गरीब परिवार की महिलाओं को 450 रुपये में LPG Cylinder, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 8 हजार रुपये किये जाने के साथ-साथ गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस दिया गया है।
परिवर्तित बजट में अमृत कालखण्ड-‘विकसित राजस्थान / 2047’ (दो हजार सैंतालीस) के अन्तर्गत 5 वर्षों की कार्ययोजना
बनाकर ‘सर्वजन हिताय’ आधारित समावेशी विकास का लक्ष्य रखा है। इस कार्ययोजना के अन्तर्गत भविष्य के लिए हमारे दस संकल्प हैं-
जल जीवन मिशन-इस वर्ष 15 हजार करोड़ रुपये व्यय कर 25 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल पहुँचाने का लक्ष्य
जल जीवन मिशन के तहत 5 हजार 846 (पांच हजार आठ सौ छियालीस) अतिरिक्त गांवों को सतही जल (Surface
Water) के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगभग 20 हजार 370 करोड़ (बीस हजार तीन सौ सत्तर करोड़) रुपये की लागत से 6 वृहद पेयजल परियोजनाओं का कार्य हाथ में लिए जाने की घोषणा।
क्र.सं. | सतही स्रोत आधारित पेयजल परियोजना | लागत |
---|---|---|
1. | चम्बल नदी आधारित वृहद पेयजल परियोजना- करौली, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी | 2 हजार 944 करोड़ रुपये |
2. | चम्बल नदी आधारित वृहद पेयजल परियोजना- अलवर, भरतपुर, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा | 5 हजार 374 करोड़ रुपये |
3. | चम्बल नदी आधारित कालीतीर जलप्रदाय परियोजना -धौलपुर, भरतपुर | 710 करोड़ रुपये |
4. | जाखम बांध आधारित वृहद पेयजल परियोजना- चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद व उदयपुर | 3 हजार 530 करोड़ रुपये |
5. | इंदिरा गांधी नहर आधारित वृहद पेयजल परियोजना -सीकर, झुंझुनूं व नीमकाथाना | 7 हजार 582 करोड़ रुपये |
6. | इंदिरा गांधी नहर आधारित वृहद पेयजल परियोजना -देचू व लोहावट (फलौदी) | 230 करोड़ रुपये |
घोषणा : 15 अगस्त 2019
वर्ष 2024 तक 100 से अधिक आबादी वाले गाँवो में हर घर नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है।
55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना।
केंद्र तथा राज्य की भागीदारी- 50-50
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रा में आवश्यकतानुसार 20&20 Handpumps व 10&10 Tubewells
‘विकसित राजस्थान @ 2047’ (दो हजार सैंतालीस) के सपने को साकार करने की दृष्टि से आगामी 10 वर्षों में प्रदेश में विद्युत मांग में संभावित 6 प्रतिशत वृद्धि दर के लिए भी आवश्यक ऊर्जा उत्पादन की कार्ययोजना तैयार की गई है।
वर्ष 2031-32 तक परम्परागत स्रोतों से 20 हजार 500 मेगावाट क्षमता तथा अक्षय ऊर्जा के स्रोतों से 33 हजार 600 मेगावाट क्षमता (सोलर 22 हजार 200 मेगावाट, पवन 8 हजार 100 मेगावाट एवं हाइड्रो 3 हजार 300 मेगावाट) का उत्पादन सुनिश्चित करने हेतु कार्य।
सरकार की पहल पर RVUNL एवं केन्द्रीय उपक्रमों यथा-&NTPC, COAL India Limited, NLC India Limited के मध्य joint venture undertaking बनाकर 3 हजार 325 मेगावाट (तीन हजार तीन सौ पच्चीस मेगावाट) कोयला एवं लिग्नाईट आधारित परियोजनायें स्थापित करने हेतु Mou 10 मार्च, 2024 को किये गये।
वर्तमान में अनुबंधित 9 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा के अतिरिक्त 13 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए Tariff based Tender प्रक्रिया से 8 हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पादन के साथ ही ‘कुसुम योजना’ के तहत 5 हजार मेगावाट का कार्य प्रगतिरत है।
कुसुम योजना के अन्तर्गत 3 हजार 500 मेगावाट (तीन हजार पांच सौ मेगावाट) क्षमता की स्थापना के लिए Lol (Letters of Intent) जारी भी किये जा चुके हैं।
प्रारम्भ : 2019
उद्देश्य -सोलर पम्प एवं बंजर भूमी पर सोलर पैनल लगाकर नवीनीकरण उर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना।
लक्ष्य - 28750 MW विद्युत उत्पादन
सहायता = 60% (30 केन्द्र + 30 राज्य) 30% (बैंक से ऋण) 10% (किसान स्वयं)
प्रथम सोलर पम्प - कापड़ियावास-जयपुर
प्रथम सोलर पैनल - भालोजी (कोटपुतली)
वर्ष 2031-32 तक की ऊर्जा की मांग की पूर्ति हेतु 2 लाख 25 हजार करोड़ रुपये की लागत के कार्य करवाये जाने प्रस्तावित हैं।
अक्षय ऊर्जा के उत्पादन को गति देने के लिए आवश्यक Land Policy को भी लागू किया जा चुका है। अब निजी क्षेत्र के माध्यम से renewable energy के उत्पादन को भी गति देते हुए 50 हजार मेगावाट से अधिक उत्पादन क्षमता स्थापित करने की दिशा में पूगल, छतरगढ़-बीकानेर एवं बोडाना-जैसलमेर में सोलर पार्क विकसित किये जाने का कार्य हाथ में लिया जायेगा।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में ‘आदर्श सौर ग्राम’ बनाये जाना प्रस्तावित है। प्रत्येक ग्राम में 2 Mega Watt (MW) क्षमता तक के Decentralized Solar Power Plants की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।
घोषणा : 13 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा
लक्ष्य : 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान कर 1 करोड़ घरों को रोशन करना।
लागत : लगभत 75 हजार करोड़
प्रावधान :
बिजली से वंचित रहे 2 लाख 8 हजार से अधिक घरों को आगामी 2 वर्षों में domestic connections प्रदान किये जायेंगे।
Revamped Distribution Sector Scheme (RDSS) के अंतर्गत विद्युत छीजत (leakage) को रोकने तथा आमजन की सुविधा के दृष्टिगत समस्त विद्युत उपभोक्ताओं के चरणबद्ध रूप से smart meters लगाये जाने प्रस्तावित हैं। इस वर्ष 25 लाख से अधिक smart meters लगाये जायेंगे।
प्रति विधानसभा क्षेत्र 5 करोड़ रुपये की सड़कों व 3 करोड़ रुपये के अन्य आधारभूत संरचना के कार्यों की स्वीकृतियाँ भी जारी की जा चुकी हैं।
प्रदेश में, 5 वर्षों (हमारे इस सरकार के कार्यकाल में) में 53 (तिरेपन) हजार किलोमीटर लम्बाई का सड़क नेटवर्क लगभग 60 हजार करोड़ रुपये व्यय कर विकसित करने की घोषणा।
चरणबद्ध रूप से State Highways, सड़कों के साथ बाईपास सड़कों, Flyovers, Elevated Roads, ROBS व RUBs, High Level Bridges आदि के निर्माण तथा repair व उन्नयन के कार्य लगभग 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से करवाये जाने प्रस्तावित हैं।
प्रदेश में प्रथम बार 2750 किलोमीटर से अधिक की लम्बाई के 9 Green Field Expressways का निर्माण चरणबद्ध रूप से किये जाने हेतु इस वर्ष 30 करोड़ रुपये की लागत से DPR बनायी जानी प्रस्तावित है।
