी जाएगी। नई महिला नीति 2020 के तहत प्रदेश स्तर पर इस योजना की मॉनिटरिंग की जाएगी।
राज्य के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चार जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा व प्रतापगढ़ में महिलाओं को दूसरी संतान के जन्म पर 6 हजार रुपए की राशि दी जाएगी।
इन जिलों में पोषण के संकेतक राजस्थान के औसत की तुलना में कम होने के कारण इन पर विशेष ध्यान देने के लिए इनका चयन किया गया है।
यह योजना केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का पूरक होगी जो पहले बच्चे के जन्म के लिए ₹5,000 प्रदान करती है।
इस योजना में 100% अंशदान राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जाएगा।
कुपोषण मुक्त भारत बनाने कि दिशा में कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र मे जनसहभागिता से कुपोषण मिटाने के लिऐ सुपोषित मां अभियान शुरू हुआ।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने 29 फरवरी 2020 से कोटा, राजस्थान से राष्ट्रीय सुपोषित मां अभियान शुरू किया है।
अभियान की अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास विभाग की केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने भामाशाह मंडी परिसर में की।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को दुरुस्त बनाए रखना है, ताकि भारत को कुपोषण मुक्त किया जा सके।
इसके तहत कुपोषण की शिकार गर्भवती महिलाओं को पूरे 9 माह तक विशेष पोषण आहार दिया जाएगा।
इस अभियान के तहत 1000 महिलाओं को 1 महीने की भोजन सामग्री 12 महीने तक दी जाएगी। वहीं, मेडिकल, जांच, रक्त, दवा, प्रसव समेत जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य की चिंता की जाएगी।
इस योजना के तहत किसानों को अपनी फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए खेतों के चारों ओर तारबंदी करवाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का प्रावधान है।
इस योजना के अंतर्गत तारबंदी का 50% खर्चा सरकार द्वारा तथा शेष 50% किसान द्वारा उठाया जाएगा।
तारबंदी योजना के तहत अधिकतर राज्य के छोटे एवं सीमांत किसानों को ही लाभ मिलेगा।
अधिकतम 400 मीटर तक की तारबंदी के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास लगभग 0.5 हेक्टेयर की कृषि भूमि होना आवश्यक है।
13 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है, कि राज्य में मुख्यमंत्री राज नीर योजना लागू की जाएगी जिसके तहत राज्य के शहरी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं की मासिक जल खपत 15000 लीटर से कम होने पर जल शुल्क माफ किया जाएगा।
इसके लिए खराब पड़े वाटर मीटरों को स्मार्ट वाटर मीटरों से बदला जाएगा। पहले चरण में एक लाख से अधिक आबादी वाले 29 शहरों में आगामी 3 वर्षों में 10 लाख वाटर मीटर बदले जाएंगे। इसके लिए वित्त वर्ष 2020-21 में 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं को 55 एलपीसीडी निःशुल्क पेयजल आपूर्ति की जाएगी तथा मरूस्थलीय क्षेत्रों में 70 एलपीसीडी तक जल उपभोग माफ रहेगा।
13 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है, कि कृषि क्षेत्र में नए निवेश के लिए ट्रांसफॉर्मिंग एंड हार्वेस्टिंग एग्रीकल्चर एंड अलाइड सेक्टर इन राजस्थान (थार) योजना लाई जाएगी।
इसके माध्यम से खेती में लागत को कम करना, किसानों की आमदनी में वृद्धि करना, कृषि प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करना, कृषि में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़़ावा देना तथा राज्य के कृषि एवं संबंधित उत्पादों को ब्रांड राजस्थान के तहत देश एवं दुनिया के बाजारों तक पहुंचाने आदि नवाचार शामिल होंगे।
निरोगी राजस्थान अभियान की शुरुआत 18 दिसंबर 2019 को गहलोत सरकार के 1 वर्ष पूर्ण होने पर की गई।
इस अभियान के तहत राजस्थान में मिलावट रोकने और नशा मुक्ति के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
स्वास्थ्य मित्र इसके ब्रांड एंबेसडर होंगे।
प्रदेश के सभी राजस्व गांव से एक-एक महिला और पुरुष का चयन स्वास्थ्य मित्र के रुप में किया जाएगा।
स्वास्थ्य मित्र 40-55 आयु सीमा के स्वस्थ व्यक्ति होंगे।
निरोगी राजस्थान दिवस 17 दिसंबर को मनाया जाएगा।
नवंबर 2019 में इसके तहत राजस्थान में सामूहिक विवाह के लिए अनुदान राशि ₹15000 से बढ़ाकर ₹25000 कर दी गई है। इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार प्रतिवर्ष 19 नवंबर को इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर प्रदान किए जाते हैं।
राजस्थान महात्मा गांधी आदर्श ग्राम योजना 27 नवंबर 2019 को लागू की गई।
इस योजना के अनुसार प्रत्येक जिले के एक गांव का चयन कर गांधीवादी मूल्यों के अनुसार विकास किया जाएगा।
