पद्म श्री पुरस्कार विजेता, पुसरला वेंकट सिंधु यानी पी.वी. सिन्धु ने 2019 की BWF विश्व चैंपियनशिप में, उन्होंने इतिहास रचा और यह खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाडी बनी। उन्होंने जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराकर अपने लगातार 3 फाइनल में स्वर्ण पदक जीता। वह एक भारतीय पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
उनका जन्म 5 जुलाई, 1995 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता पीवी रमण और माता पी. विजया पूर्व भारतीय वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं। पी.वी. रमण को भारत में खेलों में योगदान के लिए वर्ष 2000 में अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने 8 वर्ष की आयु में बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया और पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी में शामिल हो गई। सिंधु के खेल को शुरू में अंडर-10 वर्ग में 5 वीं सर्वो ऑल इंडिया रैंकिंग चैम्पियनशिप के दौरान मान्यता मिली थी। बाद में, उन्होंने अंडर-13 श्रेणी में सब-जूनियर राष्ट्रिय और पुणे में ऑल इंडिया रैंकिंग में युगल खिताब जीता।
अंतरराष्ट्रीय सर्किट में, सिंधु कोलंबो में आयोजित 2009 सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं। उसके बाद उन्होने वर्ष-2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के एकल वर्ग में रजत पदक जीता। उन्होंने सिंगापुर के गु जुआन को हराकर मलेशियाई ओपन खिताब जीता जो 2013 में उनका पहला ग्रां प्री खिताब था और बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एकल खिलाड़ी भी बनीं। 2013 में, उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो भारत में किसी भी खिलाड़ी के लिए सर्वोच्च सम्मान में से एक है।
अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में आगे बढ़ते हुए, उन्होंने वर्ष 2015 में मकाऊ ओपन ग्रां प्री में लगातार महिला एकल खिताब जीता और उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान "द पद्म श्री अवार्ड" से सम्मानित किया गया। रियो ओलंपिक 2016 में, उन्होंने ओलंपिक बैडमिंटन स्टार कैरोलिना मारिन के खिलाफ फाइनल में हारने के बाद ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट के रूप में अपने देश को गौरवान्वित किया।
बाद में वर्ष 2017 में, सिंधु ने रियो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता कैरोलिना मारिन को हराकर इंडियन ओपन सुपर सीरीज़ जीती। इसी वर्ष बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में भी उन्होंने रजत पदक जीता। 2018 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के साथ ही, वह लगातार तीन बड़ी प्रतियोगिताओं के फाइनल में पहुंचने वाली दुनिया की पहली बैडमिंटन खिलाडी बनी। बाद में 2018 में, उन्हें आंध्र प्रदेश सरकार ने डिप्टी कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया।
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