शहरी क्षेत्रों में प्रमुख सड़कों की मरम्मत एवं उन्नयन के लिए 500 करोड़ रुपये के प्रावधन की घोषणा।
विद्याधर भट्टाचार्य/मिर्ज़ा इस्माइल द्वारा जयपुर की planning का, हम इनसे प्रेरणा लेकर शहरी, ग्रामीण व क्षेत्रीय विकास के लिए कटिबद्ध हैं।
स्थापना : 18 नवम्बर 1727
शासक : सवाई जयसिंह (द्वितीय)
यूनेस्को द्वारा जुलाई 2019 में जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया गया है
शहरों के साथ ही Peri-Urban क्षेत्रों के सुनियोजित विकास को सुनिश्चित करने की दृष्टि से ‘Rajasthan Regional and Urban Planning Bill-2024’ लाया जाना प्रस्तावित है।
राजस्थान जैसे वृहद एवं विविधता से परिपूर्ण प्रदेश में प्रत्येक जिले की पृथक समस्यायें व आवश्यकतायें हैं। इनके प्रभावी निस्तारण एवं क्रियान्वयन के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान कर 'डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जिलाउ त्थान योजना' प्रारम्भ करने की घोषणा। योजना अन्तर्गत जन सहभागिता के कार्य प्राथमिकता से करवाये जायेंगे तथा क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर विशेषज्ञों की Mission Team गठित की जायेगी।
प्रदेश में जिला स्तर के एवं अन्य चयनित शहरी निकायों में Wi-Fi enabled Library and Co-working Stations की स्थापना लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से की जानी प्रस्तावित है।
प्रदेश के समस्त नगरीय क्षेत्रों के बाजारों एवं Public Places में महिलाओं के लिए चरणबद्ध रूप से Bio/Pink Toilet Complex स्थापित कराये जाने प्रस्तावित हैं। प्रथम चरण में, नगर निगम व नगर परिषद् क्षेत्रों में 67 (सड़सठ) toilet complex बनाये जायेंगे। इस हेतु लगभग 14 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
प्रदेश में Public Transport System के माध्यम से आमजन को सस्ती, सुरक्षित एवं आधुनिकतम यातायात सुविधा सुलभ कराने हेतु-
राजस्थान रोडवेज द्वारा 2 वर्षों में 500 बसें क्रय करने के साथ ही 800 और बसें Service Model पर लिया जाना प्रस्तावित है। इसके अन्तर्गत 300 इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल की जायेंगी।
प्रदेश में दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी यात्रियों की सुविधा के लिए लोक परिवहन सेवा प्रारम्भ की जायेगी।
प्रदेश में यात्रियों की सुविधा एवं Roadways की कार्य कुशलता बढ़ाने की दृष्टि से अजमेर, भरतपुर, दूदू, कोटा एवं उदयपुर सहित 10 जिला मुख्यालयों पर आधुनिकतम सुविधायुक्त Bus Ports/Stands का निर्माण करवाया जायेगा। साथ ही, विभिन्न Bus Stands, Depots एवं Workshops की repair, maintenance एवं public facilities हेतु 50 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की प्रशासनिक एवं संचालन व्यवस्था को बेहतर करने हेतु एक हजार 650 कार्मिकों की भर्ती की जायेगी।
जयपुर, जोधपुर, अजमेर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा एवं बीकानेर जैसे प्रमुख शहरों में city transport के लिए चरणबद्ध रूप से GCC model आधारित 300 electric buses क्रय की जायेंगी। साथ ही, ई-बसों के सुगम संचालन हेतु 25 करोड़ रुपये व्यय कर Modern Shelter cum Charging Stations स्थापित किये जायेंगे।
Jaipur Metro का विस्तार करने के लिए Jaipur Metro Rail Corporation को केन्द्र सरकार के साथ Joint Venture में परिवर्तित कर कार्य को गति दी जायेगी। साथ ही, Public Transport की सुविधा को बढ़ाने के लिए आवश्यकतानुसार Elevated Road का भी प्रावधान किया जायेगा।
शिलान्यास : 14 Feb 2011
संचालन : 3 June 2015
ऋण सहायता (फेज-1) : एशियाई विकास बैंक
पूर्वी राजस्थान के दूरस्थ क्षेत्रों के क्षेत्रीय विकास के लिए बृज क्षेत्रीय विकास योजना प्रारम्भ किये जाने की घोषणा। साथ ही, डांग, मगरा, मेवात एवं बृज क्षेत्रीय विकास योजनाओं हेतु इस वर्ष 50-50 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जाने प्रस्तावित हैं।
प्रारम्भ :1986-87
कार्यक्षेत्र : अलवर तथा भरतपुर के 14 ब्लॉक।
मेव बाहुल्य क्षेत्र के समग्र विकास अर्थात् आधारभूत ढांचा, रोजगार प्रदान करके आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना।
प्रारम्भ-2005-06
कार्यक्षेत्र - 8 जिलो (सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर, धौलपुर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड) की 26 पंचायत समिति बीहड़ युक्त तथा संकुचित घाटी युक्त इस डांग क्षेत्र के समग्र विकास अर्थात् रोजगार, शिक्षा, आधारभूत ढांचा, गुणवतापूर्ण जीवन आदि सुनिश्चित करने हेतु प्रारम्भ किया गया है।
प्रारम्भ - 2005-06
कार्यक्षेत्र - 5 जिलो (अजमेर, पाली, चितौड़, भीलवाड़ा, राजसमंद) के 16 ब्लाक
राजस्थान का दक्षिणी - मध्य भाग जो कि पहाड़ी क्षेत्र से घिरा हुआ है तथा जनजातीय क्षेत्र विकास योजना के तहत नही आता उसे मगरा क्षेत्र के नाम से जाना जाता है।
मगरा क्षेत्र के समग्र विकास हेतु यह योजना प्रारम्भ की गई हैं।
Ease of Doing Business (EoDB) एवं Sustainability आधारित Industrial Policy-2024 लायी जायेगी। इस नीति के माध्यम से Theme based Industrial Parks की स्थापना व Hassle Free Goods Transportation उपलब्ध कराने के साथ Research एवं Development (R&D) तथा Green Technology को बढ़ावा दिया जायेगा।
प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए Export Promotion Policy भी लाया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश में Textile सम्बन्धित उद्योग को और ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए पृथक Garment and Apparel Policy लाया जाना प्रस्तावित है।
Logistic Eco-system को विकसित करने तथा Supply Chain System को resilient बनाने के लिए Rajasthan Warehousing and Logistics Policy लायी जानी प्रस्तावित है।
विश्व के प्रमुख शहरों में चरणबद्ध तरीके से Rajasthan Foundation के नये Chapters शुरू किये जायेंगे।
गठन : 30 मार्च, 2001
मुख्यालय : जयपुर
उद्देश्य : राजस्थान से बाहर भारत के अन्य राज्यों में रहने वाले राजस्थानी मूल के लोगों की विशिष्ट आवश्यकताओं और चिंताओं का समाधान करना
पचपदरा रिफाइनरी-बालोतरा से निकलने वाले Downstream Products आधारित उद्योगों हेतु बालोतरा में Rajasthan Petro Zone (RPZ) की स्थापना की जानी प्रस्तावित है। साथ ही, प्रदेश में Defence Manufacturing Hub की भी स्थापना की जायेगी।
