हाल ही में, इंडोनेशिया के योग्याकार्ता (Yogyakarta) शहर में, डेंगू फैलाने वाले मच्छरों में बदलाव करने वाले एक परीक्षण के माध्यम से डेंगू बुखार के मामलों में 77% की कमी आई है।
वैज्ञानिकों ने “चमत्कारी बैक्टीरिया” (miraculous bacteria) से संक्रमित मच्छरों का इस्तेमाल किया और इन्हें शहरों में छोड़ दिया।ये बैक्टीरिया मच्छरों की डेंगू फैलाने की क्षमता को कम कर देते हैं।
इस परीक्षण में मच्छरों को वल्बाचिया बैक्टीरिया (Wolbachia Bacteria) से संक्रमित किया गया था।
वल्बाचिया (Wolbachia) मच्छर को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन यह उसके शरीर के उन्हीं हिस्सों में जाता है जहां डेंगू के वायरस को प्रवेश करने की आवश्यकता होती है।
इस बैक्टीरिया के कारण मच्छरों प्रभावी ढंग से डेंगू वायरस को फैला नहीं पाते वे डेंगू वायरस अपनी प्रतियाँ (replicate) नहीं बना पाता, इसलिए मच्छर के दोबारा काटने पर संक्रमण होने की संभावना कम होती है।
वर्ल्ड मॉस्किटो प्रोग्राम (World Mosquito Programme) की टीम के मुताबिक, यह तरीका दुनिया भर में फैले वायरस का समाधान हो सकता है।
यह तकनीक सफल साबित हुई है और पूरे शहर में मच्छरों को छोड़ दिया गया है।यह परियोजना डेंगू को खत्म करने के उद्देश्य से और भी क्षेत्रों में शुरू की जाएगी।
डेंगू को “हड्डी तोड़ बुखार” (break-bone fever) के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसके कारण मांसपेशियों और हड्डियों में तेज दर्द होता है। यह एक मच्छर जनित उष्णकटिबंधीय रोग (mosquito-borne tropical disease) है जो डेंगू वायरस (DENV) के कारण होता है। इसके लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3 से14 दिन बाद शुरू होते हैं। सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द के अलावा त्वचा पर लाल चकत्ते शामिल हैं। 1970 में, केवल 9 देशों ने डेंगू के प्रकोप का सामना किया था। अब, इस मच्छर के कारण एक वर्ष में 400 मिलियन संक्रमण होते हैं।
वेब साइट में नये बदलाव व नयी जानकारी की सुचना पाने के लिए अपना ईमेल और मोबाईल नं. यहां दर्ज करें
© 2024 RajasthanGyan All Rights Reserved.