13 सितंबर 2019 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लांच किया गया।
अशोक गहलोत सरकार द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत आम जनता तक सरकार की गतिविधियों व योजनाओ की जानकारी पहुंचे इसे सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान जन सूचना पोर्टल को शुरू किया गया है। इसे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। जिससे भष्टाचार को कम किया जा सकेगा।
राजस्थान जन सुचना पोर्टल को सभी जन कल्याणकारी योजनाओ की जानकारी एक ही वेब पोर्टल के जरिये उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
1 सितंबर 2019 से लागू की गई है।
राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना और केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को एकीकृत कर यह योजना लागू की गई है।
इसके तहत 1 करोड़ 10 लाख से अधिक परिवारों को निशुल्क चिकित्सा लाभ मिलेगा।
चिकित्सा सुविधाएं कैशलेस उपलब्ध होगी।
जून 2019 बजट में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के स्थान पर इस योजना की घोषणा की गई।
राजीव गांधी जल संचय योजना के मुख्य उद्देश्यों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना, विभिन्न संसाधनों के समुचित दोहन से परम्परागत पेयजल/ जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करना शामिल है।
अन्नपूर्णा दुग्ध योजना में सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को सप्ताह में तीन दिन के स्थान पर अब सितम्बर माह से मिड-डे-मील के साथ-साथ प्रतिदिन दूध पिलायेंगे. इसके लिए 203 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं और किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषाहार के साथ-साथ सप्ताह में तीन दिन दूध पिलाया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपए दिये जाएंगे. सितम्बर माह को 'पोषण माह' के रूप में मनाया जाएगा. इसके तहत राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर, पोषण एवं स्वास्थ्य के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा की जाएगी.
775 करोड़ रुपए की लागत से 94 नये विद्यालय भवन और 2400 विद्यालयों में 7,080 अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण किया जाएगा.
स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूलों में अब 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई भी शुरू की जाएगी. अब तक इन विद्यालयों में कक्षा 6 से 12वीं तक की ही पढ़ाई होती थी. इन विद्यालयों में 101 करोड़ रुपए की राशि से प्राथमिक स्तर के लिए भवन निर्माण कराये जाएंगे.
रेगिस्तानी, सहरिया एवं जनजाति क्षेत्र में स्थित 20 स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूलों में 40 करोड़ रुपए की लागत से 100 छात्रों की क्षमता वाले आवासीय बालिका छात्रावासों का निर्माण कराया जाएगा.
राज्य में संचालित कक्षा 6 से 8 तक के 26 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को सीनियर सैकण्डरी स्कूल तक क्रमोन्नत किया जाएगा. 11 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की आवासीय क्षमता 50 से बढ़ाकर 100 की जाएगी.
रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 185 नये माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की जाएगी. उल्लेखनीय है कि 700 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा पहले से ही दी जा रही है और इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं.
सभी राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालय खोले जाएंगे. इस पर 62 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सहायता राशि बढ़ाकर 3500 रुपए प्रति विद्यार्थी की जाएगी.
वर्तमान में 1 अप्रैल, 1971 के बाद शहीद हुए सैनिकों के आश्रित को सरकारी नौकरी दिए जाने का प्रावधान है. अब 15 अगस्त, 1947 से 31 दिसम्बर, 1970 तक शहीद हुए सैनिकों के एक-एक ऐसे आश्रित को इस संबंध में विशेष नियम के तहत सरकारी नौकरी दी जाएगी.
Induction furnaces, Mild Steel Re-rolling Mills तथा Mild Steel Rolling Mills के लिए Electricity Duty दर 52 पैसे प्रति यूनिट से घटाकर अन्य औद्योगिक श्रेणी की इकाईयों के समान 40 पैसे प्रति यूनिट की जाएगी.
जिला रोजगार अधिकारी को जिला कौशल एवं व्यावसायिक अधिकारी District Skill & Vocational Training Officer बनाया जाएगा.
प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक लाख से अधिक Train Vehicle Unit की 26 रेल्वे फाटकों पर रेल्वे की सहभागिता से 1188 करोड़ रुपए की लागत से ROB का निर्माण कराया जाएगा. प्रदेश के 7 जिलों में 75 करोड़ रुपए की लागत से 345 RUB का निर्माण भी कराया जाएगा.