Global Companies से निवेश आमंत्रित करने के लिए जयपुर में ‘अमृत Global Technology and Application Centre’ की स्थापना 200 करोड़ रुपये की लागत से की जायेगी। साथ ही, Data Centre Policy भी लायी जायेगी।
शिलान्यास : 23 सितम्बर 2013 (श्रीमती सोनिया गांधी)
शुभारम्भ :16 जनवरी 2018 (नरेन्द्र मोदी)
देश की 26 वीं रिफाइनरी।
हिस्सेदारी : HPCL 74% : राजस्थान सरकार- 26%
देश की प्रथम रिफाइनरी जहां पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स की स्थापना होगी।
वर्तमान में लागत बढ़कर लगभग 72937 करोड़ हो गई है।
औद्योगिक पार्क/ क्षेत्र/Stone मंडी एवं आधारभूत कार्य -
वस्त्र नगरी-भीलवाड़ा | Textile Park |
बीकानेर | Ceramic Park |
बांदीकुई-दौसा | Industrial and Logistical Hub |
कांकाणी/रोहट-पाली | Solar Panel Manufacturing Park |
बांसवाड़ा | Biomass Pellet एवं Chemical Manufacturing Park |
किशनगढ़-अजमेर | Tiles Manufacturing Park |
जोधपुर | Handicraft Park |
श्रीराम जानकी औद्योगिक क्षेत्र
धर्मपुरा | बाड़मेर |
माल की तूस | उदयपुर |
वरकाना | पाली |
नैनवा | बूंदी |
थोलाई (जमवारामगढ़)-जयपुर में स्थापित Integrated Resource Recovery Park की तर्ज़ पर प्रदेश में 2 और Waste Recycling Parks की स्थापना
सौंखरी (कठूमर)-अलवर, करेडा (माण्डल)-भीलवाड़ा, पीपलूंद (जहाजपुर) -शाहपुरा, जुरहरा (कामां)-डीग एवं भिण्डर-उदयपुर में औद्योगिक क्षेत्र
जोधपुर-कांकाणी-रोहट-पाली-मारवाड़ क्षेत्र के 'Marwar Industrial Cluster' में चरणबद्ध रूप से 150 करोड़ रुपये की लागत से आधारभूत सुविधायें
प्रदेश में Dimensional और सजावटी पत्थर यथा-मार्बल, Sandstone, Granite आदि से सम्बन्धित घरेलू और विदेशी उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ब्यावर, कोटा, जालोर, राजसमंद व सिकन्दरा-दौसा में Stone मंडियों की स्थापना, वर्तमान Stone Clusters का भी उन्नयन, 125 करोड़ रुपये का प्रावधान
हमारे प्रदेश का हर जिला अपने एक विशिष्ट उत्पाद के लिए प्रसिद्ध है। जैसे राजसमंद-terracotta के लिए, बाड़मेर-block printing के लिए, कोटा-डोरिया साड़ी के लिए, जालोर-मोजड़ी जूती के लिए, पाली-मेहंदी के लिए, प्रतापगढ़-थेवा कला के लिए, जयपुर-Gems एवं Jewellery के लिए, दौसा-दरियों के लिए तथा नागौर-hand tools के लिए। स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने हेतु माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘Vocal for Local’ के लिए की गई पहल के क्रम में -
राज्य के संतुलित, समावेशी तीव्र विकास के साथ रोजगार व निर्यात को बढ़ावा देने के लिए MSME Policy-2024 लायी जानी प्रस्तावित है। इसके अन्तर्गत-
खादी एवं ग्रामोद्योग प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत चयनित खादी संस्थाओं/समितियों के साथ ही बुनकर संघ से जुड़े बुनकरों को भी ऋण एवं सहायता प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही, प्रदेश में माटी कला से जुड़े कलाकारों के उत्थान के लिए-
जारी : 17 सितंबर 2022
प्रभावी : 31 मार्च 2026 तक
प्रदेश की पहली हस्तशिल्प नीति
उद्देश्य-
(i) हस्तशिल्पियों का आर्थिक उत्थान एवं विकास, उनके उत्पादो के लिए बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था करना तथा सशक्त बनाना।
(ii) हस्तशिल्पियों के उत्पादो को निर्यात योग्य बनाना एवं अंतर्राष्ट्रीय दिलाना स्तर पर पहचाना दिलाना।
लक्ष्य - हस्तशिल्प के क्षेत्र में आगामी 5 वर्षों में 50,000 नये रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना।
सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में पर्यटन की प्रत्यक्ष और परोक्ष हिस्सेदारी कुल 5.6 प्रतिशत है एवं राज्य में लगभग 20 लाख परिवार पर्यटन क्षेत्र से किसी न किसी रूप में आय अथवा रोजगार की दृष्टि से जुड़े हुए हैं।
प्रदेश में पर्यटन विकास को गति देने के लिए नवीन पर्यटन नीति लायी जानी प्रस्तावित है। साथ ही, राजस्थान पर्यटन विकास बोर्ड का गठन करते हुए Rajasthan Tourism Infrastructure and Capacity Building Fund (RTICF) बनाया जाकर, हमारे इस कार्यकाल में 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कार्य करवाये जाने की घोषणा। इस Fund के माध्यम से Heritage Tourism, Religious Tourism, Rural Tourism, Eco-Tourism एवं Adventure Tourism के विकास, प्रदेश की Branding तथा पर्यटकों की सुविधा सम्बन्धी कार्य हाथ में लिये जायेंगे।
प्रदेश में पर्यटन विकास को गति देने के लिए नवीन पर्यटन नीति लायी जानी प्रस्तावित है।
राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2022
राजस्थान ईको टूरिज्म पॉलिसी-2021
राजस्थान पर्यटन नीति-2020
RTICF के अन्तर्गत 2 वर्षों में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर एवं पुष्कर सहित 20 प्रमुख पर्यटन स्थलों पर लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न कार्य हाथ में लिये जाने प्रस्तावित हैं। इसके साथ ही-
Leopard Reserve झालाना-जयपुर, जवाई-पाली आदि को भी Eco-Tourism Circuit का भाग बनाने से पर्यटकों को विभिन्न Flora-Fauna से परिचित होने का अवसर मिलने के साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों का विकास भी सम्भव होगा।
वर्तमान में राजस्थान में 6 रोपवे है -
(1) सुंधा माता, (2) मंशापूर्ण करणी माता, (3) सावित्री माता, (4) सामोद वीर हनुमान जी, (5) अन्नपूर्णा माता, (6) नीमच माता रोपवे
प्रदेश के संरक्षित वन क्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं और वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रथम चरण में सरिस्का स्थित पांडूपोल और रणथम्भौर में त्रिनेत्र गणेश जी के लिए EV based Transport System शुरू किया जायेगा।
अयोध्या एवं काशी विश्वनाथ की तर्ज़ पर खाटूश्यामजी को भव्यता प्रदान करने के लिए 100 करोड़ रुपये राशि का प्रावधान कर कार्य करवाये जाने की घोषणा।
राज्य में मंदिरों के जीर्णोद्धार व धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों के विकास कार्य करवाये जायेंगे। ये कार्य हैं-
मंदिर | स्थल |
---|---|
हल्देश्वर महादेव मंदिर | सिवाना-बालोतरा |
कैलादेवी मंदिर (झील का बाड़ा) व गंगा मंदिर | भरतपुर |
सालासर | चूरू |
मेहंदीपुर बालाजी | दौसा |
राजरणछोड़ मंदिर | जोधपुर |
माताजी मावलियान मंदिर, गणेश मंदिर व जमवाय माता मंदिर | जयपुर |
डाढ़देवी मंदिर | कोटा |
