जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बन रहा विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल अब आकार लेने लगा है। इस पुल के तैयार होने के साथ ही हम ऊंचे पुल के निर्माण में चीन को काफी पीछे छोड़ देंगे। अर्ध चंद्राकार यह पुल हर मायने में विश्व इंजीनियरिंग की मिसाल होगा और इसकी ऊंचाई एफिल टावर से 35 मीटर अधिक होगी। इस पुल पर 100 किलोमीटर की गति से ट्रेन दौड़ सकेगी।
पुल का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था। अब कोंकण रेलवे द्वारा अफकान कंपनी को इसका जिम्मा सौंपा गया है। निर्माणकर्ता कंपनी ने पुल की मजबूती को लेकर 120 साल की वारंटी दी है, जबकि उसका दावा है कि पुल 500 साल तक टिका रहेगा। पुल की चौड़ाई 13 मीटर है। जिसमें 150 मी. ऊंचे कुल 18 पिलर होंगे। पुल पर ट्रेन और पुल के ढांचे से पुल की नींव और पिलर पर 10 एमएम वर्ग मीटर जगह में 120 टन वजन पड़ेगा। पुल की भार वहन करने की क्षमता 500 टन होगी। यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटे की गति की हवाओं का वेग सहन कर सकेगा। इस पुल के निर्माण पर 24 हजार टन इस्पात का इस्तेमाल किया जाएगा।
111 किलोमीटर लंबे कटड़ा-बनिहाल मार्ग पर रेल संपर्क से कश्मीर देश से सीधे रेलमार्ग से जुड़ जाएगा। फिलहाल बनिहाल से बारामूला के बीच रेल लाइन है लेकिन कटड़ा व बनिहाल के बीच रेलमार्ग नहीं है। इस काफी दुर्गम मार्ग है और इस मार्ग को पूरा करने के लिए कई पुल और गुफाओं का निर्माण किया जा रहा है। चेनाब पुल उनमें से सबसे अधिक ऊंचाई पर है।
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