9 अगस्त, 2018 को विश्व जनजाति कल्याण दिवस के मौके पर सहकारी क्षेत्र से जुडे़ TSP Area के सभी लघु एवं सीमांत किसानों के लिए दीर्घ कालीन कृषि ऋण पर 2% अतिरिक्त ब्याज अनुदान देने की घोषणा की गई थी. इसका विस्तार करते हुए सम्पूर्ण प्रदेश में समय पर किश्त चुकाने वाले किसानों को भी 31 मार्च, 2019 तक के भूमि विकास बैंक से संबंधित दीर्घकालीन कृषि ऋण 5.50% की रियायती दर पर उपलब्ध कराया जायेगा. इसके लिए 2% ब्याज अनुदान का वित्तीय भार राज्य सरकार वहन करेगी.
पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित तीज-त्यौहारों, मेलों एवं अन्य आयोजनों के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा लोक मान्यताओं से जुड़े पारम्परिक मेलों, त्यौहारों और आयोजनों को प्रोत्साहित करने के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा.
ढाई लाख बालिकाओं को आत्म रक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगी. इस पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
राज्य सरकार ने चालू बजट 2018-19 में 12 फरवरी, 2018 को इस योजना का शुभारंभ किया।
इस योजना में 50 हजार परिवारों को 50 हजार तक का ऋण 4 प्रतिशत ब्याज पर बिना रहन उपलब्ध करवाया जायेगा।
अनुप्रति योजना के अन्तर्गत अन्तिम परीक्षा में 85 प्रतिशत प्राप्त करने पर लाभ।
राज्य सरकार ने चालू बजट 2018-19 में 12 फरवरी, 2018 को इस योजना का शुभारंभ किया।
देवनारायण योजना में भर्तृहरि (अलवर) एवं आननपुरा (करौली) में 2 आवासीय विद्यालयों सहित 10 नवीन आवासीय विद्यालयों का तथा गुड़ामलानी (बाड़मेर) में एक छात्रावास का निर्माण करवाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा प्रत्येक नगरपालिका क्षेत्र में अंबेडकर भवन भी बनाए जाएंगे।
राज्य सरकार ने चालू बजट 2018-19 में 12 फरवरी, 2018 को इस योजना का शुभारम्भ किया।
राजस्थान सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सुंदर सिंह भंडारी स्वरोजगार योजना (Sundar Singh Bhandari Swarojgar Yojana) की घोषणा की है | इस योजना के तहत सरकार Economically Backward Class (EBC) उम्मीदवारों को 50,000/- रुपये तक का ऋण प्रदान करेगी | Economically Backward Class (EBC) उम्मीदवारों को यह ऋण 4% ब्याज दर पर मिलेगा | इस योजना की घोषणा राजस्थान बजट 2018-19 में की गई है |
राज्य के राजकीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को 2 जुलाई से पोषाहार के साथ दूध भी दिया जाएगा। राजकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की गई है।इस योजना के तहत कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को 150 एम.एल. व कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को 200 एम.एल. दूध विद्यालयों में दिया जाएगा। दूध वितरण का प्रबंध विद्यालय प्रबंध समितियों के मार्गदर्शन में होगा। मिडडेमील के भोजन के दौरान, सप्ताह में छह दिन दोपहर का भोजन दिया जाता है। इस योजना के तहत दूध सप्ताह में तीन दिन दिया जाएगा। शहरी इलाकों में, गर्म दूध सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को और ग्रामीण क्षेत्रों में, मंगलवार, गुरुवार और शनिवार या शहरी क्षेत्रों के समान प्रदान किया जाएगा। प्रार्थना सभा के बाद दूध वितरण किया जाना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मादी ने 8 मार्च 2018 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर झुन्झुनू(राजस्थान) से राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरूआत की।
राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य ठिगनापन, अल्पपोषण, रक्ताल्पता को कम करना एवं प्रतिवर्ष अल्प वजनी बच्चों के प्रतिशत में कमी लाना है।
इसका वित्त पोषण 50 प्रतिशत सरकारी बजटीय समर्थन द्वारा तथा 50 प्रतिशत आईबीआरडी द्वारा होगा।
वर्ष 2017-18 में इस मिशन पर 9046.17 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
केन्द्र तथा राज्यों/संघ क्षेत्रों के बीच 60ः40, पूर्वोत्तर क्षेत्रों तथा हिमालयी राज्यों के लिए 90ः10 तथा संघ राज्य क्षेत्रों के लिए 100 प्रतिशत सरकारी बजटीय समर्थन होगा।
तीन वर्ष की अवधि में 2849.54 करोड़ रूपये का व्यय होगा।