सोमनाथ महादेव मंदिर | पाली |
गौतमेश्वर मंदिर (अरनोद) | प्रतापगढ़ |
करणी माताजी मंदिर व नीमच माताजी | उदयपुर |
जीणमाता, शाकम्भरी | सीकर |
मुरलीमनोहर मंदिर (द्वारिका) | गुजरात |
राधामाधव मंदिर (जयपुरमंदिर) | वृंदावन |
मंदिर | स्थल |
---|---|
धुधलेश्वर महादेव (गुड़ामालानी) | बाड़मेर |
मथुराधीश जी मंदिर | कोटा |
केशवराय मंदिर (केशोरायपाटन) | बूंदी |
अम्बे माता मंदिर, सिंदरू (सुमेरपुर) | पाली |
प्रेम सागर तालाब सवाई भोज मंदिर (आसींद) | भीलवाड़ा |
कपिल सरोवर (कोलायत) | बीकानेर |
जनजाति आस्था केन्द्र सीताबाड़ी-बारां, कमलनाथ महादेव व जावर माता मंदिर-उदयपुर के प्रांगण एवं आसपास के स्थलों का समग्र विकास तथा यात्रियों के लिए सुविधायें विकसित की जायेंगी।
डूंगरपुर तथा बांसवाड़ा में क्रमशः डूंगर बरंडा व बांसिया चारपोटा जनजातीय नायकों के स्मारकों का एवं उदयपुर में वीर बालिका कालीबाई संग्रहालय का निर्माण किया जायेगा। इन पर 25 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। साथ ही, डूंगरपुर में शिल्पग्राम बनाया जायेगा।
लोक कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए रवीन्द्र रंगमंच, जवाहर कला केन्द्र-जयपुर लोक कला मण्डल-उदयपुर एवं विभिन्न कला-संगीत-साहित्य-भाषा अकादमियों का उन्नयन लगभग 30 करोड़ रुपये व्यय कर किया जायेगा।
राज्य अभिलेखागार-बीकानेर में स्थित लगभग 40 करोड़ Historical Scripts का चरणबद्ध रूप से digitization किया जायेगा।
यात्री सुविधा के लिए जयपुर अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की terminal capacity 50 लाख से बढ़ाकर 70 लाख यात्री प्रतिवर्ष किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही, जयपुर में नये State Terminal का निर्माण भी किया जायेगा।
औद्योगिक नगरी-कोटा में Greenfield Airport का काम शुरू किया जायेगा।
उदयपुर हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार तथा उत्तरलाई -बाड़मेर हवाई अड्डे पर स्थायी Civil Enclave व approach road के लिए भूमि निःशुल्क उपलब्ध करवायी जायेगी।
श्रीगंगानगर एवं झालावाड़ हवाई अड्डों के उन्नयन, repair एवं maintenance के कार्य कराये जायेंगे।
किशनगढ़-अजमेर तथा हमीरगढ़-भीलवाड़ा में flying training शुरू की जायेगी।
प्रदेश को ‘हरित-राजस्थान’ के रूप में उन्नति के पथ पर अग्रसर करने की दृष्टि से आगामी वर्ष से राज्य का 'Green Budget’ भी प्रस्तुत करने की घोषणा।
(5 जून, 2024) से ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरूआत की थी। इसी दिशा में, इस वर्ष वृक्षारोपण महाभियान के माध्यम से हर परिवार को जोड़ते हुए 7 करोड़ पौधे लगाने व पालने का लक्ष्य रखा गया है।
‘हरियाळो-राजस्थान’ प्रारम्भ करने की घोषणा। इस मिशन के अन्तर्गत 5 वर्षों में लगभग 4 हजार करोड़ रुपये की राशि व्यय कर विभिन्न कार्य हाथ में लिये जायेंगे। ये कार्य हैं-
पक्षियों के साथ-साथ अन्य जीव-जन्तुओं के अवलोकन व अध्ययन के लिए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना)-भरतपुर के निकट Zoological Park (Zoo) एवं Aquarium की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। इस हेतु इस वर्ष DPR बनाकर कार्य हाथ में लिया जायेगा।
नाहरगढ़ जैविक उद्यान-जयपुर में पर्यटकों द्वारा पक्षियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु Walk in Aviary 20 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जायेगी।
गोडावण संरक्षण हेतु राष्ट्रीय मरू उद्यान-जैसलमेर में गजाई माता, चौहानी, सुदासरी एवं रामदेवरा में नए enclosures स्थापित करने के साथ ही enclosures में Predator Proof Fencing की जायेगी।
अलवर में Biological Park की स्थापना 25 करोड़ रुपये की लागत से की जायेगी।
गांधी सागर अभयारण्य एवं भैंसरोडगढ़ अभयारण्य-चित्तौड़गढ़ एवं चम्बल अभयारण्य को कूनो नेशनल पार्क से जोड़ते हुए चीते के विचरण हेतु corridor एवं सफारी बनाने के लिए मध्यप्रदेश के साथ MoU करते हुए feasibility study करवायी जानी प्रस्तावित है।
वन संरक्षण के साथ ही आमजन की सुविधा एवं अर्थव्यवस्था के विकास में बाधा दूर हो सके, इस दृष्टि से जयसमंद-उदयपुर, केसरबाग-धौलपुर, केवलादेव-भरतपुर एवं नाहरगढ़-जयपुर की तर्ज पर सरिस्का-अलवर, रणथम्भौर-सवाई माधोपुर एवं राष्ट्रीय चम्बल घड़ीयाल अभयारण्य-कोटा का Eco-Sensitive Zones के रूप में चिन्हीकरण कर मास्टर प्लान बनाया जायेगा।
लेखानुदान प्रस्तुत करते समय लगभग 70 हजार पदों पर भर्तियाँ किये जाने की घोषणा की थी। हमारे इस कार्यकाल में लगभग 20 हजार युवाओं को नियुक्ति प्रदान की गई, जिनसे माननीय मुख्यमंत्री श्री भजन लाल जी द्वारा 29 जून, 2024 को संवाद कर जनसेवा के लिए प्रेरित किया गया।
5 वर्षों में 4 लाख भर्तियाँ करने का संकल्प लिया है और इस वर्ष के लक्ष्य को भी बढ़ाकर एक लाख से अधिक पदों पर भर्ती किया जाना प्रस्तावित है।
युवाओं के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास, उन्हें प्रोत्साहित करने तथा उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने की दृष्टि से ‘युवा नीति-2024’ लाये जाने की घोषणा।
युवाओं में कौशल क्षमता का विकास कर उन्हें employable बनाये जाने की दृष्टि से State Skill Policy लायी जाकर वर्तमान में प्रचलित पाठ्यक्रमों को relevant बनाते हुए प्रदेश में 2 वर्षों की अवधि में एक लाख 50 हजार से अधिक युवाओं को training करवायी जायेगी।
प्रदेश के युवाओं को startups स्थापित करने एवं ‘Employment Provider’ भी बनने हेतु प्रोत्साहन देने के लिए-
युवाओं के लिए नवीन तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार के और अधिक अवसर सृजित करने की दृष्टि से एक हजार करोड़ रुपये की लागत से जयपुर, भरतपुर, बीकानेर और उदयपुर में Atal Innovation Studios और Accelerators स्थापित किये जा रहे हैं। इनके अन्तर्गत Agriculture Accelerator Mission प्रारम्भ करना भी प्रस्तावित है।
AVGC-XR Policy (Animation, Visual Effects, Gaming, Comics-Extended Reality Policy) लाने की घोषणा। इससे 5 वर्षों में 50 हजार से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
startup founders व युवाओं की upskilling करने के साथ-साथ उनको skilled manpower उपलब्ध करवाने के लिए i-Start के अंतर्गत Learn, Earn And Progress (LEAP) Programme प्रारम्भ करने की घोषणा।
