भारत में प्रथम प्रेस पुर्तगाली लेकर आए थे। भारत में प्रेस द्वारा हिन्दी में प्रकाशित प्रथम पुस्तक कालीदास की अभिज्ञान शकुन्तल्म थी। भातर का प्रथम समाचार पत्र जेम्स आॅगस्टस हिकी का बंगाल गजट(1780 ई.) था। हिक्की को भारतीय समाचार पत्रों का जन्मदाता माना जाता है। भारत का प्रथम हिन्दी समाचार पत्र जुगलकिशोर का उदन्त मार्तण्ड(1826 ई.) था। भारत का प्रथम दैनिक समाचार पत्र सुधा वर्षण(1854 ई.) था।
राजस्थान में सबसे पहले ईसाई मिशनरियों ने 1864 इसमें ब्यावर में लिथो प्रेस स्थापित किया। यहां से मिशनरी स्कूलों के लिए पाठ्य पुस्तकें और इसाई धर्म प्रचार के लिए बाइबल सहित अन्य धार्मिक साहित्य की छपाई की जाने लगी। राजस्थान में सर्वाधिक समाचार पत्र अजमेर से ही प्रकाशित हुए।
दयानंद सरस्वती जी की प्रेरणा से महाराणा सज्जन सिंह द्वारा यह उदयपुर से प्रकाशित होने वाली राजस्थान की प्रथम पाक्षिक पत्रिका थी।
अजमेर से प्रकाशित, मौलवी मुराद अली द्वारा संपादित, भय की भावना को खत्म करने और रियासतों के लोगों के उत्पीड़न का पर्दाफाश करना।
हनुमान सिंह द्वारा अजमेर से प्रकाशित, समाचार पत्र अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया था और निर्भीकता से बंदोबस्त के घोटाले को उजागर किया।
अजमेर से 'राजस्थान टाइम्स' और उसका हिन्दी संस्करण 'राजस्थान पत्रिका' का प्रकाशन आरम्भ हुआ। इन समाचार पत्रों ने जनता में राष्ट्रीय चेतना जागृत करने में अच्छा योगदान दिया। परिणामस्वरुप दो वर्ष बाद ही ब्रिटिश सरकार ने इन दोनों समाचार पत्रों के प्रकाशन पर प्रतिबन्ध लगा दिया। इसके सम्पादक बख्शी लक्ष्मणदास पर मुकदमा चलाकर डेढ़ वर्ष के कारावास की सजा दी गई।
अजमेर से प्रकाशित होने वाला राजस्थान का प्रथम हिन्दी दैनिक इसके प्रकाशक मुंशी समर्थदास थे।
वर्धा से पथिक द्वारा निकाला गया साप्ताहिक।
अजमेर से यह समाचार पत्र राजस्थान सेवा संघ के तत्वाधान में निकला था। 1923 में इसका नाम ‘तरूण राजस्थान’ कर दिया।
हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा शुरू किया गया।
ब्यावर से जयनारायण व्यास द्वारा निकाला गया राजस्थानी भाषा का प्रथम समाचार पत्र।
रामनारायण चौधरी द्वारा केशरगंज अजमेर से प्रकाशित साप्तहिक। बाद में कप्तान दुर्गादास चौधरी को सौंप दिया था। 1948 में इसे दैनिक नव ज्योति बना दिया।
जयपुर से देवीशंकर तिवारी द्वारा प्रकाशित साप्ताहिक।
© 2024 RajasthanGyan All Rights Reserved.