वर्ष 2017-18 में यह मिशन देश के 315 जिलों में, वर्ष 2018-19 में 235 जिलों में वर्ष 2019-20 में शेष जिलों में चलाया जाएगा।
राजस्थान में किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य के 25 लाख से अधिक किसानों का 10 लाख रू तक दुर्घटना बीमा किया जाएगा।
इस संबंध में ‘राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा’ योजना लागू कर दी गई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की इस संबंध में की गई घोषणा के पालन में 1 अप्रैल, 2018 से 31 मार्च, 2019 तक दुर्घटना बीमा किया जाएगा।
वर्ष 2018-19 में सहकारी बैंकों से अल्पकालीन फसली ऋण लेने वाले सभी किसानों का अनिवार्य रूप से व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना में फसली ऋणी किसानों को 27 रुपए वार्षिक प्रीमियम पर 6 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है।
चालू वित्तीय वर्ष(2018-19) में प्रदेश के 25 लाख किसानों को 16,000 करोड़ का ब्याज मुक्त फसली ऋण बांटा जा रहा है, जिन किसानों को यह ऋण दिया जा रहा है, वे सभी दुर्घटना बीमा की योजना में शामिल होंगे।
राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री ने 10 मार्च, 2018 को राजसमन्द जिले की गिलूण्ड ग्राम पंचायत के मालीखेड़ा गांव में 8 लाख की लागत से नवस्थापित और ऊर्जा चलित पनघट येाजना का उद्घाटन किया।
सौर ऊर्जा चलित पनघट पनघट योजना के लिए जलदाय विभाग ने एक 5000 लीटर क्षमता की टंकी रखवाई है। इसमें सौर ऊर्जा चलित सिस्टम स्थापित किया है।
पनघटन योजना पर बैटरी रहित सौर ऊर्जा की प्लेट्स लगाई है जो सूर्योदय के साथ चालू तथा सूर्यास्त के साथ बन्द हो जाती है।
केन्द्रीय पेयजल स्वच्छता मंत्री ने राजस्थान के करौली जिले के भीकमपुरा गांव में 27 फरवरी 2018 को स्वजल पायलट परियोजना का शुभारम्भ किया।
इस परियोजना की लागत राशि 54.17 लाख से अधिक है।
यह परियोजना सतत पेयजल आपूर्ति हेतु समुदाय के स्वामित्व वाला पेयजल कार्यक्रम है।
इस योजना के अन्तर्गत परियोजना की लागत का 90 प्रतिशत खर्च का वहन सरकार करेगी तथा शेष 10 प्रतिशत व्यय समुदाय के योगदान से किया जाएगा।
इस परियोजना के परिचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी स्थानीय ग्रामीणों की होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 मार्च, 2018 को झुन्झुनूं(राजस्थान) से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को शेष सभी जिलों में शुरू किया।
यह अभियान देश के 714 नए जिलों में शुरू किया।
यह अभियान 22 जनवरी 2015 को देश के 100 जिलों में शुरू किया गया। फिर इसमें 61 जिलों को शामिल किया गया। अर्थात् अभी यह देश के 161 जिलों में चल रहा था।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मिशन के पहले चरण में झुन्झुनूं लिंगानुपात वृद्धि के मामले में राजस्थान में सबसे आगे रहा। इसलिए झुन्झुनू जिले का चयन किया गया।
इस योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी द्वारा देश के 100 जिलों में की गई। जहां पिछले 10 वर्षो में लिंग अनुपात में तेजी से गिरावट आई थी।
इस योजना का उद्देश्य लड़कियों को सशक्त करना और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना।
बालिकाओं के प्रति होने वाले भेदभाव को खत्म करना है।
यह योजना राज्य के 10 जिलों(अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, झुन्झुनू, जयपुर, सीकर, करौली, सवाई माधोपुर और श्रीगंगानगर) में संचालित कि जा रही है।
योजना के द्वितीय चरण में चार नये जिलों(जैसलमेर, जोधपुर, हनुमानगढ़ और टोंक) का जोड़ा गया है।
24 जनवरी 2018
लक्ष्य - शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बालिका काॅलेजों और स्कूलों में लड़कियों को अपराध के खिलाफ आवाज उठाने औश्र लड़ने के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना शुरू की गई।
मुख्यमंत्री श्रीमति वसुन्धरा राजे ने विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर 16 अक्टूबर 2017 को गरीबों और जरूरतमंदों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अन्नपूर्णा रसोई योजना के दूसरे चरण की शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने 51 स्मार्ट मोबाइल वैन को अजमेर से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। 13 दिसम्बर 2017 तक प्रदेश की सभी 191 स्थानीय निकायों में 500 स्मार्ट मोबाइल वैनों के माध्यम से मात्र 5 रूपये में नास्ता व 8 रूपये में दोपहर व रात्रि को भोजन उपलब्ध कराया गया।