Young Age से ही उद्यमशीलता विकास सुनिश्चित करने के लिए विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में Business Innovation Programme चलाया जायेगा। इससे एक लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
प्रदेश में उत्कृष्ट तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रथम चरण के रूप में भरतपुर, बीकानेर व अजमेर के Engineering Colleges का उन्नयन कर Rajasthan Institute of Technology (RIT) स्थापित करने की घोषणा। इन पर लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत आयेगी।
गुरू-शिष्य सम्बन्ध की परम्परा को पुनः स्थापित कर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा का स्तर सुधारने की दिशा में कदम उठाते हुए प्रदेश में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को ‘कुलगुरू’ की पदवी प्रदान किया जाना प्रस्तावित है।
राज्य में सभी वर्गों के राजकीय एवं अनुदानित छात्रावासों तथा आवासीय विद्यालयों में आवासित छात्र-छात्राओं को देय मैस भत्ता (Mess Allowance) 2 हजार 500 रुपये से बढ़ाकर 3 हजार रुपये प्रतिमाह किये जाने की घोषणा। साथ ही, खेलकूद आवासीय विद्यालयों के खिलाड़ियों का मैस भत्ता (Mess Allowance) बढ़ाकर 4 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाना प्रस्तावित है।
राजकीय विद्यालयों के मेधावी विद्यार्थियों को उच्च अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने की दृष्टि से 8वीं, 10वीं एवं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में राज्य तथा जिला स्तरीय मेरिट में आने वाले 33 हजार (तैंतीस हजार) विद्यार्थियों को Tablets with 3 years internet connectivity निःशुल्क दिये जाने की घोषणा।
ज्योतिष एवं वास्तु विद्या के वैज्ञानिक पक्षों के अध्ययन एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, जयपुर में 10 करोड़ रुपये की लागत से Centre of Excellence शुरू किया जायेगा।
रैवासा-सीकर में संचालित आदर्श वेद आवासीय विद्यालय की तर्ज़ पर संभाग स्तर पर चरणबद्ध रूप से आदर्श वेद विद्यालय स्थापित किये जाने प्रस्तावित हैं। साथ ही, वेद विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों के मानदेय को 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश में प्रत्येक स्तर पर खेलों के प्रोत्साहन हेतु समुचित वातावरण तैयार करने के लिए Sports-Infrastructure, Science, Analysis, Counselling व Nutrition का समावेश करते हुए ‘खेल नीति-2024’ लाने की घोषणा। इस खेल नीति के अन्तर्गत- राजस्थान खेल आधुनिकीकरण मिशन की स्थापना करते हुए खेल क्षेत्र के लिए गत वर्ष प्रावधित 475 करोड़ (चार सौ पचहत्तर करोड़) रुपये की बजट राशि को चरणबद्ध रूप से दुगुना किया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश में Coaches एवं Sports Specialists तैयार करने के लिए Maharana Pratap Sports University स्थापित किये जाने की घोषणा। इस पर 250 करोड़ (दो सौ पचास करोड़) रुपये व्यय होंगे। इसके साथ ही, संभागीय स्तर पर Sports Colleges की भी स्थापना 50-50 करोड़ रुपये की राशि से की जानी प्रस्तावित है।
प्रदेश में ‘One District-One Sport’ Scheme लागू करते हुए प्रत्येक जिले में चरणबद्ध रूप से प्रचलित खेलों की अकादमी स्थापित करने की घोषणा।
हमारे द्वारा प्रदेश का नाम Sports के क्षेत्र में उन्नति के शिखर पर ले जाने के लिए 'Misson Olympic' प्रारम्भ करने की घोषणा की गई थी। इसके अन्तर्गत केन्द्र सरकार के 'Target Olympic Podium (TOP) योजना' के अनुरूप सुविधायें उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश के खिलाड़ियों को समुचित security coverage उपलब्ध कराने के दृष्टिगत Sports Life Insurance Scheme लागू किया जाना प्रस्तावित है। इसके अन्तर्गत अन्तरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को श्रेणीवार 25 लाख रुपये तक का दुर्घटना व जीवन बीमा कवरेज दिया जायेगा।
उत्कृष्ट खिलाड़ियों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर की training एवं practice सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए सवाई मानसिंह स्टेडियम, जयपुर में State of the Art Ultra Fitness Centre स्थापित किया जायेगा। साथ ही, राज्य स्तर के खिलाड़ियों के लिए physical rehab हेतु जयपुर में 15 करोड़ रुपये व्यय कर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
साथ ही, प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्टेडियम, ट्रैक, खेल अकादमी आदि की स्थापना/उन्नयन का कार्य किया जायेगा। ये कार्य हैं-
कार्य का नाम | विवरण |
सिंथेटिक ट्रैक | सांगानेर-जयपुर |
खेल स्टेडियम | मसूदा-ब्यावर, बनेड़ा-शाहपुरा, गजसिंहपुर (करणपुर)-श्रीगंगानगर, डेगाना-नागौर, भादरा-हनुमानगढ़, चाकसू, बगरू, जयसिंहपुरा खोर-जयपुर में खेल स्टेडियम का निर्माण |
खेल अकादमी | शाहपुरा |
उन्नयन/आधुनिकीकरण कार्य | जगतपुरा-जयपुर स्थित Shooting Range तथा विद्याधरनगर स्टेडियम-जयपुर का upgradation तथा श्रीराम स्टेडियम-बारां व सादुलशहर-श्रीगंगानगर खेल स्टेडियम को विकसित कर अत्याधुनिक किये जाने का कार्य |
'खेलो इण्डिया Youth Games' की तर्ज़ पर प्रदेश में पारम्परिक खेलों (Traditional and Indigenous Games) को शामिल करते हुए ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर प्रतिवर्ष 'खेलो राजस्थान Youth Games' का आयोजन किये जाने की घोषणा। इस हेतु 50 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व्यय किये जायेंगे।
राष्ट्रीय युवा महोत्सव की तर्ज़ पर Youth Day (12 जनवरी) के अवसर पर राज्य युवा महोत्सव आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार की भांति Rajasthan Youth Icon Award दिया जायेगा।
श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर व बाड़मेर सहित 10 जिलों में 25-25 बेड क्षमता के नशामुक्ति केन्द्रों की स्थापना की जायेगी। इन पर 10 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा।
वित्तीय वर्ष के बजट में 27 हजार 660 करोड़ (सत्ताइस हजार छः सौ साठ करोड़) रुपये का प्रावधान अर्थात् पूरे बजट का 8.26 प्रतिशत भाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए प्रावधित है।
