बंगाल की खाड़ी से उठे विनाशकारी चक्रवात ‘फोनी’ से निपटने की भारत की तैयारियों को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सराहा है। यूएन एजेंसी फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन ने चक्रवात का सटीक पूर्वानुमान लगाने और सही वक्त पर चेतावनी जारी करने के लिए भारत के मौसम विभाग की भी तारीफ की है। एजेंसी ने कहा कि इसी कारण लोगों को सही वक्त पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना संभव हुआ और इसी के चलते जानमाल का नुकसान कम हुआ।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, फोनी की तीव्रता, लोकेशन और उसके आस-पास बादलों के अध्ययन के लिए Insat-3D, Insat-3DR, Scatsat-1, Oceansat-2 और मेघा ट्रॉपिक्स सैटलाइटों द्वारा भेजे गए डेटा का इस्तेमाल किया गया। फोनी के केंद्र के 1,000 किलोमीटर के दायरे में बादल छाए हुए थे, लेकिन बारिश वाले बादल सिर्फ 100 से 200 किलोमीटर के दायरे में थे। बाकी बादल करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर थे।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल के. जे. रमेश ने बताया कि सैटलाइटों का पूर्वानुमान में महत्वपूर्ण भूमिका है, खासकर तूफान के दौरान। इनके द्वारा भेजे गए डेटा से हमें सटीक पूर्वानुमान जारी करने में मदद मिलती है।
सैटलाइटों के डेटा के हिसाब में IMD ने इस बात का सटीक पूर्वानुमान लगाया कि फोनी किस जगह पर लैंडफॉल करेगा। इस वजह से ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने 11.5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर दिया। Scatsat-1 से भेजे गए डेटा से चक्रवाती तूफान के केंद्र पर नजर रखी गई, वहीं Oceansat-2 समुद्री सतह, हवा की गति और दिशा के बारे में डेटा भेज रहा था।
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