शेष 21 जिलों में यह योजना दूसरे चरण में शुरू की गई।
अन्नपूर्णा रसोई का सिद्धान्त - सबके लिए भोजन सबके लिए सम्मान।
इस योजना का शुभारम्भ माननीया मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा 15 दिसंबर 2016 को किया गया है। पहले चरण में यह योजना 12 जिलों में शुरू की गई।
माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के सभी इच्छुक परिवारों को विद्युत उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर ‘सौभाग्य योजना’ का 25 सितम्बर, 2017 को शुभारम्भ किया।
राज्य सरकार द्वारा सौभाग्य योजना में शामिल होकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के क्रियान्वयन से वंचित परिवारों को विधुत उपलब्ध करने हेतु योजना है।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम अपनी बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन के साथ-साथ सी.सी.टीवी. कैमरा और जी.पी.एस. व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगाने का प्रयोग शुरू किया। इन बसों को महिला गौरव एक्सप्रेस का नाम दिया। जिसका उद्घाटन केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने नई दिल्ली में बीकानेर हाउस में किया। पहले चरण में रोड़वेज की 2382 बसों में इस तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम इस तरह प्रयोग करने वाला देश का पहला निगम हो गया।
26 सितम्बर 2017 को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जवाहर कला केन्द्र में इस योजना का शुभारम्भ किया।
इस योजना के तहत गांवों में महिला सुरक्षा के लिए वाॅलीन्टियर्स लगाए जायेंगे।
यह योजना महिला हिंसा की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की अभिनव पहल है।
यह योजना समाज में महिलाओं की स्थिति सशक्त करने में अहम् होगी।
योजना की शुरूआत 7 जिलों(बांसवाड़ा, बूंदी, जालौर, झालावाड़, नागौर तथा प्रतापगढ़) से की गई।
नगरीय निकाओ से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु 10 मई से 10 जुलाई 2017 को यह अभियान चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शाहपुरा(जयपुर) नगरपालिका क्षेत्र के 11 लाभार्थियों को पट्टे सौंपकर अभियान का शुभारम्भ किया।
गाड़िया लौहार व घुमन्तु जातियों के लिए 50 वर्ग गज भूमि आवंटन निःशुल्क होगा।
इस योजना के द्वारा किसान को स्वयं के क्षेत्र में उच्च गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन में मदद करना।
पायलट परियोजना के तहत इस योजना के लिए कोटा, भीलवाड़ा और उदयपुर जिलों का चयन किया गया।
इस योजना के तहत गेहूं, जवार, सोयाबीन, मूंग, उड़द आदि कई फसलों के बीज उत्पादन किए जायेंगे।
7 जनवरी 2017 को झालावाड़ जिले की कंवरपुरा मंडवालान पंचायत समिति से शुरूआत की।
लक्ष्य - गांवों को स्वच्छ, सुन्दर बनाना, गांवों में स्वच्छता का वातावरण पैदा करना। लोगों को स्वच्छता के संबंध में जागरूक करना ठोस कचरे के प्रबन्धन से पुनः प्रयोग में लेने योग्य सामग्री बनाना है।
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के दूध उत्पादक किसानों हेतु 1 जनवरी 2017 को यह योजना शुरू की।
लक्ष्य - राजस्थान को-आॅपरेटिव डेयरी फैडरेशन से जुड़े किसानों को इस योजना के तहत 5 लाख रूपये का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा लाभ मिलेगा।
दुध उत्पादक किसानों के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा राशि देने वाली यह देश की पहली योजना है।
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति जनजाति के दूध उत्पादक किसानों को मात्र 20 रूपये 25 पैसे वार्षिक प्रीमियम देना होगा। जबकि अन्य वर्ग के दूध उत्पादकों के लिए प्रीमियम राशि 24 रूपये 30 पैसे है। राज्य सरकार ने यूनाइटेड इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड से एमओयू किया है।
1 जनवरी 2017 से शुरूआत
युवाओं में कौशल बढ़ाने के लिए 1 लाख तक का लोन देंगे।
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