केन्द्र की सरकार ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ लागू कर देश में आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने की दिशा में क्रान्तिकारी पहल की थी। इसी क्रम में, माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (MAA Yojana) लागू कर कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों को और अधिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराते हुए IPD के साथ-साथ ‘Day Care’ Packages जोड़ने की व्यवस्था की गयी है। MAA Yojana के माध्यम से आमजन को और अधिक राहत देने के लिए अब -
सम्पूर्ण प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच के साथ बेहतर चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (MAA) Voucher योजना' लागू किये जाने की घोषणा।
प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में भी आमजन को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सके, इसके लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक 'आयुष्मान मॉडल सीएचसी' स्थापित किये जाने की घोषणा।
प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के उन्नयन के लिए 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (MAA) Health Infrastructure Mission प्रारम्भ कर आगामी 3 वर्षों में 15 हजार करोड़ रुपये के कार्य करवाये जाने प्रस्तावित हैं। इसके अन्तर्गत Super-speciality/Tertiary Care चिकित्सा सुविधा, चिकित्सा संस्थानों के क्रमोन्नयन, स्थापना, भवन निर्माण एवं repair व maintenance तथा आयुष चिकित्सा सुविधा कार्य करवाये जायेंगे।
प्रदेशवासियों को बेहतर Medical Consultancy उपलब्ध कराने, समस्त स्वास्थ्य सम्बन्धी रिकार्ड उन्हें online उपलब्ध कराने, चिकित्सालयों में लग रही कतारों/प्रतीक्षा समय में कमी लाने तथा चिकित्सा क्षेत्र में data आधारित research की सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से, Rajasthan Digital Health Mission प्रारम्भ करने की घोषणा। Mission के अन्तर्गत प्रदेशवासियों का PHC स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण कर e-Health Record भी बनाया जाना प्रस्तावित है।
Road Safety हेतु विभिन्न विभागों में समन्वय सुनिश्चित कर त्वरित कार्यवाही सम्पादित करने की दृष्टि से प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर Road Safety Task Force का गठन किया जाना प्रस्तावित है।
साथ ही, सड़क दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाकर जीवन रक्षा करने वाले Good Samaritans को देय प्रोत्साहन राशि को 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया जायेगा।
PM गतिशक्ति योजना के अंतर्गत जयपुर-दिल्ली एवं जयपुर-भरतपुर राष्ट्रीय राजमार्गों (NH-48 व NH-21) के साथ ही 4 State Highways पर Intelligent Traffic Management System (ITMS) लागू किया जाना प्रस्तावित है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विकास एवं सशक्तीकरण के लिए प्रावधित SCSP एवं TSP Funds की एक-एक हजार करोड़ रुपये की राशि को बढ़ाकर एक हजार 500 करोड़ रुपये करने की घोषणा।
10 हजार से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में वंचित वर्ग की आबादी की आधारभूत संरचनाओं यथा-Internal Road, पेयजल, Solid Waste Management आदि के लिए 200 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ बाबा साहेब अम्बेडकर आदर्श ग्राम विकास योजना प्रारम्भ किये जाने की घोषणा ।
प्रदेश में अनुसूचित क्षेत्र (TSP) में निवासरत जनजाति के परिवारों के समग्र विकास के लिए 75 (पचहत्तर) करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ गोविन्द गुरू जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना शुरू किये जाने की घोषणा करती हूँ।
इसके अन्तर्गत आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन से जुड़ाव को दृष्टिगत रखते हुए वन क्षेत्र में सामुदायिक पट्टे (Community Forest Rights) दिए जाकर Community Centre, आंगनबाड़ी, Agro Forestry, चरागाह विकास तथा अन्य सामुदायिक कार्य करवाये जायेंगे।
शहरी क्षेत्रों में Street Vendors को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा सम्पूर्ण देश के लिए लागू की गई 'प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना' की तर्ज़ पर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों एवं कस्बों में Street Vendors के साथ ही अन्य जरूरतमंद एवं असहाय परिवारों के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री स्वनिधि योजना लागू करने की घोषणा।
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लाभार्थियों को राहत दिये जाने के उद्देश्य से 25 हजार रुपये प्रति लाभार्थी अतिरिक्त अनुदान दिये जाने की घोषणा।
स्थायी आश्रय और आवास से वंचित denotified tribes के परिवारों हेतु मुख्यमंत्री घुमन्तू आवासीय योजना लागू किया जाना प्रस्तावित है।
पाक विस्थापितों को आवास उपलब्ध कराने की घोषणा के क्रम में ऐसे परिवारों हेतु भी एक लाख रुपये प्रति परिवार की सहायता उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।
देश-विदेश की बड़ी कम्पनियों द्वारा इन युवाओं की सामाजिक सुरक्षा तथा उन्नति का समुचित प्रबन्ध नहीं किया जाता है। ऐसे युवाओं को संबल प्रदान करने के लिए इन कम्पनियों से प्रति Transaction, Social Security Charge लेते हुए 250 करोड़ रुपये की निधि का गठन किया जाना प्रस्तावित है।
EWS वर्ग के युवाओं की शिक्षा एवं रोजगार, बालिकाओं के संबलन तथा परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की घोषणा।
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले लगभग 36 लाख (छत्तीस लाख) बच्चों को उचित पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने हेतु सप्ताह में 3 दिन दूध उपलब्ध करवाये जाने की, घोषणा। इस हेतु क्रय किये जाने वाले milk powder पर 200 करोड़ रुपये वार्षिक व्यय किये जायेंगे।
प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्रों के विकास व विस्तार तथा आधारभूत सुविधायें विकसित किये जाने के लिए -
महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण व आजीविका संवर्द्धन के लिए-
युवा दिव्यांगों को संबल प्रदान करने की दृष्टि से 2 हजार दिव्यांगजन को Scooty दिये जाने की घोषणा।
Rare Disease से ग्रसित व्यक्तियों के लिए राहत पैकेज के अन्तर्गत-
दिव्यांगजनों एवं वंचित वर्गों की सुविधाओं का उन्नयन करने की दृष्टि से वर्तमान में संचालित जामडोली-जयपुर परिसर का विस्तार व सुदृढ़ीकरण करते हुए, यहाँ 'स्वयंसिद्धा Centre of Excellence' स्थापित करने की घोषणा करती हूँ। इस हेतु चरणबद्ध रूप से 200 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है। इसके साथ ही, संभाग स्तर पर वृद्ध एवं असहाय व्यक्तियों की देखभाल, संरक्षण व पुनर्वास हेतु 50-50 क्षमता के 'स्वयंसिद्धा आश्रम' स्थापित किये जाने प्रस्तावित हैं।
राजस्थान के विस्तार एवं विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाले परिवारों तक अपनी पहुँच बनाकर उन्हें Door-Step Service Delivery उपलब्ध कराना
प्रदेश में सुशासन स्थापित करने हेतु प्रशासनिक तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए-
आमजन को सुलभ एवं पारदर्शी रूप से सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए SMART System के माध्यम से Automated Service Delivery की दिशा में कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इसी क्रम में, इस वर्ष (प्रथम चरण में) Single Window-Same Day Service Delivery स्थापित करते हुए विभिन्न विभागों की 25 सेवायें 24 घंटों में प्रदाय किये जाने की घोषणा।
अधिस्वीकृत पत्रकारों हेतु पृथक निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा योजना-RJHS (Rajasthan Journalist Health Scheme) लागू किये जाने की घोषणा।
राजस्थान की गहलोत सरकार ने 23 फरवरी 2022 को प्रथम बार कृषि बजट पेश किया।
Rajasthan Irrigation Water Grid Mission प्रारम्भ किये जाने की घोषणा। इस मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जिलों में सिंचाई व्यवस्था के साथ ही जल संचय की प्रणाली विकसित करने के लिए हमारे इस कार्यकाल में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कार्य करवाया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश के 21 जिलों की लगभग 3 करोड़ 25 लाख (प्रदेश की 40 प्रतिशत) जनसंख्या को पेयजल तथा 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ERCP परियोजना (Eastern Region Canal Project)-संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना को त्वरित गति से धरातल पर उतारने के लिए प्रथम चरण में रामगढ़ व महलपुर बैराज-बारां, नवनेरा बैराज से बीसलपुर बांध एवं ईसरदा बांध भरने हेतु आवश्यक कार्यों की 9 हजार 600 करोड़ रुपये की स्वीकृति एवं work order भी जारी किये जा चुके हैं।
ERCP परियोजना के अन्तर्गत 5 महत्वपूर्ण लिंक व चम्बल बेसिन के कार्यों को भी चरणबद्ध रूप से कराया जाना प्रस्तावित है-
इस परियोजना को साकार करने हेतू 28 जनवरी 2024 को राजस्थान, मध्य प्रदेश और केन्द्र सरकार के मध्य त्रिपक्षीय MOU हुआ।
बजट : 45000 करोड़
इस परियोजना के तहत अब 21 जिलो (पूर्व में 13 जिले) को लाभ प्राप्त होगा
कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा, करोली, अलवर, धोलपुर, भरतपुर, डीग, गंगापुर सिटी, खैरथल - तिजारा, कोटपुतली-बहरोड, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दुदू, ब्यावर, अजमेर, केकडी
वित्त पोषण
केंद्र सरकार द्वारा 90%
राज्य सरकार द्वारा 10%
राजस्थान में 5 बैराज +1 बांध का निर्माण
राजस्थान व मध्य प्रदेश के 5 लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा
राजस्थान के 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुविधा
यमुना जल सम्बन्धी कार्य-
यमुना जल से राजस्थान का हिस्सा प्राप्त करने की समस्या को माननीय मुख्यमंत्री श्री भजन लाल जी ने पहल कर केन्द्र सरकार के सहयोग से, समाप्त करते हुए 577 (पांच सौ सतहत्तर) MCM पानी हेतु 17 फरवरी, 2024 को हरियाणा से MoU/Agreement कर प्रदेश को अपना हिस्सा दिलाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। इस क्रम में, ताजेवाला हैड (हथिनीकुण्ड बैराज) हरियाणा पर राजस्थान को आवंटित यमुना जल को भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से diversion के कार्य की DPR 60 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जायेगी। यमुना बेसिन में रेणुका व लखवार बांध का कार्य प्रगतिरत एवं किशाऊ बांध का कार्य भी शीघ्र प्रारम्भ होना संभावित है। इससे चूरू, सीकर व झुंझुनूं जिलों में वर्ष पर्यन्त जल उपलब्ध हो सकेगा।
‘कुसुम योजना’ के माध्यम से कृषि कनेक्शनों के Solarization करने के फलस्वरूप आगामी वर्ष से प्रारम्भ करते हुए चरणबद्ध रूप से किसान भाइयों को दिन के समय में सिंचाई हेतु बिजली दिये जाने का कार्य वर्ष 2027 (दो हजार सत्ताइस) तक पूर्ण कर लिया जायेगा।
प्रदेश में कृषि एवं Horticulture की परियोजनायें त्वरित एवं समयबद्ध रूप से लागू करने, कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग बढ़ाने तथा कृषक कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY-RAFTAAR) की तर्ज़ पर राजस्थान कृषि विकास योजना (Raj KVY), Rajasthan Agriculture and Horticulture Mission का गठन कर, लागू करने की घोषणा । इस वर्ष Raj KVY हेतु 650 करोड़ (छः सौ पचास करोड़) रुपये के कार्य हाथ में लिये जाने प्रस्तावित हैं।
2007-08 में (11 वीं पंचवर्षीय योजना)
2017-18 में RKVY-RAFTAAR
कृषि क्षेत्र में 4% वृद्धि दर का लक्ष्य
इस वर्ष 500 Custom Hiring Centres की स्थापना के लिए निर्धारित लक्ष्य को बढ़ाकर एक हजार करते हुए mobile app के माध्यम से hiring सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।
महात्मा गांधी नरेगा के अन्तर्गत कृषि भूमि धारकों, SC/ST/BPL श्रेणी के परिवारों को व्यक्तिगत लाभ की श्रेणी में Farm Ponds/डिग्गी/फलदार पौधारोपण/मेड़बंदी इत्यादि कार्यों पर लगभग एक हजार 100 करोड़ रुपये की राशि का व्यय किया जाना प्रस्तावित है।
कृषकों को सभी आवश्यक सहायता एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए Organic and Conventional Farming Board का गठन किया जायेगा।
ब्लॉक स्तर पर 50-50 कृषकों को गौवंश से जैविक खाद उत्पादन करने हेतु गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना प्रारम्भ करते हुए 10 हजार रुपये प्रति कृषक तक की सहायता दिये जाने की घोषणा।
प्रदेश में नमो ड्रोन दीदी योजना में एक हजार महिला Self Help Groups (SHGs) को कृषि कार्य हेतु उपलब्ध करवाये जा रहे drones पर सहायता देने के साथ ही Nano Urea एवं Pesticides का छिड़काव करने पर 2 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर subsidy उपलब्ध करवाये जाने की घोषणा।
शुभारम्भ-राजस्थान में कोटा जिले से
उद्देश्य-ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराना।
यह केंद्र सरकार की योजना है।
गढेपन, कोटा में 11 मार्च 2024 को 'प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन लोकार्पण एवं हस्तांतरण समारोह' का आयोजन किया गया। जिसमें 104 महिला स्वयं सहायता समूहो को खेती के लिये ड्रोन दिये गये।
महिला ड्रोन पायलट को 15000 रूपये प्रति माह वेतन भी दिया जायेगा।
महिला ड्रोन सखी को 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महिला स्वयं सहायता समूह के 1 सदस्य को 5 दिवसीय ड्रोन पायलट प्रशिक्षण तथा उर्वरक व कीटनाशकों पर 10 दिवसीय अतिरिक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।
किसानों को Soil Testing, फसलों के सम्बन्ध में जानकारी तथा कीटों/रोगों के उपचार आदि के लिए विशेषज्ञ सेवायें उपलब्ध कराने हेतु समस्त जिला मुख्यालयों पर 2 वर्षों में Agri Clinics स्थापित किये जाने की घोषणा।
किसानों की क्षमता वृद्धि के लिए Knowledge Enhancement Programme प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है। इसके अन्तर्गत-
प्रथम चरण में 100 प्रगतिशील युवा कृषकों को Israel सहित अन्य देशों तथा साथ ही 5 हजार युवाओं को देश के विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण हेतु भेजा जायेगा।
वर्तमान में संचालित 9 Centres of Excellence की संख्या चरणबद्ध रूप से बढ़ाकर 18 की जायेगी।
Agri-Stack के माध्यम से किसानों को स्वतः फसल गिरदावरी की सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी।
प्रदेश में किसानों को Marketing व्यवस्था सुलभ कर सशक्त बनाने की दृष्टि से चरणबद्ध रूप से 500 नये Farmer Producer Organizations (FPOs) बनाये जाने की घोषणा।
प्रदेश में नवीन मण्डियों की स्थापना एवं विस्तार किये जाने की दृष्टि से विभिन्न कार्य करवाये जायेंगे। ये कार्य हैं-
मंडियाँ/पार्क
रामगढ़ पचवारा (लालसोट)-दौसा, नसीराबाद-अजमेर, पीपलू-टोंक | कृषि मण्डी |
जमवारामगढ़-जयपुर | फूल मण्डी |
जहाजपुर-शाहपुरा में नगर पालिका | फल एवं सब्जी मण्डी |
सादड़ी-पाली | फल-फूल मण्डी |
साधुवाली (सादुलशहर)- श्रीगंगानगर | गाजर मण्डी |
जैसलमेर | जीरा मण्डी |
मनोहरथाना-झालावाड़ | लहसुन मण्डी |
भुसावर-भरतपुर | Food Park |
भरतपुर | Food Processing Park |
प्रसंस्करण इकाइयाँ (Processing Plants)
भुसावर-भरतपुर | Agro Processing Plant |
सवाई माधोपुर | अमरूद, आंवला एवं मिर्च |
मेड़ता सिटी | जीरा |
सिरोही | ईसबगोल |
जोधपुर व बारां | spices |
बालोतरा | अनार के processing plants |
पशुपालन संवर्द्धन, संरक्षण एवं विकास हेतु 250 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किये जाने की घोषणा।
दुधारू पशुओं के उन्नत नस्ल विकास एवं आवारा नर गौवंश की समस्या के निराकरण के लिए Sex Sorted Semen योजना के तहत दी जा रही अनुदान राशि 50 से बढ़ाकर 75 (पचहत्तर) प्रतिशत की जानी प्रस्तावित है। इससे लगभग 2 लाख पशुपालक लाभान्वित होंगे।
पशुपालकों के हितों का ध्यान रखते हुए चरणबद्ध रूप से दुधारू पशुओं के साथ-साथ अन्य पशुओं को भी सम्मिलित करते हुए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना प्रारम्भ करने की घोषणा।
इसके अन्तर्गत प्रथमतः 5-5 लाख दुधारू गाय/भैंस, 5-5 लाख भेड़/बकरी तथा 1 लाख उष्ट्र वंश (ऊँट) का बीमा किया जायेगा। इस पर कुल 400 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
ऊँट संरक्षण और विकास मिशन शुरू किया जायेगा।
नवजात ऊँट के पालन-पोषण के लिए ऊँटपालकों को दी जाने वाली सहायता राशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष की जायेगी।
सरदारशहर-चूरू, रानीवाड़ा-सांचौर, झालावाड़, भरतपुर, नागौर तथा बीकानेर में milk processing plants का लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से upgradation व सुदृढ़ीकरण किया जायेगा।
पाली में 30 मीट्रिक टन क्षमता का 95 करोड़ (पंचानवे करोड़) रुपये की लागत से अत्याधुनिक milk powder plant स्थापित किया जायेगा।
कोटा में Cattle Feed Plant 25 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
15 मार्च, 2024 से पेट्रोल एवं डीजल की VAT दर में 2-2 प्रतिशत की कमी की गई।
पेट्रोल की कीमत में अधिकतम 7 रुपये 18 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल में अधिकतम 6 रुपये 60 पैसे प्रति लीटर की कमी की गई।
राज्य सरकार द्वारा नई राजनिवेश नीति-2024 (RIPS-2024) लाई जायेगी, जिसमें राज्य में विक्रय या प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं पर विशेष प्रोत्साहन दिया जायेगा।
ऊर्जा के अधिक उपयोग वाले उद्यमों में निश्चित समय-अवधि के लिये PNG की वैट दर में 5 प्रतिशत तक कमी किया जाना प्रस्तावित है।
15 अगस्त, 2024 से Online Portal के माध्यम से लाभ देना प्रारम्भ कर देंगे।
RIPS के अन्तर्गत स्टाम्प ड्यूटी से छूट हेतु जारी पात्रता प्रमाण-पत्र की अवधि की वैधता को 1 वर्ष के स्थान पर 2 वर्ष किया जाना प्रस्तावित है।
Green Growth को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से CNG/PNG पर प्रचलित वैट दर को 14.5 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत किये जाने की घोषणा।
प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने हेतु इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अन्तर्गत 200 करोड़ रुपये का e-Vehicle Promotion Fund गठित करना प्रस्तावित है।
नवीन खनिज नीति-2024 लाई जानी प्रस्तावित है।
बजरी के विकल्प के रूप में M-sand को बढ़ावा देने के लिये नवीन M-sand Policy लाई जानी प्रस्तावित है।
खनिजों के क्षेत्र में Research and Development की दृष्टि से बीकानेर में Ceramics तथा उदयपुर में Rare Earth Elements के लिए Centres of Excellence की स्थापना की घोषणा करती हूँ। इन पर 10 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है।
प्रदेश में परिवारों विशेष कर महिलाओं को अतिरिक्त सुविधा एवं सुरक्षा उपलब्ध कराने की दृष्टि से राज्य के 8 नगरों जयपुर, कोटा, अलवर, जोधपुर, उदयपुर, बूंदी, अजमेर व पाली में 2 हजार किलोमीटर लम्बाई की गैस पाईपलाईन बिछाकर 1 लाख से अधिक गैस कनेक्शन्स जारी किये जायेंगे।
रीको एरिया से 1 किमी की परिधि में भी Land Conversion के लिये रीको की अनापत्ति (NOC) की आवश्यकता समाप्त करने की घोषणा। इसके साथ ही 'निजी औद्योगिक पार्क योजना' भी लायी जानी प्रस्तावित है।
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